आज की चर्चा में कुछ कार्टूनिस्ट साथियों के जलवे देखिये। इसके पहले की चिट्ठाचर्चा में कार्टून चर्चा भी देखिये अगर मन करे।
जयपुर ,राजस्थान के चंद्र्शेखर हाडा आमतौर पर राजनीतिक विषयों पर और आमजीवन से जुड़े कार्टून बनाते हैं। एक माह से नये कार्टून नहीं आये। उनके कार्टूनों में से कुछ यहां दिये जा रहे हैं। | |
हरिओम तिवारी अपने बारे में खुद कहते हैं----बचपन से मास्सबों के कार्टून बना-बनाकर कर कक्षा में अव्वल आता रहा। जवानी में नौकरशाही में घुसने के दंद-फंद में उलझकर औंधे मुंह गिरा, उठा तो कार्टून जैसे चिरपिरी शक्ल निकल आई थी। गांव का एक चित्रकार दूसरे के घरों की दीवार खराब करता था। सो उससे प्रेरणा लेकर अपने घर की दीवारों पर कला के ख्वाब बुने, पिताजी की डांट से खुमारी टूटी। उनके कुछ कार्टून यहां देखिये। | |
दिल्ली के काजल कुमार के कार्टून की जद में आम जीवन, राजनीति ,समाज सब कुछ आता है। वे बैंक में डाका डालने आये हुये डाकू को बैंक मैनेजर से सलाह भी दिलवाने का काम् कर देते हैं कभी कि उसे डाका डालने के बजाये लोन ले लेना चाहिये। कौन वापस करता है। | |
अब देखिये इरफ़ान के कार्टून के रंग और ढंग | |
राजेश कुंमार दुबे के लिये कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग्य के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन है! देखिये उनके कुछ कार्टून!. | |
कीर्तेश भट्ट ने कोपेनहेगन सम्मेलन पर कई कार्टून बनाये हैं। देखिये कुछ कार्टून् | |
के एम मिश्राजी इलाहाबाद के हैं। उनके एनिमेशन कार्टून और साथ के लेख जानदार और मारूं टाइप होते हैं। देखिये कुछ इधर लिंक दिये हैं। पोस्ट् देखिये मजा आयेगा। | मंहगाई का तोड़ (व्यंग्य/कार्टून)हमीं से मोहब्बत, हमीं से लड़ाई ……..(व्यंग्य/कार्टून)मराठी वनमानुषों का हल्लाबोल । (व्यंग्य/कार्टून)ये आग कब बुझेगी ? (व्यंग्य/कार्टून) |
सब कार्टून एक साथ.. दिन बन गया...
जवाब देंहटाएंकार्टून केन्द्रित सम्पूर्ण चर्चा । आभार ।
जवाब देंहटाएंवैसे इतनी मेहनत की किसने? शुक्ला जी ने?
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ! सारे कार्टून एक ही जगह पर पढने का मजा कुछ और था !
जवाब देंहटाएं@रंजन, मेहनत सब कार्टूनिस्ट साथियों की है। अब कुछ मेहनत कुश को करनी है और इस टेम्पलेट में यह व्यवस्था करनी है ताकि यह पता चल सके कि किसने चर्चा की। फ़िलहाल मैंने यहां बता दिया। ध्यान दिलाने के लिये शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंचिट्ठा चर्चा का एक और संग्रहणीय पन्ना ....शुक्ल जी साल के अंत में इससे सुंदर चर्चा तो हो ही नहीं सकती थी ....आभार सभी कार्टूनिस्टों से मुलाकात यादगार रहेगी
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा सभी कार्टून एक जगह ? बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा...
जवाब देंहटाएंअनूप जी,
जवाब देंहटाएंएक गुदगुदाती हुई सुबह के लिये धन्यवाद!
सभी कार्टूनिस्ट की मेहनत और पैनी नज़र महौल तो हल्का करती है लेकिन चिंतन भी जगाती है।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
भा गई ये चर्चा और इसका अलहदापन ,....!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंमेरी समझ से यह इस तरह का पहला प्रयास है।
जिसपर हमको है नाज़, उसका जन्मदिवस है आज।
कोमा में पडी़ बलात्कार पीडिता को चाहिए मृत्यु का अधिकार।
... आनंदम ... आनंदम ... आनंदम !!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंकाबिले तारीफ़ प्रयोग है ....निसंदेह..यदि आप साल भर के कुछ चुनिन्दा कार्टून इकठ्ठा कर सके तो नायाब हो जायेगी ....
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जवाब देंहटाएंइन गुदगुदी में छिपा दर्द भुलाने को
आनन्दम.. आनन्दम.. न कहें तो और क्या कहें ?
बहुत बहुत आभार.
जवाब देंहटाएंbahut khoob!
जवाब देंहटाएंshukriya.
saptah bhar ke ullekhniy cartoons ke zikr ke liye saptah mein ek din zarur diya jana chaheeye.
इन्हें देख पढ़ कर
जवाब देंहटाएंआज का पढ़ने का
कोटा पूरा हो गया।
बहुत अच्छी चर्चा...धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंवाह भई वाह...!
जवाब देंहटाएंआज तो दिल बाग-बाग हो गया!
बाप रे! हिन्दी ब्लॉगरी में तो कार्टन भर भर कर कार्टूनिस्ट भरे पड़े हैं - एक से बढ़ कर एक। ...बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंअनूप जी एक और 'ग़जब' की चर्चा। धन्यवाद।
@बैंक में डाका डालने आये हुये डाकू को बैंक मैनेजर से सलाह भी दिलवाने का काम् कर देते हैं कभी कि उसे डाका डालने के बजाये लोन ले लेना चाहिये। कौन वापस करता है।
अभी भी हँसे जा रहा हूँ।
बहुत अच्छा संकलन कर लाए। बधाई और धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंसुकुल जी !
जवाब देंहटाएंगजबै कई डारेव !!
सब एक से बढ़कर एक !!!
'' को बड़ छोट कहत अपराधू '' !!!!
एक साथ इतने काटून देखकर काफी अच्छा लगा. वैसे तो प्रतिदिन अखबारों में काटून देखता था लेकिन आज एक साथ इतने काटून से दिल बाग बाग हो गया.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब चर्चा! सारे कार्टून एक जगह?
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढिया रही ये चर्चा..
जवाब देंहटाएंमहागुरुदेव,
जवाब देंहटाएंहंसते-हंसते हम खुद ही कॉर्टून लगने लग गए हैं...अनूप चर्चा के लिए आभार...
जय हिंद...
बहुत खूब!! आज तो लाटरी लग गई, इतने सारे बेहतरीन कार्टून एक साथ...सुन्दर चर्चा, अद्भुत कार्टून, अद्वितीय कार्टूनिस्ट. सभी बधाई के पात्र हैं....
जवाब देंहटाएंबढिया कार्टून॥ पर इसमें कहीं चिठा-चर्चा का ज़िक्र नहीं है.... आखिर वहां भी तो मौज मस्ती होती है:)
जवाब देंहटाएंचलिए आज किसी ने सुध तो ली
जवाब देंहटाएंसभी शामिल महानुभावों को बधाइयां
इसे भी देखिये
http://ant-rang.blogspot.com/
बढ़िया कार्टून संग्रह. हिन्दी ब्लॉगिंग में उम्दा प्रतिभाएँ शामिल होती जा रही हैं.
जवाब देंहटाएंयह भी खूब रही...
जवाब देंहटाएंकई कार्टून तो गज़ब की चुटकी काटते हैं...
वाह ! हिन्दी ब्लागिंग कार्टूनों से अति समृद्ध है । इस चर्चा से यह साफतौर पर प्रमाणित होता है
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