शनिवार, जुलाई 18, 2009

शनीचरी एक लाईना


रामप्यारी

एक लाईना


  1. रामप्यारी मैम की इंगलिश क्लास :
  2. में A फ़ार ऐश्वर्या आंटी..
  3. क्या ब्लॉग साहित्य है ? - मेरी हाजिरी : को ही साहित्य समझा जाये

  4. यंत्रणा और आत्मद्वंद्व के अंधेरे दिन :भी गुजर जायेंगे

  5. उदयप्रकाश का सफाईनामा और संसद में रोना आदित्यनाथ का : मौज लेने के नये बहाने

  6. हिन्दी ब्लोगिंग की परिभाषा : मसखरों का कुश्ती दंगल और अखाड़ा- एक सक्रिय ब्लागर का खुलासा

  7. मेरा शहर मरा नही है : बस जरा वेंटीलेटर पर है

  8. प्लीज ,कोई मुझे तफसील से समझायेगा कि यह पुरूष मानसिकता क्या होती है ? :ईजी लो भाई -समझ में आ जायेगा

  9. नारी का सम्मान, सामाजिक मूल्य और TRP के भूखे भेड़िये : को पाने के लिये स्टार प्लस खोलें

  10. इत्ते सारे..बाप रे!! : तेरे को कित्ते चाहिये रे?

  11. सच है तो क्या नंगे होकर घूमा जाए? : क्या फ़ायदा -सब कपड़े बेकार जायेंगे

  12. कन्वेयर बेल्ट पर उगता अपनी माटी का सोना... : खूबसूरत लगता है

  13. नेकी कर और गाली सुन : गाली सुनने के लिये भी नेकी करनी पड़ेगी? क्या जमाना आ गया है!!

  14. लड़कियां छेड़ना एक खूबसूरत रिवाज़ है.... : सच में! विश्वास नहीं होता!!

  15. सच का सामना: कहीं यह गेम शो हमें डरा न दे:फ़्री फ़ण्ड में मरा न दे

  16. ब्लोगों को पढने का ठेका उठाया है, चिट्ठों की चर्चा का , कुरियर फिर आया है.:हम भी कम नहीं हैं -बिना टिपियाये इसे छुड़ाया है


और अंत में


फ़िलहाल इतना ही। हफ़्ते मे अंत में मौज से रहें, मस्ती करें भले ही डिस्क्लेमर लगाकर!

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15 टिप्‍पणियां:

  1. एक लाइना---नारी का सम्मान, सामाजिक मूल्य और TRP के भूखे भेड़िये : लड़कियां छेड़ना एक खूबसूरत रिवाज़ है.... :)

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  2. एक एक लाईनों में एक एक हज़ार शब्दों का चार्म

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  3. लेकिन एक लाईन मे पेट नही भरा।इसे नाश्ता मान लेते है दोपहर या रात को भिजन मिल जाये तो अच्छा है।

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  4. सच्ची पेट इर्रर दिमाग नहीं भरा !

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  5. जय हो शनिचर महाराज की. :)

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  6. शनीवार की छुट्टी में सुस्ताती सी चिट्ठाचर्चा अच्छी लगी.

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  7. 10 जुलाई के बाद से चिट्ठाचर्चा फ़ीड में नहीं दिख रही है....

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  8. संक्षिप्ततः बात तो हो ही गयी - चिट्ठाचर्चा के प्रति ईमानदारी का इत्मिनान भी हो गया ।

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  9. चर्चा और संक्षिप्त? विरोधाभास है :-)

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  10. काजल जी
    फीड पर बेनामियों ने
    कब्‍जा जमा लिया लगता है

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  11. फ़िलहाल इतना ही।

    हमने सोचा और सामान पीछे आ रहा है .

    यह तो सही नहीं किया जी आपने !

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