मनमोहक ख़ुशबू बिखराकर मन करता ख़ुशहाल गुलाब!
लाल-गुलाबी लिली झूमकर सुंदरता बिखराए!
छुए पंखुड़ी मस्त हवा जब धीरे-से मुस्काए!
जूही-चंपा-गुड़हल-गेंदा ख़ुश होकर मुस्काते!
नहीं किसी को दुख देते हैं, सब पर प्यार लुटाते!
फूलों-जैसी ही हम सबके होंठों पर बिखरे मुस्कान!
दुखे नहीं मन कभी किसी का, गाएँ सब ख़ुशियों के गान!
डॉ. देशबंधु शाहजहाँपुरी ("सरस पायस" से साभार)
ब्लागजगत के कुछ खास समाचार
- हमारे भोपाल संवाददाता ने खबर दी है कि अजित वडनेरकर ने बयान जारी कियाखुशमिजाज, बातूनी और स्नेही हैं दिनेशराय द्विवेदी । इस संबंध में द्विवेदी जी ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है। पता चला है कि वे अनिल पुसदकर जी, संजीत त्रिपाठी और पाबला जी के साथ दोपहर का भोजन करने में व्यस्त हैं!
- कर्तार सिंह दुग्गल जी के जन्मदिन पर हिमांशु ने कहानी की कहानी सुनाई!
- महाबलिपुरम में लोगबीस स्वर्ण मुद्राओं के बदले शिवलिंग उठा ले गए । इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कुलीगिरी के पैसे पहले अच्छे मिलते थे!
- नासिक में सिर्फ़ क्लास मे बेन्च पर बैठने की जगह को लेकर ९वी कक्षा के दो छात्रो मे कहासुनी हुई.. फ़िर मारपीट… एक बच्चे ने दूसरे को इतनी बुरी तरह पीट डाला कि उसकी मत्यु हो गई। इतना गुस्सा कहां से आ गया समाज में? । आप कुछ बता सकते हैं क्या?
- मेरा नाम मुन्नी मोबाइल है। इस बात को कभी न भूलना। यह डायलाग एक ठो खाकसार ने सुनाया है आज! खबर विस्तार से देख लीजिये अगड़म-बगड़म अखबार में!
- सतीश पंचम जी ने रपट लिखाई हैमेरा ब्लॉग कन्टेंट चोरी हो गया है, कहीं आप का भी ब्लॉग लेख चोरी नहीं हो गया हो । लोगों ने अपने-अपने अनुभव के अनुसार सलाहें दी हैं। अजित वडनेरकर ने भोपाली सलाह दी- कभी मिले तो दस लाते जमाइयेगा उसे..। एक ब्लागर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा- आदमी की दो ही तो लाते होंती हैं। बाकी आठ किधर से लायेंगे सतीश जी? दूसरे ने सलाह दी कि भैया संख्या ग्यारह करें तो शुभ हो मामला। फ़ुरसतिया ने बताया कि ब्लाग चोरी बचाने के सुगम उपाय वे पहले ही बता चुके हैं । लोग अमल करें तो कोई परेशानिच नहीं होगी।
- प्रकाश बादल जो दावा करते हैं कि उनकी सूरत मीटर में नहीं है( किलोमीटर में है गज में यह भी तो नहीं बताया जी) ने बयान जारी किया- अब इस कदर भी उजाले न हो! लोगों ने तारीफ़ करी है कहने के अन्दाज भी की। आप भी करना चाहेंगे क्या? कर लीजिये। आपकी मर्जी!
- अनिल पुसदकर ने सवाल उठाया जब फ़िल्मो के लिए सेंसर बोर्ड है तो विज्ञापनो के लिए क्यों नही? सवाल सुनते ही तमाम जबाब भी उठ खड़े हुये। खड़े सवाल-जबाब आप देख लीजिये सवाल या जबाब जो मन आये आप भी उठा दीजिये। जो होगा देखा जायेगा।
- खबर आई है कि सेल ने दो ब्लागरों को मिलवा दिया। ब्लागरों ने मिलने की खुशी में चाऊमीन खा डाला!
- इष्टदेव सांकृत्यायन मे गन्ने के खेत में रजाई लेकर जाती पारो के किस्से बयान किये। बहुत कुछ है किस्सों में आप खुदै देखिये हमको बताते शरम आती है जी।
- अरविंद मिश्र ने खबर दी चिट्ठा सागर में अरमानों की नाव लिए ये जा रहा है कोई चिट्ठाकार! मिसिरजी को यह अच्छा नहीं लगा कि कोई इतवार के दिन नाव खेने का काम करे सो उन्होंने कोई चिट्ठाकार को खाने पर बुलाया है।
एक लाईना
- खुशमिजाज, बातूनी और स्नेही हैं दिनेशराय द्विवेदी : लेकिन लोग तो कहते हैं वे वकील साहब हैं!
- मानवीय संबंधों का घोषणापत्र: घोषणा ही तो है!
- बेटू ये तुमने क्या किया? : देखते-देखते बिगड़ गया।
- मुन्नी मोबाइल: बज रहा है!
- व्योम के पार पर'बासंती मौसम' ने हमला किया। समाचार मिलने तक तीस लोग घायल!
- उस मोड़ पर मुस्कान बरसी थी ..: चौराहा अभी तक खिलखिला रहा है!
- सिस्टर लैला संग ब्रदर मजनूं : दोनों एक साथ बोले- हाऊ डू यू डू!
- लोकतंत्र का उद्घाटन : शिवकुमार मिश्र ने पत्थर निकाले।
- उजाले सिया करते हैं : सुई का साइज बताओ भैये!
- "गुम" ..........."राह": पहुंच गई , वाह!
- आ रही है होली: लेकिन दबे पांव क्यों आ रही है?
- अदब से मौत का भी सामना करे कोई : लाओ भैये दो-चार किलो अदब हमें भी तौल दो
- घुटना चाल : जियो मेरे लाल!
- वो जो आये: तो उनको फ़िर जाना भी पड़ा!
- सच पूछो तो.. : सच कहते हुये डर लगता है!
- और भी हैं पिंकी :तो क्या करें सांसद जी!
- फागुन के रंग :हवाओं में उतर आए हैं!
- मेट्रो पर भी ब्लूलाईन का रंग चढ़ रहा है : मेट्रॊ कब चढ़ेगी ब्लूलाइन पर?
मेरी पसंद
निशा की चांदनी में,
वो दमकती-सी रोशनी,
रात की रानी से,
वो महकती-सी रोशनी,
कब मेरे दामन में,
उसकी, आहट-सी हुई,
जिसने मेरी रोशनी में भरी,
अपनी-सी रोशनी।।
तिनका-तिनका कर, बटोरती,
बरसों से चली थी,
आज जाकर, मेरे गुलिस्तां में खिली,
एक कली थी,
मेहमा है मेरे दिल में,
उसके आने की हर खुशी,
रात की रानी से,
वो महकती-सी रोशनी।।
शबनम के हर इशारे को,
समझ रही थी वो,
चंचल थी नज़र फिर भी,
एकटक खङी थी वो,
पूछती थी, कब से (मेरी) तकदीर की हुई,
खुशियों से दोस्ती,
रात की रानी से,
वो महकती-सी रोशनी।।
प्रीति बड़थ्वाल
चलते-चलते
जरा देखिए गौर से, महापुरुष ये कौन ?
अजी पहेली बूझिये, क्यों बैठे हैं मौन ?
क्यों बैठे हैं मौन, हिण्ट हम दे देते हैं !
गधा, भैंस, बिल्ली सब पर ये लिख देते हैं !
विवेक सिंह यों कहें, स्रोत हैं ये गप्पन के !
हैप्पी बड्डे आज हो गए ताऊ छ्प्पन के !
विवेक सिंह
और अंत में
आज की चर्चा का दिन आदि चिट्ठाकार आलोक कुमार का होता है। सुबह उनका संदेशा मिला कि वे कुछ हफ़्ते चर्चा न कर पायेंगे। न जाने कौन काम में जुट गये। बहरहाल हम आपका इतवार खराब करने के लिये हाजिर हैं। मजबूरी में।
बजरिये विवेक सिंह पता चला कि आज ताऊजी का हैप्पीबड्डे है। ताऊ ने बहुत कम समय में ब्लागिंग में अपना खूंटा गाड़ा है। अपने लजीज अंदाज से हर दिल अजीज बन गये। साल भर से भी कम समय में १९६ पोस्ट लिखकर ४८५५ टिप्पणियां पाईं जो शायद रिकार्ड है। ताऊ को उनके जन्मदिन पर शुभकामनायें। मंगलकामनायें।
अब आप ताऊ का जन्मदिन मनायें। आपको आज का दिन शुभ हो।
ताऊ जी को छप्पन की बधाई।
जवाब देंहटाएंसंदेश वडनेरकर जी से मिल गया था कि सुकुल जी को शीर्षक पर आपत्ति हो रही है। हमने उन्हें कह दिया कि आप सुकुल जी का विशेषण हम पे चेपेंगे तो आपत्ति तो उन ने करनी ही है।
आप ने मजबूरी में आज की चर्चा की है, हम चाहते हैं ऐसी मजबूरी लगातार बनी रहे कम से कम होली तक तो। कुछ चंग-वंग बजने दो। अभी तक मजा नहीं आ रहा है, होली का। कुछ तो होने दो।
ताऊ को उनके जन्मदिन पर शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंताऊ को उनके जन्मदिन पर शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंताऊ जी पर हो प्रभू की फुल कृपा, बटोरे न बटोरी जाए।
जवाब देंहटाएंताऊ को जन्मदिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ। बार-बार दिन ये आए... वाला गाना वे आज हमारी ओर से बार-बार सुन लें।
जवाब देंहटाएंई छप्पन का आंकडा भी बला का है- कभी छप्पन छुरी, कभी छप्पन भोग तो कभी अब तक छप्पन और अब ताऊ के छप्प्न का बचपन:) बधाई हो ताऊ, बधाई। विवेकजी के विवेक को भी कि उन्होंने आपकी कुण्डली उठाकर जो रखी:)
जवाब देंहटाएंताऊ को जन्म दिन की बधाई. विवेक सिंह को यहाँ पा कर खुशी हुई. मैं उन्हें 'स्वप्नलोक' में ढूंढ रहा था.
जवाब देंहटाएंताऊ के जन्मदिन की हार्दिक बधाई. धन्यवाद विवेक भाई का यह सूचना देने के लिये.
जवाब देंहटाएंइस सुन्दर समाचार चर्चा के लिये आपको भी धन्यवाद
ताउ जी को मेरी तरफ से जन्मदिन की बधाई।
जवाब देंहटाएंताऊ जी को छप्पन होने की बधाई. चित्र देखते ही पता चल जाता है कि हम सब उनके परिवार के ही अनुजगण हैं!!
जवाब देंहटाएंआज आप ने पुन: कई मोती चुन चुन कर हमारे समक्ष प्रस्तुत किया है जिस के लिये आभार! अब एक एक करके उन मोतियों का आनंद लेने जा रहा हूँ.
आज दिन भर सोचता रहा कि सोमवार के आलेख में आप से कुछ छेडछाड की जाये -- देखते हैं कि कोई जबर्दस्त आईडिया मन में आता है कि नहीं!!
सस्नेह -- शास्त्री
आज सबसे पहले तो ताऊ जी को छप्पनवें जन्मदिन पर बहुत बहुत बधाई। और अब उनके लिए एक शेर दहाङमारके ....
जवाब देंहटाएं"ये शुभ दिन जो आज आता है,
बचपन की याद ताजा कर जाता है,
समझकर बच्चा रोने ना बैठ जाना,
क्योंकि हर वर्ष हमारा बचपन बुढ़ापे में बदल जाता है।"
प्रीती बङथ्वाल।
अच्छी रही चिट्ठा चर्चा ... ताऊ को उनके जन्मदिन पर शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंताऊ जी को तो बधाई पहले ही दे आये...बाकि प्रिती की इस खूबसूरत कविता पढ़वाने के लिये बहुतो मेहरबानी देव
जवाब देंहटाएंताऊ! तीन साल और हो जाने देना। चौथे साल को कभी पूरा मत होने देना। सीधे पांचवें पर छलांग लगाना।
जवाब देंहटाएंजन्म दिन की बधाइयां।
अरे आज तो सचमुच ही ताऊ जी का हैप्पी बड्डे निकला !
जवाब देंहटाएंताऊ जी को जन्मदिवस बहुत बहुत मुबारक हो !
ब्लॉग जगत के समाचार पढकर अच्छा लगा !
आप सभी शुभेच्छु गणों का हृदय से आभार.
जवाब देंहटाएंरामराम.
ताऊ को पहले बचपन और फिर पचपन पार करने पर बहुत-बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंआप तो बिल्कुल्लै शर्मीले हो गए जी सुकुल जी. वैसे ऊ समिक्षवा हम नईं किए, ऊ बाबू आलोक नन्दन जी किए हैं.
जवाब देंहटाएंरविवार की चर्चा सोमवार को पढ़ने का मज़ा ही कुछ और है...
जवाब देंहटाएंताऊ जी को बहुत बहुत बधाई..
ताऊ जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा. एक लाइना हमेशा की तरह शानदार.
जवाब देंहटाएंताऊ जी को छप्पन का होने पर बधाई.
ताऊ जी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं ....
जवाब देंहटाएंचर्चा बहुत अच्छी रही
कल फुर्सत नहीं मिली थी टिपण्णी करने की, पढ़ तो लिए थे...बहुत मज़ेदार चर्चा है ये वाली तो...मेट्रो ब्लू लाइन पर कब चढेगी सुनकर हंसी छूट गयी. पढ़ कर मुस्कुरा तो काफी देर से रहे थे पर ये अकेले में ठहाका लगा रहे हैं तो आपको क्रेडिट तो देना ही पड़ेगा. ताऊ को भी आज बधाई दी एक दिन लेट से.
जवाब देंहटाएंअच्छी बात है, जो आपने "सरस पायस" से उठाकर डॉ. देशबंधु शाहजहाँपुरी की यह कविता यहाँ भी लगा ली और इसका लिंक भी दिया!
जवाब देंहटाएंऔर अधिक अच्छी बात होती, यदि आप मुझे बताकर यह काम करते!
अनुरोध है कि
देशबंधु शाहजहांपुरी
को
डॉ. देशबंधु शाहजहाँपुरी ("सरस पायस" से साभार)
द्वारा विस्थापित कर दीजिए!