विषय वार टॉप #10 ब्लॉगों की सूची यहाँ देखें. अपने पसंदीदा विषय की कड़ियों पर थोड़ा भ्रमण करेंगे तो बहुत से मजेदार व काम के ब्लॉग मिलेंगे. सूची, जाहिर है अंग्रेज़ी की है. हिन्दी में ऐसे विविध-विषयवार टॉप #10 ब्लॉग सूची तो दूर की कौड़ी लगती है अभी?
मैं आज की चर्चा का पुरज़ोर विरोध करता हूँ .. कारण निताँत व्यक्तिगत है, पर सार्वज़निक मँच का दुरुपयोग मेरा अधिकार है क्योंकि हम लोकतँत्र के चौथे खँभे हैं, और लोकमत की स्वतँत्र आवाज़ भी ! आदरणीय चर्चाकार स्पष्ट करें कि 1. उन्हें शीर्ष ब्लॉग्स को यहाँ लाने का अधिकार किसने दिया ? 2. आज की चर्चा में विवाद का एक्को बिन्दु न होना, कहाँ तक ज़ायज़ है ? प्रकाराँतर में आप हिन्दी ब्लॉगिंग को टाइमखोटी करने के अवसर से वँचित कर रहे हैं । 3.जब कि हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है, सभी सँदर्भित ब्लॉग विदेशी भाषा के ही क्यों हैं ? हिन्दुस्तान के अँदर और बाहर बैठे ब्लॉगर द्वारा हिन्दी को ग्लोबल बनाने के सपने को यह चर्चा अपमानित कर रही है !
4.हम हिन्दी ब्लॉगिंग की ऊँचाईयों को अभी टँकी से ऊपर नहीं ले जा सके हैं, उस स्थिति में यह चर्चा कितनी प्रासँगिक है.. यह स्पष्ट करें । 5.ब्लॉगकर्म में लिप्त अधिकाँश ब्लॉगर सरवाइकल-स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित है,वह अपनी गरदन-खिंचाई की कीमत पर टाँगखिंचाई करते हैं.. ऎसे में उन्हें शीर्ष दिखलाने का औचित्य डॉक्टरी सलाह के प्रतिकूल बैठता है और इस प्रकार का कोई आईना दिखलाने की बाबत मैं आपको क्यों न नोटिस जारी करवाऊँ ? 6.यदि मुझ स्वयँ को ही ऍक्रोफोबिया ( Acrophobia ) है, तो यह क्यों न माना जाये कि पूरे ब्लॉगजगत को इसमें धकेलने का यह आपका ज़बरिया प्रयास है ? 7.इस दौर में जबकि ब्लॉगिंग की सार्थकता के नाम पर कुछ विद्वान एगैटोफोबिया ( Agateophobia ) के शिकार होते जा रहे हैं, यह चर्चा समय से पहले है ! चूँकि मैं आपका सम्मान करता हूँ, इसलिये सादर आपका- निट्ठल्ला अनुज
नोट : 1. चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें। 2.यदि यह टिप्पणी चर्चा के मूल विषय से हट कर है, तो कौन यहाँ मूल विषय पर टिप्पणी करने आता ही है ? 3.@ सँगीता पुरी : कृपया अपने को सँशोधित करें " लेखकों से अधिक पाठकों की आवश्यकता है "... पाठकों से अधिक पहलवानों की आवश्यकता है !
हिन्दी ब्लॉगरी मे कुछ नई केटेगरीज़ और बनानी पड़ेंगी ,,उदाहरणार्थ...............................................................................................................वगैर वगैरह
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हिन्दी अभी बाअहर है इन सबसे,,
जवाब देंहटाएंहिन्दी वाले तो अभी नर-नारी झगड़े में उलझे हुए हैं। इस महाभारत से फुरसत मिले तब तो इन विविध विषयों पर लिखने को सोचें। :(
जवाब देंहटाएंकौड़ी तो है
जवाब देंहटाएंदूर की ही सहीं
दूर है तो
पास भी आएगी
कौड़ी की महत्ता
हिन्दी ब्लॉंगिंग में
जल्द ही नजर आएगी।
हमारा नंबर कब आएगा ?
जवाब देंहटाएंधैर्य रखा जाए .. कभी हिंदी की भी बारी आएगी .. लेखकों से अधिक पाठकों की आवश्यकता है इस क्षेत्र में !!
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जवाब देंहटाएंमैं आज की चर्चा का पुरज़ोर विरोध करता हूँ ..
कारण निताँत व्यक्तिगत है, पर सार्वज़निक मँच का दुरुपयोग मेरा अधिकार है क्योंकि हम लोकतँत्र के चौथे खँभे हैं, और लोकमत की स्वतँत्र आवाज़ भी !
आदरणीय चर्चाकार स्पष्ट करें कि
1. उन्हें शीर्ष ब्लॉग्स को यहाँ लाने का अधिकार किसने दिया ?
2. आज की चर्चा में विवाद का एक्को बिन्दु न होना, कहाँ तक ज़ायज़ है ? प्रकाराँतर में आप हिन्दी ब्लॉगिंग को टाइमखोटी करने के अवसर से वँचित कर रहे हैं ।
3.जब कि हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है, सभी सँदर्भित ब्लॉग विदेशी भाषा के ही क्यों हैं ? हिन्दुस्तान के अँदर और बाहर बैठे ब्लॉगर द्वारा हिन्दी को ग्लोबल बनाने के सपने को यह चर्चा अपमानित कर रही है !
4.हम हिन्दी ब्लॉगिंग की ऊँचाईयों को अभी टँकी से ऊपर नहीं ले जा सके हैं, उस स्थिति में यह चर्चा कितनी प्रासँगिक है.. यह स्पष्ट करें ।
5.ब्लॉगकर्म में लिप्त अधिकाँश ब्लॉगर सरवाइकल-स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित है,वह अपनी गरदन-खिंचाई की कीमत पर टाँगखिंचाई करते हैं.. ऎसे में उन्हें शीर्ष दिखलाने का औचित्य डॉक्टरी सलाह के प्रतिकूल बैठता है और इस प्रकार का कोई आईना दिखलाने की बाबत मैं आपको क्यों न नोटिस जारी करवाऊँ ?
6.यदि मुझ स्वयँ को ही ऍक्रोफोबिया ( Acrophobia ) है, तो यह क्यों न माना जाये कि पूरे ब्लॉगजगत को इसमें धकेलने का यह आपका ज़बरिया प्रयास है ?
7.इस दौर में जबकि ब्लॉगिंग की सार्थकता के नाम पर कुछ विद्वान एगैटोफोबिया ( Agateophobia ) के शिकार होते जा रहे हैं, यह चर्चा समय से पहले है !
चूँकि मैं आपका सम्मान करता हूँ, इसलिये सादर आपका- निट्ठल्ला अनुज
नोट :
1. चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें।
2.यदि यह टिप्पणी चर्चा के मूल विषय से हट कर है, तो कौन यहाँ मूल विषय पर टिप्पणी करने आता ही है ?
3.@ सँगीता पुरी : कृपया अपने को सँशोधित करें
" लेखकों से अधिक पाठकों की आवश्यकता है "... पाठकों से अधिक पहलवानों की आवश्यकता है !
सही बात है झगड़ों लफ़ड़ों से फ़ुरसत मिले तो इस बारे मे भी सोचा जाये।
जवाब देंहटाएंब्लागों की सख्या 1 लाख हो जाने दीजिये तब कुछ विविधता आये ।
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लॉगरी मे कुछ नई केटेगरीज़ और बनानी पड़ेंगी ,,उदाहरणार्थ...............................................................................................................वगैर वगैरह
जवाब देंहटाएंnirarthak bahas se ubra jaye to hindi ki bari aaye.
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लाग की भी लिस्ट बने तो मुझे यकीन है आखिरी दस मे मेरा नाम भी होगा .
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंदूर की कौड़ी तो है ऐसी सूची,
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लॉगिंग के लिए
कम से कम यहाँ तो लड़िये। समस्याएँ तो हर जगह होती हैं और यहाँ भी हैं लेकिन सभी थोड़ा-थोड़ा प्रयास करें तो विजय संभव है।
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