ज्ञानजी गंगापुत्र बने हुये हैं। गंगा सफ़ाई अभियान ने उनकी थकान गोल कर दी है। वे अपने अभियान का प्रचार चाहते हैं। प्रचार चाहना इसलिये कि उनके साथ और लोग जुड़ें। उनके अनुभव आप उनके यहां जाकर ही देखिये। फोटो हम आपको इधर ही दिखा दे रहे हैं- एक ठो। बाकी के फोटो भी आप उधरिच देखिये।
इस मौके का फ़ायदा उठाते हुये गिरिजेश राव ने एक ठो कविता ठेल दी। देख लीजिये। सिद्धार्थ त्रिपाठी ने भी मौके का फ़ायदा उठाया और उन्होंने भी एक ठो कविता लहा दी। सब देख लीजिये यहां।
सुबह-सुबह देखा आज तो गौतम राजरिशी किंगसाइज पेनकिलर सुलगाये हुये हैं। हमें समझ में ही नहीं आया कि भैया ई कौन सा पेन किलर है। फ़िर जब ट्यूबलाइट जली तो पता चला कि ई त विल्स कंपनी की धूम्रदण्डिका है। हम कहा हत्तेरे की। पता चला कि मेजर साहब अनुराग मय हो गये हैं। डा.अनुराग उनसे मिलने गये थे पिछले महीने। बेचारे मेजर साहब अनुराग मय हो गये और एक ठो त्रिवेणी ठेल दिहिन। देखिये।
दर्द-सा हो दर्द कोई तो कहूँ कुछ तुमसे मैं
चाँद सुन लेगा अगर तो रात कर उठ्ठेगी शोर
ख्वाहिशें पिघला के मल मरहम-सा मेरी चोट पर
बगल वाली फोटो उनके ही ब्लाग पोस्ट की है। उनकी फोटो क्या दिखायें? इसमें हाथ में प्लास्टर तो है नहीं। लेकिन ई वाला सीन तो देख लीजिये जिसके ठहर जाने की तमन्ना राजरिशी करते हैं:...
और वो छुटकी तनया मसहरी के अंदर तकियों में घिरी बेसुध सो रही है...मैं हल्ला कर जगाता हूँ...वो मिचमिची आँखों से देर तक घूरती है मुझे...और फिर स्माइल देती है...ये लम्हा कमबख्त यहीं थमक कर रुक क्यों नहीं जाता है...वो फिर से स्माइल देती है...वो मुझे पहचान गयी, याहूsssss!!! she recognised me, ye! ye!! वो मुस्कुराती है...मैं मुस्कुराता हूँ...संक्रमित हो कर जिंदगी मुस्कुराती है...दर्द सारा काफ़ूर हो जाता है...!!!
विनीत कुमार प्रभाष जोशी का जाना जिस अखबार के लिए खबर नहीं में अखबारों के चरित्र की तरफ़ संकेत करते हैं जिसके चलते प्रभाष जोशी जैसे पत्रकार का जाना भी नवभारत टाइम्स और दैनिक जागरण जैसे अखबारों के लिये खबर नहीं बन पाता। वे कहते हैं: प्रभाष जोशी की खबर को नहीं छापने की घटना से हमारे सामने एक ही साथ कई सवाल खड़े हो जाते हैं? क्या अखबारों में खबरों को छापने और न छापने का आधार जाति,समुदाय,क्षेत्र,संप्रदाय और धर्म को लेकर पसंद और नापसंद भी होता है? अखबार में बहुसंख्यक समुदाय,जाति और विचारधारा के पसंद-नापसंद से खबरें प्रमुखता पाती है? क्या गुजरात का नरसंहार, 1984 के सिख विरोधी दंगे,बाबरी मस्जिद जैसे दर्जनों मनहूस घटनाएं होंगी जिसमें इसी पैटर्न को फॉलो करते हुए खबरें छापीं गयी होगीं,खारिज की गयी होगी? ऐसा सोचते ही सिहरन सी होने लग जा रही है?
रवीश कुमार देखिये कहां से क्वालिटी की बात करने लगे। चबाकर थूक दिये जाने वाले पान की क्वालिटी देखिये। फोटो यहां देखिये-मसौदा वहां बांचिये।
पीसीगोदियाल आपको टहला रहे हैं एस.एम.एस.की दुनिया में। दो ठो तो यहीं देखिये। बाकी के लिये उनके कने जाइये।
पहला एस एम एस:
कर दिया इजहारे इश्क हमने मोबाईल पर,
लाख टके की बात, एक रुपये मे हो गई !
दूसरा एस एम एस:
आई लब यू…
आई लब यू …
आई लब यू….
आई लब यू…
यार, गलत मत समझना, डाक्टर लोग कहते है कि पागलों को प्यार से ही हैन्डल करना चाहिये ।
रचना जी का आह्वान है "इन बोतल बंद औरतो को मत बेचो , इनको मुक्त करो और इनको इंसान समझो "
और अंत में: आज की संक्षिप्त चर्चा में फ़िलहाल इतना ही। आज कविताजी की चर्चा का दिन था लेकिन उनकी बिटिया के सर /माथे में चोट लग जाने से वे व्यथित हैं इसलिये चर्चा का मन नहीं बना पायीं। अत: यह संक्षिप्त चर्चा मैंने की। शाम तक एकलाइना आयें शायद।
बकिया आप मौज से रहिये। मस्त-व्यस्त।
खूबसूरत चिट्ठा चर्चा अनूप जी।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
अच्छी चिट्ठा चर्चा अनूप जी, और साथ हे शुक्रिया भी !
जवाब देंहटाएंबहुत ही संक्षिप्त और सार्थक रही यह चर्चा।
जवाब देंहटाएंअच्छी रही चर्चा।
जवाब देंहटाएंसुन्दर, संक्षिप्त सार्थक और लाजवाब चर्चा है आज ........
जवाब देंहटाएं" क्या गुजरात का नरसंहार, 1984 के सिख विरोधी दंगे,बाबरी मस्जिद जैसे दर्जनों मनहूस घटनाएं होंगी जिसमें इसी पैटर्न को फॉलो करते हुए खबरें छापीं गयी होगीं,खारिज की गयी होगी? ऐसा सोचते ही सिहरन सी होने लग जा रही है"
जवाब देंहटाएंधीरे धिरे अखबार और अखबार वालों की राजनीति समझ में आएगी :)
संक्षिप्ततः सुन्दर चर्चा । आभार ।
जवाब देंहटाएंतनिक ज्यादा ही संक्षिप्त नहीं थी आज की चर्चा...?
जवाब देंहटाएंवैसे एक लाइना तो आयेगा ही अभी...
small is beautiful many a times
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा लेकिन एक अप्रिय खबर। कविता जी की बिटिया को फिर चोट लगी है।
जवाब देंहटाएंअजीब बात है। सुप्रणीति वरेण्या के ग्रह नक्षत्र दिखाने चाहिए। उसके पहले भी फ्रैक्चर की खबर सुन चुका हूँ। एक स्टेज परफ़ॉर्मर और अभिनेत्री के लिए इससे बुरा क्या हो सकता है...!
ईश्वर उसे जल्दी ठीक करें और आगे शुभ समाचार मिलें यही प्रार्थना है।
Short BUT Sweet !!!!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी।
जवाब देंहटाएंसुन्दर! मैं सोच रहा था वनलाइनरी चिठ्ठाचर्चा के प्रयोग ट्विटर पर भी हो सकते हैं।
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