चिट्ठाकारी समारोह के द्वितीय सत्र में गर्मागर्म बहस होनी है. अनामी/बेनामी/चिट्ठाजगत् के कुंठासुर/मठाधीश/ भाषा इत्यादि पर विचार विमर्श होगा. पर, इससे पहले चिट्ठाकारों को बहुत ही कठिन परीक्षण से गुजरना पड़ा. उन्हें अपना परिचय देना पड़ा. शुरूआत फुरसतिया ने की. उन्होंने अपना परिचय कुछ इस तरह से दिया – देखें यू ट्यूब वीडियो -
बाकी अभी चिट्ठाकारी समारोह जारी है. यशवंत अपना भड़ास निकाल रहे हैं, और लोग मगन होकर उनकी बात सुन रहे हैं. यकीन मानिए, सभा में पिनड्रॉप साइलेंस है. अगली रपट जल्द ही. यह वीडियो गाहे-बगाहे विनीत के रिलायंस नेट कनेक्ट के जरिए यू-ट्यूब पर चढ़ाया गया. उन्हें धन्यवाद.
अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंwaah yae haen net ka faydaa na hotey huae wahaan ham kuchh miss nahin kar rahey
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब रिपोर्टिंग.
जवाब देंहटाएंरामराम.
मंच की खाली कुर्सियां और भरी पानी की बोतल के साथ फ़ुरसतिया जी :)वाह क्या सीन है!!
जवाब देंहटाएंबढिया है...अगले अंक का इन्तज़ार है..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया! शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंहम तो बहुत दूर हैं फिर भी देख देख कर वही होने का सुख उठा रहे हैं...
जवाब देंहटाएंज़बरदस्त रिपोर्टिंग है भाई....
nice one!!!!
जवाब देंहटाएंएकदम ब्रेकिंग न्यूज की स्टाईल में :)
जवाब देंहटाएंबढिया!!