एक लाईना
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- यंत्रणा और आत्मद्वंद्व के अंधेरे दिन :भी गुजर जायेंगे
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- हिन्दी ब्लोगिंग की परिभाषा : मसखरों का कुश्ती दंगल और अखाड़ा- एक सक्रिय ब्लागर का खुलासा
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- प्लीज ,कोई मुझे तफसील से समझायेगा कि यह पुरूष मानसिकता क्या होती है ? :ईजी लो भाई -समझ में आ जायेगा
- नारी का सम्मान, सामाजिक मूल्य और TRP के भूखे भेड़िये : को पाने के लिये स्टार प्लस खोलें
- इत्ते सारे..बाप रे!! : तेरे को कित्ते चाहिये रे?
- सच है तो क्या नंगे होकर घूमा जाए? : क्या फ़ायदा -सब कपड़े बेकार जायेंगे
- कन्वेयर बेल्ट पर उगता अपनी माटी का सोना... : खूबसूरत लगता है
- नेकी कर और गाली सुन : गाली सुनने के लिये भी नेकी करनी पड़ेगी? क्या जमाना आ गया है!!
- लड़कियां छेड़ना एक खूबसूरत रिवाज़ है.... : सच में! विश्वास नहीं होता!!
- सच का सामना: कहीं यह गेम शो हमें डरा न दे:फ़्री फ़ण्ड में मरा न दे
- ब्लोगों को पढने का ठेका उठाया है, चिट्ठों की चर्चा का , कुरियर फिर आया है.:हम भी कम नहीं हैं -बिना टिपियाये इसे छुड़ाया है
और अंत में
फ़िलहाल इतना ही। हफ़्ते मे अंत में मौज से रहें, मस्ती करें भले ही डिस्क्लेमर लगाकर!
एक लाइना---नारी का सम्मान, सामाजिक मूल्य और TRP के भूखे भेड़िये : लड़कियां छेड़ना एक खूबसूरत रिवाज़ है.... :)
जवाब देंहटाएंजय शनिदेव
जवाब देंहटाएंमस्त चर्चा।
जवाब देंहटाएंएक एक लाईनों में एक एक हज़ार शब्दों का चार्म
जवाब देंहटाएंलेकिन एक लाईन मे पेट नही भरा।इसे नाश्ता मान लेते है दोपहर या रात को भिजन मिल जाये तो अच्छा है।
जवाब देंहटाएंसच्ची पेट इर्रर दिमाग नहीं भरा !
जवाब देंहटाएंजय हो शनिचर महाराज की. :)
जवाब देंहटाएंशनीवार की छुट्टी में सुस्ताती सी चिट्ठाचर्चा अच्छी लगी.
जवाब देंहटाएं10 जुलाई के बाद से चिट्ठाचर्चा फ़ीड में नहीं दिख रही है....
जवाब देंहटाएंमौज जरा संक्षिप्त है।
जवाब देंहटाएंसंक्षिप्ततः बात तो हो ही गयी - चिट्ठाचर्चा के प्रति ईमानदारी का इत्मिनान भी हो गया ।
जवाब देंहटाएंचर्चा और संक्षिप्त? विरोधाभास है :-)
जवाब देंहटाएंकाजल जी
जवाब देंहटाएंफीड पर बेनामियों ने
कब्जा जमा लिया लगता है
फ़िलहाल इतना ही।
जवाब देंहटाएंहमने सोचा और सामान पीछे आ रहा है .
यह तो सही नहीं किया जी आपने !
इतने सस्ते में...
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