रविवार, दिसंबर 20, 2009

इंडीब्लॉगीज़ 2008 ब्लॉग पुरस्कारों की घोषणा

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पिछले कुछ समय से इंडीब्लॉगीज़ ब्लॉग पुरस्कार 2008 की कवायदें चल रही थीं. विजेताओं की घोषणा हो चुकी है. आयोजकों, प्रायोजकों व विजेताओं को बधाइयाँ. इस दफा की कवायद की खास बात ये रही कि इनमें हिन्दी (भारतीय) भाषाई ब्लॉग पुरस्कारों की श्रेणी को शामिल नहीं किया गया था. इससे पूर्व भारतीय भाषाई ब्लॉग पुरस्कारों के लिए भी श्रेणियाँ होती थीं.

हिन्दी भाषाई ब्लॉग पुरस्कारों को हटाने के पीछे के सही कारणों को वैसे तो आयोजक ही बता पाएंगे, मगर एक कयास यह है कि अपरिपक्व हिन्दी ब्लॉगिंग (ठीक है भाई, आपको अपरिपक्व शब्द आहत करता है तो उसे बदल कर शैशवावस्था की हिन्दी ब्लॉगिंग पढ़-समझ लें, :)) में सदैव चलती जूतम पैजार और टांग खींचू हिसाब किताब के चलते इस श्रेणी को हटा दिया गया.

हिन्दी ब्लॉग पुरस्कारों के साथ विवादों का साया शुरू से ही जुड़ा चला आ रहा है. हिन्दी ब्लॉगों के पुरस्कारों में माइक्रोसॉफ़्ट पुरस्कार ऐसा रहा जिसकी घोषणा तो हुई, मगर माइक्रोसॉफ़्ट विजेताओं के सर्टिफ़िकेट व पुरस्कार राशि हजम कर गया (पुरस्कार बांटे ही नहीं). तरकश द्वारा आयोजन के समय शुरू में तो सब कुछ ठीक ठाक रहा, मगर बाद में पुरस्कार भेजे जाने को लेकर विवाद हुए. सृजन सम्मान द्वारा वर्ष 2007 के लिए हिन्दी ब्लॉग पुरस्कारों का आयोजन किया गया था, और उस समय भी पुरस्कारों को लेकर चहुँओर तांडव नृत्य हुए थे.

 

जो भी हो, जितने भी विवाद हों, आयोजकों को हर ओर से कितनी ही लानतें मलामतें मिलें, ऐसे आयोजन होते रहने चाहिएँ. एक दो नहीं, दस बीस. तो, किसी तरह से कोई सुगबुगाहट जग रही है – 2009 के हिन्दी चिट्ठा पुरस्कारों के आयोजन के लिए?

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11 टिप्‍पणियां:

  1. बडे दिनों से इस पर हम अकेले चिंतन कर रहे थे हिन्‍दी ब्‍लागों की कसौटी के लिए पुरस्‍कारों की आवश्‍यकता तो अति आवश्‍यक है. जब तक कोई इसके लिए पहल ना कर दे तब तक हिरोशिमा के नागरिक की भांति हम इंतजार कर रहे हैं.

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  2. तांडव के बिना भी किसी पुरुस्कार का कोई आनंद है?

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  3. विवाद तो होते ही रहते हैं पर आयोजन होने चाहिए, आपने सही कहा। आभार

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  4. हम तो इन्तजार कर रहे हैं ...कहिये तो हम ही कोई आयोजन कर दें ?
    पुरस्कार में मास्टर की पाठशाला में तीन दिन की मौज !!
    कईसन रहेगा ?

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  5. बलागर्स के लिये विवाद पर ही एक पुरुस्कार रख लें ।कम से कम उसे तो देना ही पडेगा। धन्यवाद्

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  6. पुरस्‍कार को नमस्‍कार
    कब आयेगा ब्‍लॉगर के द्वार
    इंतजार इंतजार और सिर्फ इंतजार
    किसी भी बहाने से मिल जाये यार
    विवाद, संवाद, प्रलाप, आलाप।

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  7. ताऊ को जिम्मा दे दिया जाए रोज रंग बिरंगे पुरस्कार बाँट रहा है

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  8. भाई जी, मुझे तो इसमें उत्साहित होने की कोई वज़ह न दिखी !
    डा. अमरेश सिन्हा ने सही फ़रमाया, अपुन के ताऊ का कहीं कोई जिक्र तक तक नहीं...
    वह स्वयँ ही इतने पुरुस्कार बाँटे दे रहे हैं कि उनको इसी बात पर एक पुरुस्कार मिलना ही चाहिये ।
    वैसे नॉमिनेशन से लेकर फ़ेलिशिटेसन तक बैरन अँग्रेज़ी का बोलबाला है ।
    इन इलीट के मध्य अनूप जी के ग्रीब हिन्दी ब्लॉगर कहाँ हैं, मुझे तो दिक्खे ना :(
    क्या कुछ रैन्डम झल्कियाँ पेश करूँ ?
    Mmmm. thought about that one for a while.... In fact , I would love your logo, but if I go to Gadgets, under which one do I enter your code?

    http://jugalbandi.info/
    http://www.chaikidukaan.com/

    16. Ajay Jain | November 23rd, 2009 at 9:40 pm

    What do you (do) about blogs that have shut down (http://trivialmatters.blogspot.com/) or haven’t been updated for months? And are still in this list?

    Debashish replied: The blogs were there when the nominations/rating process happened. in final polls they should be voted for the listed blog URL.



    44. ekta | December 4th, 2009 at 12:49 am

    Hi,

    Firstly, congratulations for kicking up the Indiblog awards 2009. It is been received well and written about [esp at the blogs of the nominated junta].

    I have gone through each category and the respective nominations and felt to share this with you [If am allowed or my feedback is counted:)]-

    1. The nominations are very typical esp in personal and humor category. by typical I meant that you have selected only few bloggers when there is a good lot to be chosen from. A lot of these bloggers are repeated in different categories[Its ok if aren the patrons or the team behind].
    2. You can actually do a bit of research and give more bloggers a chance to be part in. BY doing so, u may achieve-
    2.a) A wider junat particuipating promoting it
    2.b] Larger people given an opportunity and not just the famous few
    2.c] encourage new bloggers or lesser known

    3. repetitions could be avoided and some etc focus to be given to good yet not that popular bloggers
    4. Fresh entries could be given a chance else the award borders on filmfare lookalike which is famous for its preferential services given to big production houses only.
    I hope that my suggestions will make sense and you can make necessary changes. I believe it is not too late yet!

    And yes, I am not asking for my blog but for giving us variety and innovation:)


    http://brajeshwar.com/


    http://www.indibloggies.org/results-2008

    6. रवि | December 16th, 2009 at 10:46 am

    सभी विजेताओं को बधाई.
    इस मैराथन काम को अकेले अंजाम देने के लिए देबू को बधाई व धन्यवाद.

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  9. हिन्दी चिट्ठाकारों के लिए तो रोज रोज की जूतम पैजार ही किसी पुरूस्कार से कम नहीं:)

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  10. "आयोजकों, प्रायोजकों व विजेताओं को बधाइयाँ. "

    पाठकों को भी जिन्होंने इतनी जूतम पैजार के बावजूद पढना नहीं छोडा :)

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