सोमवार, अगस्त 24, 2009

मधुमक्खियाँ फूलों पर मँडराती नहीं


आदित्य


हफ़्ते की शुरुआत में नमस्कार या कुछ और कहते हुये डर लग रहा है। लेकिन ये डर ऊ वाला नहीं है जिसमें कहीं भूल से तू न समझ बैठे मैं तुझसे मोहब्बत करता हूं! लफ़ड़ा हो। हुआ ये कि भैये एक बालिका ने कुलपति को सलाम किया तो जेल भेज दिया गया उसे काहे से कि सलाम थोड़ा लाल सलाम टाइप का था था।

होता है सबके साथ होता जैसा विकास के साथ हो रहा है। ब्लाग उनको भूलभुलैया लग रहा है।

शाहरुख की जामा तलाशी क्या हुई वो बोले चले जा रहे हैं कुछ न कुछ! कहते हैं-जब अंजेलीना जोल्ली यहां आयेगी तो वह खुद उसकी जामा तलाशी लेना चाहेंगेबताओ भला कहीं ऐसा होता है! हमारे अरविन्द् चतुर्वेदी तो कह दिये-छि: शाहरुख ,तुम गन्दे हो

सुशील कुमार का दर्द आपको अपना दर्द नहीं लगता:
बसंत कभी आता नहीं
मधुमक्खियाँ फूलों पर मँडराती नहीं
पंछी यहाँ आकर गाते नहीं
न बया अपने नीड़ बनाते
न हवाओं में डालियाँ ही झूलती हैं।


आदि ने कल अपने चाचा का जन्मदिन मनाया और अपने चाचा से सीखा टूथपिक बोले तो दंतखुदनी से खाना! का करियेगा-बोल दीजिये हैप्पी बड्डे। ऊपर वाली फ़ोटो आदि की ही है।

अपने देश की सेना तमाम देशों की सेनाओं से तो निपट सकती है लेकिन नक्सलियों से-- न बाबा न ! नक्सलियों से निपटना सेना के बस में नहीं

मोहम्मद जमील शास्त्री समर्पित कर दिहिन कविता सुरेश चिपलूनकर को। हम भी पढ़ लिये! आप भी देखिये:
साध्वी औ शंकराचार्य के, भेष में छिपे आतंकी ।
लेफ्टिनेंट कर्नल बनकर, विध्वंस कर रहे आतंकी ॥

आतंकी सेना कै जवान ? फिर कैसे हिन्दुस्तान बची।
सरकारी गुंडन से बन्धु ,बोलो कैसे जान बची॥


अरे आप मटियाइये गुंडा-वुंडा को। आइये आपको बताते हैं प्रतिरोध के कवि आक्तोविया पाज के बारे में बजरिये प्रेमचंद गांधी।

ब्रेड --- पाव रोटी या पांव रोटी ? लफ़ड़ा है जी इस सवाल में। जानकारी डा;साहब ही देंगे। बांच जाइये लेख!

राजभाषा के भी कई तरह के राग होते हैं। आप मानते नहीं हैं तो देख लीजिये यहां हैं!

अब ई वाला बात और ज्ञान तो लफ़ड़े वाला है। देखिये जरा:

सैयां उसके बावरे, उस से लिपटत रोज।
लिपटके जाने कौन सी करते रहते खोज॥
करते रहते खोज खोज न पाए हैं कुछ भी।
तन टूटा और मन टूटा हो गए हैं भुस भी॥
कहे प्रेम कविराय जियो और जीने दो ना।
परमेश्वर पिता का सुबह-शाम रस लो ना॥


गीताश्री अफ़गानिस्तान में बने एक महिला विरोधी कानून की पड़ताल करती हैं। कानून भी देख लीजिये क्या जालिम जलवे वाला है:
अफगानिस्तान एक तरफ चुनाव झेल रहा है वही वहां औरतो को लेकर बन रहे नए नए कानून उसे डरा रहे है। वहां के नए कानून ने पुरुषों को यह हक दिया है कि अगर बीबी शौहर की यौन संबंधी मांग पूरी नहीं करती, इनकार करती है तो उसका खाना पीना बंद किया जा सकता है। यानी सेक्स नहीं तो खाना नहीं..उनकी भूख मिटाओ नहीं तो अपनी भूख से जाओ..।


अब बताओ कोई पत्रकार सालों पत्रकारिता मतलब न्यूज के पाले में कबड्डी खेलने के बाद पूछे - भैया ये नेशनल न्यूज़ क्या होती है? तो आप का कहोगे? कहेंगे क्या अनिल पुसदकर जो कह चुके हैं वही दोहरा देंगे:
जंहा-जंहा देश के इन नये ठेकेदार न्यूज़ चैनल वालों का प्रतिनिधि तैनात है वंहा की सड़ी से सड़ी खबर भी नेशनल है और जंहा इनका प्रतिनिधि नहो वहा की बड़ी से बड़ी खबर भी लोकल है।समझ गये ना।बाकी डिटेल मे कभी फ़ुरसत मे बात कर लेंगे,ठीक है।


सुनील दीपकजी बहुत दिन बाद कोई पोस्ट लिखे हैं। देखिये!

आजकल रियलिटी शो का ढेर हल्ला है। जान तो लीजिये क्या होता है- रियलिटी शो - इतिहास, नक़ल और बाज़ार आपको ई भी पता चल जायेगा कौन शो किसकी नकल है।

विकलांग को आप विकलांग नही विशेष नागरिक कहिए . . .

कुछ दिन पहले एक ब्लागर द्वारा ४६९ लोगों को अपने लेख का लिंक मेल करने की बात बताकर उसकी खिल्लीनुमा कुछ उड़ाई गयी थी। आज वे ब्लागर भाई अपना पक्ष रख रहे हैं देखिये, सोचिये, विचारिये, टिपियाइये या मटियाइये। कुछ भी करिये लेकिन क्लिकियाइये अवश्य!

संगीतापुरी जी सवाल पूछती हैं समाज से अंधविश्‍वास को समाप्‍त कर पाना क्‍या इतना आसान है ??

रचनाजी अभी जापान गयीं थीं। वहां के ओसाका केसल के कुछ फोटॊ लगाये उन्होंने आज! देखिये। सराहिये।

डा.सत्यकाम की पोस्ट पहली है लेकिन इरादे कुछ दूसरे हैं। पात्र परिचय करा दिया भाई आज!

आलोक धन्वा से मुलाकात करके आये हैं हितेन्द्र पटेल! देखिये !

मुंहफ़ट नामवर जी को बेचारा बता रहे हैं, समझा भी रहें। लगता भी है कि सही है। देखिये आपौ!

कबाड़खाने पर आज चढ़ी हैं कनुप्रिया धर्मवीर भारती वाली। चढ़ावन वाले भैया कबाड़ीकिंग लप्पूझन्ना वाले अशोक पाण्डे।

डा.अमर कुमार की शिकायत है कि उनकी पहेली में लोग भाग नहीं लिये देखते ही भाग लिये। समीरलाल अच्छे बच्चों की तरह माफ़ी मांग लिये। वो नीरज रोहिल्ला को जो भागते देख रहे थे अपने सौ किलो वजन का स्यापा करते हुये:'
वो दुबला है इसलिए दौड़ ले रहा है
या
वो दौड़ रहा है, इसलिए दुबला है.'


अजय कुमार झा जो न करायें वो कम है। आज पालीग्राफ़ मशीन का ही पालीग्राफ़ कड्डाला।

ज्ञानजी शिवकुटी वाले इलाके की गंगा के संवाददाता का मानद पद भार ग्रहण कर लिये हैं। बता रहे हैं-चौबीस घण्टे में चढ़ीं गंगाजी

हरिशंकर परसाई के लेखक बनने और बाद के दिनों की कहानी जानना चाहते हैं तो उनके अभिन्न मित्र मायाराम सुरजन के संस्मरण पढ़ना चाहिये आपको:
यों ऊपरी तौर पर परसाई बहुत स्वस्थ और संतुलित दिखते हैं, लेकिन भीतर ही भीतर कोई कचोट उन्हें भेद रही है यह कम लोग ही समझ पाये हैं। दरअसल वे अपनी बात किसी से कहते नहीं और उनके निकटस्थ मित्र भी नहीं जानते कि वे अन्दर-ही-अन्दर किस पीड़ा के शिकार हो रहे हैं। बहिनों और उनके परिवार के लिये उन्होंने विवाह नहीं किया। कमजोरी के ऐसे ही किसी क्षण में अपना गम गलत करने के लिये उन्होंने शराब पीना शुरू कर दिया।


आज स्वप्न मंजूषा वाली शैल अदा का जन्मदिन है। उनको जन्मदिन की शुभकामनायें।

मेरी पसन्द


काली सी इक रात जाती रही
घटाएँ नीर बरसाती रहीं

कश्ती किनारे बढ़ती गई
तूफाँ से मात खाती रही

खिंजां का ज़िक्र हम करते रहे
फूलों पर बात आती रही

खड़े रहे वो खंजर लिए
जुबाँ मोहब्बत जताती रही

सारे चेहरे अब झूठे लगे
'अदा' ख़ुद से बतियाती रही

अदा जिनका आज जन्मदिन है

और अंत में



सप्ताह के शुरू में फ़िलहाल इत्ता ही। आपका हफ़्ता अच्छा शुरू हो। दिन शानदार बीते। शुभकामनायें हम दिये दे रहे हैं बकिया आप देख लीजियेगा। कोई बात हो तो बताइयेगा। चर्चा कर लेंगे।

ठीक है न!

पोस्टिंग विवरण: पौने सात बजे बैठे। आठ बजकर अट्ठाइस पर कहा जा बच्ची पोस्ट! पाठक तेरा इंतजार कर रहे हैं। प्यार से तुझे टिपियाइने के लिये! दुलराने च झल्लाने के लिये!

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10 टिप्‍पणियां:

  1. अनूप जी,

    कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धिता के बिना संभव ही नही है कि इतनी अलसुबह एक पोस्ट किसी बच्ची की तरह तैयार हो अपना बस्ता, पटरी, पानी बोतल लिये चल पड़ी है स्कूल(ब्लॉग जगत) जहाँ प्यार, दुलार, स्नेह, टिप्पणियाँ सभी कुछ होगा।

    व्यापक, विस्तृत चर्चा, "अदा" जी को जन्मदिन की बधाईयों के साथ ।

    सादर,

    मुकेश कुमार तिवारी

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  2. हर अच्छी पोस्ट को अपनी चर्चा में समेटना तो कोई आप से सीखे। हमेशा की तरह मस्त चर्चा।

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  3. टाइम से पहले चर्चा दिए
    आपको यूं ही नहीं
    फुरसतिया अनूप कहा जाता।

    कल आज का जन्‍मदिन
    दिनवालों को मंगलकामना दिए।

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  4. चिट्ठा चर्चा अच्‍छी रही .. अदा जी को जन्‍मदिन की बधाई !!

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  5. बहुत विस्तार से बेहतरीन चर्चा की है, बधाई.

    अदा जी को जन्म दिन मुबारक इस मंच से भी.

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  6. "-जब अंजेलीना जोल्ली यहां आयेगी तो वह खुद उसकी जामा तलाशी लेना चाहेंगे...."

    यह है शारुख खां की ख्वाहिश- ढूंढ़ते रह जाओगे:)

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  7. आपकी अपेछानुसार पोस्ट पढ़ कर पूरी तरह झल्ला चुके है और उस मानसिक स्तर को प्राप्त कर चुके है जिसके बाद अब २ घंटा ब्लोगिंग की राह पर चल कर बर्बाद किया जा सकता है

    वीनस केसरी

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  8. बिना पोस्ट पढ़ै तो, मैं टिप्पणी देयूँ ना लला ।
    भिनसारे ही अपईं चर्चा ते इत्तै सारे होमवर्क हमारे कनि काये ठेल देतौ, लला ?

    नामवर सिंह पर कुछ लिखने में बहुमूल्य समय की जो राष्ट्रीय क्षति होती है,
    उसका विरोध किया जाना चाहिये :)
    सत्यकाम टिक जायें तो है,
    झा जी बेमिसाल हैं ।

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  9. बेहतरीन चर्चा । फिर से फीड नहीं मिल रही । परेशानी हो रही है पढ़ने में ।

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