पाबलाजी बाकी कामों के अलावा एक शानदार काम अलग अलग अखबारों में हिन्दी ब्लॉगों के उल्लेख की कतरनों को पोस्ट करने का भी करते हैं। सही भी है अपने ब्लॉग की कतरन पढ़ने में जो आनंद है वो बहुत कम चीजों में मिलता है। तो आज की चर्चा में हम एक खास अखबार चिट्ठाचर्चा टाईम्स से कल के चिट्ठासंसार की सुर्खियॉं लेकर हाजिर हुए हैं। अखबार की कतरन पर क्लिक करने से आप उस ब्लॉग पर जा पहुँचेंगे जिसकी चर्चा इस कतरन में है। तो लीजिए मजा छपास का...
समीर लाल says:
एक नई सुबह हुई है. आप आगाज़ किजिये नये मूल्यों के साथ एक साफ सुथरी पार्टी का जिसमें मौकापरस्तों के लिए कोई जगह न होगी. प्रोफेशनलस को लिजिये. एक नये युग का शंखनाद करिये. टोरंटो से मैं पहला व्यक्ति होंगा जो आपकी पार्टी ज्वाईन करेगा अगर भारत की राजनित के सुधार के लिए उचित कदम उठाने की पहल हो. इस हेतु भारत लौटना भी मुझे मंजूर है.
आज आप स्वतंत्र हैं. नये सिरे से शुरुवात करिये. हमें इन्तजार होगा.
(अखबार रोमन लिपि में है क्योंकि कतरन बनाने के लिए जिस औजार न्यूजपेपर क्लिपिंग जनरेटर का इस्तेमाल किया है वो देवनागरी यूनीकोड के साथ काम नहीं कर रहा है। इसलिए पहले गूगल के स्क्रिप्ट कन्वर्टर का इस्तेमाल कर ब्लॉग की भाषा हिन्दी तथा लिपि रोमन की, तब इसकी कतरने बनाई हैं)
(अखबार रोमन लिपि में है क्योंकि कतरन बनाने के लिए जिस औजार न्यूजपेपर क्लिपिंग जनरेटर का इस्तेमाल किया है वो देवनागरी यूनीकोड के साथ काम नहीं कर रहा है। इसलिए पहले गूगल के स्क्रिप्ट कन्वर्टर का इस्तेमाल कर ब्लॉग की भाषा हिन्दी तथा लिपि रोमन की, तब इसकी कतरने बनाई हैं)
जवाब देंहटाएंkaash aap yae naa likhtey
kyaa khub prastuti haen
क्या यार! गजब हो तुम भी मास्टरजी। नये-नये अंदाज में मेरे ख्याल में सबसे ज्यादा चर्चा मास्टर मसिजीवी के खाते में ही जायेंगी। क्या आइडिया है! जय हो! मजा आ गया देखकर।
जवाब देंहटाएंक्या इसका मतलब यह है कि यहाँ भी आपने पाबला जी को फ़ॉलो किया है… :) :) अखबार में छपने का शौक किसे नहीं होता… इतने सारे चिठ्ठे एक ब्लॉग पर "एक ही अखबार" में… मजा आ गया… :) :)
जवाब देंहटाएंनया प्रयोग बढ़िया रहा!
जवाब देंहटाएंनई आइडिया के लिए फूल मार्क.
जवाब देंहटाएं" bahut hi badhiya "
जवाब देंहटाएं----- eksacchai{ AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
वाह वाह बहुत खूब ..नया प्रयोग लाजबाब
जवाब देंहटाएंबहुत मेहनत से तैयार की गई इस चिट्ठाचर्चा के लिए अनेकों शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंमजेदार प्रयोग .. सचमुच चौंक गयी थी !!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंअद्भुत,आपने तो इ अकबार वाला औझार ऐसा थमाया है कि चाहे तो विभाग के लोगों को अपने मन-मुताबिक खबर लिखकर इसे लेआउट में एक घड़ी को बिलैकमेल कर सकता है। अखबारों की पूरी पायरेसी हो गयी है। मजा आ गया। कटिंग देखकर तो ऐसा लग रहा है कि सीधे तीनमूर्ति से लेकर चले आ रहे हो..
जवाब देंहटाएंaisa bhee hota hai! narayan narayan
जवाब देंहटाएंन जाने क्या होगा ब्लॉग जगत का ? अब अमर सिंह भी यहाँ आ गए
जवाब देंहटाएंह्वाट ऐन आईडिया सर जी.
जवाब देंहटाएंकमाल कर दिया.
शानदार.
जवाब देंहटाएंsanjay begani
जवाब देंहटाएंyae kaun saa phool haen gaenda
एकदम हिट चर्चा। पूरे सौ नंबर!
जवाब देंहटाएंकाश! इस का देवनागरी संस्करण भी बन जाए!
झकास बोले तो.......200 marks...
जवाब देंहटाएंवाह जी वाह !
जवाब देंहटाएंमास्टर जी क्या चर्चा की है !!
साल डेढ़ साल पहले अमित गुप्ता जी के ब्लॉग पे शायद यह औजार सुना था ?,,,,पर अब तक देवनागरी की गाड़ी पटरी पर नहीं आयी ? ......कोहरा पड रहा होगा?
नए अंदाज के लिए अनूप जी का अनुमान सही ही होगा |
अगला आइडिया ?
@ विनीत
हिन्दी अखबार कैसे कर पायेंगे अइसन ब्लैकमेलिंग ?
बहुत बढ़िया. बस हिंदी में न होने से ज़रा pirated सा लगा :)
जवाब देंहटाएंग़जब है जी...।
जवाब देंहटाएंवाह,सुंदर.
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जवाब देंहटाएंचर्चाकार की अपनी सीमायें होती हैं, इस नाते एक अलग प्रयोग है... पर यह शत-प्रतिशत देवनागरी में भी बनाया जा सकता है, रास्ता पेंचीदा है तो क्या ! बढ़िया लगा !
vakai shandar
जवाब देंहटाएंवाह ! यह काम भी बहुत मेहनत का है ।
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