रविवार, मार्च 22, 2009

रो के मिलना हर किसी से रखना संग रूमाल

आलोक पुराणिक हफ़्ते भर के अपने अगडम-बगडम लेखन का प्रायश्चित इतवार को चिरकुटई करके करते हैं। वे काफ़ी दिन बाद नभाटा के दफ़्तर गये तो पता चला दफ़्तर दूसरी जगह चला गया:
नभाटा का दफ्तर अब एक्सप्रेस बिल्डिंग में है, वहां से थोड़ी दूर पर। यह तथ्य मेरी जानकारी में नहीं था। मैं भी उन उल्लू के पठ्ठों में शुमार किया जाता हूं, जिनसे यह उम्मीद की जाती है, दुनिया जहान की खबर रखेंगे ,और अपने पिछवाड़े क्या हो रहा है, यह खबर नहीं थी।

लेख के अंत में वे शायराना गुगली मारने से बाज नहीं आते:
भौगोलिक दूरियों को तो ईमेल ने पाट दिया है, पर संवादहीनता की खाईयां बहुत बढ़ गयी हैं।


पारसी समुदाय का भारत के विकास में काफ़ी योगदान रहा है। पारसी नव वर्ष दिवस नवरोज के अवसर पर पारसी समाज के के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये सुब्रमणियन जी ने लिखा -भारत में पारसी समुदाय अपनी विलुप्ति की राह पर

बोधिसत्व की काकी का पिछले दिनों निधन हुआ। उनके बारे में लिखते हुये बोधि ने लिखा:
मेरी काको को सैकड़ों भजन याद थे। भागवत की कथाएँ मैंने बचपन में उनसे ही सुनी। जब भी मैं या घर के बच्चे बीमार होते काको सिरहाने रहती। कहती कुछ नहीं है बस मैं मंत्र पढ़ देती हूँ तुम ठीक हो जाओगे। उनके पास बर्र के काटने से लेकर नजर, टोना, बुखार, अधकपारी तक के मंत्र थे।


एक लाईना


  1. रो के मिलना हर किसी से:रखना संग रूमाल

  2. कवन चुनाव -कैसन चुनाव : कुछ दिन मां पता चली

  3. यह सांस्कृतिक सन्नाटा चिंताजनक है :सांस्कृतिक हल्ले का आयोजन किया जाये?

  4. लटों वाली लड़कियां !:मुस्कुरातीं हुई परदे खींच देतीं और हमारी पतंगें बहुत ऊंची उड़ने लगतीं आसमान में

  5. इन्सान के अन्दर : इन्सान बरामद

  6. व्हाट अन आईडिया सर जी :सब पापी पेट का सवाल है जी

  7. रवि रतलामी इंदौर में : का कर रहे हैं?

  8. हिटलर ने भी बनाई थी जनता की कार :जैसे अब मोदीजी बनवा रहे हैं

  9. कल रात बड़ी तूफ़ानी थी :शुक्र है अब सुबह हो गयी

  10. क्या आपको भी मायावती से डर लगता है : डर लगता है हमें उन पत्रकारों से जो खबरे बताने के बजाय खबरे गढने में अधिक विश्वास रखते है

  11. वरुण के हिंदुवादी तेवरों से भाजपाई शरमाने लगे :पर शिवसेना ने पीठ ठोक दी

  12. बिना डाक्‍टर के प्रेस्क्रिप्‍शन के दवा खरीदने पर ग्राहक दोषी नहीं : सारा दोष डाक्टर का होगा या दवा का

  13. बीएसफ ने दो पाकिस्तानी मारे :उड़ी बाबा रे!

  14. मुल्क को ही डँस रहे : काम में अपना -पराया नहीं देखा जाता जी

  15. नैनो का कमाल धमाल है, यह लाख टके का सवाल है। :ई नैनो भी एक बवाल है

  16. लालू ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया :लेन-देन तो राजनीति में चलता ही रहता है

  17. गोरे लुटेरों ने चलाया था इस पैसे को!!: इसीलिये शास्त्रीजी इसे संजोये हुये हैं!!

  18. उकसाने वालों पर भी दाखिल हो चार्जशीट :उकसाऊ ब्लागर सावधान!

  19. पिछवाड़े से बेखबर:बिसरि गयी सब राह

  20. शिवजी की कचहरी: में हाजिर हुये ज्ञानजी छोड़कर अफ़सरी

  21. भारत में पारसी समुदाय अपनी विलुप्ति की राह पर :गूगल अर्थ कुछ न कर पायेगा इसमें

  22. सुत्रधार रामप्यारी की नमस्ते :नमस्ते रामप्यारी, खूब सारे चूहे खाओ फ़िर हज को जाओ

  23. चुरातत्व हीन पोस्टें
    :लिखने में महारत हासिल है ज्ञान जी को! मजाल कोई चुराने की हिम्मत दिखाये!!

  24. मौजत्व पर धोये...: फ़िर निचोड़े और फ़ैला दिये ब्लाग पर

  25. चना,मछली और सेव :का पोस्ट गठबंधन

  26. सांझ का जादू : एक जिद्दी धुन के ऊपर चढ़ा!

  27. जिस तरह का पागलपन.. : उसी तरह का इलाज

  28. पापा के बिना अब क्या है!!:एक खामोशी ,एक अकेलापन

  29. सुपुत्र तेईस के भये:बधाई!

  30. अन्ना,आई लव यू...बला की तड़प थी तेरे अंदर :हमको भी तड़पा दिया उसने

  31. सुन्दरकाण्ड की सुन्दरता : सुन्दरे किं न सुन्दरम

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11 टिप्‍पणियां:

  1. *"मैं भी उन उल्लू के पठ्ठों में शुमार किया जाता हूं, ...."
    आलोकजी, इसका मतलब समझते हैं या समझायें:)

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  2. आलोक जी एक महीने बाद

    नभाटा का आफिस गाजियाबाद

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  3. हम कुछ नहीं बोलेगा। हमें हड़का दिया है सांकृत्यायन जी ने। कल से यही सोच रहे हैं कि हम में चुरातत्व कितना है।

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  4. लगता है, आपकी मित्रमंडली ने एक लाईना की प्रशंसा कर कर के आपको बिगाड़ दिया है।
    बेचारी पोस्ट!
    एक लाईना से ही पाट दी??

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  5. चलो एक लाईना तो लिख दिया. आभार.

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  6. thanks for including the link

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  7. वाह वाह! इतवार का मजा "लेने" के लिए छोटी सी पोस्ट, लेकिन पाठक को भरपूर रस "देने" के लिए एक से एक एक-लाईने!!

    अच्छा हमारे प्रस्ताव का जवाब कब दे रहे हैं -- कि एक-लाईने लिखने का गुरुंत्र आप हम को दे दें!!

    सस्नेह -- शास्त्री

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  8. एक लाइना में सारा, ब्रह्माण्ड समा जाता है।

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  9. बढ़िया रविवासरीय चर्चा और एकलाइना तो हमेशा ही कमाल के होते हैं.

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  10. श्री आदि चर्चाकार जी को विदित हो कि,
    इस समय पूरे मुल्क में आचार संहिता जारी की जा चुकी है..
    साथ ही यह भी आग़ाह किया जाय..
    कि अपनी ही बनायी हुई आचार संहिता का इस मुक्त-मंच पर दुरुपयोग न करें !
    इत्ती छ्टँकी चर्चा के लिये आज उन्हें केवल चेतावनी देकर,
    ...अगली चर्चा तक बरी किया जाता है.. नाऊ नेक्स्ट केस ?

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  11. बहुत चकाचक एक लाईना. पोस्ट चाहे ना लिखी जाये चलेगी पर एक लाईना जरुर चाहिये. पबलिक डीमांड है जी ये.

    रामराम.

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