बुधवार, अगस्त 27, 2008

इस बार की चिटठा चर्चा कुश की कलम से..

नमस्कार,
मैं कुश आपका प्रिय न्यूज़ रीडर स्वागत करता हू आपका चिट्ठा चर्चा में .. मेरी पिछली चर्चा को आप सभी ने सराहा उसके लिए आप सभी को हार्दिक आभार व्यक्त करता हू..

आइए अब चलते है ताज़ा समाचारो की तरफ

पिछले दिनो हमने आपको बताया था की किस प्रकार एक ब्लॉगर ने टिप्पणियो के अभाव में दम तोड़ा.. लेकिन इस बार हुआ एक चमत्कार.. कल शाम पंगेबाज जी के अंतिम संस्कार के उपलक्ष में एक कवि सम्मेलन का हर्षोल्लास से आयोजन किया गया.. इस अवसर पर कुछ सिर्फ़ अपनी नज़रो में महान ब्लॉगरो ने कविता पाठ किया.. लेकिन कुछ कवियो का नंबर आने से पहले ही महान आत्मा पंगेबाज की लाश में जान आ गयी.. और वे उठ बैठे.. कलकता निवासी शिव कुमार मिश्रा द्वारा इस पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी देखिए यहा पर..

इन दिनो टिप्पणी नही मिलने से जहाँ कुछ ब्लॉगर परेशान दिखे.. वही कुछ उत्साहित टिप्पणीकार एक टेस्टिंग पोस्ट पर भी टीपियाते हुए पाए गये..

हमारे जयपुर के संवाददाता ने बताया की ब्लॉग जगत का एक लोक प्रिय किरदार 'सुदामा' अब अभिषेक जी के कार्टून में भी देखा गया.. खबर मिलने तक महॉल में अफ़रा तफ़री रही.. लोग दूर दूर से कार्टून में सुदामा को देखने आते रहे..उस कार्टून की पहली तस्वीर आप देख सकते है सिर्फ़ हमारे चैनल पर..




जयपुर से ही मिली एक और खबर के अनुसार वहा की एक ब्लॉगर आइ फोन की वाट लगती हुई पाई गयी.. सूत्रो से पता चला है की आइ फोन के इंडिया में ना चलने की वजह से उनके मालिको ने अब एप्पल का ठेला लगाने की सोची है..

हमारे अस्सी साल के एक युवा ब्लॉगर को पुलिस ने धर दबोचा, बताया जाता है की वे बिना लाइसेंस के प्रेम कविता करते पाए गये.. हालाँकि पुलिस ने उन्हे दोबारा ये हिमाकत ना करने की वॉर्निंग देकर छोड़ दिया है..

अभी अभी मिली एक ताज़ा जानकारी के अनुसार अजीत जी अपने साथ 'जाफरन' को लेकर शब्दो के सफ़र पर चल रहे थे.. लेकिन बीच में टोल टॅक्स नही चुकाने की वजह से उनकी गाड़ी को सीज कर लिया गया है..

वही टिप्पणी ना मिलने से परेशान दो ब्लॉगरो ने टिप्पणी नही करने का फ़ैसला लिया है और वे एक साप्ताह का टिप्पणी अवकाश लेकर होलू लू लू चले गये है.. जाने से पहले हमारे संवाददाता ने जब उनसे पूछा की आप क्यो जा रहे है तो उनका कहना था की हम टिप्पणिया करते है पर हमे कोई नही करता.. हालाँकि सी बी आई जाँच के रिपोर्ट में उनकी टिप्पणिया कई नज़र नही आई है..

क्या उन ब्लॉगरो की टिप्पणिया आपको मिलती है? इस का जवाब हमे भेजिए एस एम एस के द्वारा.. आप अपने मोबाइल फोन पे हा या ना लिख कर हमे भेजे इस नंबर पर.. नाइन एट टू नाइन ज़ीरो.. रजनी गंधा डबल ज़ीरो.. और यदि आपके फोन में बेलेन्स नही है तो कोई बात नही आप अनूप जी के मोबाइल नंबर पर मिस कॉल भी दे सकते है.. वो आपको पलट कर कॉल कर लेंगे..


आइए अब चलते है मौसम की जानकारी की तरफ..

कल दोपहर बिना सर पैर की टिप्पणियो की आँधिया चलती रही..

बहुत दिनो बाद आसमान सॉफ रहा बाल किशन जी और समीर जी दोनो की ही टिप्पणिया नज़र नही आई..

विशेषज्ञों का अनुमान है की ये तूफान से पहले की शांति भी हो सकती है..



आइए अब चलते है बाज़ार की खबरो की तरफ..

टिप्पणियो का सूचकांक कल शाम 11217.50 तक रहा.. समीर जी के शहर में ना होने की वजह से इसमे 3 फीसदी गिरावट आई है..

महँगाई की वजह से घर का बजट भी हुआ बंटाधर.. लोग अपनी टिप्पणियो में भी शब्द कम करते दिखे..


आइए अब चलते है सवाल जवाब की ओर.. जब हमने किए सवाल तो पोस्ट शीर्षक कैसे बने उनके जवाब आइए देखते है..

प्र : आख़िरी बार सबसे महँगी किताब कब और कौनसी खरीदी थी?
ऊ : शामिख फराज की लघुकथा : दस रुपए

प्र : टिप्पणियो के बारे में आपका क्या ख्याल है?
ऊ : आइ एम लविंग इट

प्र : ओलंपिक में कौनसा खेल शामिल करना चाहिए?
ऊ : खेल अंगुली करने का...

प्र : ताऊ कुछ दिनो से नज़र क्यो नही आ रहे?
ऊ : ताऊ ने पढा एक भूत का ब्लॉग

प्र : बताइए कैसा लगा आपको मथुरा का पेड़ा?
ऊ : धत्त ! ये तो बालूशाही है

प्र : हिमेश रेशमिया के नये एलबम का नाम क्या है?
ऊ : ध्रुपद एक समृध्द गायन शैली

प्र : राहुल उपाध्याय जी की पोस्ट कैसी थी इस बार?
ऊ : बहुत घटिया, बड़ी अधपकी सी

प्र: ब्लॉग पर अनाम टिप्पणिया कौन करता है?
ऊ : मैं

चलते चलते अहमद फ़राज़ साहब को चिट्ठा चर्चा की और से हार्दिक श्रद्धांजलि.. पढ़िए कुछ पोस्ट जिनमे उनके बारे में लिखा गया है..

अहमद फ़राज़ (1931 - 2008) : इक शायर अलहदा सा जिसकी कलम अमानत थी आम लोगों की...
श्रद्धांजलि: अब न वो मैं हूँ न तू है न वो माजी है 'फ़राज़'
अलविदा!! अहमद फ़राज़

इसी के साथ आज की चर्चा यही समाप्त होती है.. सभी ब्लॉगर मित्रो से क्षमा याचना सहित,

फिर मिलेंगे तब तक के लिए नमस्कार!

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19 टिप्‍पणियां:

  1. फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं।
    :
    ye tumhari post ke niche nahi jachta...isliye pahli tippani meri .... fir se vahi apne andaz mein chaye hue ho.....tumhara to naya naam bhi mil gaya....kush newsreader .... jitni achchi blogging...utni hi badhiya newsreading....ye kabhi apni aawaz mein bhi yahi daal do... :)

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  2. बहुत दिनो बाद आसमान सॉफ रहा बाल किशन जी और समीर जी दोनो की ही टिप्पणिया नज़र नही आई..

    Bahut Badhiya....Chhaye rahiye jee!

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  3. वधिया लिखा है जी हाले चिटठा :)

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  4. महंगाई की मार हमारे ब्लाग पर भी पड़ी, कोई टिपियाने नहीं आया। वैसे सही आंकलन रहा।

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  5. वाह भाई कुश साहब ! बधाई हो
    आपके "बोल्ड एंड ब्यूटीफुल" अंदाज
    के लिए ! बहुत बढिया !

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  6. कुश जी, जिसका जिक्र कार्टूनिस्ट अभिषेक जी ने किया है और जिसे आप सुदामा समझ रहे हैं, असल में वो मैं नहीं हूँ.

    वो मेरा जुडवा भाई है.

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  7. बहुत सुंदर। सवाल जवाब राउंड तो जबर्दस्‍त है।

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  8. बहुत अच्छे समाचार रहे....इस वर्ष के सर्वोत्तम समाचार वाचक का खिताब कुश के नाम...

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  9. बहुत दिलचस्प पोस्ट है भाई....
    जयपुर प्रवास के यादगार लम्हों में आप के संग काफी की चुस्कियों वाले लम्हें भी शामिल हैं...
    नीरज

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  10. कुश जी इस अच्छी सी चिठ्ठा चर्चा के लिए बधाई.अगर हिमेश रेशमिया जी के नए अलबम का नाम "ध्रुपद एक समृध्ध गायन शैली " हो जाए तो मैं भगवान को पॉँच किलो मिठाई का प्रसाद चढाऊनगी :-)

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  11. बेहतरीन झकाझक चर्चा-जारी रहो. इन्तजार करेंगे.

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  12. Bahut jaandar, sabse umda rahi ye line-

    टिप्पणियो का सूचकांक कल शाम 11217.50 तक रहा.. समीर जी के शहर में ना होने की वजह से इसमे 3 फीसदी गिरावट आई है..

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  13. :--: आइ एम लविंग इट 2 !!
    LOL Really Wonderful ...
    well done jee ...
    &
    हिमेश रेशमिया ध्रूपद के
    " ध्रू..ध्रू ..." पर
    आकर अटके हुए हैँ अम्माँ ..
    कोई फँसे हुए को निकालो जरा ...
    बहुत बढिया अँदाज़ रहा आपका
    कुश जी ..
    आप ने "चिठ्ठा चर्चा " को एक "खुला आकाश " और
    " नई दिशा " दी है
    ताज़ी हवा का झोँका
    यूँ ही बहता रहे !!

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  14. चिट्ठा चर्चा बांच के
    खिलगई उनकी बांछ
    जिनकी पोस्ट न पा सकीं
    कभी टिप्पणी पाँच...?
    "सच आपकी मेहनत को किस कदर कैसे कितना सराहूं सोच भी नहीं पाता"
    बेहतरीन ब्लॉग-समीक्षा के लिए आभारी हूँ

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  15. कुश का ख़याल जितना खूबसूरत है, चिठ्ठा चर्चा का अन्दाज भी उतना ही बेमिसाल है। जमाए रहिए जी...

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  16. होनो लू लू से लौट आए माई बाप !कहिये क्या आदेश हैं ..आप बडो बडो को काफी पिला दीजिये जब छुट भैयों की कतार लगे तो इस भिखारी को भी पहचान लीजियगा !पानी तो खैर आपने पिला ही दिया है .बड़ों को काफी और छोटों को पानी --कैसे कोई अदना आदमीं हिमाकत कर सकता है आप तक फटकने का !

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