उड़नतश्तरी चिट्ठे के बाजू पट्टी में अमित गुप्ता द्वारा दिए गए ब्लॉग पुरस्कार पर नजर गई तो वहाँ से कड़ी दर कड़ी खोजते पुरस्कारों का खजाना मिल गया. वैसे भी ब्लॉग पुरस्कारों का मौसम चला आया है. तो क्यों न लगे हाथ आप भी अपने पसंदीदा चिट्ठों, चिट्ठाकारों को दना दन एकाध नहीं, बल्कि कई कई चिट्ठापुरस्कार बांट दें? चिट्ठा पुरस्कारों के लिए, यकीन मानिए, श्रेणियों की कोई कमी नहीं! और काम एकदम सरल! बस आपको देने वाले का (अपना) नाम भरना है, पाने वाले का नाम व ईमेल पता भरना है और पुरस्कारों में से एक को चुनना है, और भेजें बटन दबा देना है.
आइए, देखें कुछ नमूने -
मरा तिलचट्टा पुरस्कार? ये क्या अवार्ड है भई? पर, आप यकीनन अपने कुछ पसंदीदा ब्लॉगों को ये अवार्ड देना नहीं चाहेंगे?
हम्म… गाय के गोबर का अवार्ड तो फिर भी काम का होता… यहाँ धरती पहले से गरम है और मीथेन गैस और पैदा की जा रही है.. मगर, ऐसे पुरस्कार योग्य चिट्ठे कुछेक तो होंगे ही जो चिट्ठाजगत के माहौल को गर्म बनाए रखने में अपना अच्छा खासा खून पसीना बहाते फिरते हैं?
चलिए, मजाक बहुत हो गया. असली किसम के अवार्ड भी हैं यहाँ – (वैसे ऊपर के अवार्ड ज्यादा असली हैं,)
कुछ और पुरस्कार नामों पर सरसरी नजर-
वाह! हर संभव श्रेणी के पुरस्कार हैं यहाँ पर तो. इस लिहाज से तो हर चिट्ठा कोई न कोई पुरस्कार (रों) के लिए शर्तिया क्वालीफ़ाई करेगा ही.
तो, देर किस बात की? दे दना दन और ले दना दन वाला काम क्यों न चालू करें? बस, यहाँ क्लिक करें.
इसके बावजूद भी यदि आपका ब्लॉग मेरे ब्लॉग की तरह सचमुच अभागा है, तो उसे इनमें से किसी एक (या अनेक) बढ़िया पुरस्कार से सजाने के लिए स्वयं आप अपने लिए किसी अनामी ईमेल खाते से ईनाम अपने खाते पर भेज सकते हैं.
रवि भाई जोहार ले, बने बतायेस, गाड़ा गाड़ा बधई
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबढ़िया है ।
जवाब देंहटाएंwow.....
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है धन्यवाद
जवाब देंहटाएंईनाम ho, samman ho, ab log maan kar hi chalate hai ki isake peechhe gutbazee rahati hai. blog kee duniya me bhi aane vaale log manushy hee hai. mai ye khail varsho se dekh raha hoo. isaliye mujhe lagata hai ki ham apnakaam karate rahe. purskar mile to theek, n mile to theek. ham apne srijan kaar me lahe rahe. kitane log aaye aur ek din mar-khap gaye. blog kee diniya me bhi bandarbaat hai. jo bahut achchha kaam (jaise aap...)kar rahe hai, unko koi dekhata hi nahee, fir bhi aap kar rahe hai, aur samarpan ke saath, sahyog kee bhavanake saath kar rahe hai.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ... क्या बात है .........
जवाब देंहटाएंअपने लिए ही अपने द्वारा कोई पुरस्कार का जुगाड़ इसमें है कि नहीं ?
जवाब देंहटाएंहम कहां के ऐसे दाना हैं
जवाब देंहटाएंकिस हुनर में यक्सां हैं.....:)
बहुत सुंदर, लेकिन मैने कभी कोई ऎसा विजेट अपने ब्लांग मै नही सजाया, शायद हम नालायक है..:)
जवाब देंहटाएंयूरेका ! यूरेका ! अवार्ड का वार्ड !
जवाब देंहटाएंहा! हा! रोचक है...
जवाब देंहटाएंहम तो नालायक ही भले हैं। यह पुरस्कार की राजनीति उधरिच रहने दें।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब..जनाब
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जवाब देंहटाएंब्लॉग पर साइडबार है,
यह ब्लॉग का जीवन है !
जीने के लिये खुराक चाहिये ।
खुराक वही, जो दिल को ठँडक दे ।
दिल की ठँडक पुरस्कार मेडल में होती है ।
वही तो मेरे साइडबार पर टँगा है, आप अपनी रेवड़ी गिनो ।
सुना है, पद्मश्री भी बेचे और ख़रीदे जाते हैं, कोई न ले तो हम क्या करें !
आइए, एक दूजे को चिट्ठा ईनाम बांटें…
जवाब देंहटाएं१०० नंबर !!
ha....ha.....ha....bahut khoob!
जवाब देंहटाएंinteresting...!
जवाब देंहटाएंमजेदार !
जवाब देंहटाएंआभार !
बहुत जबर्दस्त..
जवाब देंहटाएंहमें भी एकाध दिलाइये..
नव वर्ष की अशेष कामनाएँ।
जवाब देंहटाएंआपके सभी बिगड़े काम बन जाएँ।
आपके घर में हो इतना रूपया-पैसा,
रखने की जगह कम पड़े और हमारे घर आएँ।
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2009 के ब्लागर्स सम्मान हेतु ऑनलाइन नामांकन
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के पुरस्कार घोषित।