केरल ब्लॉग कैम्प के बारे में चन्द्रशेखरन नायर ने विस्तार से लिखा है कि किस तरह हाउसबोट पर मजेदार ब्लॉग कैम्प सम्पन्न हुआ. कैम्प का एक और विस्तृत, बेहद दिलचस्प, जानकारी पूर्ण वर्णन (अंग्रेज़ी में) पढ़ते पढ़ते एक कड़ी के सहारे मनमोहन सिंह के 123 कार्टून पर जा पहुँचा.
123 मनमोहन सिंह तो वाकई दर्शनीय हैं. एकदम क्लास - एक से बढ़कर एक. आपके चेहरे पर एक अदद परमानेंट स्माईली की गारंटी.
ब्लाग कैम्प की पोस्ट को पहले देख कर भी अनदेखा कर दिया था. शायद कुछ और ही समझ बैठा था.
जवाब देंहटाएंपर चिट्ठा चर्चा में इसे शामिल देखकर पढा और देखा. बहुत अच्छा लगा.
अगर छुट जाता तो शायद मलाल रहता. पर अब खुश हूँ.
आभार.
आपकी गारंटी पर एतबार करना सुखद रहा। सारे कार्टूनों को तो अभी नहीं देख पाया। जो देखा, उनमे उन्नी (इंडियन एक्सप्रेस वाले) और रविशंकर की कृतियां बेहतरीन हैं। हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंsahi hai guruvar...pakki garanti hai .
जवाब देंहटाएंइससे बड़ी चिट्ठाचर्चा तो इस चिट्ठाचर्चा के बारे में बताने वाली चर्चा थी http://chitthacharcha.blogspot.com/2008/08/blog-post_19.html कि शाम को लिखेंगे. यही लिख कर लाये हो पूरी शाम लगा कर. क्या सोचे थे कि सरदार खुश होगा--स्सबासी देगा!! हें.
जवाब देंहटाएंइत्ता सा लिखना था तो वहीं लिख देना था. एक पोस्ट की जगह और गई ब्लॉगवाणी से.
उनके जैसे बनने की चिट्ठाचर्चाकार जैसे जिम्मेदार व्यक्ति से आशा नहीं की जाती जो बेमतलब एक दिन में चार चार पोस्ट ठेलते है. देखते देखते आँख थक जाये, टिपियाते उंगली दुख जाये मगर वो ठेलते नहीं थकते. उनको तो खैर क्या कहना मगर यह तो जागरुक जिम्मेदार मंच है.
आईंदा बाद ऐसा मत करियेगा एवं नियमितता अति आवश्यक है, यह ध्यान रहे. :)
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जवाब देंहटाएंअच्छा लगा !