मंगलवार, मई 26, 2009

बेअसर हो तो फ़िर दुआ क्या है


मंत्रिपद

ब्लागर मन का विश्लेषण करते हुये विवेक रस्तोगी ने लिखा:
हिन्दी में अपने प्रोफ़ेशन के बारे में कुछ लिखूँ । ( लिखा था पर न ज्यादा हिट्स आये और न ही प्रतिक्रिया)
तो ताऊजी ने ब्लागिंग का निचोड़ निकालकर उनके टिप्पणी बाक्स में धर दिया:
ये टीपणिबाजी तो शादी मे लिये दिये गये लिफ़ाफ़े का व्यवहार है. आप दोगे तो कोई आपको देगा, वर्ना यहां कोई पूछने का समय नही रखता.

एकदम यही बात हमलोगों ने इलाहाबाद में आठ मई को कही थी-
टिप्पणी करना एक तरह रिश्तेदारी में व्यवहार निभाना है। आप दूसरे के यहां नहीं जाओगे तो अगला भी आपके यहां आना बंद कर देगा या कम कर देगा।
क्या इससे यह सिद्ध नहीं होता कि दो ब्लागरों के विचार आपस में मिल भी सकते हैं।

विचार का तो चलो भला हो गया लेकिन मौज का क्या किया जाये? मौज वो भी एक्सक्लूसिव। अमित अपने मित्र से एक्सक्लूसिव मौज लेते हुये सूत्र वाक्य बताते हैं-
एक्सक्लूसिव तो कचरे का डिब्बा भी होता है, जमादार के अलावा कोई नहीं ले जाता, तो क्या कीजिएगा एक्सक्लूसिविटी का!!


नीरज गोस्वामी उपेन्द्र की किताब खुशबू उधार ले आये का जिक्र करते हुये कुछ चुनिन्दा शेर पढ़वाते हैं:

मंत्रिपद
बेअसर हो तो फ़िर दुआ क्या है
चल के रुक जाये तो हवा क्या है

लोग हंसते हुये झिझकते हैं
ये इन्हें रोग सा लगा क्या है

गम हैं,मजबूरियां हैं, किस्मत में
फ़िर ये कोशिश ये हौसला क्या है
और कुछ शेर उधर से टीप के पढ़वाते लेकिन नीरजजी भी तालाबाजों में शामिल हो गये हैं इसलिये वहीं पढ़ना होगा आपको!
द्विजेन्द्र द्विज कहते हैं:

पंख कुतर कर जादूगर जब चिड़िया को तड़पाता है
सात समंदर पार का सपना , सपना ही रह जाता है




मंत्रिपद
दुष्यन्त कुमार की गजल की ये लाइने हम अक्सर कई दोहराते हैं:
मैं तुझे भूलने की कोशिश में
आज कितने क़रीब पाता हूं ।

तू किसी रेल-सी गुज़रती है,
मैं किसी पुल-सा थरथराता हूं ।

युनुस रेडियोवाणी में मीनू पुरूषोत्‍तम खूबसूरत आवाज में इस गजल को सुनवा रहे हैं। सुनिये आनंदित होंगे।

बबली ने अपने बारे में अपने प्रोफ़ाइल में लिखा है
मैं एक बहुत ही दिलचस्प और हसमुख लड़की हूँ और नए लोगों से दोस्ती करना बेहद पसंद करती हूँ !
वे लिखती हैं:
हम न कभी मिले तुमसे,
पर तुम्हारा चेहरा हमेशा देखते रहे,
राह पे जब एक दिन तुम्हारी झलक मिली,
उस दिन हकीकत को ख्वाब समझकर चलते रहें



लवली कुमारी
हम सभी लोगों ने प्रेमचंद की कहानी मंत्र पढ़ी होगी जिसमें बूढ़ा भगत डा.चढ्ढा के बेटे का इलाज करता है जिसको सांप ने काट लिया था। सांपो के बारे में आम लोगों की जानकारी बहुत सीमित होती है। हर सांप को जहरीला समझना और सही समय पर उचित इलाज न मिलने से अनेकानेक दुर्घटनायें हो जाती हैं। लवली कुमारी अपने ब्लाग के माध्यम से लोगों को सांपों के बारे में जानकारी देती रहती हैं। सांपों के संबंध में जानकारी देने के काम में डा.अरविन्द मिश्र उनका सहयोग करते हैं। अरविन्दजी लिखते हैं:
सबसे आश्चर्य की बात तो यह है की भारत में विषैले साँपों की संख्या अधिक न होने के बावजूद भी यहाँ सर्प दंश से होने वाली मौतों की संख्या सबसे अधिक है ! जबकि आस्ट्रेलिया जैसे देश जहाँ विषैले सांपों की संख्या काफी है हर वर्ष बस कोई एकाध मामलों में मौत की खबर आती है ! दरअसल भारत में जून से सितम्बर मांह तक सर्प दंश के संदर्भ में आपात काल जैसी स्थिति होती है ! पर इस आपात काल से निपटने की हमारी कोई तैयारी नही होती !

सांप के काटने पर क्या होता है इसबारे में वे बताते हैं:

डा.अरविन्द मिश्र
सर्प दंश की घटना के आरम्भ के ही कुछ लम्हे बहुत हड़कंप की सी स्थिति वाले होते हैं ! लोगों की भीड़ आ जुटती है और फिर शुरू हो जाता है जितने मुंह उतनी बातों का सिलसिला ! जिससे सर्प दंश पीड़ित और भी घबरा उठता है ! तरह तरह के उपायों और चिकित्सा विधियों की नीम हकीमीं पेशकश होने लगती है -कोई नीम की पत्ती खाने पर जोर देने लगता है तो कोई शुद्ध देशी घी पिलाने की हिमायत करता है ! कोई घडों पानी से नहलाने की पुरजोर वकालत !


गर्मी में गुलमोहर और अमलतास के फ़ूल दिखते हैं। रंजना भाटिया गुलमोहर और अमलतास के बारे में लिखती हैं:

गुलमोहर

गुलमोहर के फूल
जैसे हाथ पर कोई
अंगार है जलता ...



अमलतास
जेठिया आग से
झुलसे है बहार
अमलतास से मिटे
कुछ गर्मी की आस



हिमांशु कहते हैं:
बस आँख भर निहारो मसलो नहीं सुमन को
संगी बना न लेना बरसात के पवन को ।

वह ही तो है तुम्हारा उसके तो तुम नहीं हो
बेचैन कर रहा क्यों समझा दो अपने मन को ।


खाद्य पदार्थ
आज पाबलाजी के जुड़वां बच्चों के जन्मदिन हैं। पाबलाजी के बेटे, बेटी को उनके जन्मदिन पर हमारी मंगलकामनायें।

इसी क्रम में एक खुशखबरी और है कि अनीताकुमार जी के बेटे आदित्य के विवाह की बात पक्की हुई और रोका हुआ उनकी
होने वाली बहू का नाम रोमा है। अनीताजी को हमारी बधाई।

और अंत में


आज के लिये फ़िलहाल इतना ही। चलते-चलते ज्ञानजी की पोस्ट का जिक्र जरूरी है जिसमें वे लिखते हैं:
धरती पर हमारी दशा उस मेंढ़क सरीखी है जिसे बहुत बड़े तवे पर हल्के हल्के गरम किया जा रहा है। गरम होना इतना धीमा है कि मेढ़क उछल कर तवे से कूद नहीं रहा, सिर्फ इधर उधर सरक रहा है। पर अन्तत: तवा इतना गरम होगा कि मेढ़क तवे से कूदेगा नहीं – मर जायेगा। हममें और मेढ़क में इतना अन्तर है कि मेढ़क सोच नहीं सकता और हम सोच कर आगे की तैयारी कर सकते हैं।


आपका दिन शुभ हो।

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21 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छा चुनाव.. पाबला जी को बधाई..

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  2. पाबलाजी और अनिताजी दोनों को बधाई,

    ज्ञानजी ने अलग ही नजरिये से बहुत ही दमदार बात कही है

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  3. पाब्लाजी और अनिताजी को बधाई।

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  4. "जबकि आस्ट्रेलिया जैसे देश जहाँ विषैले सांपों की संख्या काफी है हर वर्ष बस कोई एकाध मामलों में मौत की खबर आती है !"
    शायद वहाँ के सांप अधिक बुद्धिमान और पढे़-लिखे हैं:)

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  5. पाब्लाजी और अनिताजी को बधाई । द्विज जी की गजलों का जिक्र मन खुश कर जाता है । आभार ।

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  6. पाब्लाजी और अनिताजी को बहुत बधाई और शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  7. पाब्लाजी और अनिताजी को बहुत बधाई।
    आज तो घणी चर्चा हो गयी। डबल डबल! कविता जी ने भी कर डाली।

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  8. सभी मित्रों का बहुत बहुत धन्यवाद……:)

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  9. एक ही दिन में दो दो चर्चा ..काहे ?ब्लोग्वानी पे कुछ ब्लॉग कभी कभी कुछ कह जाते है......



    विवाह में वर वधु सात फेरे क्यों लेते है --द आर्ट ऑफ़ वार
    आज बड़े खुश लग रहे हो - महिलाओं की स्कर्ट छोटी नहीं हो सकती -
    आप संभालिये दिल्ली मै तो चला रांची - ये कहाँ जा रहे है हम
    क्यों सुलगा है पंजाब ---आखिर ब्रहस्पति के प्रभाव से भड़क गयी न पूरे पंजाब में आग
    अगर आपकी प्रेमिका का सेल फोन बन्दर छीनकर ले जाए -हम तो बस करतब दिखा रहे है

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  10. अनीता जी को ढेरो शुभकामनाये

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  11. अनीता जी को सास बनने की शुरूआत करने की बधाई । बधाई पाब्‍ला जी को भी । डबल केक मिलने वाला है हमें । और फुरसतिया चचा अपन ने तो बिलागवाणी पे नईं रेडियोवाणी पे दुसियन्‍त को चढ़ाया है । बिलागवाणी तो मैथिली जी की मिल्‍कीयत है जी । जये हो जी ।

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  12. अनीता जी तथा पाबला जी को सपरिवार बधाई,शुभकामनाएँ।
    रंगबिरंगी चर्चा बहुत खूब है।

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  13. पाबलाजी के बेटे, बेटी को उनके जन्मदिन पर हमारी बधाई. अनिता जी सास बनने जा रहीं है तो आदरणिया एवं परम श्रद्धेय अनिता जी बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.

    अच्छी चर्चा करने के लिए फुरसतिया जी को बधाई...

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  14. अनितादी और पाबलाजी को बहुत बहुत बधाई.

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  15. डॉ अनुराग जी, युनूस जी, कविता जी, मिनाक्षी जी, समीर जी आप सब का बहुत बहुत शुक्रिया। सच में ब्लोगजगत से जुड़ कर इतने दोस्त मिल गये कि हर खुशी दूनी हो जाती है।

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  16. बेनामीमई 26, 2009 9:36 pm

    आप सभी साथियों की बधाईयों, शुभकामनायों हेतु बहुत बहुत धन्यवाद्। अपना स्नेह बनाये रखियेगा।

    अनिता जी को बधाई तो दे चुके हैं, बस उनसे लड़डूयों का टोकरा लेना बाकी है। :-)

    अभी थोड़ी देर पहले ही पता चला कि कार्टूनिस्ट इरफान के 2 वर्षीय पुत्र का भी जनम दिन है। उन्हें भी बधाई।

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  17. अनूप जी,

    हर बार की तरह ही व्यापक, विस्तृत, अनूठी और नये पहलुओं से परिचय कराती चर्चा।
    सादर,

    मुकेश कुमार तिवारी

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