आधुनिकता जिस क्रम से जीवन में पाँव पसारती जा रही है, रोगों का अनुपात उसी क्रम में नित नूतन नामों व प्रकारों से बढ़ता जा रहा है। ऐसा तर्क दिया जा सकता है, दिया भी जाता है कि पुराने समय में तरह तरह के रोग लोगों को काल के गाल में ले जाते थे, इतने संसाधन व उपचार पद्धतियाँ विकसित नहीं थी, तो आज की तुलना में कल बेहतर कैसे हुआ? यह सच है कि पहले ऐसी उपचार पद्धतियाँ भले न विकसित रही हों और भले हजारों की संख्या में मरने वाला अनुपात अधिक रहा हो, किंतु यह मृत्युदर का अनुपात महामारी आदि के कारण अधिक होता था, न कि रोगों के साथ जीते चले जाने वाले जीवनक्रम के परिणाम स्वरूप। नई चिकित्सा पद्धतियों व संसाधनों ने मृत्युदर गिरा दी हो, बड़े विकराल रोगों से विजय पा ली हो, किंतु यह सत्य है कि आज का समय मनुष्य को अधिक रोग ग्रस्त, अल्पायु से ही देह वहाँ मन की पीडाओं से समझौता कर चलने के क्रम में उलझा हुआ है वहाँ एक रोग को दबाते ही दूसरे का प्रादुर्भाव अधिक विकराल रूपाकार में प्रकट होता है।
इसके कारणों की मीमांसा में यों तो बड़ा धैर्य व समय तथा लगन चाहिए किंतु यदि इसे एक वाक्य में परिभाषित करना हो तो यही कहूंगी कि घड़ी बिगड़ जाने पर उसके सुधार के लिए घडीसाज़ उसे सुधार कर चालू हालत में ला सकता है, परन्तु हर घड़ी पहनने वाला यदि घड़ी किन किन कारणों से रुकती /बिगड़ती है ( जैसे पानी, आघात या अग्नि का संपर्क या बैटरी का क्षय ) आदि को जान ले व बचाव तथा सही ढंग वहाँ विधि से उसका उपयोग करे तो उसे घड़ी खरीदते समय घडीसाज़ के औज़ार साथ ले कर न घूमना पड़े । बस यही हम भूल गए हैं।
कल तम्बाकू निषेध दिवस था। इस विषय में लिखने को तो बहुत है, (सोचती हूँ स्वास्थ्य विषयक एक चिट्ठा भी शुरू करुँ ) किंतु अभी मन बनाया कि आज की चर्चा उन ब्लोग्गर्ज़ को समर्पित करुँ जो हिन्दी में अपने अभियान द्वारा जनकल्याण का महती कार्य कर रहे हैं । एलोपैथी, होमियोपैथी व आयुर्वेद - इन तीनों उपचार पद्धतियों पर निरंतर सहायक सामग्री द्वारा हिन्दी के ये ब्लोगर्ज़ लिख रहे हैं व रोगों से निदान के उपाय बता रहे हैं । किसी भी सहायक जानकारी के लिए आप इन से सीधे संपर्क कर सकते हैं
ये रहे उनके सद्य: प्रकाशित विषयों के लिंक्स -
इसके बावजूद तंबाकू का सेवन करने वाले, धूम्रपान करने वाले खोपड़ी से खाली हैं....
आर. अनुराधा
# “पता है, स्मोकिंग दरअसल आप नहीं करते। सिगरेट ही स्मोकिंग करती है। आप तो सिर्फ सिगरेट का छोड़ा हुआ धुंआ पीते हैं।“
# “अब यह पूरी
तरह साबित हो चुका है कि सिगरेट दुनिया में आंकड़ों के होने का एक प्रमुख कारण है।“
अस्थमा के रोगी का ई०टी०जी० परीक्षण से प्राप्त डाटा और निदान पश्चात की गयी चिकित्सा
डॉ डी. बी. बाजपेयी
तम्बाकू सेवन से प्रतिवर्ष ९० लाख लोगों की होती है मौत
दुनिया में ८० प्रतिशत है तम्बाकू के लतीराहुल
होम्योपैथी-नई सोच/नई दिशायें
डॉ. प्रभात टन्डन
चन्द हफ्तों के अन्दर ही विश्व होम्योपैथी समुदाय का नेटवर्क दुनिया भर के ५४ देशों से ७५० होम्योपैथिक चिकित्सकों , छात्रों और होम्योपैथिक चिकित्सा पद्दति के प्रति रुझान रखने वालों के बीच लोकप्रिय हो चुका है । कम्यूनिटी का मुख्य उद्देशय होम्योपैथिक चिकित्सकों के बीच समन्वय और सकारात्मक अनुभवों का आदान प्रदान करना है ।
होम्योपैथिक वर्ल्ड कम्यूनिटी मे शामिल होने केलिये http://www.homeopathyworl
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तम्बाकू उत्पादनों पर बड़ी एवं व्यापक चित्रमय चेतावनियाँ अधिक प्रभावकारी
तम्बाकू का प्रयोग , वैश्विक स्तर पर, रोग और मृत्यु का प्रमुख, परन्तु रोका जा सकने वाला कारण है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, तम्बाकू प्रयोग के कारण, दुनिया भर में ५४ लाख लोग प्रति वर्ष अपनी जान गंवाते हैं। इनमें से ९ लाख मौतें तो केवल भारत में ही होती हैं। प्रति दिन, हमारे देश के २५०० व्यक्ति तम्बाकू की वजह से मृत्यु का शिकार होते हैं। मुख के कैंसर के सबसे अधिक रोगी भारत में पाये जाते हैं तथा ९०% मुंह का कैंसर तम्बाकू जनित होता है. हमारे देश में ४०% कैंसर तम्बाकू के प्रयोग के कारण ही होते हैं।
नाक में धुल या धुआं या कोई सुगन्धित महक , या ऐ।सी में बैठता हूँ तो मेरा सांस फूलने लगती है
डॉ रूपेश श्रीवास्तवकृपया मुझे मेरी बीमारी के बारें में बतायें की मुझे क्या उपचार करना चाहिए, जिससे में हमेसा के लिए मुक्त हो जाऊं | मुझे पता नहीं चल रहा है की मुझे ऐसा क्यों होता है , जब भी मेरे नाक में धुल या धुआं या कोई सुगन्धित महक , या ऐ.सी में बैठता हूँ तो मेरा सांस फूलने लगती है और साँसों से घर घर की आवाज़ आने लगती है, ज्यादा काम करने से भी मेरी सांस फूलने लगती है सीधी पर चड़ने से भी मेरी सांस फूलने लगती है | या मुझे ठण्ड लगती है या जब मौसम में बदलाब आता है तब | ऐसा में ४ -५ साल से झेल रहा हूँ
रक्तज अर्श या खुनी बवासीर (Bleeding Piles)
यदि आप किसी शारिरीक या मानसिक बिमारी से ग्रस्त है और एलोपेथि दवाईयाँ खा खा कर थक गये हैं, तो बस आप मुझे एक मेल करें
वैद्य संजय राणा
कफ दोष के रोगियों में कैल्सियम की अधिकता : High Calcium level in Kaphha Dosha Patients ; ई०टी०जी० तकनीक ने खोज निकाला : Latest discovery of the ETG टेक्नोलॉजी
(फ़ेलोपियन टुयुब ब्लोकेज को ठीक करने के अयुर्वेदिक तरीके) Steps to unblock Fallopian tubes blockage in आयुर्वेद
आयुर्वेद प्राचीन समय से असाध्य रोगों मे बहुत ही असरकारी रही है । स्त्रियों के बन्ध्यत्व मे टयुब बलोकेज एक मुख्य कारण है , जिसका कोई भी इलाज मोडरन चिकित्सा प्रणाली मे सफ़ल नही है , हालांकि शल्य कर्म का सहारा लिया जा सकता है किन्तु उसमे मे भी कोई गारन्टी नही होती कि शल्य कर्म से ट्युब ब्लोकेज ठीक हो जाए। ट्युब ब्लोकेज क्यों होती है ----इसके व्यापक कारण होते है मुख्य रुप से निम्न्लिखित कारण है । १ जन्मजात २ आघात के कारण ४, इन्फ़ेक्सन के कारण ५.केल्सियम जमा होने के कारण ६ पेलविक शोथ जन्य रोगों के कारण ७ डिम्ब वाहिनि मे अर्बुद( out growth, cysts cancer etc) होने के कारण आयुर्वेद चिकित्सा कैसे ब्लोकेज को ठीक करती है --- १ फ़ेलोपियन ट्युब के शोथ को ठीक करके। २ इन्फ़ेक्सन को दूर करके । ३ गर्भाशयगत अंगो का विकास करके और उनको स्वस्थ करके। ४, ट्युब मे हुई व्रणवस्तु(scar ) को मृदु करके उसको दुर करता है और वाहिनि को स्निग्ध करता है ।
बिना किसी बीमारी के भी हो सकता है दांतों में गैप !
डॉ. प्रवीण चोपड़ा
जो भी कहें, दांतों के बीच गैप दिखता तो भद्दा ही है ---सब से पहले जिस से भी बात की जा रही हो उस का पहला ध्यान आप के अगले दांतों की तरफ़ ही जाता है। वैसे, कुछ डैंटिस्ट इस तरह के गैप का इलाज पोरसलीन लैमीनेट्स ( porcelain laminates or veneers) से भी करते हैं----यह महंगा विकल्प तो है ही , इस के साथ ही इसे किसी अनुभवी डैंटिस्ट से ही करवाना चाहिये जो कि पहले इस तरह का काम करते आ रहे हों। लेकिन, मैंने बहुत से लोग ऐसे भी देखे हैं कि जिन के दांतों में गैप इस महिला के दांतों जितना होता है या इस से ज़्यादा लेकिन वे किसी झोलाछाप दांतों के कारीगर की बातों में आकर बेकार सा फिक्स दांत इस गैप में लगवा तो लेते हैं, लेकिन फिर इस तरह के फिक्स दांत से क्या होता है, वह तो आप कल देख-सुन ही चुके हैं !
खूब खाएँ मौसमी सब्जियाँ
डाइट विशेषज्ञों की भी यही राय है, हमे मौसमी सब्जियां खानी चाहिए| क्योकि, मौसमी सब्जियां ना केवल खनिज तत्वों से भरपूर होती हैं, बल्कि इनमें मौसम की प्रतिकूलताओं से लडने की क्षमता होती है। मौसम के मुताबिक सब्जियां शरीर को ठंडक ओर गरमाहट देती है। डाइट विशेषज्ञों की राय में रोज विटामिन और खनिज तत्वों को लेने का सबसे बेहतरीन तरीका मौसमी सब्जियां है।
मेदोदोष(Obesity)मे योगत्रयम्
आज के आधुनिक युग मे जहाँ हमने दवाईयों से कई बीमारीयों पर फतह पायी है, वही इनके साईड-इफ़ेक्ट के कारण कई नयी बीमारीयों से ग्रस्त भी हुए हैं, हमारा यह प्रयास होगा कि आप तक ऐसे अचूक तरीके ले आयें ताकि आप बिना किसी अतिरिक्त हानि के स्वास्थ्य लाभ कर सकें।
अकल की दाढ़ का पंगा
डॉ. प्रवीण चोपड़ामेरे विचार से एलोपैथी के माध्यम से स्वास्थ्य समबन्धी विषयों पर हिन्दी में ब्लॉग लिखने वाले पहले व्यक्ति डॉ. चोपड़ा ही हैं।
इनके ब्लॉग पर विषयों का वैविध्य देखना हो तो यह निम्न सूची देखें-
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- अंग्रेज़ी अखबारों के हैल्थ कैप्सूल (5)
- अंग्रेज़ी प्रिंट मीडिया में हैल्थ (5)
- आंखे हैं तो जहां है (1)
- इन से तो बच कर रहने में ही है बचाव (14)
- इन्हें भी ज़रूर याद रखिये (14)
- कुछ आम समस्यायें (2)
- कुछ बातें चमड़ी रोग की .. (2)
- कैसे रहें गुर्दे एकदम फिट एंड फाइन (2)
- क्या यही विकास है .. (2)
- जब कलम अपने आप चल पड़ी (11)
- ज़रा दूध के बारे में सोचिए (2)
- जीवन नाम तंदरुस्ती का (5)
- डाक्टर सच्चे हैं....मरीज़ भी तो सच्चे हैं (3)
- डायबिटिज़ को न बनने दें एक और महामारी (3)
- तंबाकू का कोहराम (15)
- थायरायड की बीमारियों के बारे में (2)
- नमक (1)
- नियमित हैल्थ चैकअप (4)
- नेट पर हैल्थ जानकारी (3)
- पानी रे पानी (3)
- प्रिंट मीडिया में हैल्थ (1)
- प्रोस्टेट ग्लैंड (1)
- बच्चों की सेहत (9)
- बड़े काम की छोटी-छोटी बातें (3)
- बात है तो सोचने लायक.. (9)
- भ्रांतियों का भांडा फोड़ (3)
- महिलायों का स्वास्थ्य (5)
- मिलावट से सावधान (9)
- मेरी मरज़ी (1)
- मैडीकल टैस्टों को जानिये (9)
- मैडीकल रिसर्च (7)
- मैडीकल विज्ञापनों की बखिया उधेड़ने के मूड में (1)
- यात्रा संस्मरण (1)
- वरिष्ट नागरिक स्पैशल (1)
- ऐजुकेशन (12)
- स्वास्थय के प्रतिबिंब...हमारे दांत (38)
- हिंदी प्रिंट मीडिया में सबसे सबसे (8)
- का चित्र (8)
- सबसे-टिप्स (11)
- हैल्थ-न्यूज़ (13)
सेहत हज़ार नेमत कही गयी है। आप का और आपके अपनों का जीवन सुखमय बीते, इन शुभ कामनाओं के साथ यहीं विराम लेती हूँ।
धन्यवाद। नमस्ते।
(सबसे ऊपर का चित्र बीड़ी बुझईले से साभार )
बहुत ही महत्वपूर्ण विषय आधारित चर्चा......आभार कि आपके माध्यम से बहुत सारे उपयोगी लिंक प्राप्त हुए।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंचिट्ठाचर्चा पर गत सप्ताह व इस बार भी पोस्ट को पब्लिश करने में बहुत कठिनाई आ रही है, गत सप्ताह पोस्ट लिखी जाने के बाद ५-६ घंटे की माथापच्ची के बाद भी पोस्ट नहीं हो पाई तो दोपहर में अनूप जी उसे पब्लिश कर पाए. लगभग वही स्थिति इस बार भी हुई. रात्रि २ बजे पोस्ट तैयार हो जाने, सेव हो जाने के पश्चात ऐसी अड़ी कि पब्लिश होने का नाम ही न ले. अनूप जी प्रवास पर थे, तो अंत में संजय बेंगाणी जी ने उसे अपने कम्प्युटर से पोस्ट करने में सफलता पाई. तदर्थ उनकी आभारी हूँ. अब एडिट करने का जोखिम नहीं लेना चाहती, सो, परिवर्तन यहीं टिप्पणी में दे रही हूँ. कष्ट के लिए खेद है.
जवाब देंहटाएंकृपया पहले व दूसरे पैरा की पंक्तियों को सुधार कर यों पढें -
(३ स्थान पर "वहाँ" की अपेक्षा "व" अपेक्षित है)
- अल्पायु से ही देह व मन की पीडाओं
- क्रम में उलझा हुआ है व एक रोग को दबाते
- तथा सही ढंग व विधि से उसका उपयोग करे
जहाँ लिंक्स के शब्द गुंथे हुए-से हैं, उन्हें इस प्रकार पढ़ें -
- अस्थमा के रोगी का ई०टी०जी० परीक्षण से प्राप्त डाटा और निदान पश्चात की गयी चिकित्सा
डॉ डी. बी. बाजपेयी
- होम्योपैथी-नई सोच/नई दिशायें
डॉ. प्रभात टन्डन
- कफ दोष के रोगियों में कैल्सियम की अधिकता : High Calcium level in Kaphha Dosha Patients ; ई०टी०जी० तकनीक ने खोज निकाला : Latest discovery of the ETG टेक्नोलॉजी
विषयाधारित चर्चा एक अच्छा प्रयोग है. इस प्रयोग को आगे बढाने के लिये मेरा अनुमोदन स्वीकार करें.
जवाब देंहटाएंस्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण विषय है और चिट्ठाकार इस में काफी कुछ योगदान दे सकते हैं, अत: इस विषय को चर्चा द्वारा प्रस्तुत करने के लिये आभार!!
सस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info
"इसके कारणों की मीमांसा में यों तो बड़ा धैर्य व समय तथा लगन चाहिए ..." और इसका परिचय आपने इस सारगर्भित चर्चा में दे दिया है। इससे चिकित्सा जगत की ब्लाग गतिविधियों की भी जानकारी मिली। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंसच है सेहत हज़ार नियामत... आज की चर्चा में चिकित्सा से जुड़े कई ब्लॉग पढ़ने को मिले... आभार
जवाब देंहटाएंbahut hee badiya post hai shej kar rakh lee hai shubhkamnayen v aabhaar
जवाब देंहटाएंस्वास्थ पर अच्छी चर्चा .
जवाब देंहटाएंस्वास्थ्य पर अच्छी पोस्ट.... बुकमार्क करने योग्य
जवाब देंहटाएंस्वास्थयवर्धक चर्चा. :)
जवाब देंहटाएंस्वास्थ्य जैसे संवेदनशील मुद्दे पर संवेदनशीलता से की गयी चर्चा । इतने लिंक तो हैरत में डालने वाले हैं । आपके उद्यम को प्रणाम ।
जवाब देंहटाएंअतिशय उपयोगी विषयों की जानकारी कराने के लिए चर्चाकार को धन्यवाद.
जवाब देंहटाएं''सेहत हज़ार नेमत कही गयी है। आप का और आपके अपनों का जीवन सुखमय बीते, इन शुभ कामनाओं के साथ''
-ऋ.
सुन्दर! हम कल ट्रेन में थे लेकिन चर्चा पोस्ट हो गयी न! अति सुन्दर! संजय बेंगाणी नियमित पोस्ट करा करें जी!
जवाब देंहटाएं