तो हुआ भैया ये कि सुबह जब चर्चा पोस्ट करी तो मार लोगन ने हल्ला मचाया हमारी भी चर्चा करो। हम नये क्यों न हुये।
हमारी फोटू काहे नहीं लगाते।
- honeytrap:ई भी कोई नाम है अतित मिश्राजी
- जरा मेरी भी सुनिए :सुन रहे हैं भाई नटवर सिंह राठौड़
- एहसास : पूर्वी शुक्ला के
- टूम10 :टूम बोले तो गहना, आभूषण
- घायल दिल :अरुण सक्सेना का
- नार्मदेय ब्राह्मण समाज: गिरीश बिल्लोरे 'मुकुल’ का
- देवेन्द्र नेताम: एक छोटे से गांव से हैं
- अनजाना शहर, अजनबी लोग:अशोक का ब्लाग
- खरोंचे: वीरेन्द्र राय की
- मुन्डेतीवाला:देवेन्द्र कैरवान का ब्लाग
- गप्पें लड़ायेंगे:सुरेन्द्रजी के साथ
यह भी सोचा कि आज जो नये चिट्ठाकार जुड़े उनके ब्लाग लिंक देकर बाकी लोगों का भी फ़र्माइशी कार्यक्रम कर दिया जाये।
आज कुल ११ चिट्ठे जुड़े। जुड़ने वालों में एटा १८ साल के नटवर सिंह राठौड़ से लेकर हमारे कानपुर के ६१ साल के सुरेन्द्रजी तक जुड़े।
20 साल के देवेन्द्र नेताम तो साफ़ कहते हैं- मैं बहुत ही सीधा हूं और मुझे दिखावाबाजी अच्छा नहीं लगता। हमें भगवान ने जैसा बनाया हम वैसे ही ठीक हैं।
रोशन बोले सुबह:
ये अच्छी बताई आपने हम भी नया ब्लॉग बना के जल्दी फोटू छपवाते हैं
ये समझ में नही आ रहा कि पहले ब्लॉग बनाये या पहले फोटो खिंचवायें
फोटो अच्छा भी तो होना चाहिए न
तो भाई रौशन ब्लाग तुम्हारा बना ही है। फोटॊ अब काहे खिंचाओगे। ये वाली है ही। हमने छाप भी दी। कैमरा हमेशा इत्ता सहयोगी रुख नहीं दिखाता।
प्रशान्त प्रियदर्शी बोले:
हाये राम.. अनूप जी, आप तो गजब ढ़ाये हुये हैं.. हम कल ही उफ्फ-आऊच कर रहे थे और आज ही आपने मुझे चिढ़ाने के लिये मेरे बहुत ही अच्छे मित्र अमित कि तस्वीर सबसे ऊपर लगा दिये.. अब वो साला मेरे को घर जाकर चिढ़ायेगा.. :( अजी वही टोपी वाले भैया जिनकी तस्वीर सबसे ऊपर है.. :)
हद है भाई.. अब हमऊ जाते हैं नया चिट्ठा बनाने.. बस आपको ये वादा करना होगा कि मैं जितने चिट्ठे बनाऊंगा हर बार मेरी तस्वीर यहां होगी.. :D
प्रशान्त प्रियदर्शी की फोटॊ देखकर तो ऐसा लगता है जैसे कोई दूल्हा राजा जयमाल के इंतजार में बैठा हो। फोटॊ शानदार है। अब भी खिंचवाने का मन है? अब बताओ इसके आगे अमित का क्या तो फोटॊ जमेगा?अभी फ़ोटॊ कहां खिंचवाओगे? चेन्नई में बारिश बंद हो गयी क्या?
और फ़िर आये गौतम राजरिशी। एक ऊ गौतम हुये जो अपनी मेहराऊ और बच्चे छोड़ गये। और एक हमारे ब्लागर भाई हैं जो फोटॊ और ब्लाग का मोह न छोड़ पा रहे हैं। वैसे गौतमजी ने बड़ी धांसू रचना पेश की थी कुछ दिन पहले:
सीखों आंखे पढ़ना साहिब,
वर्ना मुश्किल होगी साहिब।
अब हमारी मुश्किल भी समझो साहिब। इससे ज्यादा टाइप करने का मन नहीं है हमारा। आप लगा लिये ताला। आपके नामाराशि बुजुर्गबार हजारों साल पहिले अपना परिवार बिना ताले के छोड़ आये थे और आप अपने ब्लाग पर ताला सटाये हैं। अच्छा है।
कार्तिकेय मिश्र का फोटॊ देखकर तो ऐसा लगता है जैसा कि भैया राजेश खन्ना और देवानन्द का समर्थन लेकर अपने चेहरे की सरकार बनायें हैं। क्या तो धांसू च फ़ांसू अदा है। मजा आ गया देखकर और पढ़कर कार्तिकेय को। और अब जब डा.अनुराग कह दिये तो किसकी हिम्मत जो मना करे। धर देंगे एक धांसू त्रिवेणी डा.साहब। कार्तिकेय लिखते रहें नियमित तब है मजा असली बरेली वाला। कार्तिकेय को इहलाम सा हुआ है जो वे कहते हैं:
लखनऊ की आब-ओ-हवा लगी तो बिगड़ गया. माँ-बाप की आशाओं पर पानी फेर कर यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी के एक प्राइवेट कॉलेज में बी.टेक. तीसरे वर्ष में ज़िंदगी के कीमती पल जाया कर रहा हूँ. ज़िंदगी के जुम्मा-जुम्मा बीस-एक साल जिए हैं, लेकिन बातें बूढ़ों की तरह करने का शौक है. शायद बेवकूफी इसी को कहते हैं....
शाश्वत श्रीवास्तव’जमाल’ कहते हैं:
कल जाने क्यूँ चाँद सारी रात इतराता रहा,
कल रात माहजबीं को मैं चाँद दिखलाता रहा|
हसरत-ऐ-दिल था की छू लूँ उनके नाजुक लब मगर,
देख उनकी सादगी मैं हाय शरमाता रहा|
रात सारी काट दी देखता रहा उन आंखों में,
और यार मेरा जाने क्या मुझको समझाता रहा|
अब बचे ज्ञानजी। हिंदी ब्लाग जगत उनका आभारी है। उनके सौजन्य से ब्लाग जगत को चार ठॊ क्यूट से पिल्ले मिले। वे भी लिखते हैं:
हम भी नया ब्लॉग बनाने की सोच सकते हैं - बशर्ते सुकुल प्रॉमिस करें कि हमारी नॉन फोटोजिनिक फोटो प्रॉमिनेण्टली लगा देंगे।
नये ब्लॉगर्स को बराबर का ठेलने के लिये आप बधाई के पात्र हैं।
अब ज्ञानजी हम फोटॊ के बारे में क्या कहें? कैमरा आपकी फोटॊ जानबूझकर खराब नहीं करता होगा। ऊ शेर कहा गया है न-
कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी,
यूं ही कोई कैमरा फोटॊ खराब नहीं खीचता ।
देखिये आपकी कित्ती तो अच्छी घणी स्मार्ट सी फोटॊ आयी है। अब तो खुश? यह फोटो इस पोस्ट पर परमानेन्टली रहेगी।
बकिया फ़िर। शुभरात्रि। विवेक लगे हैं चर्चा में। सुबह देखियेगा उनका धमाका। यह फ़रमाइशी फोटॊ कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है।
ढिंचक फोटो चर्चा ! तुष्टिकरण हो रहा है :)
जवाब देंहटाएंनये लोग कमाल दिखा रहे हैं और आप उन्हें अपना जादू, वाह!
जवाब देंहटाएं---------------
चाँद, बादल और शाम
http://prajapativinay.blogspot.com/
तुष्टिकरण नहीं ये टिप्पणीकारकों के लिये फ़रमाइशी कार्यक्रम है विवेक। समाप्त हुआ। आगे का कार्यक्रम अब तुम पेश करो।
जवाब देंहटाएंअनूप जी हमने भी नया फ़ोटू लगाया है उस पर भी नज़र डाल देते तो क्या बिगड जाता,खैर अब जब भी मौका मिले हमारे फ़ोटू का भी खयाल रखना।
जवाब देंहटाएंये पोस्ट देख कर पता चला कि आसुंओं की भी बहुत उपयोगिता है। जो जित्ता जोर से रोयेगा उतनी जल्दी उसकी सुनवाई हो जायेगी। सब की फ़ोटू बड़िया आई है और आप का कानपुर तो खूब हरा भरा दिख रहा है।
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने अनुप जी ..PD तो मस्त दुल्हा लग रहा है..लगे हाथो उसकी शादी कि भी बात चला दी जाये.....
जवाब देंहटाएंऔर ये तो कहने कि जरुरत नहीं है कि PD बहुत smart है...
धन्यवाद आपका| वैसे हमको तो यकीन ही नही हो रहा है, चिट्ठाचर्चा पर कैमरे की ख़राब फोटो भी अच्छी दिखने लगी है|
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जवाब देंहटाएंताला-फोबिया चालू आहे ?
फरमाइशी कार्यक्रम ? क्या फरमाइश भी होने लगी ? कैसे ? क्या चुपके चुपके ?
जवाब देंहटाएंनए चिट्ठाकारों की उपस्थिति से चर्चा का कलेवर भी बड़ा हो रहा है और चर्चा में बहु-प्रतिनिधित्व भी हो रहा है . धन्यवाद .
फोटो चर्चा नए चिटठाकारो को अच्छा मनोबल देगा और पुराने वालो को अच्छा फोटो खीचाने की प्रेरणा
जवाब देंहटाएंचलिये, फोटो से जुड़ी हसरतें और मिथक, दोनो जुड़ा गये!
जवाब देंहटाएंफोटो चर्चा !!!!
जवाब देंहटाएंहमने भी नया फ़ोटू लगाया है , अब जब भी मौका मिले हमारे फ़ोटू का भी खयाल रखना!!!!
प्राइमरी का मास्टर का पीछा करें
ये चर्चा तो कल ही देखे थे बस टिपिया नहीं पाए थे..
जवाब देंहटाएंकोई बात नहीं.. अभी टिपिया देते हैं.. अजी थैंकयू जो बोलना है..
हमारी एकदम चकाचक फोटूवा जो लगाए हैं..
चेन्नई में बारिश तो नहीं हो रही है है मगर हमारी फोटू जो आपने लगाई है उसे देखकर सरम से पानी-पानी हुए जा रहे हैं.. ;)
थैंकयू जी.. :)
वैसे ये फोटो आज से दो साल पहले जयपुर के हवामहल में खिंची थी.. :)
Thanks Amit for your comment.. :)
ये भी रंग निराला है चर्चा का..
जवाब देंहटाएंफोटू देख के दिल बाग बाग हो गया बस कसक मन में रह गई कि नई फोटो नही खिचवा पाये हमने तो तय कर लिया था कि किसी बढ़िया स्टूडियो जाके उसे समझा बुझा के अच्छी फोटो खिंचवा लेंगे लेकिन आपका कहना भी सही है कि क्या पता अच्छा फोटो आए न आए
जवाब देंहटाएंफरमाइशी फोटो कार्यक्रम में जो और लोग छूट गए हैं उन्हें भी मौका मिलना चाहिए कभी न कभी :-)
bahut hi mazedaar rahi post. kya chakachak lag rahe hain saare log, itne acche to apne blog par bhi nahin lagte. sach bataiye kahin photoshop to nahin kiya hai photo ke upar?? :)
जवाब देंहटाएंफोटो चर्चा हो गई ये तो !
जवाब देंहटाएंऔर पीडी भाई को तो अब जयमाल डलवा ही लेना चाहिए :-)
जवाब देंहटाएंअई लो अब हम भी आ गये चर्चा में....अपनी तस्वीर सचमुच इससे पहले इतनी अच्छी नहीं लगी....शुक्रिया अनूप भाई
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