बुधवार, अप्रैल 04, 2007

मध्यान्हचर्चा दिनांक : 4-4-2007

कक्ष में धृतराष्ट्र के सामने अपना लैपटॉप लिए संजय संजाल का भ्रमण कर रहे थे. धृतराष्ट्र कोफी का आनन्द ले रहे थे. संजय को अपने लिए कोफी आने का इंतजार था अतः उन्होने चपरासी की ओर देखा, मगर धृतराष्ट्र की भौंए तिरछी हुई तो अपना ध्यान पूनः स्क्रीन पर टीका लिया. अनियमितता की सजा के रूप में उनसे कोफी का मग छीन लिया गया है.

धृतराष्ट्र ने रूखेपन से कहा,”शुरू हो जाओ.”

संजय : जी, महाराज. चिट्ठादंगल में जो कलमें भाँज रहे है, उनमें चिपलुकरजी आज मैकाले के मानस-पुत्रों पर आँखें लाल किये हुए है.

कमलजी ने जब भीड़ की पीठ थपथपाई तो, धूरविरोधीजी भीड़तंत्र की वापसी को लेकर चिंतित हो उठे.

इधर अनुरागजी भी मुस्कान के साथ टीवी के कथित हास्य मगर फुहड़ कार्यक्रमों पर गरिया रहे है.

तो उधर ईस्वामी से रूष्ठ सागरजी सचिन पर गरियाने को कह रहे है.

धृतराष्ट्र : सभी गुथमगुथा है या फिर..

संजय : नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है. शशिसिंहजी मुस्कान के साथ चिट्ठाकारों को गुलदस्ते भेंट कर रहे है.

तो चैतन्य मनोजय जी खुशी पाने का नुस्खा बता रहे है.

इधर संजय खुश है की रवि रतलामी उनके छोर से भी तीरंदाजी करेंगे.

उधर रवि रतलामीजी की कमान से तीर गैस पेपरों पर छुटा.

महाशक्ति भी विण्डोज लाइव राइटर नामक शस्त्र पा कर खुश है.

तो अफ्लातुनजी कह रहे हैं कि मूल्यों और दिशाओं का प्रवर्तन बुद्धिजीवी करते हैं.

धृतराष्ट्र : और यह कौन योद्धा कुछ रूष्ठ लग रहा है?

संजय : महाराज सृजन-शिल्पीजी है. इन्होने दो धाँसू वार किये, जिनकी सूचना किसी ने आप तक नहीं पहुँचाई. यहाँ तथा यहाँ देखें महाराज.

अब मेरा समय होता है समाप्त. आप इस जुगाड़ का आनन्द लें. मैं होता हूँ लोग आउट.

धृतराष्ट्र : क्या लोग आउट होता हूँ? रूको, कोफी आ रही है. पी कर जाना.

संजय के चहरे पर मुस्कान आ गई.

Post Comment

Post Comment

4 टिप्‍पणियां:

  1. चलो, भगवान भला करे आपका. कम से कम चलने के पहले कॉफी तो मिल गई. नहीं तो कहीं ठेले पर चाय पीते नजर आते-अपने पैसे से कोई कॉफी पीता ह क्या?? :)

    जवाब देंहटाएं
  2. ध्रतराष्ट्र को संजय ने गलत रिपोर्ट दे दी यानि संजय और संजय भाई दोनों ने लोचा मार दिया।

    तो उधर ईस्वामी से रूष्ठ सागरजी सचिन पर गरियाने को कह रहे है.
    भैया ना तो हम ईस्वामीजी से रुष्ट हैं ना ही सचिन को कुछ कह रहे हैं। हम तो ईस्वामीजी की अधूरी बात को ही आगे बढ़ा रहे हैं । यानि ईस्वामीजी की बात का समर्थन कर रहे हैं।

    हा हा हा :)

    जवाब देंहटाएं
  3. एकदम चकाचक चर्चा। हाँ और आज खास बात क्या हुई कि पहली बार संजय के लॉग आउट होने वाले डायलॉग पर चर्चा खत्म न हुई। :)

    जवाब देंहटाएं
  4. टोके जाने के बाद ही सही, नेताजी से संबंधित पोस्टों के लिंक्स आपने चिट्ठा चर्चा पर शामिल करने की मेहरबानी की, इसके लिए धन्यवाद! मुख्यधारा का मीडिया तो इस मुद्दे को नजरंदाज कर ही रहा है। नेताजी पर मेरी पिछली पोस्ट ब्रेकिंग न्यूज की तरह थी और मेरे चिट्ठे पर आने के बाद ही कुछ पत्रकार मित्रों ने विज्ञप्ति के आधार पर इसे इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में कवर किया।
    कुछ चर्चाकारों से मेरी पोस्टों को शामिल करने में चूक हो जाती है। यदि कभी-कभार ऐसा हो तो कोई बात नहीं, लेकिन जब बार-बार ऐसा हो तो ध्यान जाना लाजिमी हो जाता है। ऐसा नहीं है कि मेरी पोस्टों को उनकी निगहबानी की बहुत दरकार है। लेकिन यदि चिट्ठा चर्चा के संबंध में की गई मेरी आलोचना के कारण यदि कुछ चर्चाकारों ने इसे व्यक्तिगत रूप से लिया हो वे अपनी खुन्नस अपने निजी चिट्ठे पर खुलकर निकालें। इस सार्वजनिक मंच पर अपनी तंगदिली न दिखाएँ।
    यह महज एक उम्मीद है, इसे फरमान की तरह न लिया जाए।
    यह सही है कि चर्चाकारों को किसी पोस्ट की लिंक शामिल करने या नहीं करने की पूरी स्वतंत्रता है, लेकिन इसका कोई युक्तिसंगत आधार भी हो और इस स्वतंत्रता का उपयोग टारगेट करके न किया जाए। वे यदि अपनी महान निगाहों के लिए तुच्छ लगने वाली पोस्टों के लिंक भी दे दिया करें तो पर्याप्त होगा।
    समीक्षा चुनिंदा पोस्टों की हो सकती है, लेकिन चर्चा में कम से कम उस दिन की पोस्टों के लिंक शामिल किए जा सकने की गुंजाइश तो होती ही है। यह अवश्य है कि चिट्ठों और पोस्टों की संख्या में बढ़ोतरी की रफ्तार को देखते हुए यह गुंजाइश भी लगातार कम होती जा रही है और ऐसे में नए चिट्ठाकारों की पोस्टों को शामिल किया जाना अधिक जरूरी होगा, ताकि उन्हें कुछ प्रोत्साहन मिल सके।
    हालांकि इस टिप्पणी को पोस्ट करने से बचा जा सकता था, लेकिन इसलिए पोस्ट कर रहा हूं ताकि सनद रहे।

    जवाब देंहटाएं

चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें। असभ्य भाषा व व्यक्तिगत आक्षेप करने वाली टिप्पणियाँ हटा दी जायेंगी।

नोट- चर्चा में अक्सर स्पैम टिप्पणियों की अधिकता से मोडरेशन लगाया जा सकता है और टिपण्णी प्रकशित होने में विलम्ब भी हो सकता है।

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

Google Analytics Alternative