शनिवार, नवंबर 25, 2006

मध्यान्हचर्चा दिनांक : 25-11-2006

धृतराष्ट्र अच्छे मूड में नहीं हैं. बेमन-से कोफी पी रहे हैं और संजय को देखे जा रहे हैं. संजय भी मूड को भाँप कर बीना कुछ बोले चुपचाप संजाल को टटोल रहे हैं. समय-सर चर्चा सुनने को न मिले तो इनका मूड खराब हो जाता है. मूड को ठीक करने का एकमात्र रास्ता यही है की इन्हे चिट्ठो का हाल सुनाओ. जल्दी ही अपने शाही रंग में आजाएंगे.
संजय : महाराज आज उडनतश्तरी बस्ती से दूर उड़ते हुए शैतान तथा भगवान के क्रियाकलाप देख रही है.
धृतराष्ट्र : बजाओ ताली..
संजय ने उखड़े हुए धृतराष्ट्र की बात को अनदेखा कर दुसरी ओर नजर दौड़ाई.
धृतराष्ट्र : ये भीड़ क्यों जमा है यहाँ?
संजय : महाराज ये ई-पंडित हैं, जो सब को अपने नाम ‘श्रीश’ की वर्तनी, अर्थ आदी चुटकुले के साथ-साथ सुना-समझा रहें हैं. और बार बार कह रहे हैं कि आप कुछ भी लिख देते हैं, मेरा नाम श्रीश है, श्रीश है, श्रीश है.
धृतराष्ट्र : बात तो ‘शिरिष’ सही कह रहा है. सुनते काहे नहीं. साथ में और भी है जो कुछ सिखा रहा है, कौन है?
संजय : महाराज ये प्रभाकरजी हैं जो सबको भोजपुरी कहावते सुना रहे हैं. पास में ही ‘फाइनमेन ने कहा था’ कहते हुए उन्मुक्तजी कहते हैं कि किसी बात को तब स्वीकार करो जब वह तर्क पर खरी उतरे.
चर्चा के असर से धृतराष्ट्र का मूड सही हो रहा था, कोफी भी अब मजे ले कर पीने लगे थे. इधर नियमीत चर्चाकार भी दरबार में देर से ही सही, लौट आए थे.
संजय : महाराज सुखसागर से एक और कथा सुना रहे हैं अवधियाजी. सुनिये प्रद्युमन के जन्म की कथा.
और महाराज जन्मदिन तो आज तीरंदाज पंकजजी का भी है. दस्तक देते हुए सागरचन्दजी सबको केक खिलाने में व्यस्त है. वहीं रविकामदार आज मौका देख अपना हथोड़ा चलाते हुए पंकजभाई की खिंचाई कर रहे हैं, लेकिन पंकज तो खोया-पाया का हिसाब ही लेकर बैठ गये हैं.
धृतराष्ट्र : और यह सुन्दरीयों के कक्ष में आज कौन घुसा चला आ रहा है?
संजय : महाराज आज यहाँ समय नष्ट करने कोई सुन्दरी नहीं आई है. आज आया है भारत का कोमन-मेन.
महाराज आप इसका हाल-चाल पुछें, और मैं होता हूँ लोग-आउट.

Post Comment

Post Comment

1 टिप्पणी:

चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें। असभ्य भाषा व व्यक्तिगत आक्षेप करने वाली टिप्पणियाँ हटा दी जायेंगी।

नोट- चर्चा में अक्सर स्पैम टिप्पणियों की अधिकता से मोडरेशन लगाया जा सकता है और टिपण्णी प्रकशित होने में विलम्ब भी हो सकता है।

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

Google Analytics Alternative