लिखने से पहले ही हाथ काँप रहे है.. अगर कुछ छूट गया तो क्या होगा?? समझ ही नही आ रहा की क्या किया जाए कैसे किया जाए.. एक पूरे साल को समेटना बहुत मुश्किल है... मैं कई नाम और शामिल करना चाहता था.. पर समय की कमी की वजह से नही कर पाया..इतना समय तो मिला नही की सभी पोस्ट देखी जाए और उनके बारे में लिखा जाए इसलिए कुछ चुनिंदा बातो पर ही लिख रहा हु आशा है आप सभी का सहयोग मिलेगा..
साल 2008 मेरे लिए ब्लॉगिंग के लिहाज से तो महत्वपूर्ण रहा ही.. क्योंकि हिन्दी ब्लॉगजगत में मैने इसी साल आगमन किया था..
और लगभग हमारे साथ साथ ही डा.अनुराग और पल्लवी त्रिवेदी ने भी ब्लॉग जगत की पावन धारा पर आगमन किया..
इस साल में ब्लॉगरो से परिचय के माध्यम मिले.. एक तो अजीत जी का शब्दो का सफ़र.. जिसमे ब्लॉगरो ने अपने जीवन के अनछुए पलों से बाकी ब्लॉगर साथियो से मिलवाया.. इस कड़ी में..
अनिताकुमार,विमल वर्मा,लावण्या शाह,काकेश,मीनाक्षी,शिवकुमार मिश्र,अफ़लातून,बेजी,अरुण अरोरा,हर्षवर्धन,प्रभाकर पाण्डेय,अभिषेक ओझा,रंजना भाटिया जी से मिल चुके है हम.. और पल्लवी जी से अभी मुलाकात चल रही है...
बकलमखुद शुरू होने के दो ही महीने बाद एक और ब्लॉग से लोगो का परिचय हुआ... कॉफी विद कुश.. इस ब्लॉग को पहले ही दिन से सभी साथियो का भरपूर स्नेह और प्रोत्साहन मिला.. और इसका पहला सीजन बहुत लोकप्रिय हुआ.. इसमे आप लोग मिले...
पल्लवी जी, अनुराग जी, पारुल जी, समीर जी, रंजना जी,अरुण जी,लावण्या जी, नीरज जी, अनोनिमस जी,शिव कुमार मिश्रा जी,
और आप सभी को जानकार खुशी होगी.. की नये साल में कॉफी विद कुश का सीजन 2 शुरू होनेजा रहा है... और वो भी एक नए फ्लेवर और कई सरप्राइजस के साथ..
इस वर्ष ब्लॉगिंग में कई महिलाए जुड़ी.. और महिलाओ के मंच के रूप में चोखेर बाली नामक ब्लॉग भी सामने आया.. चोखेर बाली की एंट्री बड़ी धमाकेदार रही.. आते ही चर्चित समाचार पत्रों जैसे अमर उजाला.. दैनिक भास्कर आदि में अपनी पहचान बना ली..और 29 पोस्ट के बाद तीसवी पोस्ट में श्रीमती बेजी ने एक पोस्ट में चोखेर बाली का एजेंडा स्पष्ट किया..
यह मंच शब्द की ताकत के लिये नहीं है। बात की प्रासंगिकता के लिये है। ऐसी बात जो कि कोई ऐसे सच को बतला सके जिसकी रौशनी में हम स्वयं को, अपने रवैयेको ....अपने समाज को बेहतरी के लिये बदल सके। हर बार बात की प्रासंगिकता तोल कर बोलना कठिन है। कई बार जिज्ञासा, आतुरता हमें व्यर्थ बातों पर ध्यान बाँटने पर विवश करती है। पर मंच तो तभी सफल हो सकता है जब बात को बात से काटें या जोड़े...संयत रह कर....तभी सार्थक बहस हो सकती है।
आगे उन्होंने लिखा..
सवाल कई हैं जिनपर ध्यान जाना चाहिये.....
• स्त्री के जन्म से पहले उसकी हत्या
-क्यों,इसके लिये क्या कर सकते हैं, क्या बदल सकते हैं
• बेटी और बेटे के बीच में पक्षेपात
क्यों,कैसे बदलें
• स्त्री के रूढ़िबद्ध व्यक्तित्व की छवि
क्यों विकसित हुई,कैसे बाहर निकालें इस छवि से
• समाज में क्या बदलाव लायें की एक माँ बच्चे के शिशुकाल में भी समाज को अर्थपूर्ण योगदान दे सकें
• प्रतिभाशाली लड़कियों के रास्तों में से बाधायें घटाने में समाज में क्या बदलें
• सरकार की कौन सी नीतियों पर पुनर्विचार करें कि माता पिता को लड़की से भी वही सुरक्षा का अहसास हो।
• पश्चिम सभ्यता को देख समझ परख कर किस तरह ध्यान रखें की जिन परेशानियों ने उन्हे आ घेरा है....हमें नहीं घेरे।
चोखेर बाली के सदस्य अथवा पाठकगण भी इस बात का आंकलन कर सकते है की इस वर्ष उन्होने अपने एजेंडे के अनुरूप कार्य किया अथवा नही..
चोखेर बाली के उदय के दो ही महीने बाद एक और मंच मिला.. नारी, और शुरुआती पोस्टो में उन नारियो के बारे में लिखा था जिन्होने घुटन से अपनी आज़ादी खुद अर्जित की.. बाद में इस पर और भी कई विचारणीय विषयो पर लेख लिखे गये..
चोखेर बाली और नारी दोनो ही ब्लॉग काफ़ी बार विवादो में रहे.. लोगो ने काफ़ी उंगलिया भी उठाई पर दोनों ही ब्लॉग निर्बाध रूप से आगे बढ़ते रहे..
नारी ब्लॉग समर्पित तो केवल नारी विषयो के लिए ही है परंतु इन विषयो से इतर भी अपने सार्वजनिक कर्तव्य से संबंधित पोस्ट भी इस ब्लॉग पर लिखी गयी..
अब चलते है साल के मध्य में...
साल के मध्य में कुछ चर्चित ब्लॉगर आए जिनमे से विवेक सिंह,राधिका बुधकर जी और जितेंद्र भगत बहुत सराहे गये
साल के मध्य में कई परिवर्तन हुए.. ब्लॉगवानी पर पाठको की सुविधा को ध्यान में रखते हुए.. ब्लॉगवानी को नया और उन्नत रूप दिया गया.. जिसे लोगो ने खुले दिल से स्वीकार किया...
इसी साल के मध्य में ई-स्वामी ने अपनी साईट 'हिंदिनी' को भी उन्नत किया.. हालाँकि इस चक्कर में फ़ुरसतिया जी की पोस्ट सारे संकलकों से गायब हो गयी..
यही वो समय था जब 'कविता कोष' ने दस हज़ार पन्नो का आँकड़ा पार किया..
अब साल की कुछ और बाते
इसी साल हमारी मुलाक़ात हुई अनुराधा से
अनुराधा कैंसर विजेता के नाम से जानी जाती हैं। वे कैंसर से लड़ीं और जीती भी। अपने अनुभवों पर किताब भी लिखी। शीर्षक है- "इंद्रधनुष के पीछे-पीछे"। किताब में कैंसर से जूझने के किस्से हैं, उस समय की मन:स्थिति का वर्णन है और उससे बचने के तरीके बताने का प्रयास है।
मेरे लिए साल का मध्य समय इस लिए भी अच्छा रहा क्योंकि इसी समय मैने अपनी पहली चर्चा की थी.. जिसे आप सभी ने अपना स्नेह दिया...
संजय जी ने बताया किस प्रकार हिन्दी दिवस मनाया जाना चाहिए
हिंदी दिवस मनाने के कुछ सरल सुझाव
- अपने मोबाइल की भाषा सेटिंग हिन्दी कर लें, भाषा आपकी मुठी में होगी. मन को भी अच्छालगेगा.
- टीवी संचालन की भाषा हिन्दी कर लें, घर का वातावरण कुछ हिन्दीमय लगेगा.
- डीस-टीवी है तो उसकी भाषा भी हिन्दी कर लें, टाटा स्काय यह सेवा देता है. बच्चे भी कार्टूनचैनल खोजते खोजते हिन्दी पढ़ना सीख जाएंगे.
- एक दिन के लिए सबसे हिन्दी में ही बतीयाएं, चाहे चपरासी हो या प्रबन्धक, घबराएं नहीं राजठाकरे कौन-सा आपके आस-पास है.
- आदत नहीं है, फिर भी कोशिश करें की बैंक के काम हिन्दी में निपटाए जाएं, बैंक वाले भीसमझ जाएंगे आखिर उनके यहाँ भी हिन्दी सप्ताह चल रहा होगा.
- भेजी जाने वाली डाक पर हिन्दी में पता लिखें, अगर हीनभावना पनप रही है तो लिफाफे परहैप्पी हिन्दी डे लिख दें, गर्व महसूस होने लगेगा.
- अगर आप बॉस है तो कर्मचारियों को हिन्दी में ही लताड़ें, यह मुश्किल जरूर है मगर असम्भवनहीं.
इसी साल ख़बर आई की ब्लोगिंग ने एक चोर पकड़वाया
ताऊ का आगमन भी इसी साल हुआ.. और आते है वे हर उम्र के ब्लॉगर के चहेते बन गये.. ताऊ कौन है कहा रहते है उनका नाम क्या है जैसे सवालो को नज़र अंदाज करते हुए लोगो ने उन्हे खुले दिल से लिया..
साल के अंत में ताऊ सबको एक पहेली दे गये.. की ताऊ कौन है?
इस साल ब्लॉग जगत में एक पहेली और रही की घोस्ट बसटर कौन है? हालाँकि डा. अमर कुमार अपनी पोस्ट में बार बार पांडे जी की तरफ इशारा करते रहे..
और पहेलियो के मामले में राज भाटिया साहब बाजी मार ले गये.. इस साल सबसे अधिक पहेलिया राज भाटिया जी के ब्लॉग पर मिली... और सर्वाधिक चुटकुले महेंद्र मिश्रा जी के ब्लॉग पर रहे..
इसी साल हमारे बीच की ब्लॉगर रंजना भाटिया जी की किताब प्रकाशित हुई.. साया
चिटठा चर्चा पर चर्चाकारो में नये नाम जुड़े... और कुछ पुराने चर्चाकार भी लौट आए..
दिल्ली में इस साल ब्लॉग लिखती महिलाओ का स्नेह मिलन हुआ.. जिसमे कई ब्लॉगर महिलाओ ने शिरकत की..
ये साल तकनीकी रूप से ब्लॉगरो को सक्षम कर गया... आशीष जी, अंकित ई-गुरु राजीव और कुन्नू ने अपने ब्लॉग पर कई तकनीकी जानकारिया दी.. हमारे तरुण जी भी पीछे नही रहे... और उचित रूप से ब्लॉगर साथियो को तकनीकी जानकारिया दी..
समीर जी इस साल भी दोनो हाथो से टिप्पणिया लुटाते रहे.. चिट्ठा चर्चा के साथ साथ अरविंद जी चिट्ठाकारो की भी चर्चा ले आए...
इस साल ब्लॉग पर कार्टून्स का जलवा भी बिखरा.. डूबे जी, कीर्तिश जी, अभिषेक जी, हाडा जी, काजल कुमार जी ने रंग बिरंगे कार्टून्स से ब्लॉग जगत को रंग दिया..
इसी साल छोटू आदित्य ने ब्लॉग जगत् में एंट्री ली.. जिसे ब्लॉगर.कॉम के ओफिशियल ब्लॉग पर सबसे छोटे ब्लॉगर का खिताब मिला.. हालाँकि उनके लिए ब्लॉगिंग उनके पापा करते है..
वो जो नही होना था...
घोस्ट बसटर और रक्षंदा विवाद.. जिसमे रक्षंदा की पहचान को लेकर सवाल किए गये थे..
बाद में किन्ही पारिवारिक कारणो से रक्षंदा ब्लॉगिंग में नियमित नही रही ..हम आशा करते है की नये साल में वे फिर से हमारे बीच हो..
अरविंद मिश्रा जी के ब्लॉग पर नारी सौंदर्य वाली श्रंखला पर हुआ विवाद
डा अमर कुमार जी का ई स्वामी जी के बीच बच्चन साहब के कबीले को लेकर हुआ विवाद... और शिव कुमार मिश्रा जी के साथ हुआ विवाद जिसमे कुछ राते और दो चार पोस्ट उनके ब्लॉग के नाम की तरह बिना वजह खर्च हो गयी..
अन्तिम बात
चिट्ठा चर्चा पर चंद्र मौलेश्वर जी की टिप्पणी को लेकर कई ब्लॉगरो ने अपने विचार रखे है.. रचना जी की शिकायत है की अन्य "सुधि ब्लॉगरगण इस विषय पर बात नही कर रहे है.."
उनका कहना सही है या ग़लत? ये प्रश्न हम उन लोगो पर छोड़ देते है.. जो इस विषय को जानते हुए टिप्पणी करने से बच रहे है..
मैं चंद्रमौलेश्वर जी को एक ज़िम्मेदार ब्लॉगर के रूप में देखता हू.. मैने अब तक उनकी जितनी टिप्पणिया देखी है वे भाषा की दृष्टि में बेहद संतुलित और उर्जात्मक होती थी.. उपरोक्त टिप्पणी के लिए भी उनके अपने दृष्टिकोण हो सकते है.. हो सकता है की उन्होने किसी और बात को ध्यान में रखते हुए ये कमेंट किया हो.. परंतु कही ना कही बात कहने में थोड़ी सी चूक हुई है..
यदि इसके लिए क्षमा माँग ली जाए तो मुझे नही लगता की किसी को कोई हानि होगी.. बल्कि उनका चरित्र और उभरकर सामने आएगा.. ये कोई राय अथवा मेरा फ़ैसला नही है.. मैने वही लिखा है जो मेरी नज़र में ठीक है.. वे ऐसा करे या नही इसके लिए वे बाध्य नही है.. वे चाहे तो अपना स्पष्टीकरण भी दे सकते है.. की ऐसा क्यो लिखा गया..
आशा है साल के अंत में इन सभी विवादो को अंत सुखद होगा.. इसी मंगलकामना के साथ.. आज की चर्चा यही समाप्त
नववर्ष आपके लिए मंगलमय हो!
नया साल हम सब को शुभ हो , हमारे देश मे एकता और खुशहाली रहे और आतंकवाद से हम सब मुक्त रहे .
जवाब देंहटाएंऔर
सदा फूलता फलता ये ब्लॉगर परिवार रहे
इसी दुआ के साथ
कुश और बाकी सब ब्लॉगर समुदाय को मेरी शुभकामनाये
कुश, काफी मेहनत किया आपने ...नववर्ष आपके लिए बहुत बहुत मंगल हो !
जवाब देंहटाएंनववर्ष आपके लिए मंगलमय हो मेरी शुभकामनाये...
जवाब देंहटाएंकुश जी, आपने तो इस चर्चा में सारे वर्ष का कच्चा चिट्ठा खोल के रख दिया.
जवाब देंहटाएंपहने सपनों की विजय माल
हो बहुत मुबारक नया साल
फिर से उम्मीद के नए रंग
भर लाएँ मन में नित उमंग
खुशियाँ ही खुशियाँ बेमिसाल
हो बहुत मुबारक नया साल
सभी को इस मंच के माध्यम से नववर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं. बहुत अच्छी चर्चा के लिए कुश को बधाई.
जवाब देंहटाएंBHAI SAMEER JI KAHAAN HAIN YAHAAN...........?
जवाब देंहटाएंनववर्ष आपके लिए मंगलमय हो मेरी शुभकामनाये...
भाई कुश इस साल २००८ की आखिरी चर्चा आपने की और बिल्कुल सामयीक चर्चा करने के लिये आपको बहुत धन्यवाद और शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंपूरे ब्लाग परिवार को इस मंच के माध्यम से नये साल की घणी रामराम।
कुश की चर्चा में अपने आप को देखना चाहता था.
जवाब देंहटाएंमैने सोचा कि मैं भी तो चिट्ठाकारी वर्षांत से ही कर रहा हूं, तो शायद कुश मेरा भी नाम ले लें, पर अभी बात बहुत बाकी है .
इस चर्चा के लिये धन्यवाद और नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.
नये साल की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंशानदार चर्चा भाईकुश
जवाब देंहटाएंआपको और अन्य सभी ब्लोगर्स को आने वाले साल के लिए हार्दिक शुभकामनाएं
नए वर्ष पर शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत बड़ा हो गया है ब्लॉगजगत। इसमें आपने कई वादों-विवादों के बारे में लिखा है - और मुझे उनकी जानकारी ही नहीं है।
जवाब देंहटाएंशायद कुछ सीमा तक अज्ञान आनन्ददायक है!
बहुत मेहन्त से की गयी चर्चा -हमेशा की तरह ...कुश को ढ़ेरों बधाई...
जवाब देंहटाएंऔर चिट्ठा-चर्चा और-और चर्चित हो इस नये साल में,यही दुआ है
आप सभी को नववर्ष की शुभकामनाऐं
जवाब देंहटाएंहमारी भी २००९ के लिये हिन्दी ब्लोग जगत से जुडे सभी को ढेरोँ शुभकामना और कुश भाई की चर्चा वास्तव मेँ विस्तृत और जानदार रही उसकी बधाई
जवाब देंहटाएंउन्हेँ - स स्नेह,
- लावण्या
एक संग्रहणीय चर्चा के लिए बधाई। आशा है कि ‘काफी विद कुश’ का फ्लेवर और ज़ायका स्टारबक से अधिक होगा। नये वर्ष में इसका सहर्ष स्वागत होगा, इसमें संदेह नहीं है।
जवाब देंहटाएं>भाई कुश-- जैसा कि एक अन्य बहस में डॉ. ऋषभदेव शर्माजी ने कहा था कि कभी-कभी बात निकलती है तो दूर तक चली जाती है। मैंने जिस मंशे से बात कही, शायद उसे संप्रेष्ण/समझने में कहीं चूक हो गई। मेरी बात से किसी को भी व्यक्तिगत आहत पहूंची हो तो आपके सुझाव का सम्मान करते हुए मुझे क्षमा मागने में कोई झिझक नहीं है।
>नववर्ष की सभी को शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंयह हुई न, सही मायनों में वाह वाह चर्चा !
अतिसूक्ष्मता से किया गया विगत वर्ष का आकलन इसको ख़ास बनाता है !
कैसे कर लेते हो यह सब ?
रही मेरी बात..
तो, यह 'जो नहीं होना था' में सम्मिलित रहना ही मेरी विशेषता है । गलत का प्रतिकार करने का मुझे खेद नहीं हुआ करता !
हमरी न मानो तो पंडितईनिया से पूछो...
इन्हीं पचड़ों में बीती है ई ज़िन्दगनिया मेरा :-)
नववर्ष की पूर्वसंध्या पर, सभी ब्लागर सखियों,
मित्रों एवं अमित्रों को मेरा हार्दिक अभिनंदन !
जवाब देंहटाएंयह हुई न, सही मायनों में वाह वाह चर्चा !
अतिसूक्ष्मता से किया गया विगत वर्ष का आकलन इसको ख़ास बनाता है !
कैसे कर लेते हो यह सब ?
रही मेरी बात..
तो, यह 'जो नहीं होना था' में सम्मिलित रहना ही मेरी विशेषता है ।
गलत का प्रतिकार करते रहने का मुझे खेद नहीं हुआ करता !
हमरी न मानो तो पंडितईनिया से पूछो...
इन्हीं पचड़ों में बीती ई ज़िन्दगनिया मेरा :-)
नववर्ष की पूर्वसंध्या पर, सभी ब्लागर सखियों,
मित्रों एवं अमित्रों को मेरा हार्दिक अभिनंदन !
अहा! उड़न तश्तरी आज फिर नज़र आयी।
जवाब देंहटाएंआपको, आपके परिवार को पाश्चात्य नववर्ष 2009 की शुभकामनायें
अगर इस " गाली पुराण पर शास्त्रार्थ " प्रकरण का पटाक्षेप ''वर्ष 2008 के अवसान'' के साथ करते हुए , ब्लागीवूड '' सब की मंगल कामना की आकांक्षा एवं भावना के साथ नववर्ष 2009 '' को खुश-आमदीद कहे तो क्या ज़्यादा आनन्ददायक नही होगा | ज़ेर-ए-बहस विषय की भाषा के सन्दर्भ में मेरा जो अध्ययन है ,उसी के आधार पर मेरा कहना है कि उक्त भाषा के कुछ शब्दों का भाव एवं अर्थ दोनो [ दोनों शब्दों की संधि ना कर अलग अलग जानते बूझते लिखा है ] सापेक्षिक होता है ,केवल और केवल किसी विवाद या वास्तविक झगड़े में ही उनके भावार्थ जीवंत होते हैं वारना वे केवल और केवल '' एक'तकिया कलाम '' से अधिक नही होते |
जवाब देंहटाएं" सभी को नववर्ष मंगलमय हो "
सब लोगों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंचन्द्रमौलेश्वर जी की मंशा पर मुझे कभी संदेह नहीं था . वे प्रशंसा के पात्र हैं . अब विवाद समाप्त हो जाना चाहिए .
शानदार ..वाह...
जवाब देंहटाएंआप को भी नव वर्ष की शुभ कामनाएं..
नीरज
प्रसन्न रहें प्रसन्न रखें इस वर्ष भी ऐसे ही बंध कसें http://avinashvachaspati.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंहे प्रभु यह तेरापथ के परिवार कि ओर से नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये।
जवाब देंहटाएंकल जहॉ थे वहॉ से कुछ आगे बढे,
अतीत को ही नही भविष्य को भी पढे,
गढा हैहमारे धर्म गुरुओ ने सुनहरा इतिहास ,
आओ हम उससे आगे का इतिहास गढे।
2.............
पुरब मे हर रोज नया ,
सूरज अब हमे उगाना है।
अघिकारो से कर्तव्यो को,
ऊचॉ हमे उठाना है।
ज्ञान ज्योति से अन्तर्मन,
के तम का अब अवसान करना है।
छोडो सहारो पर जीना,
जिये विचारो पर अपने।
सही दिशा मे शक्ती नियोजिन,
करे फले सारे सपने।
स्वय बनाये राह,
स्वय ही चरणो को गतिमान करे।
BLOG NAME:=:
HEY PRABHU YEH TERA PATH
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http://ombhiksu-ctup.blogspot.com/
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MY BLOGS
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नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये .यह साल आपके और आपके परिवार के लिए मंगलमय हो
जवाब देंहटाएंwishing a very happy new year to all those who click the masses in the chitha charcha
जवाब देंहटाएंकुश जी साल भर की चिठ्ठा चर्चा करना वाकई कठिन काम हैं पर आपने बहुत सारगर्भित चर्चा की हैं ,आपको बहुत बहुत बधाई ,इस चर्चा के लिए और नव वर्ष के लिए .
जवाब देंहटाएं