आज होली है। होली तो हो ली है! न्यूजीलैंड में भारतीय टीम ने इतिहास रच के डाल दिया। जीत गये। इतिहास रच गया तो पड़ा रहेगा! जब-तब उलट-पुलट के देखते रहेंगे!
न्यूजचैनेल वालों को लगता है जबरियन भांग पिलाकर ड्यूटी पर बैठाया गया है। स्टार न्यूज वाला बार-बार कह रहा है- 11 मार्च ,2009 पिछले 33 सालों से बार-बार आ रहा है लेकिन .....। मन किया फोन करके कहें क्या के रिया है रे चौथे खम्बे की नयी-नयी ईंट! लेकिन किये नहीं! पता है वो भी हें हें करके कह देता बुरा न मानो होली है।
उधर पाकिस्तान में फ़िर से तख्ता पलट की अफ़वाहें फ़ैल रही हैं। ताऊ ने कहीं पढ़ रखा है -पाकिस्तान की अफ़वाहों की सबसे बड़ी खराबी ये है कि वे सच निकलती हैं! इसको सच मानते हुये ताऊ ने अपनी दोनों भैसों को पाकिस्तान के लिये रवाना कर दिया कि वे पाकिस्तान जाकर यह अफ़वाह फ़ैलायें कि पाकिस्तान के अगले हुक्मरान ताऊ ही होंगे। भैंसो को विदा करने के बाद ताऊ उर्दू सीखने लगे और पाकिस्तान की छीछालेदर की नेट प्रैक्टिश करते हुये पोस्टों की छीछालेदरं करने लगे। उनकी देखा देखी कुछ इधर उधर के लोग भी छीछालेदर पर उतर आये! ताऊ ने ज्ञानजी से उनका हंटर भी मांग लिया है ताकि वे जब-तब फ़टकार सकें!
उधर टिप्पणी बाबा समीरलाल के बारे में खुलासा करते हुये लोगों ने बताया कि वे नये और पुराने ब्लागरों को टिप्पणी का प्रसाद बांटने में भेदभाव बरतते हैं! समीरलाल ने अपनी सफ़ाई में कहा- लेकिन सब टिप्पणियों में साधुवाद का तड़का तो बराबर लगाता हूं! हमको ज्यादा सताओगे तो एक बार हम फ़िर से टंकी पर चढ़ जायेंगे। टंकी टूटने के डर से सब चुप हो गये।
हमें पता है कि आप होली के दिन थके हुये हो इसीलिये हम सुने-सुनाये चुटकुले सुनाके आपको बोर नहीं करना चाहते। ये सब बबालियों के काम हैं और फ़िर बोर करने के लिये एक लाईना हैं न!
एक लाईना
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और अंत में
आप सभी को होली एक बार फ़िर से मुबारक।
सागर भाई के गीत-संगीत के चिट्ठों की चर्चा पर पाठ्कों की प्रतिक्रिया देखकर यह विचार किया गया है कि हफ़्ते में एक दिन (शनिवार को ) मुख्यत: गीत संगीत के चिट्ठों की चर्चा की जाये। यह काम सागर, तरुण और मनीष भाई मिलकर करेंगे। इन गीत-संगीत के रसिकों के जिम्मे अब शनिवार की चर्चा की सम्मिलित जिम्मेदारी रहे्गी।सागर और तरुण की चर्चा से तो आप परिचित हैं हीं। मनीष से भी आप अवश्य परिचित होंगे। एक शाम मेरे नाम पर उनके जलवे आप पहले भी देख चुके हैं। यहां चर्चाकार के रूप में भी उनके जलवे आप जल्द ही देखेंगे।
फ़िलहाल इतना ही। कल की चर्चा शिवकुमार मिश्र करेंगे। लेकिन वो तो कल करेंगे! तब तक आप क्या करेंगे? बोर हो रहे हैं तो टिपियाने ही लगिये!
टीवी पर इतनी चीख पुकार के बाद भी कि आज ११ तारीक है, पोस्ट अब लग रही है जब १२ तारीक होने में चंद मिनट बाकी है। :) खैर, चलो छोड देते हैं कि बुरा न मानना अभि होली के चंद मिनट बाकी है। छोटी लेकिन ‘छिछालेदार’ चर्चा नहीं:)
जवाब देंहटाएंअनूप शुक्लजी,
जवाब देंहटाएंनमस्कार.
@उधर टिप्पणी बाबा समीरलाल के बारे में खुलासा करते हुये........
बेचारे करते तो है। कही पुरानी ज्ञानीयो के यहॉ तो छोटे बडे चिठाकारो मे छूआछुत वाली फर्क बनाऐ हुऐ है।
@मानते हुये ताऊ ने अपनी दोनों भैसों को पाकिस्तान के लिये रवाना कर दिया कि वे पाकिस्तान जाकर यह अफ़वाह फ़ैलायें कि पाकिस्तान के अगले हुक्मरान ताऊ ही होंगे।
सही का जी आपने ताऊ है! कुछ भी कर सकता है !बडा ही जानदार चरित्र बन पडा यह ताऊ, आने वाले समय मे विदेशी फैटम एवम देशी चाचा चोधरी कि भी कुटाई कर देगा ताऊ नाम । हमारा तो लाडका है ताऊ!!!!
आपने चिठा चर्चा मे अपनी भुमिका के साथ न्याय किया बधाई सर जी।
..........................................................
सुना है ६००० हिन्दी के चिठ्ठे है। पर चिठाचर्चा मे तो फिक्स २५ से ४० चिठो कि चर्चा होती है। जबकी कि अग्रेजी भाषाओ मे इसका उल्टा होता है वहॉ व्य्क्ती प्रभाव से अधिक विषयो को पसन्द करते है जबकि अपने यहॉ पहले व्यक्ति होता है विषय तो व्यक्ती विशेष कि जुडजाने से ठिक हो ही जाता है यह मनोघारणा को चेन्स करेगे तभी हम हिन्दि ब्लोग जगत को आने वाले समय मे खुश देख पाऐगे। अन्यथा ने ले ।
होली कि मगल कामनाओ के साथ।
पाकिस्तानियो के लिये तो हुक्मरान ताऊ ही ठीक रहेगा ! और वो भी जर्मन लठ्ठ व हन्ट्रर के साथ |
जवाब देंहटाएंहे प्रभुजी, आपने लिखा:चिटठाचर्चा मे तो फिक्स २५ से ४० चिठो कि चर्चा होती है। जबकी कि अग्रेजी भाषाओ मे इसका उल्टा होता है
जवाब देंहटाएंअन्यथा लेने जैसी कोई बात नहीं है लेकिन आपसे अनुरोध है कि अंग्रेजी भाषा के उस ब्लाग/साइट का लिंक (देशी पंडित अगर हो तो उसको छोड़ दें जिसमें एक पोस्ट की चर्चा एक बार में होती है) देने की कृपा करें जहां अंग्रेजी ब्लागों की चर्चा की जाती है ताकि उससे हम सीख सकें!
इस छोटी पर जानदार शानदार चर्चा के लिये बहुत धन्यवाद. आज तो भंग भवानी कुछ ज्यादा ही तेज चढी है.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
हा हा अनूप जी आपका कोई सानी नहीं है सर। होली की व्यस्तताओं के बीच भी कैसी सुन्दर चर्चा की आपने अहा!
जवाब देंहटाएंहमारे यहां एक विधायक हैं जिनको पानी वाले बाबा के नाम से जाना जाता है. आज आपने टिपणि वाले बाबा की भी खोज कर ली. टिपणि वाले बाबा का पोज और एक्शन बडा सुथरा लग रहा है. आनन्द आया .गुरु आखिर गुरु ही रहेंगे.
जवाब देंहटाएंरामराम.
ग़ज़लों को हमें अपनी चाकू सा बनाना है :इसके बाद आलू के सीने उतार देना है!!
जवाब देंहटाएंमार्च में प्रवेश मई में परीक्षा और हो गये अध्यापक: मैगी अध्यापक- दो महीने में तैयार
ये दोनों एकलाइना सर्वश्रेष्ठ लगी। अच्छी चर्चा लगी आज। इसका यह मतलब भी नहीं है कि रोजाना बकवास होती है :)
Sabko holi ki badhai aur lagta hai ye Tippani wale baba ko hum abhi tak naye aur aparichit blogger lagte hain, itti bari bari tipanniya jhole me daale ghumte hain aur hume choti tika dete hain......kuch karna parega, Tau ko pak ka hukumaran hone do .......;)
जवाब देंहटाएंbura na mano holi hai, holi hai bhai holi hai.
Hey Prabhu kya aapne un 6000 chittho per har din post hote dekha hai, ye 6000 ka aankra waisa hi hai jaise apne yehan saansad lekin kaam kuch hi karte hain nahi to govinda jaise bhi hain jinki haaziri shayad 10-15 percent bhi nahi......
जवाब देंहटाएंaur be practical, it's not possible, 6000 posts ek din me parna aur charcha karna......Woh to Prabhu hi kar sakte hain.....Happy Holi.
But aapke point me dum hai, lagta hai aapne kai purani charchayen pari nahi.
bura na mano Happy Holi, holi hai ji holi hai
अनूपजी ठीक ही कहा आपने आप लोग चाकू को आलू के सीने में घोंपकर तरकारी के स्वाद पर मगन हैं.
जवाब देंहटाएंजाकी रही भावना जैसी,प्रभु मूरत देखी तिन तैसी.
आप तो ब्लाग जगत के भैंसे और भैंसियों का कीर्तन करते रहिए आप उन्हीं की पूछ पकड़कर भवसागर से पार होंगे.
आप भी अवतारी हैं प्रभु अपने भक्तन को लीला दिखाते रहिए.हम पापियों को काहे उंगली करते हैं फिर हम बांस करेंगे तब सब किल्लायेंगे.
टिप्पणी वाले बाबा का फोटो तो उनके प्रोफाईल में लगना चाहिये ।
जवाब देंहटाएंएक लाईना अच्छी लगी । धन्यवाद ।
हिमाँशु: अगर इजाजत हो तो प्रोफाईल में तो नहीं मगर ब्लॉग पर जरुर चिपका देते हैं. :) सजेशन बेहतरीन है.
जवाब देंहटाएंअनूप जी, चुटकुला सुना निकल गया-खेद है मगर उसका हिट-डायरेक्शन बदल दिया था वो भी नहीं जमा क्या?? :)चलो, कोई बात नहीं, आम जनता की तरह आँसूं पौंछा कर इन्तजार करो अगले आईटम का.. हा हा!!
बेहतरीन मिनि चर्चा.
होली मुबारक!!
अब 6000 नहीं
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लॉग
10000 हो गए हैं
बकौल बालेन्दु दाधीच
गलत न बोलें
नहीं तो लेंगे
हम कान खींच।
Pakistani afvahon par kaan sataye hue hain.
जवाब देंहटाएंहम तो बोर नही हो रहे है.. क्या करे टीपियाए क़ी नही? चलो टीप देते है..
जवाब देंहटाएंशिकायते आ रही है.. संभालिए...
टिप्पणी वाले बाबा :) सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंटिपण्णी वाले बाबा पढ़ कर हमें तो पोटली बाबा की याद आ गयी...आया आया झेनु वाले छुन्नू का बाबा गीतों का कहानियो का किस्सों का छाबा :)
जवाब देंहटाएंआपको होली के दिन फुर्सत कैसे मिल गयी, आज तो रंग के डर से कंप्यूटर बंद ही कर के रखते हैं. क्या पता कहीं होली का रंग चढ़ गया तो साल भर कुछ पोस्ट करने में दिक्कत हो...अच्छी चर्चा रही, एक लाईना मस्त
हाय! कित्ता स्लिम-ट्रिम है टिप्पणी वाला बाबा! कित्ता हैण्डसम!
जवाब देंहटाएं---- नयी फिलम की हीरोइन चमेलीजान।
मेल से प्राप्त सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी की टिप्पणी
जवाब देंहटाएं________________________________________________
आज की चिठ्ठा चर्चा तो कमाल की हो गयी। ताऊ जी ने जो छीछालेदर की है उसका पात्र बनना भी बड़ा आनन्दकर होगा। काश हम भी होते वहाँ...!
होली के बहाने जब बड़े बुजुर्ग इतना दिलफ़ेंक बहादुर बनने को तैयार हैं तो हम नौजवानों को तो मौजमस्ती करना ही चाहिए। अफ़सोस हम वैसा कर न सके।
बेहतरीन चर्चा की बधाई।
सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
ताऊ से निपट लेंगें -मगर वे बाज कहाँ आयेंगें ! कुछ फिजा बदली तो !
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