ब्लॉग पर अभिव्यक्ति की पूरी स्वतंत्रता की बात को ठोस ढंग से प्रस्तुत करते हुए अविनाश ने कहा कि ब्लॉगिंग तो शुद्ध रूप से कानाफ़ूसी को सार्वजनिक करने का माध्यम है. – अभी हर्षवर्धन अपना व्याख्यान पेश कर रहे हैं. उन्होंने क्या कहा – ये विवरण अन्य पोस्टों में बाद में पढ़े. तब तक पेश है सम्मेलन की कुछ चित्रमय झलकियाँ -
बोधिसत्व एवं आभा. आप दोनों के बेहद महत्वपूर्ण वक्तव्य द्वितीय सत्र में हुए.
मनीषा बेदखल पाण्डेय व ज्ञानदत्त पाण्डेय – इलाहाबादी पण्डों की जोड़ी
यूनुस खान, अजित वडनेरकर व मसिजीवी
खचाखच भरा सभागार
विनीत कुमार – कबीट (कैथा) खाते हुए
(सभी चित्र अजित वडनेरकर के कैमरे सौजन्य से)
फुर्सतियाजी और पाण्डेयजी भी पब्लिक में- तो मंच पर कौन????
जवाब देंहटाएंमस्त!
जवाब देंहटाएंअजित वडनेरकर जी का कैमरा तो कमाल का है। जिनका है उनके चित्र भी खींच लेता है।
जवाब देंहटाएंचलने दीजिये लाइव फ्रॉम इलाहाबाद , हम लोग बराबर नज़र रखे हुए हैं लेकिन फ़ोटो के अलावा भी कुछ बातचीत दीजिये । हम लोग भी अपना काम कर रहे हैं और नामवर जी क्या कहिन ? यह भी ज़रा विस्तार से आ जाये ,पूरी रपट का मज़ा फिर लेंगे । और इस खचाखच भरे हाल में ब्लॉगर्स के अलावा और लोग भी है ना ? यह ज़रूरी है । बाकी अजित भाई का कैमरा है ज़ोरदार हमरा भी सौभाग्य हो चुका है इससे फोटू खिंचवाने का । यह जिसके हाथ मे रहे बस उसीका फोटो नही खीचता ।-शरद कोकास फ्रॉम दुर्ग छ.ग.
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति
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जवाब देंहटाएंकाल्ह हमहूँ ऊहाँ देखे जा सकने को उपलब्ध रहेंगे,
हमको देखने वास्ते केतना टीकस लगेगा, ई तय करके आप बुकिंग सुरु कर दिजीए !
हम अजित वडनेकर जी के बगल वाली खाट पकड़ेंगे, आप छेंक रखियेगा ।
झुट्ठै सफाई नहीं न दीजिए के हमरा कैमरा नहिं यूज़ हुआ है । ई-71 वाले ई-मोबैल कैमरावा का धाँस के उपयोग किया जा रहा है, यहू लउक रहा है जी !
नामवर सिंह में का धरा है ! गुरु ज्ञानदत्त जी को बोलीए कि अपना गोड़ धो माँज के रक्खें, हम काल्हिन उनका गोड़ छू पायेंगे, आजकी प्रॉक्सी मास्टर साहेब से लगवा दीजिएगा जी । आगे ई टिप्पणी कम पोस्ट ज्यादा समझना जी ! बाकी जौन है सो ठीकै है !
अरे वाह वाह !!
जवाब देंहटाएंदेख कर ही मन इतना खुश हो रहा है...
वहां होने पर कैसा लगता ये सोच कर ही रोमांचित हो रहे हैं.....
बहुत बहुत बहुत धन्यवाद....
शानदार....
जवाब देंहटाएंवाह वाह..सारी पढी और देखी..यही लाईव है...
जवाब देंहटाएंपान्डे जी अच्छे लग रहे है :P
और भी बहुत सारे फ़ोटो का इंतजार है।
जवाब देंहटाएंचलिए बाकी सब तो छोड़ा पर ये जानने की अपने को घणी भारी उत्सुकता है कि ऊपर से चौथी फोटू में फुरसतिया जी टेढ़ी नज़र से काहे कैमरे में देख रहे थे? क्या उनको फोटूग्राफ़र की नीयत पर शक था कि फ्रेम में उनका फोटू लेने के बजाए किसी और का ही लिया जा रहा है? ;) :P
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