शुक्रवार, जनवरी 19, 2007

नैतिकता कोने में पड़ी चौकी है...

सारांश -

कल गुरूवार, दिनांक 18 जनवरी 2007 को अधिकांश चिट्ठाकार चिंतनशील नज़र आए। जहाँ एक ओर चन्द्रप्रकाश जी, मिडिया युग और प्रतिक जी “बिग-ब्रदर और शिल्पा शैट्टी” को लेकर अपने-अपने नज़रिये से चिंतित दिखे तो दूसरी ओर संजय जी स्वास्तीक को लेकर। शायरी/ग़ज़ल/कविता करने वालों की भी संख्या ठीक-ठाक रही मगर कहानी में रचनाकार पर असगर वजाहत अकेले ही दिखे। व्यंग्य में अनुराग जी इंगलिस इस्कूल (?) का दूसरा भाग लेकर हाज़िर हुए तो रागदरबारी के भाग 12 व 13 एक साथ प्रकाशित हुए। विज्ञान/तकनीकी भी अछूते नहीं रहे, एक ओर जहाँ भाटियाजी ब्राउजर से हिन्दी की प्रगति के बारे में जानकारी दे रहें है तो आशीश श्रीवास्तवजी विशालकाय गुरू ग्रह के बारे में तो उन्मुक्तजी वैज्ञानिक और कलाकार में सम्बन्धों की जानकारी दे रहें है। सुखसागर के साथ-साथ आज महाशक्ति भी आध्यात्मिक रूप लेकर अर्ध कुम्भ स्नान करने लगे तो ज्योतिष मन में मंगल का प्रभाव दिखाने लगा। इतिहास के पन्नों को खंगालते हुए अफ़लातून जी “बापू की गोद में” का १८ भाग लेकर आये तो नारायणजी धरोहरों को सहजते नज़र आये, धीरे-धीरे नारायणजी पूरे राजसमन्द को ही अंतरजाल पर लाते दिख रहे हैं, अच्छा प्रयास है। और अंत में अक्षरग्राम की चौपाल पर बैठकर अफ़लातून जी बता रहे हैं कि ऑनलाईन प्रतिवेदन कैसे दिया जाये।

चिंतन -

1. और भी हैं आंसू - चन्द्रप्रकाश
2. मौत की आग - चन्द्रप्रकाश
3. टीवी की बिगब्रदर 'शिल्पा' - मिडिया युग
4. एक बार फिर - सागरचन्द नाहर
5. बिग ब्रदर में शिल्पा शेट्टी - प्रतिक पांडे
6. स्वास्तीक पर प्रतिबन्ध यानी सभ्यलोगो की असहिष्णुता - संजय बैंगाणी
7. दलदल वाली टांग! - ई-स्वामी



शायरी/ग़ज़ल/कविता -

1. यह सिर्फ एक छाते की कहानी नहीं है - विनय सौरभ
2. बिन दुल्हन लौटे बाराती - गीतकार
3. दिल्लीनामा - गिरधर राठी
4. तेरे बगेर - रंजू
5. इंतज़ार - रंजू
6. गुमनामियों मे रहना, नहीं है कबूल मुझको.. – नीरज


कहानी -

1. कुत्ते - असगर वजाहत

व्यंग्य -

1. इंगलिस इस्कूल - भाग 2 - अनुराग श्रीवास्तव
2. वह एक प्रेम पत्र था - श्रीलाल शुक्ल
3. नैतिकता कोने में पड़ी चौकी है - श्रीलाल शुक्ल

विज्ञान/तकनीकी -

1. इस ब्राउजर से हिंदी की होगी प्रगति - जगदीश भाटिया
2. कलाकार बनाम वैज्ञानिक - उन्मुक्त
3. महाकाय गुरु - आशीष श्रीवास्तव

आध्यात्म दर्शन/ ज्योतिष -

1. भीम हनुमान भेंट - सुखसागर
2. अर्ध कुम्भ दर्शन भाग - १ - महाशक्ति
3. मंगल - मन

इतिहास/धरोहर -

1. बापू की गोद में (१८) : दूसरा विश्व-युद्ध और व्यक्तिगत सत्याग्रह - अफ़लातून
2. कांकरोली का गुप्तेश्वर महादेव मंदिर - नारायण
3. कांकरोली का साक्षी गोपाल मंदिर - नारायण
4. जाली (हमायूँ का मकबरा, नई दिल्ली भारत) - छायाचित्रकार
5. मैसूर का बाघ - सुनील दीपक

ज्ञान/सूचना -

1. ओनलाइन प्रतिवेदन - अफ़लातून

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5 टिप्‍पणियां:

  1. आपने चिट्ठो का खुब वर्गीकरण किया है, यह तरीका पसन्द आया.

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  2. चिट्ठाचर्चा में नित नये प्रयोग होते देखना सुखद है!
    यह अच्छी बात है कि गिरिराज जोशी जी में कुछ अलग तरीके से लिखने की इच्छा और हुनर है!

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  3. Giriraj ji apka bhi javab nahi... yahan bhi prayog ho sakte hain par aap sa lekhak chahiye....

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  4. ऐसी उपश्रेणियाँ नारद या अन्य हिन्दी ब्लॉग एग्रीगेटरों में भी बन जाएं तो क्या बात है.

    आपका यह नया अंदाज़ भाया.

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