जब करने बैठे तो सोचा कि सब लोग रोज अच्छी चर्चा पढ़ते-पढ़ते बोर हो लिये होंगे तो एक खराब चर्चा कर देतें हैं। कौन कोई खर्चा लगता है। सो ऐसे ही खाली एक लाईना लिख के पोस्ट करे दे रहे हैं। शायद इसके बाद कुश अच्छी चर्चा कर डालें।
इस बीच मनविन्दर भिम्बरजी ने अपने ब्लाग का एक साल पूरा कर डाला। उन्होंने मेरठ के हिन्दुस्तान में ब्लागिंग से संबंधित कई लेख भी लिखे जो कि मूलत: महिला चिट्ठाकारों पर केंद्रित रहे। मनविन्दर जी को उनके ब्लाग की सालगिरह पर बधाई।
ठीक है न! अब हम चलें। आप अच्छी चर्चा के लिये इंतजार कर लीजिये। सब्र का फ़ल हमेशा मीठा होता है। है न!
हमारी शुभकामनायें भी आपके साथ हैं।
एक लाईना
- बिल्लू की रिक्शा खटाल :ज्ञानदत्त पाण्डेय हथियाने के चक्कर में
- चिट्ठाकारों का गुझिया सम्मेलन :में कविता बाजी हो गयी
- ब्लागर कैसे बना :एक सनसनीखेज खुलासा
- आप जो मेरी जानिब होते !!!!!!! :तो एक ठो पोस्ट हम भी ठेल देते
- मेरा ब्लॉग हुआ एक वर्ष का :अरे तो केक-ऊक काटिये हैप्पी बड्डे मनाइये!
- जहाँ मन्नत मांगी जाती है मोटरसाईकिल से !:फ़टाफ़ट पूरी भी होती हैं फ़टफ़टिया मन्न्तें!
- जी, वकालत करता हूँ :करिये धांस के करिये लेकिन आपका बस्ता किधर है द्विवेदीजी?
- अमरीकी किताब, हिन्दुस्तानी आंसू!! :आंखे सस्नेह शास्त्रीजी की
- चश्मा अमर है.. नज़र दफ़न हो गई :करमगति टारे नाहिं टरी!
- मेरा हर शब्द है,... :किताब की तरह
- प्राचीन विश्व की वेधशालाएं :रंजू भाटिया की नजर से
- अमृता अरोरा की मैरिज भी हुई, निकाह भी, लेकिन:सुरेश चिपलूनकर का कलेजा अभी तक ठंडा न हुआ
- प्यार का मौसम आया:कित्ते दिन के लिये?
- जिंदजी में भरो रंग : इसके बाद फ़ोटॊ खिंचवाओ
- कल एक कविता लिखूंगी :ये उसका ड्राफ़्ट है
- होली के दिन भी क्या दिन थे :अब दिनों ने क्या बिगाड़ा है जी
- आपने कब सिखा था स्विच ऑन करना? :देखो ऐसे किया जाता है स्विच आन
- मेरी तरह आप भी सिगरेट छोड़ दें:हम आप की तरह नहीं छोड़ सकते काहे से कि हम पीते ही नहीं
- परिवार नियोजन के नाम पर भारत की सरकार चली गई :अब देश जा रहा है उसे न मनाने के कारण
- ईश्वर की कानाफूसियां :सुने सुनें, चुप रहें
- तू इस तरहा से मेरी जिन्दगी में शामिल है :जैसे ब्लाग की टिप्पणी एक मंजिल है
- दिल क्यों टूटा :कोई मैन्यूफ़ैक्चरिंग डिफ़ेक्ट रहा होगा! गारन्टी पीरियड में था क्या?
- रंगों की फुहार :में जोड़ें त्योहार, प्यार,बौछार,खुमार बस हो गयी कविता तैयार
- कैसे बनाएं फर्ज़ी बॉयोडेटा ? :पहले खुद फ़र्जी बन जायें
- हींग वाले पठान चाचा :की जगह अब लादेन हावी
- आई मौज फ़कीर को… :दिया झोपड़ा फ़ूंक
"अच्छी चर्चा के पहले वाली चर्चा ????? इ चर्चा पहली वाली भई तो अच्छी का भई हा हा हा हा हा हा "
जवाब देंहटाएंRegards
बहुत अच्छी चर्चा थी .....मज़ा आ गया
जवाब देंहटाएं# तू इस तरहा से मेरी जिन्दगी में शामिल है :जैसे ब्लाग की टिप्पणी एक मंजिल है
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया :)
अच्छी वाली और बुरी वाली का इंतजार कौन करे ? हमको तो यही अच्छी लगने लगी- एक लाइना वाली. न बाद वाली, न और बाद वाली बस यही पहली वाली.
जवाब देंहटाएंहोली की बधाई।
जवाब देंहटाएंचलेगा..:) कैसी भी हो चर्चा होनी चाहिये..
जवाब देंहटाएंश्रीयुत सस्नेह शास्त्रीजी पोस्ट का हेडिंग लिखते ऐसा हैं कि बन्दा पोस्ट पर जाये बिना रुक न सके। :-)
जवाब देंहटाएंइस चर्चा में खर्चा कितना है ?
जवाब देंहटाएंहा हा बहुत ही लाजवाब हमेशा की तरह शुक्ला साहब।
अनूप भाई बहुत बढिया लगा एक लाइना ।
जवाब देंहटाएंअभी इसी से संतोष करते हैं -नाश्ता ५ स्टार वाला हो गया -पूरा भोजन न भी मिले चल जायेगा !
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा के पहले यह बुरी चर्चा अच्छी लगी। भाई आशुकवि जी, कहाँ है, यहाँ आशुचर्चा आपका इन्तेज़ार कर रहीं है:) शुक्लाजी, आप जब भी लिखते है, जितना भी लिखते है, वह हमारे लिए अच्छॊ और सार्थक चर्चा ही होती है। आभार॥
जवाब देंहटाएंनिपटा दिए चर्चा और क्या...अच्छी बुरी में क्या रखा है, और अगर हम लोग से तारीफ़ सुनने के लिए कह रहे हैं तो एकदम एक लाइन में कहे देते हैं की बहुत अच्छी चर्चा है जी.
जवाब देंहटाएंखराब चर्चा के लिए भी धन्यवाद जी.
जवाब देंहटाएंलो जी......गड़बड़ हो गयी हम यहाँ भी चप्पल में आ गए .पिछली बार आपके प्रवचन में गए थे तो किसी ने चप्पल चुरा ली....कित्ती ख़राब चर्चा करते हो जी.....
जवाब देंहटाएंवैसे चिटठा चर्चा के माध्यम से सभी को होली की शुभकामनाये ......विशेष आदित्य ,मिष्टी ओर छुटकी लाविजा को
अब चर्चा तो चर्चा है, किसी को कुछ अच्छा लगता है किसी को कुछ।
जवाब देंहटाएंइसे अनच्छा कहने का अधिकार आपने आखिर लिया तो लिया कैसे?
१० तारीख तक इस नोटिस का उत्तर न मिलने की स्थिति में ११ को सुप्रीम कोर्ट में आपके खिलाफ़ पटीशन दायर की जाएगी।
एक लाइना मस्त हैं :-)
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