शाम के १९:४८ बज गए। फ़ुरसतिया जी सोच रहे थे कि पिछली बार तो इस आर्य पुत्र से लिखवा के खुद को धर्म संकट में डलवा दिया था, आज तो इसने अब तक कुछ लिखा ही नहीं। क्या करूँ, लिखने को कहूँ कि न कहूँ? यही सब सोचते हुए अपना चबेना चबा रहे थे।
और इधर यह उधेड़बुन थी कि आखिर आज क्या पकाया जाए, हर बार तो खिचड़ी दे के टरकाया नहीं जा सकता है।
तो सोचा क्यों न तकनीकी चर्चा कर डालें? इसी बहाने दशमलव, और द्विलव की भिड़ंत भी हो जाएगी।
1 सवा सौ रुपए की किताब छापी है रश्मि बंसल ने।
10 फ़ोन पर एक नए गपोड़ी को बिठाया जा रहा है, कैसा है गपोड़ी पता चलेगा कुछ समय में।
11 चिट्ठे पर छपाई करने का नायाब तरीका भी जान लो।
100 विंडोज़ ऍक्स पी मई २००९ तक उपलब्ध रहेगा। भई अपने लिए तो दस रुपल्ली में और भी लंबे समय तक रहेगा।
101 फ़ायर्फ़ाक्स में चीज़ें चिपकाने के लिए चाहिएँ तो यहाँ से उठा लें। कूलिरिस, क्लीकी, श्लीकी, फ़्लीकी आदि इत्यादि।
110 माइक्रोसॉफ़्ट विद वन खोज में कुछ खेला चल रहा है।
111 फ़ेस्बुक, ऑर्कुट हिंदीमय हो गए। खुश हों या दुःखी, कि अपने माल हम खुद न बना पाए?
इस प्रकार 111 चिट्ठों की चर्चा संपन्न हुई।
इस दोयम दर्ज़े की चर्चा पढ़ कर फ़ुरसतिया जी ने सोचा, कि यह आर्यपुत्र है या दोयम पुत्र? पर वह इस बात पर निश्चिंत हो गए थे कि आर्य कहीं बाहर से नहीं आए थे, बल्कि भारत की ही उपज थे। ऐसे लोग बाहर के हो ही नहीं सकते।
10 आवश्यक संदर्भ
1 विभिन्न अंक प्रणाली
10 फ़ुरसतिया का आह्वान
बहुत सही, मज़ा आ गया. इतिहास में एक नया तथ्य.
जवाब देंहटाएंएक और एक ग्यारह, और एक, एकसौग्यारह। ये तो अधिक हो गए।
जवाब देंहटाएंबहुत नया सोचकर इतना सब जमा किया है, अरे! जमाख़ोर नहीं कह रहा हूँ, तारीफ़ है भई!
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जवाब देंहटाएंआज भरपूर तकनीकी सामान लाद कर ले जा चुका हूँ !
आई-गूगल का विकल्प बेहतर है !
अपुन के स्वयंभू ताऊ कहाँ हैं ?
111.. पर
यह तो राज्य एवं केन्द्र सरकारों की अपने योजनाओं
की उपलब्धियाँ जताने वाली गिनती है..
यह कहाँ हाथ लग गयी ?
भाई पोस्ट का शीर्षक पढ़कर तो लगा कि आज चिटठा चर्चा पढने में काफी वक्त लगेगा यानि कि झेलना भारी पड़ेगा लेकिन पोस्ट की साइज़ देखने के बाद राहत मिली |
जवाब देंहटाएंखैर तकनिकी सामान से लदी आज की चर्चा भी अच्छी रही !
सही है जी , तकनीकी चर्चा तो binary system में ही होनी चाहिए .
जवाब देंहटाएंहम शीर्षक देखकर सोचे कि आज तो 111 चिट्ठे शामिल हो गए लगते हैं . पर देखा तो सिर्फ 111 ही मिले :)
तकनीकी चर्चा बेहतरीन रही. कम से कम १११ लोग तो इस उम्मीद मे पढेगे ही उनकी पोस्ट पर क्या चर्चा हुई है ,
जवाब देंहटाएंउडन तश्तरी में चबेना! हम तो समझ रहे थे कि फुरसतियाजी फुरसत से डिनर दबा रहे होंगे पर यह क्या कि बेचारे चबेना चबा रहे हैं। हम तो ब्लाग पर आ-आकर देख रहे थे कि आज क्या पका है पर बर्तन खाली के खाली !!
जवाब देंहटाएं>यह दोयम पुत्र की नेलसन आइ गिनती तो बडी फास्ट है। लगता है बडी जल्दी बडा ब्लागर बन जाएगा!!:)
वाह, मैं 9-2-11 के दिमाग का लोहा यूं ही नहीं मानता! बढ़िया चर्चा।
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