नोटों में फोटो में देखा
जनता की वोटों में देखा
बरसों से है मौन ओढ़ कर
राजघाट में खादी देखा
लेकिन कैसीनो में तुमने
करते कभी मुनादी देखा ?
देखो किसने गाँधी देखा
नदियों पर के पुल टूटे हैं
ये किस्से सारे झूठे हैं
पुल तो तभी टूटते, लगता
रिश्ते कुछ नाजुक टूटे हैं
सच में वे ही पुल टूटे हैं
कौन बनाता टेंक तोप है
कहाँ बन रही हैं बन्दूकें
कौन उड़ा चढ़ कर विमान पर
किसने बन्द करी सन्दूकें ?
नमो दैव्यं , टेक्नोलोजी
इकहत्तर की कर लो बातें
किस्सा कुरसी का, बेमतलब
रोने की बजार में रातें
देख किसी को पछताओ मत
रह रह कर दिल को समझाना
दस्तक दो तो खुल जायेगा
भेद, टाक का लिंक लगाना
कहाँ गई आचार संहिता ?
कहाँ काव्य है कहाँ गज़ल है
और कहाँ पर उठा फावड़ा
फूलों की कट रही फ़सल है.
शब्द डायरी भले विदेशी
हिन्दुस्तानी यहाँ डायरी
आत्म विलोड़न करते करते
लगे गद्य में हुई शायरी
किरकिट वाली बात यहां पर
बाब वूल्मर और कानपुर
होम्योपैथी और कम्प्यूटर
और विपिन का नया नया सुर
नई धूप में नई मानसी
घुघुती के प्रश्नों के उत्तर
गीतकलश पर नई कामना
शुभ लेकर आया संवत्सर
आगे देखो तो पीछे भी
ये सब हमको गया बताया
नजर बची तो क्या क्या होगा
यही चित्र में गया दिखाया :-
कम शब्दों में विस्तृत चर्चा..यही तो है राकेश भई का कमाल!! बहुत खूब!! बधाई.
जवाब देंहटाएंसही है। फोटॊ भी अच्छा लगा!
जवाब देंहटाएंवाह! वाह!
जवाब देंहटाएंमुकर्रर! मुकर्रर!!