तो भैया ई है जिन्दा बोले तो लाइव रिपोर्टिंग हिन्दुस्तानी एकादमी से।
कल शाम ही रविरतलामी और अजित भाई आ गये हैं। रात कुछ और लोग आये और सुबह तमाम नामी गिरामी आये। कुछ फ़ोटो सोटो देखा जाये ताकि अन्दाज हो सके कि का गुल खिला रहे हैं ब्लागर भाई।
कोशिश तो यह है कि रनिंग कमेंट्री की तरह मामला आप तक पहुंचाया जाये। उधर कलकत्ता से शिवबाबू मेसेज किये हैं कि उनकी बीमारी की खबर बतायी जाये ताकि उनको दो-चार कमेंट और किलो दो किलो भाव मिले।
सुबह की चाय मसिजीवी, रविरतलामी ,अजित वडनेरकर के साथ पी गयी। चाय की दुकान पर दुकानवाले ने फोटॊ खींचते देखा तो लड़के को कहा कि ये बंद करवा देंगे।
वहां ही प्रमोद जी को याद किया गया और उनकी जमकर तारीफ़ भी कर डाली गयी। बेचारे नींद से जग गये होंगे।
यहां अभी हाल में लोग आ गये हैं। कुर्सियां भरनी शुरू हो गयी हैं। अब जाते हैं चाय पीने। मामला देखते रहिये। और तो सब होता ही रहियेगा।आनलाइन टिपियाइये भी।
अपडेट
चाय की दुकान पर पूरे अ्ट्ठाइस रुपये की चाय पीकर हम वापस हाल में आ गये। इस बीच ज्ञानजी पधार चुके हैं। अजित उनसे मिलते हुये अपने दिल्ली वापस जाने का जुगाड़ कर रहे हैं।
मनीषा पाण्डेय भी हैं। वे अपने मनोवैज्ञानिक के प्रोफ़ेसर के बारे में बता रहे हैं।
चाय की दुकान पर मीनू खरे जी, अरविन्द मिश्र, हिमांशु पाण्डेय ,मास्टर साहब प्रवीण त्रिवेदी, रविरतलामी, अनूप शुक्ल, अजित वडनेरकर ,मसिजीवी, गिरिजेश आदि-इत्यादि ब्लागर जमा हुये और चाय पीकर वापस हाल में वापस आ गये।
पहला सत्र शुरु ही होने वाला है। पहले सत्र में चिट्ठाकारी से संबंधित बातें बतायी जायेंगी।
सत्र का विषय है- हिंदी चिट्ठाकारी, इतिहास स्वरूप और तकनीक। इसके संचालन का जिम्मा है सिद्धार्थ त्रिपाठी का। इनकी किताब सत्यार्थ मित्र का भी विमोचन इसी उद्घाटन सत्र में होना है।
पकोडियो के दौर पर दोबारा पकड़ता हूँ आपको.. तब तक के लिए टिपण्णी संभालिये
जवाब देंहटाएंअरे मेरी चर्चा की गई है पर फ़ोटो घायब है वेरी बैड अनूप जी.......ऒनलाइअन टिप्पणी इलाहाबाद से।
जवाब देंहटाएंमज़ा आ गया यह सब देखकर, पर ये सब किया कब ? हमें बताया भी नहीं आप लोगों से साथ चाय पीने की तमन्ना मुझे भी है...
जवाब देंहटाएंपढ़ भी रहे हैं और देख भी रहे हैं जिन्दा रिपोर्टिंग। सुनने का कब?
जवाब देंहटाएंशुकुल जी नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंअगर जौनपुर में होते तो फोटो देखते हे इलाहाबाद पहुच जाते ,लेकिन का बताये :( बाकी लोगन का भी फोटो दिखा दीजिये लाइव रिपोर्टिंग में :)
चलिए हमारी तरफ से हर हर गंगे ,
देख-देख के मन मसोस रहे हैं....कल पहुंचने की कोशिश भी करेंगे...कितना मज़ा आ रहा है वहां..न पहुंचे तो हमारी चर्चा न करेंगे वहां?
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी प्रस्तुति बस इसी तरह हम लोगो का सबसे परिचय कराते रहिये ।
जवाब देंहटाएंहम तो हजारों लाखों मील दूर बैठे इलाहाबाद के पिछले सम्मिलन की याद कर रहे हैं और आप से व सिद्धार्थ से शिकायत भी|
जवाब देंहटाएंखैर शिकायतों पर मिट्टी डालने के काम में आप दोनों माहिर हैं ही|
एकेडेमी का हॉल देखकर कई स्मृतियाँ खिल उठीं|
एन्जॉय कीजिए, सम्मलेन से बढ़कर बाँधव-सम्मिलन का ही महत्व है|
वाह भाई आप ने तो चित्रो मे भारत दर्शन ही करवा दिया... पुराने दिन याद दिलवा दिये, बहुत सुंदर लगे सभी चित्र.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
@ कविता जी,
जवाब देंहटाएंअंतरिक्ष यात्रा पर हैं क्या ?
अच्छी प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया जी.
जवाब देंहटाएंरामराम.
चाय की दुकान और मिसिरजी व पांडेयजी गायब!:)
जवाब देंहटाएंचाय की दुकान पर टिप की जगह टिप्पणियाँ तो नहीं दे आए ब्लोगर ??
जवाब देंहटाएंचाय की दुकान वाले का भी एक ब्लॉग बनवा देना लगे हाथ।
जवाब देंहटाएंमन मसोसे देखे जा रहे हैं हम....
जवाब देंहटाएंबड़ी दूर से आए हैं
जवाब देंहटाएंचिट्ठे का तोहफ़ा लाए हैं
अच्छा लगा आप लोगों को एक साथ देखकर।
जवाब देंहटाएंachchhaa prayaas hai.
जवाब देंहटाएंvashini
mujhe pataa nahi chal paayaa varnaa main bhi to aataa naaaa.................
जवाब देंहटाएंkhair ye sammelan (mere jaise) ek mahaan ke anupasthiti men kaisaa hua hogaa-? theek hee rahaa hoga-!!!!! ab vistrit khabar photo sahit de daaliye.
ashesh badhaai...
anandkrishan, jabalpur
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