छम्मकछल्लो कहिस लूज़ शंटिंग धमाचौकड़ी
---कड़ियाँ - साभार - चिट्ठाजगत्
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बहुत खूब.... कई अनदेखे चिट्ठे चर्चा के इस चित्रात्मक अन्दाज़ में पढ़ने को मिल गए...
जवाब देंहटाएंक्लाउडी चर्चा ! अनन्त आकाश कैसे दिखेगा ?
जवाब देंहटाएंचर्चा के लिये आज बस केवल एक ही शब्द.. " बेहतरीन "
जवाब देंहटाएंक्या यह सँयोग या कोई अतीन्द्रिय सँप्रेषण ही है कि,
कल रात मैं इस प्रकार की प्रतीकात्मक प्रस्तुति की कल्पना कर ही रहा था ।
और... आज सुबह ही यह चरितार्थ दिख रहा है । फिर दोहराऊँगा " बेहतरीन !"
प्रस्तुतिकरण का बढिया अंदाज .. बधाई।
जवाब देंहटाएंगुड कोलाज
जवाब देंहटाएंआज की चिट्ठाचर्चा बिना पन्नों की वो किताब लगी, जिसमे केवल विषय-सूची भर हो. पर अंदाज़ अच्छा है.
जवाब देंहटाएंwaah kyaa style haen
जवाब देंहटाएंkya collage hai!kuchh naam to ek dam naye hain...shukriya
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है?
जवाब देंहटाएंवाह..........
जवाब देंहटाएंइस्टाइल भाई .बोले तो !!! बाह जी बाह
जवाब देंहटाएंमिक्स्ड ब्लोग कटलेट!वाह मज़ा आ गया।
जवाब देंहटाएंबहूत जोरदार स्टाइल है................नया अंदाज़ पसंद आया
जवाब देंहटाएंयह एक अनोखा अंदाज रहा!!
जवाब देंहटाएंसभी चिट्ठे तो हैं, चर्चा आप कर लें:)
जवाब देंहटाएंअनूठी चर्चा और अनूठा अंदाज
जवाब देंहटाएंरामराम.
धाँसू !
जवाब देंहटाएंवाह जी वाह
जवाब देंहटाएंअब तक की सबसे रंगीन और हसीन चर्चा...
जवाब देंहटाएंवाह !!!!!!!!!!!
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंकुछ भी हो आनंद आ गया
जवाब देंहटाएंअनोखा तरीका Chalo sab ko nibata diya
Shukriya
इसीलिए तो रवि रतलामी जी हमारे सबसे पसंदीदा चिट्ठाकारों में हैं।
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