मंगलवार, नवंबर 14, 2006

मध्यान्हचर्चा दिनाकं 14-11-2006

धृतराष्ट्र थोड़े खिन्न नजर आ रहे थे.
संजय : कोफि ठंड़ी हो रही है महाराज. क्या बात है कुछ उखड़े हुए हैं आप.
वो चीन ने अरूणांचल पर फिर अपना दावा किया है, इसलिए तो नहीं.
धृतराष्ट्र ने पहलू बदला. संजय ने दुखती रग पर हाथ रख दिया था.
धृतराष्ट्र : हमारे एक पूर्णकालिक चर्चाकार छुट्टी पर जा रहे है.
धृतराष्ट्र ने स्पष्ट किया.
संजय : तो क्या हुआ महाराज, उनकी जगह कोई और चर्चा कर लेगा.
धृतराष्ट्र : अरे वो भी ठीक पर जाते जाते चिट्ठो का हाल भी नहीं सुनाया और यह देखो गीतनुमा आवेदन थमा कर चलते बने. छोड़ो, अब तुम चिट्ठा दंगल का हाल सुनाओ.
संजय : जी महाराज. दूर क्षितिज से एक भारतीय कुछ विदेशी महेमानो के साथ मुम्बई में डेरा डाले है. देखिये वहाँ उन्हे कैसे-कैसे अनुभव हो रहे हैं.
धृतराष्ट्र : क्या यहाँ भी देश-परदेश पर कोई बहस के असार दिख रहे है?
संजय : अभी तो नहीं लगता, पर इधर हिजडों पर अपनी लेखनी चलाने को फुरसतीयाजी भी मजबुर हुए हैं, देखिये क्या खुब तीर चलाएं है.
धृतराष्ट्र : अरे संजय ये तो एक साथ दो दो तीर चला रहे हैं, हास्य भी और गम्भीर भी.
संजय : फुरसत में लिखते है, पर खुब लिखते है महाराज. और अवधियाजी सुखसागर से एक और मोती ले कर आए है. जानिए गंगा की उत्पत्ति के बारे में.
और जितुजी भी अनमोल जुगाड़ बांटने का अपना कार्य जारी रखा है. योद्धा लाभ लें.
धृतराष्ट्र : आज कवि मैदान छोड़ गए हैं क्या?
संजय : नहीं महाराज, देखिये बालक सी मासुम कविताएं लेकर आई है रचनाजी.
साथ ही जितुजी सैर करवा रहे है फूलों भरी बगिया की.
आप खुबसुरत फूलों का आनन्द ले. अपनी कोफि खत्म करें, मैं लोग-आउट होता हूँ.

Post Comment

Post Comment

3 टिप्‍पणियां:

  1. संजय भाई, मेरी पिछली दोनों प्रविष्टियां चर्चा में आने से रह गईं :(

    जवाब देंहटाएं
  2. जगदीश भाई

    आपकी पोस्ट के लिये इतना कुछ कहना था कि वो संजय भाई के द्वारा हमारे उपर छोड़ दिया गया, पूर्णकालिक चर्चा में आपकी दोनों पोस्ट कवर कर ली है. :)

    जवाब देंहटाएं
  3. जगदीश जी,
    क्षमा चाहता हूँ. पर विश्वास रखिये ऐसा जानबुझ कर नहीं हुआ है. संजय की दृष्टी समरूप से देखती रही है. नारद्जी के अस्वस्थ होने की वजह से कभी कभी कुछ चिट्ठे देरी से दिखते है. फिर मध्यान्हचर्चा कार्यालय में कामके बीच लिखी जाती हैं इसका असर भी पड़ा होगा. आगे से थोड़ी सावधानी बरती जाएगी. :)

    जवाब देंहटाएं

चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें। असभ्य भाषा व व्यक्तिगत आक्षेप करने वाली टिप्पणियाँ हटा दी जायेंगी।

नोट- चर्चा में अक्सर स्पैम टिप्पणियों की अधिकता से मोडरेशन लगाया जा सकता है और टिपण्णी प्रकशित होने में विलम्ब भी हो सकता है।

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

Google Analytics Alternative