रविवार, मई 03, 2009

भई, ये कैसी चर्चा!

अपने ब्लॉगों को प्रमोट करने के लिए लोगबाग तमाम उपाय अपनाते हैं. पर ब्लॉग के लिए पूरा का पूरा एक मल्टीमीडिया विज्ञापन? आपने आजतक देखा नहीं होगा ऐसा ब्लॉगिया विज्ञापन -

भेजा फ्राई – वो भी गरम भेजा फ्राई - ब्लॉग का विज्ञापन:

गाली मत दे दोस्त... 66 परसेंट की मां की... तू सीधे प्ले दबा!!

clip_image002

http://geocities.com/aby_asthana/bhejafry.html

है ना प्रसून जोशी, प्रहलाद कक्कड़ और अलीक पदमसी के क्रिएटिविटीज को कांटे की टक्कर देता यह विज्ञापन?

---

किसी ब्लॉग के उपयोगी होने की पराकाष्ठा क्या है? यदि ये जानना हो तो एक्स्ट्रास्कोर.ब्लॉगस्पॉट.कॉम पर जाएँ. एक प्रविष्टि है -

Class 7 Hindi | Vasant Bhag-2 | NCERT (CBSE) | हम पंछी उन्मुक्त गगन के

NCERT (CBSE) Text Book Exercise
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

कविता से
प्रश्न १: हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते?

उत्तर: हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते क्योंकि उन्हें बंधन पसंद नहीं। वे तो खुले आकाश में ऊँची उड़ान भरना, बहता जल पीना कड़वी निबौरियाँ खाना ही पसंद करते हैं।

प्रश्न २: भाव स्पष्ट कीजिए - "या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तांती साँसों की डोरी।"

उत्तर: इस पंक्ति में कवि पक्षी के माध्यम से कहना चाहता है कि यदि मैं स्वतंत्र होता तो उस असीम क्षितिज से मेरी होड़ हो जाती। मैं इन छोटे-छोटे पंखों से उड़कर या तो उस क्षितिज से जाकर मिल जाता या फिर मेरा प्राणांत हो जाता।

जी हाँ, ये ब्लॉग सीबीएसई पाठ्यक्रम पर समर्पित है. और विविध कक्षाओं के विविध विषयों पर भरपूर सामग्री है यहाँ. उम्मीद करें कि किसी दिन यहाँ सीबीएसई का सम्पूर्ण पाठ्यक्रम तो उपलब्ध हो ही, अन्य कक्षाओं व विषयों के भी पाठ्यक्रम यहाँ हों.

---.

यह कैसा चुनाव है?

पेशे से चिकित्सक, परंतु दिल से समाजसेवी डॉ. योगेश पालीवाल चुनावों से खुश नहीं हैं. पढ़िए उनकी व्यंग्य कविता कि भई, क्यों?

पड़ोसी बोला, चुनाव हो गए है,
पर मजा नहीं आया है,
हमने पूछा भाई….
शांतिपूर्ण तरीकेसे,चुनाव निपटे है,
किस बात ने,आपको रुलाया है?
पड़ोसी बोला….
यह कैसा चुनाव है?


ना जूता चला, ना अंडा,
ना तलवार चली, ना डंडा,
सड़े टमाटरवाला, अब भी,
राह तकते खडा है,
हमारी जेब में नोटों का,
एक भी बण्डल नहीं पड़ा है,
ना शराब की बोतल,
ना पव्वा, ना खम्बा,
ना किसीका मुह काला,
ना कोई सरेआम नंगा,
लोकतंत्र का किसीने अभी तक,
मजाक नहीं उड़ाया है,
इसीलिए यह चुनाव,
हमें रास नहीं आया है,


ना स्टेज टूटा, ना नेता गिरा,
ना तो किसीपर भी,
चुनाव आयोग का, चक्र फिरा,
ना कोई बूथ लुटे गए,
ना किसीने बोगस मतदान किया है,
इस चुनाव ने तो हमारी,
परंपरा और नेताओं का अपमान किया है,
नशा चढा रहे चुनाव का,
इसलिए हमने शराब पी है?
दोबारा चुनाव करवाने की,
हमने चुनाव आयोग से मांग की है……..

ऐसे चुनाव हुए जहाँ पर, देश तो अपना ही था,
नींद खुलने पर पता चला, हकीक़त नहीं सपना ही था……

----.

सामाजिक साइटों की चहलपहल को समर्पित साइट मशाबल की एक ब्लॉग प्रविष्टि में इंटरनेट पर सर्वरालिक रूप से  सर्वाधिक बार देखे गए शीर्ष 18 वीडियो की सूची जारी की गई है. पहले क्रम के वीडियो में विजुअल्स के नाम पर कुछ खास नजर नहीं आया. 5 वें नंबर पर ब्रिटेन्स गाट टैलेन्ट शो की सूसन बायल क्लिपिंग सूसन बॉयल क्लिपिंग है जो अभी भी अच्छी खासी लोकप्रियता की सीढ़ियां चढ़ रही है. इसी सूची पर चार्ली ने मुझे फिर काट खाया शीर्षक का ये प्यारा वीडियो शायद आपको भी पसंद आए:

 

---.

गूगल ब्लॉग में बताया गया कि इस दफा उन्होंने अपनी जमीन में उग आई घास को लान-मूवर जैसी पारंपरिक अमरीकी मशीनों से साफ नहीं करवाया, बल्कि बकरियों से चरवाया (पारंपरिक भारतीय?). इससे उन्हें मशीनों की ध्वनि और धुआं प्रदूषण से तो मुक्ति मिली ही, उनकी जमीन उपजाऊ भी हो गई. गूगल के इस कदम के खूब चर्चे हुए और कहीं लोगों ने इसकी हंसी उड़ाई तो कहीं इसे सराहना भी मिली. हमारे भारत में तो सदियों से यह परंपरा है. तमाम राजस्थानी खानाबदोशों को अपने भेड़ों के झुंड के झुंड के साथ इस खेत से उस खेत जाते वर्षों से देखते आ रहे हैं. भारतीय भेड़ों के लिए (आउटसोर्सिंग की तर्ज पर) अमरीका में इनसोर्सिंग की नई संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.

clip_image004

---.

 

अंत में पेश है चर्चा पर एक एंटी व्यंज़ल –

 

अच्छी चर्चा बुरी चर्चा

ऐसी चर्चा कैसी चर्चा

 

क्यों किसलिए चर्चा

चर्चा, इसलिए चर्चा

 

बहुत प्रायोगिक चर्चा

बेहद अप्रायोगिक चर्चा

 

फूहड़ और बेकार की चर्चा

बढ़िया बड़े काम की चर्चा

 

आज की, कल की चर्चा

नहीं, परसों की चर्चा

 

अरे! सिर्फ दो की चर्चा

बाप रे! दो सौ की चर्चा

 

उन्हीं उन्हीं की दीगर चर्चा

घूमफिरकर एक ही चर्चा

 

असमय की गई चर्चा

कुसमय क्यों हुई चर्चा

 

बस, तेरी मेरी चर्चा

हद है! यही है चर्चा?

 

वाह! वाह!¡ खूब चर्चा

जित्ते मुंह उत्ती चर्चा

---

Post Comment

Post Comment

20 टिप्‍पणियां:

  1. बेखर्चा
    हैचर्चा
    चर्च के दिन
    आ कर गा
    चर्चा चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  2. भेड चर्चा की अच्छी खबर दी आपने. हमारी हर पद्धति हर तरह से परफ़ेक्ट है, बस हमारे अंदर खुद पर भरोसा ना करने वाला जिवाणु हावी है. उसका इलाज हो जाये तो हम अभी भी मौज आनन्द से रह सकते हैं.

    आज की चर्चा हर तरह से परफ़ेक्ट है.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  3. चर्चा का जब पढ़ा मैं पर्चा।
    भेजा रहा टिप्पणी बिन खर्चा।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

    जवाब देंहटाएं
  4. संक्षित्प किंतु बढ़िया चरचा...कुछ नये अद्‍भुत ब्लौगों की जानकारी आ शुक्रिया रवि जी

    जवाब देंहटाएं
  5. यही ठीक है -
    "वाह! वाह!¡ खूब चर्चा
    जित्ते मुंह उत्ती चर्चा"

    कुछ अछूते लिंक्स के लिये धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही बढिया चर्चा......इसी बहाने कईं अच्छे लिकंस मिल गए..

    जवाब देंहटाएं
  7. जितनी की जाय,
    अच्छी होती है चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  8. bahut achchee blog charcha..

    NCERT [CBSe]wali site ke liye dheron dhnywaad..abhi dekhtee hun wahan kya kya hai...shyad students ke liye bahut upyogi ho.

    जवाब देंहटाएं
  9. हैरी और चार्ली का "ले भाई मुझे काट" लाजवाब है।

    जवाब देंहटाएं
  10. खुशनुमा रही चर्चा। भेड़ की खबर और बच्चों का वीडियो दिलचस्प आईटम्स थे...
    शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  11. बेनामीमई 03, 2009 2:58 pm

    बच्चों का विडियो अच्छा लगा.. धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  12. चर्चा के नए अन्दाज़ में चार्ली और हैरी की हिट फिल्म बहुत खूब लगी.

    जवाब देंहटाएं
  13. वाह! वाह!¡ खूब चर्चा
    यही है चर्चा, यही है चर्चा
    बहुत प्रायोगिक चर्चा
    बढ़िया बड़े काम की चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  14. अलग फ्लेवर की चर्चा,,, आनन्ददायी तो होना ही था रवि भाई जो आये हैं.

    जवाब देंहटाएं

चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें। असभ्य भाषा व व्यक्तिगत आक्षेप करने वाली टिप्पणियाँ हटा दी जायेंगी।

नोट- चर्चा में अक्सर स्पैम टिप्पणियों की अधिकता से मोडरेशन लगाया जा सकता है और टिपण्णी प्रकशित होने में विलम्ब भी हो सकता है।

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

Google Analytics Alternative