शुक्रवार, मार्च 09, 2007

पहली बार: अंतरिम चर्चा

यह बात किसको मालूम है कि चिट्ठा चर्चा पर तीन सैकडा पोस्ट हो चुकी हैं और उसका जिक्र भी नहीं हुआ होली की भंगयायि में.

आज आप सबको बधाई देना चाहिये क्यूँकि यह एक मील का पत्त्थर है.

अगर चर्चा को ध्यान रख कर किया जाता तो शायद हमारी टुन्नू ३०० वाली हिट होती.

मगर नहीं हुई, भांग की गल्ती!! यह हिट हो गई इस तीन सैकड़ा के आगे बहुत पोस्ट आ गई हैं और उनमें टॉप पर है:

डिंग डॉग.....जोश की जोशिली शुरावात

ऐसी बात नहीं है कि अन्य पोस्ट गैर जरुरी हैं, मगर बस इतनी सी गूजारिश है कि यह पोस्ट ज्यादा जरुरी है.

हमें काहे आँख दिखा रहे हो. कल संजय खुद मध्यान चर्चा में यही बात करेंगे, उनका भी तो महत्व है और उससे उपर अधिकार!!


अब अधिकार की बात चली है तो लिखने का सबको अधिकार है और इसी आधार पर हमारे फुरसतिया जी भी लिखें है बिल्कुल सुपर सधे अंदाज में. हम तो कायल हो गये उनकी कविता पढ़ कर:


वाह वाह!!!बाकि सब यूँ ही है.. हा हा.. बाकि आगे तो मिलबे करेंगे!!! हरि ओम!!

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3 टिप्‍पणियां:

  1. यह नयी परिपाटी भी ठीक है, समीर भाई. आप हमेशा कोई नया शिगूफा लाते हैं, इसका क्या राज है?

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  2. वाह, बधाई हो आपको तीसरा शतक पूरा करने के लिये।

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