पिछली चर्चा में सुरेश चिपलूणकर के चिट्ठे की चर्चा हुई । जिसमें मीडिया के संबन्धों की चर्चा हुई । चन्द्रमौलेश्वर ने चिट्ठा चर्चा के संबन्धों को उजागर कर दिया । उन्हीं का आइडिया चुराकर हम हिन्दी चिट्ठों और चिट्ठाकारों के सम्बन्धों पर चर्चा करना चाहते हैं । पर शुरू कहाँ से करें ? जिसका आइडिया है, क्यों न उसी से शुरू किया जाय :
- चन्द्रमौलेश्वर कलम के साथ-साथ रामायण संदर्शन नाम के चिट्ठे पर भी लिखते हैं । इस चिट्ठे पर कविता वाचक्नवी भी दिखाई देती हैं ।
- कविता वाचक्नवी हिन्दी भारत, और चिट्ठा चर्चा सहित कई चिट्ठों पर लिखती हैं । इनमें एक चिट्ठा है नारी । इसे रचना सिंह अपना चिट्ठा बताती हैं ।
- इसी पर फ़िरदौस खान मिलेंगी जो मेरी डायरी चिट्ठा लिखती हैं ।
- नारी ब्लॉग पर ही अनीता कुमार हैं जो कुछ हम कहें के साथ-साथ दाल रोटी चावल नाम के ब्लॉग पर भी हैं ।
- यहीं लावण्या मिल जायेंगी, जो लावण्यम्` ~अन्तर्मन्` नाम से ब्लॉग लिखने के साथ ही चोखेर बाली पर भी मौजूद हैं ।
- इस ब्लॉग पर सुजाता की मौजूदगी से आप भली भाँति परिचित होंगे । सुजाता ही नोटपैड नाम से चिट्ठा चर्चा भी करती हैं ।
- सुजाता की बहन नीलिमा हैं, जो चिट्ठा चर्चा करने के साथ-साथ चोखेर बाली पर भी हैं और मसिजीवी के साथ मिलकर लिंकित मन ब्लॉग चलाती हैं ।
- मसिजीवी और कोई नहीं बल्कि नीलिमा के पति विजेन्द्र सिंह चौहान ही हैं । मास्साब मसिजीवी नाम से अपना ब्लॉग लिखने के साथ-साथ चिट्ठा चर्चा भी सँभाले हुए हैं ।
- चिट्ठा चर्चा में संजय बेंगाणी भी कभी लिखते थे । अभी जोग लिखी ब्लॉग पर हैं । इनके भाई पंकज बेंगाणी भी मंतव्य ब्लॉग लिखते हैं ।
- संजय बेंगाणी कभी जितेन्द्र चौधरी के साथ चिट्ठाकार सम्मेलन में थे ।
- जितेन्द्र चौधरी कानपुर के हैं और अभी कुवैत से मेरा पन्ना ब्लॉग लिखते हैं । इनको लोग ताऊ भी कहते थे । ये पुराने ब्लॉगर हैं । जैसे रवि रतलामी पुराने ब्लॉगर हैं ।
- रवि रतलामी और देबाशीष को हिन्दी ब्लॉगिंग का भीष्म पितामह कहा जाता है ।
- देबाशीष चिट्ठा चर्चा के आदि चर्चाकार हैं ।
- कानपुर के ही फ़ुरसतिया भी हैं । दरअसल फ़ुरसतिया अनूप शुक्ल हैं . जो कभी गिरिराज जोशी के साथ ब्लॉगर की पोल ब्लॉग चलाया करते थे ।
- गिरिराज जोशी कहानी कलश में पंकज सुबीर और रंजना [ रंजू भाटिया ] के साथ हैं ।
- पंकज सुबीर सस्ता शेर में अजित वडनेरकर का साथ देते हैं ।
- अजित वडनेरकर शब्दों का सफ़र तय करते हुए भी नुक्कड़ में दिखते हैं ।
- नुक्कड़ में जायें तो बाबा समीर उड़नतश्तरी वाले भी मिलेंगे । इनकी जुगलबंदी बवाल के साथ जमती है ।
- ये दोनों मित्र जबलपुर बिरादरी के हैं । जबलपुर वही जहाँ महेन्द्र मिश्र और गिरीश बिल्लोरे मुकुल नाम के दो गहरे मित्र रहते हैं ।
- महेन्द्र मिश्र प्रिंट मीडिया पर ब्लॉग चर्चा में शामिल हैं । इसमें अजय कुमार झा का भी सहयोग है ।बी एस पाबला हैं ही जो ब्लॉग बुखार भी चलाते हैं ।
- अजय कुमार झा पिताजी ब्लॉग पर दिनेश द्विवेदी के साथ है जो अनवरत भी चलाते हैं ।
- ये माँ ब्लॉग पर सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी के साथ मिलेंगे जो सत्यार्थमित्र ब्लॉग लिखते हैं । यहाँ सतीश सक्सेना भी मिलेंगे । और दरबार वाले धीरू सिंह भी ।
- सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी इलाहाबाद में रहते हैं । इलाहाबाद वही जहाँ ज्ञानदत्त पाण्डेय रहते हैं । ये अलग बात है कि आज वे पूछ रहे हैं मैं कहां रहता हूं?
- ज्ञानदत्त पाण्डेय के छोटे भाई हैं शिवकुमार मिश्र जो कोलकाता में रहते हैं । इन दोनों का साझा ब्लॉग है । और घुन्नन दोनों के साझा मित्र ।
- शिवकुमार मित्र हमारे गुरु हैं और मैं पानीपत में रहता हूँ । पानीपत यौगेन्द्र मौद्गिल वाला ।
- शिवकुमार मिश्र चिट्ठा चर्चा में कुश के साथ दिखेंगे । कुश की कलम गज़ब की है ।
- डॉक्टर अनुराग कुश के अच्छे मित्र हैं । कभी कभी लगता है दोनों एक ही हैं ।
- अमर कुमार भी डॉक्टर हैं ।
- अमर कुमार और ताऊ रामपुरिया दोनों स्वयं को समीर जी के चेले बताते हैं ।
- आशीष खण्डेलवाल हिन्दी ब्लॉग टिप्स वाले भी ताऊ के पक्के भतीजे हैं ।
- अल्पना वर्मा ताऊ पत्रिका में विशेष संपादक के पद पर कार्यरत हैं । यहीं सीमा गुप्ता संपादक (प्रबन्धन) का कार्यभार देखती हैं ।
- आशीष खण्डेलवाल अरविन्द मिश्रा और लवली कुमारी के साथ भारतीय भुजंग ब्लॉग लिखते हैं । यहीं पंकज अवधिया भी मिल जायेंगे ।
- ये रेडियोनामा में रेडियोवाणी वाले यूनुस के साथ भी हैं । ये मुम्बई में रहते हैं । और मुम्बई से दिल्ली लोकल है ।
- दिल्ली में मिलेंगे आदित्य रंजन पहलवान । इनके पापा भी युगान्तर ब्लॉग लिखते हैं और चाचा अर्पित भी ।
- दिल्ली में मुसाफ़िर जाट भी हैं जो ब्लॉग लिखते हैं ।
अभी तो कितने ही रिश्ते बाकी हैं । पर क्या करें समय का अभाव है । अगले मंगलवार फ़िर मिलते हैं । तब तक के लिए नमस्कार !
चलते-चलते
राजनीति, मीडिया, ब्लॉग सब जगह यही रिश्ते रिसते ।
अपनी न निजी औकात रही, चलते रहते कंधे घिसते ॥
रिश्तों में प्रेम न हो तो फ़िर किसलिए इन्हें कोई ढोए ।
इस दुनिया में कैसे रिश्ते, कोई हँसता कोई रोए ॥
Sukriya vivek bhai
जवाब देंहटाएंiis link ko zaroor dekhiye
badhai
चिट्ठा चर्चा के जरिये इतनी सारी जानकारी एकसाथ मिली । बहुत-बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंविवेक भाई हम तो हमारे ब्लोग का नाम ही ढूढते रहे।
जवाब देंहटाएंआभार/ मगल भावनाऐ
हे! प्रभु यह तेरापन्थ
मुम्बई-टाईगर
SELECTION & COLLECTION
इसे कहते हैं
जवाब देंहटाएंलिंकिंग चर्चा
ऐसी चर्चाएं
कभी संपन्न
नहीं होती हैं
जारी रहती हैं
अनवरत।
रिसते रिश्ते!!
जवाब देंहटाएंपिसते रिश्ते!!
घिसते रिश्ते!!
टिकते रिश्ते!!
मिटते रिश्ते!!
बिकते रिश्ते!!
पिटते रिश्ते!!
मिलते रिश्ते!!
खिलते रिश्ते!!
छिलते रिश्ते!!
लिखते रिश्ते!!
रिश्ते रिश्ते!!
दिल के रिश्ते!!
--वाह जी!! बस रिश्ते ही रिश्ते!!
रिश्ते ही रिश्ते?
जवाब देंहटाएंएक निवेदन - बचे हुए रिसते रिश्तों को इसी तरह कुछ पीसते।
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
धन्यवाद विवेकजी। रिश्ते के रिक्शे में ब्लाग जगत की सैर कराने का:) हम तो मात खा गए जी:-)
जवाब देंहटाएंभाई आपने पूरी रिश्तो की डोर ही लिख दी . ....
जवाब देंहटाएंआज तो चर्चा बिल्कुल नए अंदाज मिली पढ़कर मजा आ गया !
जवाब देंहटाएंरिश्ते ही रिश्ते -एक बार पढ़ तो लें।
जवाब देंहटाएंरिश्ते ही रिश्ते!!!
जवाब देंहटाएं@Udan Tashtari
जवाब देंहटाएंरिसते रिश्ते!!
पिसते रिश्ते!!
घिसते रिश्ते!!
टिकते रिश्ते!!
मिटते रिश्ते!!
बिकते रिश्ते!!
पिटते रिश्ते!!
मिलते रिश्ते!!
खिलते रिश्ते!!
छिलते रिश्ते!!
लिखते रिश्ते!!
रिश्ते रिश्ते!!
दिल के रिश्ते!
aapne matlaa aur radeef to padhvaa diya pooree gajal kab padhvayenge ???:)
venus kesari
और इस रिश्ते में हम कहां हुए.... वही आम आदमी... जो देख और पढ़ रहा है :)
जवाब देंहटाएंhttp://voi-2.blogspot.com/2009/08/blog-post.html
जवाब देंहटाएंidhar ek nazar vivek bhai
जवाब देंहटाएंएक सँशोधन : मज़े की बात तो यह है कि यह सब रिश्ते में रीसते हुये ब्लागर भी है !
रिश्ते ही रिश्ते
जवाब देंहटाएंइतने सारे रिश्ते
बहुत अच्छा लगता कि आपके इतने सारे रिश्तेदार हैं..
मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं...
रिश्ते नहीं चिट्ठे
जवाब देंहटाएंएक बार सभी
पढ़ तो लें और
बन जायें असली
चिट्ठाकार
जो पढ़ता है
और करता है
कमेंट
वही कहलाता है
चिट्ठाकार
बाकी सारा
खेला बेकार।
विवेक जी ने जिनका उल्लेख किया,
जवाब देंहटाएंउन सबको बधाई।
बाकी ब्लॉगर्स निराश न हों,
अपना नाम देखने लिए चिट्ठा चर्चा पर आते रहें।
कभी न कभी तो तसल्ली मिल ही जायेगी।
वाह रिश्ते ही रिश्ते.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
रिश्तों का मिजाज होता ही कुछ ऐसा है कि पूँछ बढ़ती ही जाती है ।
जवाब देंहटाएंबेहतर चर्चा । धन्यवाद ।
गोल गोल जलेबी जैसा हो गया. :)
जवाब देंहटाएंमिसिजीवी का असली नाम उनसे पूछ कर ही उजागर किया गया होगा, या उन्होने स्वयं ही कर दिया होगा. जो भी हो कभी असली नाम जानने की ओर ध्यान नहीं दिया, आज पता चल गया.
कई बातें नई पता चली.. हम तो ये ही मसिजिवी ही मसिजिवी है.. ये तो कोई और निकले.. कई पुराने ब्लोग भी मिले.. आभार.. :)
जवाब देंहटाएंअच्छा, जीतेन्द्र चौधरी ही ताऊ हैं। नयी बात पता चली। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंचर्चा के मंच पर लोगो की निजता को ला कर आप
जवाब देंहटाएंक्या कर रहे हैं . यहाँ ब्लॉग की चर्चा हो या ब्लॉग
आधारित विषयों की . चर्चा का मंच इस लिये नहीं
हैं की हम जिसकी चाहे उसकी निजता को उजागर
करे . इस प्रकार की पोस्ट अपने निज के ब्लॉग
डाली जाए तो सही होगा ताकि लोग अपने विचार
दे . सांझा ब्लॉग { क्युकी इस मंच पर बहुत
चर्चाकार हैं } ये पोस्ट डालने का अर्थ हैं की बाकी
सब चर्चाकार भी आप से सहमत हैं .
निज की दोस्ती , रिश्ते दारी को इस प्रकार से
सांझा ब्लॉग के मंच पर नहीं डालना चाहिये और
इस पोस्ट को भी हटा देना चाहिये
"सांझा ब्लॉग { क्युकी इस मंच पर बहुत
जवाब देंहटाएंचर्चाकार हैं } ये पोस्ट डालने का अर्थ हैं की बाकी
सब चर्चाकार भी आप से सहमत हैं ."
यह अध्यादेश कब जारी हुआ ? अभी तो संसद का सत्र चल रहा है तो यह अवश्य ही अध्यादेश न होकर कानून होगा .
इस कानून के हिसाब से तो चिट्ठा चर्चा की सभी पोस्ट ( हमारी को छोड़कर) डिलीट कर दी जानी चाहिये , क्योंकि हमसे सहमति किसी पोस्ट के लिये नहीं ली गयी :)
Phir se pusht hua ki charcha ke manch par Vachaknavee ke blogs ke link bhool kar bhi dena varjit kiya hua hai.
जवाब देंहटाएंThanks for this kind of teamwork.
"
# इस चिट्ठे पर कविता वाचक्नवी भी दिखाई देती हैं ।
# कविता वाचक्नवी हिन्दी भारत, और "
रचना जी, आपने अपने ब्लॉग पर जो बात कही है उससे बिलकुल भी सहमत नहीं हूँ
जवाब देंहटाएंमुझे तो इस पोस्ट में ऐसी जानकारियाँ मिली जो किसी नए ब्लोगर को शायद ही हो और रही बात निजता का यहाँ ऐसी कोई बात नहीं कही गई जो अत्यंत गोपनीय हो क्योकि चर्चा कार ने भी तो ये बातें ब्लॉग को पढ़ते पढ़ते ही जानी होंगी
न की "किसी ने अपना राज़ इनसे शेयर किया होगा, इस वादे के साथ की भाई तुझको बता रहा हूँ किसी को बतइयो मत''
वीनस केसरी
अभी तक की सबसे बेमिसाल चर्चा....शुक्रिया विवेक भाई इस रिश्ते की चर्चा के लिये....समझ सकता हूँ कितनी मेहनत से लिखी गयी है पोस्ट....
जवाब देंहटाएंभाई बहुत मेहनत की है आपने मेरे पाँच ब्लोग हैं शरद कोकास,पुरातत्ववेत्ता,आलोचक, ना जादू ना टोना ,पास पडोस और इन पर मै अकेले ही लिखता हूँ आपकी बात से प्रेरित होकर अन्य से रिश्ते बनाने की सोच रहा हूँ धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंछिलते, रिसते, भभाते और भाति भाति दुःख देते रिश्ते -एक की आर्तनाद सामने ही है !
जवाब देंहटाएंलो, रिसाव शुरु हो ही गया रिश्तों में...अब टेको..वरना बाढ़ ही न आ जाये. :)
जवाब देंहटाएंअरे इधर मुझे तो कुछ निजी दिखा ही नहीं क्या निजी दिख रहा है जरा हमें भी अपनी आँखों का चश्मा पहना कर दिखवायें।
जवाब देंहटाएंसुजाता की बहन नीलिमा हैं, मसिजीवी और कोई नहीं बल्कि नीलिमा के पति विजेन्द्र सिंह चौहान ही हैं ।
जवाब देंहटाएंज्ञानदत्त पाण्डेय के छोटे भाई हैं शिवकुमार मिश्र जो कोलकाता में रहते हैं ।
डॉक्टर अनुराग कुश के अच्छे मित्र हैं ।
बेहतरीन लगी यह चर्चा ..शुक्रिया
जवाब देंहटाएंहमें तो लगता है.. ये चर्चा इस टिपण्णी की प्रति टिपण्णी चर्चा है..
जवाब देंहटाएंcmpershad ने कहा… @ August 04, 2009 10:35 AM
बडी़ लम्बी दूर तक रिश्ता निभाती चर्चा:) वैसे रिश्ते यहां भी कम नही है... अब देखिए विवेकजी चिठाचर्चा पर, चिठाचर्चा अनूप जी चलाते हैं, विवेकजी उनके अच्छे मित्र है, विवेकजी तेल पिलाते हैं और ज्ञानजी रेल चलाते हैं और दोनों के अच्छे मित्र दुर्योधन की डायरी [डायेरिया नहीं] रखने वाले है.....इस तरह चिठाचर्चा हुई ना रिश्तेदारी की डोर:)
डिस्क्लेमरः यदि इस डोर में कहीं राखी की गांठ दिखाई दे तो कृपया बता दें ताकि वह रिश्ता काट दिया जाय:-)
अब लगने में कोनौ बुराई थोड़े ही है.. किसी को भी लग सकती है.. मेरा मतलब है लग सकता है..
सुजाता की बहन नीलिमा हैं, मसिजीवी और कोई नहीं बल्कि नीलिमा के पति विजेन्द्र सिंह चौहान ही हैं ।
जवाब देंहटाएंज्ञानदत्त पाण्डेय के छोटे भाई हैं शिवकुमार मिश्र जो कोलकाता में रहते हैं।
डॉक्टर अनुराग कुश के अच्छे मित्र हैं।
निजता की परिभाषा और उदाहरण यही है। ब्लॉगर मित्र इसे नोट करें और आगे के लिए गाँठ बाँध लें। किसी ने जो टॉप-सीक्रेट छिपाकर रखा था उसे उजागर करना निन्दनीय है।
अलबत्ता जिन लोगों की निजता का अतिक्रमण हुआ है उन्हें स्वयं अपना विरोध जरूर दर्ज करना चाहिए था। अब वे इतने जागरूक तो हो ही लें कि अपनी बात खुद कह सकें। किसी प्रवक्ता या वकील की जरूरत यहाँ भी पड़ जाय तो लानत है।
ब्लॉगर तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे...
badhiya ji,
जवाब देंहटाएंमेरा नाम हर्षवर्धन है। मैं इसी नाम से लिखता हूं बतंगड़- ब्लॉग का नाम है। आपने जिक्र नहीं किया ना इसीलिए। ... काफी मेहनत की भई
जवाब देंहटाएं@ सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
जवाब देंहटाएंनिजता की परिभाषा और उदाहरण आप "छिपकली" के नाम से भी कमेन्ट देते हैं हैं
‘छिपकली’ नाम से कोई कमेण्ट मैने अभी तक नहीं देखा। कृपया लिंक दें तो पता लगाऊँ।
जवाब देंहटाएंइन रिश्तों में कोई भी रिश्ता ऐसा नहीं है जो मुझे पहले से पता नहीं था..
जवाब देंहटाएंमुझे इन रिश्तों के बारे में किसी ने बताया हो ऐसा मुझे याद नहीं है.. मगर फिर भी मुझे पता है, मतलब मैं कहीं ना कहीं ये सब बाते पढ़ी ही होंगी.. और निश्चित रूप से नेट पर ही पढ़ी होगी.. तो इसमे निजता कैसी??