और भी मित्रों ने इस मौके पर अपनी दोस्तियों के किस्से लिखे हैं। कुछ के लिंक ये हैं:
- "फ्रैंडशिप डे" की सौगात........ दोस्त......महिमा
- मित्र दिवस पर
- दोस्ती वह रिश्ता है जिसके लिए हम जीते हैं। इस रिश्ते से है जीना, इसके बिना क्या रहना।
- मित्र दिवस : लघुकथा
- आज है दोस्ती दिवस सोचा के कुछ दोस्त बना लें,/जो रूठे हैं काफ़ी दिनों से आओ चलो उन्हें मना लें
- बड़े दिनों बाद तुमसे मिलना हुआ मित्र
- दोस्ती
- तेरे जैसा यार कहां?
- ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
- मित्रता दिवस के बहाने
- साहित्य में दोस्ती और लवलीन की अंतिम कविता
- दोस्ती ख़ुदा है ..........!
- पिताजी से अच्छा पुत्र का कोई मित्र नहीं
- चल भाई तु भी बन जा दोस्त
- मित्र तुम्हारे निकट खडा मैं
- दोस्ती
- फ्रेंडशीप डे के पुनीत अवसर पर
- दोस्ती बनी रहे यह यूँ ही .
- ये दोस्ती ....
- दोस्ती - Happy Friendship Day!!
अपने देश में समलैंगिंक संबंध पर अभी कुछ दिन पहले चर्चा शुरू हुई। साहित्य लगत में लौंडेबाजी का चलन काफ़ी पहले से है। न यकीन हो ये बांच लीजिये:
तो हुआ यह कि नामवर जी ने हंस की 24वीं संगोष्ठी युवा रचनाशीलता और नैतिक मूल्य में 31 जुलाई 2009 को अपनी आदत के मुताबिक अपने वक्तव्य में लीप-पोत कर सब बराबर कर डाला। लेकिन उन्होंने जिस नोट पर अपना वक्तव्य समाप्त किया, वह ज्यादा महत्वपूर्ण है और मैं बात वहां से शुरू करने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहा हूं। उन्होंने अजय नावरिया को राजेंद्र यादव का राहुल गांधी करार देते हुए उन्हें हिदायत दी कि यदि उन्होंने ऐसे लौंडों से बचने की कोशिश नहीं की, तो वे उनका हाथ काट ले जाएंगे यानी उनका उपयोग कर लेंगे।
ये लेख भी देख लीजिये और जान लीजिये कि साहित्यजगत के नाम लोग कैसी बयानबाजी करते हैं।
कल अपने स्वयंवर में राखी सावंत ने टोरंटो, कनाडा के इलेश को चुन लिया। राजकुमार ग्वालानी ने आवाहन किया है-समीर लाल जी को बधाई दें राखी सावंत उनकी बहू बन गईं । राखी सावंत के बहू बनते ही ज्ञानजी को सुकून आया होगा कि उनका नाम राखी सावंत के साथ न जोड़ पायेंगे।
क्या आप अपनी पोस्टें चोरी किये जाने से नाराज़ हैं? यह पोस्ट निशांत ने अंग्रेजी के अत्यंत लोकप्रिय ब्लौग ज़ेन-हैबिट्स के रचयिता लियो बबौटा द्वारा कॉपीराइट पर लिखी गई बेहतरीन पोस्ट का अनुवाद करके पेश की है। आप भी देखिये शायद आपको कुछ नया मिले सोचने को। इसी क्रम में कल की चर्चा जो रविरतलामीजी ने की थी भी देख लीजिये।
डाक्टर अमर कुमार अपने मोटापे से परेशान हैं और समीरलाल अपनी बीबी से। किसका दुख भारी है यह आप तय करें। लेकिन इससे अच्छे तो ज्ञानजी हैं कि भाभीजी की फ़टकार -तुम भी अजब खब्ती हो और तुम्हारे साथ साथ मुझे भी खड़ा रहना पड़ रहा है। आने जाने वाले क्या सोचते होंगे! से प्रेरणा ग्रहण करके पोस्ट ठेल दे रहे हैं।
कल शहीद ऊधमसिंह की शहादत के ६९ वर्ष हो गये। इस मौके पर उनके बारे में जानकारी देते हुये ब्रजमोहनसिंह जी ने लिखा है- शहीद उधम सिंह आज भी ज़िंदा हैं
आज राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का जन्मदिन है। हिंमांशु ने उनको याद करते हुये उनकी कविता सखि वे मुझसे कहकर जाते पेश की है।
ऊपर के चित्र क्रमश याहू, डूबेजी ,अजय सक्सेना के ब्लागपोस्ट से साभार।
एक लाईना
- बीबी तो बीबी होती है! :उसमें गर्लफ़्रेन्ड की संभावनायें न देख
- मित्रता दिवस के बहाने:ठेल दिहिन एक पोस्ट
- मित्र तुम्हारे निकट खडा मैं:तो क्रंदन काहे कर रहे हो?
- चल भाई तु भी बन जा दोस्त:तेरी भी वाट लगा देंगे
- दोस्ती:करके ही मानोगे लगता है
- ये कहां आ गये हम : गूगल अर्थ में देख लो
- आज मित्रता बाकी दिन शत्रुता क्यों? :दोस्तों को साल भार झेला भी तो नहीं जा सकता जब देखो तब पोस्ट ठेलते रहते हैं
- क्या आप अपनी पोस्टें चोरी किये जाने से नाराज़ हैं? :हम तो इस बात से नाराज हैं कि कोई हमारी पोस्ट चुराता क्यों नहीं
काफी समय लग गया आपकी इस पोस्ट को लिंक सहित पढ़ने में। खुबसूरत चर्चा।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
वाह सुंदर
जवाब देंहटाएंहंसी आई
खूब खिलखिलाई
पोस्ट है या अखबारी मुख्य खबरें ?
जवाब देंहटाएं"राखी सावंत के बहू बनते ही ज्ञानजी को सुकून आया होगा कि उनका नाम राखी सावंत के साथ न जोड़ पायेंगे।"
जवाब देंहटाएंउपरोक्त गद्यांश की संदर्भ सहित व्याख्या की जाये .
इस चर्चा के लिए अनूप जी को १०० में से ८० नम्बर दिए जाते हैं . शीर्षक कुछ शास्त्री जी टाइप न होता तो ८५ मिल जाते और अगर हमारा चिट्ठा चर्चा में शामिल हुआ होता तो इसी शीर्षक के साथ भी १०० मिलते :)
खुबसूरत चर्चा।
जवाब देंहटाएंachhi charchaa
जवाब देंहटाएंswasth charchaa
mazedaar charchaa
_______is charchaa k liye haardik abhinandan !
आज की चिट्ठा चर्चा का शीर्षक तो अटपटा लगा,
जवाब देंहटाएंपर चर्चा मजोदार रही।
रोचक,आनन्दमयी चर्चा:)
जवाब देंहटाएं" कुछ पोस्ट पढने के बाद टिपण्णी में कुछ लिखने को नहीं सूझता. अभी भी वैसे स्टेज में चल रहा है दिमाग":-)
जवाब देंहटाएंसमीर जी के गाँव नई बहू आई तो ब्लड प्रेशन कम हुआ होगा- सुगर बढा होगा, मीठाई जो खाई -बधाई:)
बेहतरीन सामयिक चर्चा
जवाब देंहटाएंहर "एक लाइना" एक-एक चुटुकले के बराबर होती है |
जवाब देंहटाएंमुझे बहुत हंसी आती है पढ़कर |
साहित्य जगत के बारे में थोडी और जानकारी बढी |
हमारे ब्लॉग का लिंक "मित्र दिवस पर" देने के लिए आभार |
Jabardast Charchaa.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }</a
बहुत रोचक चर्चा.
जवाब देंहटाएंरामराम.
अंय, बिआह हो गया इस मेहरारू का?!
जवाब देंहटाएंकोई अपनी बीबी से भले बच जाए आपसे तो मुश्किल है बचना
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा काम की रही। आभार।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंअजी मेरे मोटापे की परेशानी को मारिये गोली..
शास्त्री जे०सी०फिलिप ने इतना चटखारेदार रुच रुच कर पोस्ट लिखी.
समलैंगिक पैंतरें समझाये.. और भी न जाने क्या क्या..
अपने पाठकों और चिट्ठाचर्चा के स्थायी ग्राहकों को आपने वँचित रखा,
थोड़ा पढ़ ही लेंगे, तो इनमें से कोई बिगड़ नहीं जायेगा :)
लिंक मैं नहीं दे रहा... इकबालिया लिंक आप प्रदान कर दें, महती कृपा होगी !
रात अभी बाकी है , अभी भी कुछ बिगड़ा नहीं है ।
बेहतरीन चर्चा ,आभार .
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा - हद हो गई, शीर्षक पर विवाद नहीं मचा. हम तो शांति प्रस्ताव लिखने बैठ गये थे, जैसे ही पोस्ट आई तो.
जवाब देंहटाएंखैर, आगे कभी काम आ जायेगा हल्के फेर बदल से किसी और विवाद में. :)
@ sameer ji
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा - हद हो गई, शीर्षक पर विवाद नहीं मचा.
jai ho :)
venus kesari
एक लाइना जोरदार रहे, फ़िलिप्स जी की पोस्ट का लिंक देते न जब डाग्दर साब इतना जोर से सिफ़ारिश किये हैं तो…॥
जवाब देंहटाएंder se hi...happy frndship day
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