चिट्ठा चर्चा में आपका स्वागत है.. मैं कुश आपका प्रिय न्यूज़ रीडर हाज़िर हू पहली बार अपनी चर्चा लेकर.. आज के मुख्य समाचार इस प्रकार है..
कल ब्लॉगजीवन अस्पताल में एक ब्लॉगर ने टिप्पणियो के अभाव में दम तोड़ा, बताया जाता है की पिछले कुछ दिनो से वो अपने एक सुदामा नाम के सेक्रेटरी से परेशान थे और उसकी वजह से उन्होंने टिप्पणियो के अभाव में दम तोड़ा.. हालाँकि बाद में कुछ उत्साहित नवयुवको जैसे समीर लाल,बालकिशन ने टिप्पणिया डोनेट करने की इच्छा ज़ाहिर की मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी..
हालाँकि ये अनुमान लगाया जा रहा है की वो अपने ही एक साथी ब्लॉगर को जेंटल मैन की उपाधि देने से काफ़ी परेशान थे.. उन्होने इस बारे में अपने एक अन्य मित्र से बड़ी फ़ुर्सत में एक चिट्ठी भी लिखवा दी.. मगर फिर भी वी खुद को बचा नही सके...
उन महान ब्लॉगर की याद में चिट्ठा चर्चा ने एक पार्टी का आयोजन किया .. (देखे तस्वीरे)
आइए अब चलते है आगे की खबरो की तरफ..
हमारे कलकता के संवाददाता ने बताया की कल हावड़ा ब्रिज पर एक ब्लॉगर खुद को छोटा सा ब्लॉगर बता रहा था.. उस से ये पूछे जाने पर की बड़ा ब्लॉगर कौन है.. वो पतली गली से चंपत हो गया..
कलकत्ता से ही मिली एक दूसरी खबर के अनुसार ब्लॉगर शिव कुमार मिश्रा को अपनी ब्लॉग पर अफवाहे फैलाने के जुर्म में पुलिस हिरासत में लिया गया.. बताया गया है की वे खुद को बिना लिखित प्रमाण के सर्वाज़निक सभा में जेंटल मैन कहते हुए पाए गये..
वही आल इंडिया टीचर्स एसोशियन ने टीचर्स को पीठ-पीछे गालियां बोलने की कड़ी निंदा करते हुए.. बकलमखुद बिल्डिंग के नीचे बैठकर धरना दिया.. इस बीच चाय और पकोडियो का दौर चला..
हमारे विदेशी संवाददाता द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार राज भाटिया नाम के एक ब्लॉगर तमाम समझाइश के बाद भी नर और नारी में अंतर करते पाए गये..
कल दोपहर दिल्ली के फुट पाठ पर हाथ में तख़्ती लिए एक व्यक्ति चोर मार्केट का प्रोमोशन करता हुआ पाया गया.. पुलिस ने अभी उसे रिमांड पर ले रखा है
कल शाम ब्लॉगर समुदाय एक साँप को लेकर भी बहुत चिंतित दिखा..
वही ब्लॉग जगत में वैचारिक मतभेद की बात को झूटलाते हुए कल दो ब्लॉगरो ने लगभग एक ही विषयो पर अपने अपने लेख लिखे.. यहा पढ़िए
नामी गिरामी लोगो के साथ भेदभाव होता है - संजय बेंगाणी
मुसलमानों को घर क्यों नहीं मिलता? - ग़ुस्ताख़
आइए अब चलते है मौसम की जानकारी की तरफ..
ब्लॉगजगत में पंद्रह अगसत और रक्षा बंधन पर लिखी जाने वाली 156 पोस्ट के बाद अब उस बारे में लिखा जाना थोड़ा थोड़ा कम हुआ है..
मुशर्रफ़ के पद से हटने के बाद अगले कुछ दिनो उसी बारे में पोस्ट आने के संभावना है..
हमेशा की तरह इस बार फिर हमारे विशेषज्ञों का पूर्वानुमान विफल रहा और उन्होने कहा की समीर लाल जी की टिप्पणिया कभी भी आपकी ब्लॉग पर आ सकती है..
अब चलते है कुछ सवाल जवाब के दौर की तरफ.. (जब हमने पूछे सवाल तो पोस्ट टाइटल कैसे बने उनके जवाब आइए देखे)
प्र : बड़े होकर आप क्या बनॉगे बेटा?
उ: मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहता हू..
प्र:क्या कुछ ऐसा है जिसे पाने की लालसा जीवन भर रहेगी
उ : प्रतिक्रियाए जो टिप्पणी में नही मिलती
प्र: हमारा नेता कैसा हो
उ : तस्कर जैसा हो
प्र : बोलो बेटा दहेज में क्या लोगे?
उ : बचपन के दिन (पान वाले की दुकान और सुरीले गाने)
प्र: अरे ओ साम्भा! आज क्या लाया लूट कर?
उ : इश्क़, मुश्क आग का दरिया और छापामार सेना
प्र: क्या देखते ही मुँह में पानी आ जाता है
उ : मंदाकिनी झरना - अरे वही मंदाकिनी 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म वाली
इसी के साथ आज की चर्चा यही समाप्त होती है.. सभी ब्लॉगर मित्रो से क्षमा याचना सहित,
फिर मिलेंगे तब तक के लिए नमस्कार!
अरे वाह, शानदार च जानदार। छा गये गुरू। मजा आ गया। खासकर ये : कल हावड़ा ब्रिज पर एक ब्लॉगर खुद को छोटा सा ब्लॉगर बता रहा था.. उस से ये पूछे जाने पर की बड़ा ब्लॉगर कौन है.. वो पतली गली से चंपत हो गया.
जवाब देंहटाएंहमारा वन लाईनर -
जवाब देंहटाएंआपका क्या कहना है? - ना जी ना, आज हम कुछ नहीं कहेंगे.. हमरे चिट्ठे का चर्चा तो हियां हुआ ही नहीं.. :)
Kush, swagat hai blog readers ki jamaat me, charcha ka andaaj aur aagaj dono hi shandaar reha, ab bus aaj ka din apne naam hi kar lo. Humare bujurg reader ;) ko thora fursat mil jaayegi.
जवाब देंहटाएंगजब भई, बहुत खूब!!! आये और छाये वाली तर्ज में प्रवेश किया है, बहुत बधाई. अब नियमित रहो. हफ्ते में कम से कम तीन दिन. बहुत शुभकामनाऐं.
जवाब देंहटाएंबड़े दिनों बाद आज कुछ ब्लॉग पढने का समय मिला, अभी बहुत बाकी हैं. और इस चर्चा से अच्छी जगह क्या हो सकती है.. छूटे हुए की ख़बर लेने की.
जवाब देंहटाएंहमें कुछ नहीं कहना। हर कहे का प्रश्न बन जाता है।
जवाब देंहटाएंwaah kush jee,chha gaye ,mahfil loot li..
जवाब देंहटाएंसही सुंदर अंदाज़ है यह भी आपका :)
जवाब देंहटाएंशुक्रिया कुश प्रस्तुतीकरण अच्छा रहा ....बस अनूप जी की तरह अगर एक दो टिपण्णी ओर लेख के कुछ अंश भी दे देते तो ओर मजेदार हो जाता ......प्रयोग अच्छा है.......हमें भी ये खास पसंद आया .....
जवाब देंहटाएंहमारे कलकता के संवाददाता ने बताया की कल हावड़ा ब्रिज पर एक ब्लॉगर खुद को छोटा सा ब्लॉगर बता रहा था.. उस से ये पूछे जाने पर की बड़ा ब्लॉगर कौन है.. वो पतली गली से चंपत हो गया..
छा गए भैया...
जवाब देंहटाएंवाह भाई वाह, छा गए हैं आप।
जवाब देंहटाएंबस, इसी तरह कम से कम हफ्ते में एक दिन तो जमें रहिए....
शुभकामनाएं...
बुरी बात है जो हमारे बिना अकेले अकेले पार्टी कर ली
जवाब देंहटाएंexcellent....bas party par nahi bulaye jaane ka thodaa saa gam hai.
जवाब देंहटाएंOverall...ek safal prayas
ओये गुरु, छा गए गुरु छा गए...लगा जैसे चिट्ठाचर्चा टीवी पर देख रहे हैं....मैंने तो पहले भी कहा है...एक बार फिर से कह रहा हूँ.... बड़े आईडियावान हो कुश.
जवाब देंहटाएंअब इसे जारी रखो.
bahut hi mazedaar samachar satra..
जवाब देंहटाएंbahut mazaa aaya...
waah ji waah....alrounder ho kush aap to. chhaa gaye. achcha laga samachar darshan.
जवाब देंहटाएंmatlab kushbhai...ye khayal aate kahan se hain? har baar aur lijjat hoti hain...maza hi kuchh aur hain aap ko padhne ka...
जवाब देंहटाएंचर्चाकार मंडली में आपका दिली स्वागत है.
जवाब देंहटाएंkush..tumhara jawab nahi.....job chodo ...aur ise hi apna career bana lo.....
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंकुश है, जहाँ.. अनोखापन है, वहाँ..
आनन्दम आनन्दम, लेकिन ..
खुल के .. और खोल के लिखो, भाई कुश !
बालकिशनी बेशर्मी और शिवकुमारिया लपलप परोसने का..
तुम्हारा अंदाज़ भला लग रहा है ।
यहाँ पर थोड़ी सी लिहाज़ की बू आती प्रतीत हो रही है..
इस हम्माम में सभी ब्लागर हैं, भाई..
ई टिप्पणी में हम तो, भाई आज सीमा उल्लघंन करेंगे..
स्वामी-संहिता बाद में देखेंगे..
यह मौज़ चलने दो
भोली सी मीता जी..
जरा अपनी टिप्पणी को संशोधित कर लें..
लगता है, कि स्वामी संहिता से परिचित नहीं हैं..
... job के बाद वाली स्पेलिंग ठीक करें,
मेरे दिमाग की गंदगी इसका कुछ अनर्थ कर रही है..
अन्यथा न लेना, बिट्टो !
पहली बॉल पर छक्का मारा है। अब डटे रहियेगा।
जवाब देंहटाएंnaya blog nayi baaten
जवाब देंहटाएंaur ham as usual late
but aa hi gaye
achha laga ye naya experience bhi
bhai sahab ..hum to aap ke shukraguzar hai ke aap ne hujme apne dil ,me jagah di ...acchi ya buri ...shukriya sir ..
जवाब देंहटाएंकुश जी बहुत ही बड़िया न्यूज चैनल है ये, मजा आ गया,टिप्पणियं का भी मजा आया, खास कर अमर कुमार जी की टिप्पणी समझने में थोड़ा टाइम लगा लेकिन जब समझे तो हंसे बिना नहीं रह सके।
जवाब देंहटाएंअरे वाह कुश जी आपने तो कमाल कर दिया। बहुत ही धाँसू लगा।
जवाब देंहटाएंतो अब कॉफी के साथ-साथ समाचार भी पढने को मिलेगा। भाई वाह।
कुश भाई मुझे बचालो (तमाम समझाइश के बाद भी नर और नारी में अंतर करते पाए गये..)मुझे पुलिस से बहुत डर लगता हे, सुना हे पत्ता नही कहां कहां मारती हे, ओर अब जो अब जो समझाओ गे हम समझ जाये गे, ओर इस नर नारी के चक्कर से दुर रहेगे.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर हे आप का यह समाचार पत्र, धन्यवाद
धत् तेरी की, मुझे इसी चर्चा में देर से पहुँचना था? इतना बड़ा मजा तो ‘मिस’ ही कर गया होता अगर अनूप जी ने आज की चर्चा में इसका लिंक नहीं दिया होता।
जवाब देंहटाएंकुश भाई, आप वाकई हिन्दी ब्लॉग जगत का नगीना हो... खूब फलो-फूलो।
डॉ.अमर कुमार का खिलन्दड़ापन तो बरसात के मौसम में होली का सऽरऽरऽरऽ याद दिलाने वाला हो गया ... जमाये रहिए जी ऐसी ही दिमागी गंदगी..
कुश जी बहुत बढ़िया पोस्ट,मैंने आज पढ़ी,आपकी लेखन शैली तो अद्भुत और अनोखी हैं,बहुत बहुत बहुत बहुत अच्छा लिखा हैं आपने .बहुत मजा आया पढ़कर .
जवाब देंहटाएंचिट्ठा चर्चा में ये मेरा पहला प्रयास था.. जिसे आप सभी ने सराहा इसके लिए आप सभी महानुभावो का बहुत बहुत धन्यवाद..
जवाब देंहटाएंआशा है भविष्य में भी आपका आशीर्वाद यूही बना रहेगा.. एक और बार बहुत धन्यवाद आप सभी का..