शुक्रवार, सितंबर 11, 2009

शरीर में ब्लॉगिंग के वायरस का पता -ठिकाना नहीं मिला

कुछ समय पहले ऎब इनकंवीनिएंटी ने स्त्री , प्रेम और काम जैसे मुद्दों पर वैज्ञानिक दृटिकोणों को प्रस्तुत किया था ! लवली जी के ब्लॉग पर भी प्रणय - संबंधों में विज्ञान पर विचार किया है !  प्रेम , हार्मोंनों और  जैव रासायनिक फेनोमेनन से बनता कैमिकल लोचा है या कुछ और जानने के लिए एक अच्छा ज्ञानवर्धक लेख है ! वैसे एक बात है कि प्रनय संबंधों में समाज पर बहुत लिखा जाता रहा है पर प्रण्य संबंधों में विज्ञान पर कम ही लिखा गया है ! आशा है इस विषय पर अभी और लेख आएंगे !

अगर आपसे पूछा जाए तो हमारे इस ब्लॉग तंत्र में वह कौन -सा विषय है जिसमें पर बार बार लिखा जाता है और हरएक ब्लॉगर जिसपर लिख मारना अपना परम कर्तव्य समझता है ! जानना हो तो पढिए देशनामा पर ! आपको बता दूं कि कम- से- कम यह एक ऎसा विषय है जिसे लेखकों ने अपने पैरों में फटी बिवाई के दर्द से ड्रिवन होकर ही लिखा है ! इसमें

पीडा

चिंता

कुंठा

पश्चाताप

विग्रह

अनुकंपा 

स्मृति

मूर्छा

अभिलाषा

नाम –स्मरण

मरण

जैसी दशाएं पाई जाती हैं ! ये ठीक वही दशाएं हैं जो प्रेम की जो दस दशाएं रीतिकालीन कवियों ने गिनाई हैं ! यह परपीडा का चित्रण न होकर आत्मपीडा का गायन है ! सो इसकी तो कद्र करनी ही हुई न ! जन भाषा के हायपर लिंक में सुकुल जी ने तड़ से देखा, भड़ से सोचा और खड़ से एक प्यारी सी पोस्ट ठेल दी है !  ब्लॉगिंग के भी अपने रामचंद्र शुक्ल और भोलानाथ तिवारी हैं जी ! उनका कथन है -

जनभाषा कोई इंचीटेप लेकर लम्बाई-चौड़ाई नापकर नहीं गढ़ी जाती। ऐसे ही अनायास बनती है और चलती रहती है नित नये रूप बदलते हुये। नये-नये शब्द गढ़े जाते हैं, प्रचलित होते हैं, बदलते हैं चलते जाते हैं। समय के साथ जो नहीं चल पाता वी आर एस लेकर बैठ जाता है। सीनियर शब्द बन जाता है। अपना इतिहास बताता है, भूगोल गिनाता है, संग्रहालय की चीज बन जाता। लेकिन उसके सफ़र का द एंड हो जाता है।

एकता कपूर ने हिंदी ब्लॉगिंग को सदा से ही कृपा की नज़रों से देखा है ! उन्हें भारतीय आदर्श , नैतिकता , और स्वस्थ आमाजिक संबंधों के ठीक उलट करने का महत बीडा उठाया था और उसे वह बखूबी निभा रही हैं ! आप खामख्वाह उनके पीछे पड रहे हैं !अमा यार , तुम तो बात का बतंगड बना रहे हो !  उन्होंने कब कहा कि आप उनकी नंगई देखो ही ! आंख बंद कर लो ! नहीं की जातीं तो फुडवा लो ! वो तो दिल की साफ औरत हैं जिनका मानना शायद ये है कि देखो इन सीरियलों में मैं जो दिखा रही हूं आपको वो नहीं करना है ! ये पाठ तो आपको यथार्थवादी ढंग से यह बताते हैं कि बुरे काम कैसे होते हैं  जिनसे हमें बचना होता है ! देखो नहीं तो आपको माए डीयर समझ में कैसे आएगा कि क्या नहीं करना है ! ये तो सीरियल सब उलटबासियां हैं ! जो देखो उसका उलटा करो ! बी कूल मैन !

वो गहरे तक इंसान था एक खासी अच्छी पोस्ट है -- ईमानदारी , नैतिकता और नैतिक साहस का उदाहरण पेश करती ! पाबला जी ने ब्लॉग जगत के सारथी शास्त्री फिलिप जी की बिटिया के विवाह की सूचना अपने ब्लॉग हिंदी ब्लॉगरों के जन्मदिन पर दी है ! कई बधाइयां शाएत्री जी तक पहुंच चुकी हैं ! वर वधु को ढेरों शुभकामनाएं हमारा सबकी ओर से !

अनिल कांत जी की पोस्ट पर जाकर पता चला कि शरीर में एडस के वायरस का ठिकाना मिला ! हमारा खुश हैं ! पर काश शरीर में ब्लॉगिंग के वायरस का पता ठिकाना भी मिल जाता तो हमारी ब्लॉगवाणी ,चिट्ठाजगत आदि  पर उन सेंटी किस्म की पोस्टों का भार तो कम हो जाता जिनकी चर्चा मैं ऊपर भी कर आई हूं !

भगवान आप सबको इस वायरस से लडने की शक्ति दे ( ये प्रार्थना एक रिवाज़ है इसलिए कर रही हूं ! वरना तो हममें से कई इस वायरस से गंभीर रूप से पीडित होने की दुआएं मांगते हैं ) ! आमीन !

अब बामुलाहिज़ा फरमाएं यह कार्टून -

 

[cartoon01.JPG]

Post Comment

Post Comment

16 टिप्‍पणियां:

  1. खूबसूरत चिट्ठा चर्चा । आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन चर्चा....भगवान सुन लें और ठिकाना बता दें, तो यहाँ भी सरका देना,मैडम जी.

    जवाब देंहटाएं
  3. "शरीर में ब्लॉगिंग के वायरस का पता -ठिकाना नहीं मिला"
    ठीक से डी.एन.ए. टेस्ट करा लेना जी।
    चर्चा अच्छी लगी!

    जवाब देंहटाएं
  4. "पर काश शरीर में ब्लॉगिंग के वायरस का पता ठिकाना भी मिल जाता तो..."
    यदि आप चिट्ठाचर्चा फ़ालो करते तो पता लग ही जाता कि यह वायरस कुछ खास किसम के ब्लागरों में ही पाया जाता है....जिनकी चर्चा इस ब्लाग पर बयस्डिया तौर पर होती है:)

    जवाब देंहटाएं
  5. अच्छी चर्चा. आपके कारण कई अच्छे लिंक्स प्राप्त हो जाते हैं.

    जवाब देंहटाएं
  6. इससे कैसा डर। ये तो बढ़िया वाला वायरस है। काश ये स्वाइन फ़्लू को रिप्लेस कर दे और जमकर फैले।

    जवाब देंहटाएं

  7. कि बिलागिंग छोड़ दी मैंनें,
    मेरी अब तक की टिप्पणी-शिप्पणी माफ़ करना ।
    और अपनी पोस्टों को मेरा प्यार कहना,
    और अपने ब्लाग का ध्यान रखना..

    कि बिलागिंग छोड़ दी मैंनें.. सुबुक सुबुक

    जवाब देंहटाएं
  8. मिल जाएगा, मिल जाएगा. ब्लॉग वैज्ञानिक लोग बड़ी शिद्दत से लगे हैं उसकी तलाश में. जल्दी ही ढूंढ लेंगे वायरस का पता-ठिकाना. वैसे कीर्तिश का कार्टून ज़ोरदार है.

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत दिन बाद यहाँ आ पाया। चर्चा के सभी लिंक्स पर जाकर पढ़ा। आपने अच्छा संकलन तैयार कियाखै, और चर्चा भी बहुत रोचक रही। शुक्रिया।

    जवाब देंहटाएं

चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें। असभ्य भाषा व व्यक्तिगत आक्षेप करने वाली टिप्पणियाँ हटा दी जायेंगी।

नोट- चर्चा में अक्सर स्पैम टिप्पणियों की अधिकता से मोडरेशन लगाया जा सकता है और टिपण्णी प्रकशित होने में विलम्ब भी हो सकता है।

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

Google Analytics Alternative