मंगलवार, अगस्त 25, 2009

भूख बिठाकर घर में उसका यार हुआ है घूरे लाल


यात्रावृत्त

  • आपने उड़ि-उड़ि बैठी हलवैया दुकनिया वाला गाना सुना होगा। इधर देखिये मोटरसाइकिलें उड़ रही हैं।


  • डॉ. अहमद अली 'बर्क़ी' आज़मी की प्रदूषण पर कवितायें देखिये और प्रदूषण से बचने का मन बनाइये।


  • सामान्य ज्ञान बढ़ा लीजिये अनिल कान्त की संगति में

  • देह की भूख के आगे सब बेमानी ई बतिया कह रहे हैं भाई राजकुमार ग्वालानी सुनिये और अपना बताइये मत!

  • बिटिया, तुम आ गयी? कविता डा.अजित गुप्ता ने अपनी बिटिया के जन्मदिन पर लिखी। वे लिखती हैं:
    उमस भरी रात थी
    मेघ बूँद आ गिरी
    एक गंध छा गयी
    बिटिया, तुम आ गयी?


  • क्या बीबी ऐसे खुश होतीं हैं ? ई बात पूछी है कौशल ने! केवल छ जबाब आये हैं। आप भी कुछ बताइये उनको।

  • जिंदगी हर बार हार जाती है वृद्धों के ब्लाग में यह कहा गया है। जरूरी थोड़ी है कि हम भी सहमत हों इससे! है न!

  • प्रशांत के घर में एक नन्ही परी आई है सो बधाई हमने भी टिकाई है। डा.भावना कंवर की बिटिया अब ठीक है और वे आस्ट्रेलिया सिडनी में आ गयी हैं उनको भी बधाई!

  • नीरज जी आज किताबों की दुनिया में हैं और परिचय करा रहे हैं राम सनेही लाल शर्मा 'यायावर'सीप में समंदर से। यायावार जी लिखते हैं:
    भूख बिठाकर घर में उसका यार हुआ है घूरे लाल
    जैसे कोई पढ़ा हुआ अखबार हुआ है घूरे लाल

    बिना काम के गुज़र रही ज़िन्दगी बिना उद्देश्य यहाँ
    जैसे कोई दफ्तर का इतवार हुआ है घूरे लाल

  • प्रतीक हिन्दी ब्लागजगत के अन्डरडाग हैं। बड़े-बड़े काम शान्ति से करते रहने वाले। 20-20 विश्वकप के दौरान उनकी क्रिकेट के बारे में चलाई साइट खूब चली। अब उन्होंने नया पोर्टल शुरू किया है। हिन्दीलोक.कॉम : नए ज़माने का हिन्दी पोर्टल इसमें बहुत कुछ है। आनलाइन कथादेश है। आज की तारीख में हिन्दी ब्लागजगत का सबसे पुराना एग्रीगेटर है। और नयी-ताजी खबरे हैं नये ताजे चेहरों के साथ। देखिये तो सही!

  • संजय बेंगाणी न जाने क्या कह रहे हैं अजीब से शब्दों में! बाद में बता भी दिया कि जो वे कह रहे हैं उसका मतलब है ’क्षमा करे’! हमें लगता है आगे वे कहेंगे- क्षमा करे आपकी पोस्ट पढ़ नहीं पाया।

  • गांव की खोज साहित्य और मीडिया में, बुद्धिजीवियों का जमावड़ा दिल्ली में यही तो होता है जी आजकल साहित्य में! पूरी जानकारी विनीत कुमार से लीजिये।

  • दादा विंसी के शेर का पुनर्जन्म होने की जानकारी विस्तार से दे रही हैं पूर्णिमा वर्मन जी!

  • अज्ञात में छलांग की प्रेरणा उठना हमारी स्वाभाविक वृत्ति है! इसी स्वाभाविक वृति के चलते अभय तिवारी सवाल करते हैं कूद जाऊँ क्या? हवाओं ने शायद कहा होगा -न बचवा न, अभी तो तुझको कई फ़िल्में बनानी हैं। और वे वापस कानपुर आये फ़िर!

  • इस चर्चा में भाग लीजिये और अपने विचार बताइये!

  • तुम मेरी कविता में हो पढ़कर यही लगता है कि कविता भानुमती का पिटारा है! देखिये तो सही!

  • जी हां...ऐसा सिर्फ़ हिन्दी ब्लोग्गिंग में होता है... क्या -क्या होता है ई त अजय कुमार झा से ही बूझिये!

  • तीन साल की ब्लागिंग उम्र हो गयी लावण्याजी की उनको बधाई!

  • एक ठो हवाई सवाल और खुशवन्त सिंह की सलाह कि "जरूर जाओ बेटा" खुशवन्त सिंह तो बुजुर्ग हैं कुछ भी कह देते है लेकिन आप ई वाला यात्रा वृतान्त अवश्य पढ़ डालिये। ऊपर की फ़ोटो भी यहीं से है।

  • द्विवेदीजी अपनीशादी के किस्से सुनाते ही रह गये उधर समीरलाल ने शादी की वर्षगांठ भी मना ली। बड़ा तेज चैनल है भाई! बधाई। अरे चारों को भाई। चार मतलब दोनों जोड़े जी।

  • ज्ञानजी फ़ुटपाथ पर आ गयेऔर पैदल चलने लगे। जनता की जानकारी के लिये बता दें कि इसका उनकी बनियाइन पहनकर की गयी पिछली रेलयात्रा से कोई संबंध नहीं है।

  • आज पं. डी. के. शर्मा "वत्स" का जनमदिन है हमारी बधाई!


  • एक लाईना


    1. जिन्ना, जसवंत और भारत का भविष्य सब कुछ ५९९ रुपये में

    2. क्या कभी बन पाउँगा इनके जैसा बाप :मान लो बन भी गये तो उसके बाद क्या करोगे आप?

    3. जसवंत की किताब का भूत : हर जगह ब्रेक डांस कर रहा है

    4. सरकारी कर्मचारी बना दलाल :डबल ड्यूटी कर रहा है देश का लाल

    5. आ कुछ दूर चलें,फिर सोचे....... : यहां तो ये लोग लड़ा रहे हैं चोंचे

    6. कुछ लिखने को जी करता है :ई वाली कविता के बाद भी- कमाल है भाई

    7. कूद जाऊँ क्या? :क्या जान फ़ालतू है!


    8. लिखिए स्वस्थ रहिए:पढ़ने वाले का जो हो सो हो आप मस्त रहिये

    9. दुख का भविष्य; सुख के भविष्य से अधिक सुखकर होता है! :परिवर्तन ही स्थायी है;शेष तो परिवर्तनशील होता है!

    10. आदमी आदमी से संवाद कायम नहीं रख सके आडवाणी : केवल मनमोहनजी से बतियाने की अर्जी लगाते रहे

    11. चार घंटे,२६० मरीज और अकेला डॉ० सत्यकाम... :क्या करे? ब्लाग लिखने के सिवा!

    12. रिंग में आडवाणी-भागवत आमने सामने :रेफ़री का बाना धारण किया है पुण्य प्रसून बाजपेयी ने

    13. चाशनी के टुकडे:बजरिये सतीश पंचम

    14. एक और रात - गुलजार : लिखवैया हैं डा.अमर कुमार

    15. आरएसएस ने जसवंत को फटकारा : लिखते-पढ़ते विचार करते हो। संघ का नाम डुबा रहे हो। शर्म नहीं आती।

    मेरी पसंद



    अब्दुल्ला पेसिऊ
    मैं इस वक्त हड़बड़ी में हूं
    कि जल्द से जल्द इकट्ठा कर लूं
    पेड़ों से कुछ पत्तियां
    चुन लूं हरी दूब की कुछ नोंक
    और सहेज लूं कुछ जंगली फूल
    इस मिट्टी से -
    डर यह नहीं
    कि विस्मृत हो जाएंगे उनके नाम
    बल्कि यह है कि कहीं
    धुल न जाए स्मृति से उनकी सुगंध।

    अब्दुल्ला पेसिऊ की कविता लिखो यहां वहां से साभार


    और अंत में


    फ़िलहाल आज के दिन इत्ता ही। आज विवेक का दिन है चर्चा में लेकिन विवेक बीड़ी बेक के बाद मथुरा निकल गये। शाम तक लौटेंगे। कोई बता रहा था विवेक की बांछे इस बात से खिली हुई हैं कि उनकी मजाक मजाक में लिखी कवितायें उन लोगों को भी समझ में आ रही हैं जिनको आम तौर पर मजाक पसन्द नहीं है। कोई बता रहा था इसलिये विवेक फ़ूट लिये कि उनको किसी ने हड़का दिया उनकी ब्लागरी के चलते। कोई तो यह भी कह रहा था कि विवेक चर्चा करने से बचने के लिये निकल लिये। बहरहाल सच क्या है यह तो विवेक भी नहीं जानते! हम और आप कौन चीज हैं।

    बहरहाल बजरंगबली की जय बोलते हुये चर्चा प्रसाद आप तक पहुंचाया जा रहा है।

    पोस्टिंग विवरण: आज सुबह साढे छह से शुरु होकर अभी आठ पच्चीस पर चर्चा निपटाई! कल रात कई बार सोचा कि आज ही कड्डालें जब करनी हमई को है। अच्छा किया आज की वर्ना समीरलाल की शादी छूट जाती और ज्ञानजी की पदयात्रा भी।

    Post Comment

    Post Comment

    29 टिप्‍पणियां:

    1. अनूप जी,

      चर्चा सारगर्भिता के साथ साथ पैने नज़रिये से भी वाकिफ कराती है और अंत में पोस्टिंग विवरणिका मन मोह लेती है और साथ ही ब्लॉगिंग के लिये आपके समर्पण को भी।

      सादर,

      मुकेश कुमार तिवारी

      जवाब देंहटाएं
    2. विस्तार से कर दी चर्चा
      छूटा नहीं कोई भी पर्चा

      जवाब देंहटाएं
    3. सुंदर चिट्ठा चर्चा के लिए बधाई!!!

      जवाब देंहटाएं
    4. सभी को लपेटने का प्रयास अच्‍छा है। एक लाइना अच्‍छी लगी। परिश्रम के लिए बधाई।

      जवाब देंहटाएं
    5. अगर "विवेक से" चर्चा नहीं होती आप "अजय " से करा लिया करे . आप के लिये मुश्किल नहीं हैं मंगल को बस मंगल बना रहे

      जवाब देंहटाएं
    6. वाह जी बहुत ही सुथरी चर्चा . धन्यवाद.

      रामराम.

      जवाब देंहटाएं

    7. आज भी विवेक नें अपनी बैटरी बचाई ,
      पर आपमें गज़ब न्यूक्लियर ऊर्ज़ा है, भाई
      समीर-साधना जी को पहुँचे अपन की बधाई
      सुना शाम को बरसेगी उड़नतश्तरी से मिठाई


      जनता की माँग है कि, एक खरी खरी अतिथि चर्चा रचना के कीबोर्ड से निकल आती, तो ?

      जवाब देंहटाएं
    8. वैसे "समय से " चर्चा करवानी हो तो "महेंद्र मिश्र"
      से करवा ले और गिरीश बिल्मोर भी करते हैं
      जब तब चर्चा

      जवाब देंहटाएं
    9. खरी खरी अतिथि चर्चा
      vartni ki ashudhi kaun sahii karegaa ???

      जवाब देंहटाएं
    10. अब तो रचना जी को चर्चा-कार्य संभाल ही लेना चाहिए,वर्तनी की त्रुटियों की ओर उँगली उठाने में हम संयम बरतने के लिए तैयार हैं,

      हमारी तो परीक्षा आने वाली हैं, बैटरी तो बचानी ही पड़ेगी,इस बैटरी से स्वप्नलोक ही चलता रहे तो भी बहुत है,

      आपके स्टेमिना की तारीफ़ क्या बेकार ही की थी हमने ?

      अगले आदेश तक चर्चा यूँ ही करते-कराते रहें :)

      जवाब देंहटाएं
    11. ब्लॉग दुनिया पर इतनी पैनी नजर
      कमाल की बात है
      आपकी जितनी भी सराहना की जाए कम है
      आभार


      ********************************
      C.M. को प्रतीक्षा है - चैम्पियन की

      प्रत्येक बुधवार
      सुबह 9.00 बजे C.M. Quiz
      ********************************
      क्रियेटिव मंच

      जवाब देंहटाएं

    12. @ रचना

      खरी खरी = to the point, target oriented
      अतिथि चर्चा = Guest Discussion
      लो कर लो बात, हम तो आपको मान दे रहें हैं, और आप अशुद्धि निकाल रही हैं ?
      जितनी विहँगम दृष्टि आपकी है, ब्लागजगत में बिरले ही होंगे ।
      आपके द्वारा की चर्चा भेदभाव, पक्षपात,गुटवाद इत्यादि इत्यादि से परे ही होगी ।
      चूँकि आपकी दृष्टि आँग्ल-भाषा के ब्लाग पर भी रहती है, सो हम हिन्दी ब्लागधर्मी एक स्वस्थ और स्पष्ट दिशा पा सकेंगे ।
      अधिकाँश जन ( जैसे कि मैं स्वयँ ) तो यह भी नहीं जानते कि आख़िर ब्लाग में क्या ठेला ( Push-Button Publishing ) जाना चाहिये ।
      लगता है , भलाई सोचने का युग बीत गया । हम तो आपको मान दे रहें हैं, और आप अशुद्धि निकाल रही हैं ?

      जवाब देंहटाएं
    13. @dr amar
      लो कर लो बात, हम तो आपको मान दे रहें हैं, और आप अशुद्धि निकाल रही हैं ?
      नहीं डॉ अमर मै अपनी वर्तनी की बात कर रही
      थी जिस को अनूप दो दिन पहले चर्चा पर कह
      रहे थे
      आप ने मान दिया इसका अभिमान हैं और इतनी
      अज्ञान नहीं हूँ की आपके मान और दुसरो के
      मान मुनव्वल मे फरक ना कर सकू

      जवाब देंहटाएं
    14. "भूख बिठाकर घर में उसका यार हुआ है घूरे लाल
      जैसे कोई पढ़ा हुआ अखबार हुआ है घूरे लाल"

      "कबीरा की चादर को बैठे क्यूँ सीते हो रामसनेही
      बाहर भरे-भरे हो पर भीतर रीते हो रामसनेही"

      बस मजा आ गया !

      एक लाइना ऑफ़ दी चर्चा:
      15. आरएसएस ने जसवंत को फटकारा : लिखते-पढ़ते विचार करते हो। संघ का नाम डुबा रहे हो। शर्म नहीं आती।

      कितनी नई और मजेदार चीजें निकालते रहते हैं इस पिटारे से |

      जवाब देंहटाएं
    15. शुकल जी...आप त बस ..छोडते कहां हैं ..किसी को ...

      जवाब देंहटाएं
    16. २८ नाम नजर आ रहे हैं यहां की चर्चा मंडली में. क्या देबाशीष जी से अनुरोध किया जा सकता है कि टेम्प्लेट को इस तरह टेम्पर करें कि सभी चर्चाकारों के नाम के साथ उनके द्वारा की गई अंतिम चर्चा की तिथि भी नजर आये?

      जवाब देंहटाएं
    17. २८ नाम नजर आ रहे हैं यहां की चर्चा मंडली में. क्या देबाशीष जी से अनुरोध किया जा सकता है कि टेम्प्लेट को इस तरह टेम्पर करें कि सभी चर्चाकारों के नाम के साथ उनके द्वारा की गई अंतिम चिट्ठा चर्चा की तिथि भी नजर आये?

      जवाब देंहटाएं
    18. २८ नाम नजर आ रहे हैं यहां की चर्चा मंडली में. क्या देबाशीष जी से अनुरोध किया जा सकता है कि टेम्प्लेट को इस तरह टेम्पर करें कि सभी चर्चाकारों के नाम के साथ उनके द्वारा की गई अंतिम चिट्ठा चर्चा की तिथि भी नजर आये?

      जवाब देंहटाएं
    19. हिन्दीलोक कॉम हमें भी अच्छा लगा, नन्हीं परी के आने की हमारी तरफ़ से भी बधाई। समीर और साधना जी को भी एक बार फ़िर से बधाई, ताऊ के ब्लोग पर साधना जी के बारे में जानना अच्छा लगा। वैसे तो कई बार कह चुके हैं एक बार फ़िर से आप के चर्चा स्टेमिना को सलाम

      जवाब देंहटाएं
    20. विस्तृत मनमोहक चिटठा चर्चा और एक लाइना के लिए धन्यवाद

      वीनस केसरी

      जवाब देंहटाएं
    21. लपेटा गया हो चाहे कोई
      पेट अपना हम बचा ले गए।

      जवाब देंहटाएं
    22. सुंदर चिट्ठा चर्चा के लिए बधाई!!!

      शुभकामनाओं एवं बधाई संदेश के लिए बहुत बहुत आभार.

      जवाब देंहटाएं
    23. हिन्दी लोक पर इस चर्चा के माध्यम से ही टहल आया हूँ । कथादेश का वहाँ होना उपलब्धि है ।
      घोस्ट बस्टर जी की मनौव्वल करती टिप्पणी के बाद टेम्पलेट मे कुछ सुधार होना चाहिये । आभार ।

      जवाब देंहटाएं
    24. रचना जी और अमर कुमार जी की टिप्पणियों के बिना चर्चाये अधूरी है..

      अनूप जी से रिक्वेस्ट-
      हमारे द्वारा बचायी गयी बैटरी से भी चर्चा करे..

      जवाब देंहटाएं
    25. कोई फुटपाथ पर आ कैसे सकता है, जब वह वहीं था!

      आप अपनी चिठ्ठा चर्चा का स्तर कुछ डाइल्यूट करें, बाकी चर्चाकारों को कॉम्प्लेक्स हो सकता है!

      जवाब देंहटाएं
    26. क्षमा करे आपकी पोस्ट पढ़ नहीं पाया था...

      जवाब देंहटाएं
    27. Thank you jee --
      श्रध्धा और भक्ति से भरा , माँ भवानी के प्रति सदीयों से
      चला आ रहा अनुष्ठान , शक्ति उपासना का पर्व , नव रात्र
      आपके जीवन में , हर्ष उल्लास व ऊर्जा लाये ...
      इस शुभेच्छाओं के साथ ..

      जवाब देंहटाएं

    चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें। असभ्य भाषा व व्यक्तिगत आक्षेप करने वाली टिप्पणियाँ हटा दी जायेंगी।

    नोट- चर्चा में अक्सर स्पैम टिप्पणियों की अधिकता से मोडरेशन लगाया जा सकता है और टिपण्णी प्रकशित होने में विलम्ब भी हो सकता है।

    टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

    Google Analytics Alternative