एक लाईना
- जो नृप होय, हमे ही मानी :वर्ना याद दिला देंगे नानी
- भाड़ में जाय तुम्हारी व्यस्तता : हम तो बिजी रहते हैं,व्यस्त कभी नहीं
- काश ब्लॉगजगत की महिलाए इनसे सीखे :इस बार चूक गये, अगली बार टांग टूटे तब बताना नटखट बच्चे
- तरही कविता, तरह-तरह की कविता:ऒं की तेरही ज्ञानजी के सौजन्य से संपन्न
- शुक्रिया जिंदगी :इत्ती फ़ार्मेलिटी! क्या लफ़ड़ा है जी?
- कौन कहता है मैं कहता हूं गजल : किसकी हिम्मत जो ’पजल’ को’गजल’ कहे
- जब पैरों तले धरती खिसक जाये!!:शास्त्रीजी का ब्लाग खोलके पढ़ने बैठ जायें !
- भगवान न करे बीबी के हाथ का "वैसा" गरम पराठा खाने की नौबत आये! :बीबी नहीं पास गरम पराठा खाने की लगाये आस
- फ्रीलांसर का दर्द:न जाने कोय
- भारत की अदालतों में लंबित मुकदमों की संख्या और बढ़ी : वकील साहब ब्लागिंग में जुटे हैं
- आई लव यू दद्दू .....!! सेम टू यू बुद्दू.....!! : वैसे ये बताओ क्या भाव चल रहे हैं कद्दू
- तरही कविता - मंदी के मारे उर्वशी और पुरुरवा : कोलकता के अर्थसलाहकार की शरण में
- पसन्द करना सीख लो : ताकि नापसन्द करने में आसानी रहे
- फूल और कांटे :गठबंधन के लिये मचल रहे हैं
- आज की कारस्तानियां :बस यही बचा है करने को?
अच्छा जी !
जवाब देंहटाएंkaa sir fursat mein bhee ek line.....magar maja poraa aayaa atthaarah puraan ke baraabar....
जवाब देंहटाएंआज की कारस्तानियां - बस एक लाइना ही:)
जवाब देंहटाएंएकदम झिन्चक ! मस्त !
जवाब देंहटाएंमस्त एक लाईना!!
जवाब देंहटाएंअच्छी है..
जवाब देंहटाएंगूऽऽऽड मार्निंग, चिट्ठाचर्चाऽ आऽ आऽ
जवाब देंहटाएंअब एकतीस वाली चर्चा पढ़वाओ ।
एक लाइना मजेदार हैं । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंयात्रा की शुभ कामनायें!
जवाब देंहटाएंमस्त मस्त. पर ज्ञानजी कौन सी यात्रा की शुभकामनाएं दे रहे हैं? बिना छुट्टी लिये ही चल दिये क्या?
जवाब देंहटाएंरामराम.
तलाश शुरू हो गई है और आप लोगो की कृपा रही तो ज़ल्द ही गर्मागर्म पराठे खाने पड़ सकते हैं।
जवाब देंहटाएंहूँ ! झकास !
जवाब देंहटाएंयात्रा की शुभकामनायें?
जवाब देंहटाएंकहाँ जा रहे हैं, देव?
बहुत अच्छा .
जवाब देंहटाएंचिठ्ठा चर्चा में एकलाइना मेरी फेवरेट है और इस बार तो केवल वही है। क्या बात है। धन्यवाद अनूप जी।
जवाब देंहटाएंअनूप शुक्ल के
जवाब देंहटाएंसौजन्य से शिवकुमार मिश्र का नया शग़ल जाना और माना भी , मनोरंजक है | वैस फुरसतिया ने किसी से दुश्मनी निकालने का अच्छा ( गुरु नहीं कहूँगा ) मंत्र बता दिया ; जिससे शत्रुता हो उसे शिष्य मानना ,मानना क्या पुकारना शुरू कर दे मानद [स्वयम्भू ] गुरुडम मिला नहीं कि वह तो गया गया ही ; वह और किसी से उखड़े या न उखड़े आप से आप के आस-पास होने सेतो उखड़ने ही लगेगा |
वैसे तरही कविता की तेरही मानाते , परोसी तहरी स्वादिष्ट ही लगी
जवाब देंहटाएंKYA HUM APNI RCHNA AAAP SE SAANJHA KR SKTAY HAIN?
जवाब देंहटाएंbahut din baad ek laaina padhe...kya karein busy the ham bhi :D
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