मंगलवार, जनवरी 16, 2007

इन्तजार में सुधि की साकी

था मुझको मालूम आज की चर्चा की मेरी बारी है
किन्तु बाद रतलामीजी की चर्चा के कुछ शेष न बाकी
कोई चिट्ठा नहीं कि जिसकी चर्चा करते कुछ लिख पाऊं
इसीलिये चलता हूँ सुधि की इंतजार में होगी साकी

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1 टिप्पणी:

  1. बहुत सस्ते में छूट कर भाग गये आप तो. अरे यह क्या बात हुई, अगर दिल को अच्छा न लग रहा हो, तो कल की आप कर लेना... :)

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