ब्लॉगों के उस पार और भी जहान हैं. एक है माइक्रो ब्लॉगिंग का. ट्विटर एक ऐसी ही सेवा है जो माइक्रो ब्लॉगिंग की सुविधा प्रदान करती है. आपको 140 अक्षरों में अपनी बात पूरी करनी होती है. संक्षिप्तता में जो पूर्णता है वो कहीं और नहीं.
इसीलिए, अभी हाल ही में एक ट्विटरिया एस्टन कुचर ने दस लाख अनुसरणकर्ता (फालोअर्स) प्राप्त करने के आंकड़े को पार किया. ओपरा विनफ्रे ने जब से ट्विटर का प्रयोग करना चालू किया है, ट्विटर के उपयोग में 40 प्रतिशत वृद्धि दर दर्ज की गई है! यानी, हर ओर ट्विटरिया रोग लगने की पूरी तैयारी है. कुछ हिन्दी माइक्रोब्लॉगर्स पहले ही ट्विटर में जमे हुए हैं, और तमाम विषयों में चूं-चूं कर रहे हैं.
आइए, देखें कि हिन्दी की माइक्रो ब्लॉगिंग दुनिया में क्या है.
सबसे पहले पाला पड़ा निकोल से जो हिन्दी सीख रही हैं. उनकी – चूं-चू है:
“हिन्दी मेरी पहली भाषा नहीं है. मैं ही सीख रही हूँ.”
जी हाँ, निकोल, आप ही सीख रही हैं, और कोई नहीं, हमें समझ में आ गया.
एक तरफ ग्लिटर गर्ल कह रही हैं –
“हिन्दी में टाइप करना काफी मस्त है”
हाँ, जी, तभी तो हमहूं हिन्दी में टाइप कर रहा हूं.
फिर दिखे हमारे चिट्ठाजगत् धड़ाधड़ महाराज. क्या आपको पता है कि कि चिट्ठाजगत् धड़ाधड़ महाराज भी ट्विटर पर चूं-चूं करते हैं, और उन्होंने अब तक हजारों की संख्या में ट्विटरिया दिया है?
हाथ कंगन को आरसी क्या – नीचे का चित्र देखें:
और, ये चिट्ठाजगत् धड़ाधड़ महाराज क्या ट्विटरियाते हैं? जाहिर है, चुनिंदा चिट्ठों के बारे में –
तनिक आगे चले तो... अरे! ये क्या अपना परसांतवा उहां बइठल है फोकट में मीटिंग में बइठा है अऊ मीटिंग मं ध्यान लगाय छोड़के ट्विटर पर चूं चू कर रहा है –
“दू घंटा से मिटिंगवा में बईठने से दिमगवा खराब नय होगा क्या? आप ही बताईये, ई हो कोनो बात हुआ कि खाली मिटींगवे होता है और रिजल्ट कुछो नय?”
सही कहा भैये. मीटिंगवे मा कभी कुछ रिजल्टवा कभी निकला है भला?
आपको क्या लगता है कि हिन्दी के कितने ट्विटर उपयोक्ता होंगे? एक दर्जन? दो दर्जन? वैसे तो संख्या का पता लगा पाना मुश्किल है, मगर मैंने कुछ खोजबीन की तो मामला सैकड़ों में जाता दिक्खे है. है न प्रसन्नता की बात?
माइक्रोब्लॉगिंग की मजेदार दुनिया में सैर करने को जरा आगे बढ़े तो पाए कि वहां तो आदि चिट्ठाकार आलोक अपना पैर जमाए बैठे हैं, और जब तब चूं-चूं करते फिर रहे हैं. लगता है उनका मोबाइल उनका बहुत बढ़िया साथ दे रहा है हिन्दी में ट्विटरियाने में. अपनी ताजा पोस्ट में हिन्दी सुविधा न मिल पाने के कारण गुस्साए और भिन्नाए हुए हैं –
“क्या मज़ाक है http://www.tweetdeck.com/beta/ में न हिंदी लिख सकते हैं न पढ़ सकते हैं”
पर, आलोक दा, मजाक न समझें, जरा हमें समझाएँ कि इ ट्वीटडेक भला क्या होता है और इसमें हिन्दी क्यों जरूरी है?
इधर, आगे तो दैनिक भास्कर का सूर्य चमक रहा है जिसकी एक ट्विटरिया चूंचू में भास्कर में छपी खबर की कड़ी है –
“गर्भनिरोधक इंजेक्शन लगवाने वाले पुरुषों की है तलाश .... http://bit.ly/COWjX ”
अब ये पता नहीं कि भास्कर के एडमिन ट्विटरियाते हैं या उनका कोई प्रशंसक.
एक हैं गजलकार महोदय, जो जब तब 140 अक्षर से कम के शेर पेश करते रहते हैं. एक शेर मुलाहिजा फरमाएँ –
“ईश्क की शुरूआत होती है रूक रूक कर, अश्कों की बरसात होती है रूक रूक कर।”
आँय, क्या सच में?
इंडियास्फीयर भी ट्विटर में सक्रिय हैं –
“क्या मनमोहन सिंह राजकुमार है?: एक माईक्रोपोस्ट हाज़िर है।टीवी वाले कुछ भाई चिल्ला रहे थे राजतिलक! read more http://tinyurl.com/p5oj69”
जरा सा आगे बढ़े तो पारस खड़ीकर मिल गए. वे अपने किसी अनुसरणकर्ता को समझा रहे थे –
“प्लीज ट्वीट इन देवनागरी. डाऊनलोड बरह आय. एम. इ. फ्री फ्राम http://baraha.com/download.htm”
थैंक्यू ब्रदर पारस, देयर वेयर आलवेज मोर मजा इन देवनागरी ट्विटरियाइंग.
बहुत पहले हिन्दी चिट्ठों की दुनिया में ईपंडित हुआ करते थे. ट्विटर में उनकी आखरी पोस्ट 28 अक्तूबर 2007 की है –
“Shrish
- चलो भाई अपुन सोने चलते हैं। उबण्टू की सीडी डाउनलोड के लिए लगा देते हैं, लाइट रही तो हो जाएगी वरना फिर सही।...”
लगता है, तब से श्रीश भाई सो ही रहे हैं. अरे! उठो भी, जाग जाओ. कुछ पोस्ट वोस्ट ठेलो तब बात बने.
अब अगर आगे सूची बढ़ाऊंगा तो आप कहेंगे कि अच्छा बंदा है, माइक्रोब्लॉगिंग की बातें करता है और चर्चा मेजर करता है. वैसे यहाँ बीबीसी-हिन्दी भी है तो हिमांशु भी, संजय बेंगाणी हैं तो देबाशीष भी, मसिजीवी हैं, तो दिनेशराय द्विवेदी भी, प्रवीण त्रिवेदी हैं तो कविता वाचक्नवी, अजित वडनेरकर, इत्यादि - इत्यादि तमाम हिन्दी चिट्ठाकार डटे हैं. मैं तो ख़ैर, हूं ही वहां आदिकाल से.
तो, यदि आपने अभी तक ट्विटर में खाता नहीं खोला है, ट्विटर में चूं-चूं नहीं किया है तो माइक्रोब्लॉगिंग के अपने मजे से बस एक कदम दूर हैं. फट से खाता खोलें, ट्विट ट्विट ट्विटरियाएं या भले ही न ट्विटरियाए, पर तत्काल मेरे फालोअर्स बनें. मुझे भी एस्टन की बराबरी करनी है.
ल्यौ जी यो दकान खुल्लै तो दो साल हो्ग्यै अर म्हूरत कर्या इब 2009 पँचैं मईन्नै के 23 / 24 की आधी रात को ।
जवाब देंहटाएंहम ब्लागर हैं, दूसरे ठियाँ पर जाकर चूँ चूँ क्यों करें ?
जबकि दुनिया का बेहतरीन चूँ चूँ का मुरब्बा ब्लागिंग में मिल ही रहा है ! मैं 2007 से सदस्य हूँ, मुझे तो कोई लाभ न दिखा, यदि फ़ुरसतिया गुरु 140 शब्द सीमा में करके दिखा दें..
तो चेला भी आगे आये ।
अलबत्ता हिमाँशु , लवली , अजित ( जी वैकल्पिक है, चाहें तो लगा लें.. बुरा न मानूँगा ),
इन सभी जीओं से अक्सर मुलाकात हो जाती है । आपने न्यौता ही न भेजा !
कोशिश की जायेगी कि ट्विटर पर भी आया जाये..लग तो रोचक रहा है. :)
जवाब देंहटाएंअरे, इसमें भी बहुत टण्ट-घण्ट है। हम तो सोचते थे कि आलोक-९२११ यूं ही टुट-टुट करते रहते हैं।
जवाब देंहटाएंलो जी मैं भी एक twitter अकाउंट खोल आया हूँ.
जवाब देंहटाएंtwitter फेसबुक से अभी बहुत पीछे है.
हम भी हैं यहां, पोस्ट को अपडेट किया जाये :)
जवाब देंहटाएंलो भैया हमहू आ गये मैदान में। खोल लिया खाता ट्विटर में। यहां भी फ़ुरसतिया ही हैं।
जवाब देंहटाएंपहिला संदेश कहता है:हम भी आ गये हैं ट्विटरियाने। रविरतलामी हमको फ़ंसाये थे ब्लागिंग में। यहां भी अरझा दिये। आज ही तो किये हैं चर्चा। देखते हैं यहां के भी जलवे।
खाता तो बहुत पहले से खोल रखा है
जवाब देंहटाएंबशर्ते उसे पहले ही कोई खा नहीं गया हो
अपना मुनीम तो संजीत त्रिपाठी है वो ही देखेगा खाता बही।
जवाब देंहटाएंआपकी इस चर्चा का शुक्रिया । हिन्दी माइक्रो ब्लॉगिंग का कुछ कायापलट होने के आसार बन रहे हैं ।
जवाब देंहटाएंइस चर्चा से हमें कुछ फॉलोवर्स भी मिल गये ।
मैं भी कहूँ, यह चमत्कार कैसे हुआ कि फुरसतिया इस १४० के लपेटे में पड़ गये ।
हम भी जमे है पर समझ नहीं आता क्या क्या दे्खें... फेस बुक, ओरकुट, टिविटर.. और न जाने कहां कहां...
जवाब देंहटाएंभाई हमने वहां टविटराना शुरु किया..हमको वहां से कोई हमारे लठ्ठ और भैंस सहित भगा दिया..पता नही हमसे हमारा इमेल..नाम..गाम..पता सब भरवा लिया आउर बोला..ताऊ निकल लो यहां से..ये तुम्हारे बस का रोग नही है...सो का करें भाई..चले वापस अपना सा मुंह लेके.
जवाब देंहटाएंरामराम.
ध्यान व उल्लेख हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंNice one and follow me @http://twitter.com/p_upadhyay
जवाब देंहटाएंaister ki barabari to aap kar hi lenge...
जवाब देंहटाएंshayad 2099 tak !! :)
..acchi jankari...
..hamesha ki tarah !!
"सही कहा भैये. मीटिंगवे मा कभी कुछ रिजल्टवा कभी निकला है भला?" अरे भैये, वो तो मेटिंगवा में निकले है:)
जवाब देंहटाएंसोशल मिडिया मार्केटिंग में ट्विटर एक क्रांति के रूप में आया है.. दो दिन पहले ही माशेबल में खबर पढ़ी है की गूगल ट्विटर के साथ हाथ मिलाने को प्रयासरत है
जवाब देंहटाएंMujhe to 10 naye Follower mil gaye.. ;)
जवाब देंहटाएंvaise Chitthajagat ek hi din me itna likh dete tha ki main unke follower vale list se bahut pahle hi bhag gaya tha.. ;)
vaise Ravi ji aapka twitter URL mujhe nahi mila.. :(
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जवाब देंहटाएंअजी, हम तो वहान बहुत पेहले से मौजूद हू, आप लोग अब आ रहे हो जे तो बहुत गलत बात है...अपने ब्लोग पर इस्तिहार दिखाने के लिये यहा चट्का लागाये
जवाब देंहटाएंhttp://www.bidvertiser.com/bdv/bidvertiser/bdv_ref.dbm?Affiliate_ID=25&Ref_Option=pub&Ref_PID=236711
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