आम तौर गीत/गजल/कविता लिखने पर् लिखने वाले को वाह्-वाह् मिलती है। लेकिन नीरज गोस्वामी जी को क्या मिला पता है आपको? उन्होंने एक् ठो धांसू सी गजल् क्या लिखी कि उनको मिल गयी धमकी। अरे हम् सच कह रहे हैं भाई देखिये आप खुद उनकी गजल पर आई हुयी उनके गजल-गुरु पंकज सुबीर की धमकी। गजल् गुरु धमकाते हैं कि अब् हम क्या बतायें? आप खुदै उनके ब्लाग् पर जाकर देख लीजिए। हम तो आपकॊ गजल पढ़ा देते हैं:
महनत कशों को जब कहीं पे नींद आ गयी
बिस्तर ज़मीं को,बांह को तकिया बना लिया
अरे बस अभी वाह-वाह करने लगे आप तो। आगे भी देखिये नीरज जी क्या फ़र्माते हैं:
शिद्दत से है तलाश मुझे ऐसे शख्स की
इस दौर में है जिसने भी ईमां बचा लिया
इस् शेर पर भी बहुत वाह्-वाह मिली है उनको देखिये:
खुद पर भरोसा था तभी, उसने ये देखिये
दीपक हवा के ठीक मुकाबिल जला लिया
ज्ञानजी जो कुछ् अपने ब्लाग में आज किये हैं न उनको मुहावरे की भाषा में कहते हैं दुधाड़ी (दध रखने की हांड़ी) तक सांप रेंगाना। वो अपनी आज की पोस्ट् में बोलते भये-- “ हम ठहरे घोंघा! सेलिब्रिटी बन न पाये तो किसी सेलिब्रिटी से मिलने का मन ही नहीं होता। किसी समारोह में जाने का मन नहीं होता। कितने लोग होंगे जो फलानी चोपड़ा या ढ़िकानी सावन्त के साथ फोटो खिंचने में खजाना नौछावर कर दें। हम को वह समझ में नहीं आता! “ अब देखिये कि ज्ञानजी की घोंघा वाली बात का किसी ने समर्थन न किया। होंगे बड़े-बुजुर्ग लेकिन इसका मतलब ये थोड़ी कि जो वे कहें लोग उसको मान लें। अलबत्ता उन्होंने अपने को सेलेब्रिटी मानने से इंकार किया और वही लोगों ने मान लिया और जमकर माना। कुश ने तो एलानिया कह भी दिया:
अहा ! सेलियुग.. .
हमें तो आपके साथ फोटू खिचवानी है. हमारे लिए तो आप ही सेलिब्रिटी से कम नहीं है.
रंजना भाटिया लिखती हैं:
आज मुझे भूलने के बाद, जब वो मेरे ख़त तूने जलाए होंगे
फ़िज़ाओ में आज भी वो बीते पलो के साए महक आए होंगे
बिताए थे ना जाने कितने बेहिसाब लम्हे साथ साथ
उनके तस्वुर ने तेरे होश एक बार फिर से तो उड़ाए होंगे
अरे अब गोदियाल जी को भी तो सुनिये वे ज्ञान की बात बताते हैं:
इस कदर करता तू,
किस बात पर अभिमान है !
ये दुनियां चलायमान है मूरख,
ये दुनियां चलायमान है !!
आगे भी देखिये क्या मार्के की बात करते हैं:
सत्य को पकड के रख
जरुरत से ज्यादा चिकना है यह
कब हाथ से फिसल जाये पता नही ,
इसलिये उसे जकड के रख,
यहां बर्गलाने को,
स्वार्थ की आंधियां बहुत चलती है,
इसमे जो डगमगा गया ,
वही तो तेरा ईमान है !
ये दुनियां चलायमान है मूरख,
ये दुनियां चलायमान है !!
उड़ी बाबा आज ललित शर्माजी की नेह गगरिया क्या छलकी है देखिये तो जरा भाई:
हजारों कंवल मन में अब खिल गये
चल पड़ेंगे अब सफ़र में सोच कर
मन के दुवारे हजारों दीप जल गए
ये कैसा मिलन का आनंद है साजन
दुनिया के सब मेले फीके रह गए
मिलन की आस लगी थी दिन रैन
मिलेंगे अब नये चमन में कह गए
साँस यूँ आई बड़ी जब जोर से
मौत के किवाड़ सब ये खुल गये
एक लाईना:
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मेरी पसंद
अक्सर, |
और अंत में:
सुबह तमाम लोगों ने टोंका कि चर्चा शुरू नहीं कि खतम कर दी। बहुत नाइन्साफ़ी है। उन साथियों की फ़र्माइश पर ये चर्चा । शाम तक विचार था कि पिछली चर्चा पर आयी कुछ टिप्पणियों की प्रतिटिप्पणियां लिखेंगे लेकिन अब रात हो गयी है इस लिये हम तो सो जाते हैं। आप आराम से बांचिये।
मन को छूती मुकेश कुमार तिवारी जी की कविता। कुश की इच्छा जल्द पूरी हो इसी उम्मीद के साथ्…। नीरज जी की लेखनी तो हर पल ज्यादा से ज्यादा सशक्त होती जा रही है और वो मेरे पसंदीदा शायरों में शुमार हैं। ये गजल भी गजब की है
जवाब देंहटाएंAchhee rahi aaj ki charcha .... dhaansoo collection hai ...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़ियां चर्चा ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया.
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा बहुत बढ़िया रही!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन। बधाई।
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंबढ़ियां चर्चा!!!!!!!!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंगजल भी गजब की!!!!!!!!!
बढ़ियां चर्चा ।
जवाब देंहटाएंसुकुल जी परणाम-बढिया चर्चा-आभार
जवाब देंहटाएंमेरे विचार में नीरज जी को जो धमकी दी गई है वो कारगर होनी चाहिये नहीं तो बाकायदा उस पर अमल भी किया जायेगा । बहुत अच्छी चर्चा के लिये साधुवाद ।
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा .. मुकेश कुमार तिवारी जी को सौंवीं पोस्ट की बधाई .. बहुत सुंदर रचना है !!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़ियां चर्चा ।
जवाब देंहटाएंअपनों का प्यार, दोस्तों का सानिध्य
जवाब देंहटाएंजेब का पैसा और कंठ की विद्या
वक्त पर बस यही साथ देते है,
वरना लोग एक हाथ देवे दो लेते है
ये चर्चा चलायमान है बंधू
ये चर्चा चलायमान है .............................!
बहुत खूब जनाव , दिल खुश हुआ !
मुकेश जी को हार्दिक शुभकामनायें ! नीरज जी की विनम्रता और सौम्यता को सादर प्रणाम ! बहुत सुंदर चर्चा , आज आप अच्छे मूड में हैं !
जवाब देंहटाएंबढ़ियां चर्चा, मुकेश कुमार तिवारी जी को सौंवीं पोस्ट की शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंregards
प्रति टिप्पणियाँ नहीं दे पाये तो क्या हुआ, यहाँ तो एक पूरी पोस्ट की उम्मीद थी। नायिका भेद पर हम तो ज्ञान पिपासु हो गये हैं।
जवाब देंहटाएंबढ़िया मुकेश जी को बधाई .शुक्रिया
जवाब देंहटाएंपूरी चर्चा..
जवाब देंहटाएंअब फिर से शुरु न कर देना...:)
धन्यवाद इस चर्चा के लिये
जवाब देंहटाएंmukesh ji ki 100 vi post to wakai lajawaab hai aur aapki charcha to hai hi sarthak.
जवाब देंहटाएंpuri charcha hee lajwab rahi , badhai
जवाब देंहटाएंशिव कुमार मिश्र से उधार शब्द - मेरी चर्चा की, उसके लिय आप को धन्यवाद, मुझे बधाई!
जवाब देंहटाएंगज़लियाती चर्चा से बौरा गए:) वैसे अभी बौर लगने में काफ़ी दिन है॥
जवाब देंहटाएंbahut badhiya.
जवाब देंहटाएंहां अब कुछ जी भरा. मुकेश जी की कविता शानदार है.
जवाब देंहटाएंbahut hi khubsurat
जवाब देंहटाएंमुकेश जी की कविता दिल को छू गयी...
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