आज हिंदी ब्लागिंग में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले जीतेंद्र चौधरी का जन्मदिन है। इस अवसर पर फ़ुरसतिया ने एक बार फ़िर उनको बधाई देते हुये बातचीत की। सवाल-जबाब और साथी चिट्ठाकारों की जीतेंन्द्र के बारे में राय इधर देखिये। अमित गुप्ता उनके बारे में कहते हैं:
“ताऊ” के नाम से कुख्यात हिन्दी ब्लॉगर, इनके बारे में जितना कहें उतना कम है। ;) यारों के यार, दिलदार व्यक्तित्व के स्वामी। ब्लॉगर के रूप में इनकी सफ़लता का राज़ इनका सरल भाषा में लेखन जिसका स्टाइल ऐसा मज़ेदार होता है कि दुखी से दुखी व्यक्ति भी मुस्कुराए बिना नहीं रह सकता।
जीतेंन्द्र को हमारी तरफ़ से जनमदिन की मंगलकामनायें।
संयोग से ब्लाग पण्डित ई गुरु की बहन का जन्मदिन भी आज ही पड़ता है। उनको भी हमारी तरफ़ से अनेकानेक शुभकामनायें।
जीतेंद्र ने अपने इंटरव्य़ू में अमित गुप्त के तकनीकी लेखों का जिक्र किया है। आज उनका लेख देखिये- ऐसे चलाएँ विन्डोज़ मोबाइल पर हिन्दी…..
कल रक्षन्दा ने पोस्ट लिखकर बताया कि अपना ब्लाग वे खुद लिखतीं हैं लेकिन घोस्ट बस्टर कहते हैं बौखलाहट बताती है कि दाल में कुछ काला जरूर है।
राकेश खंडेलवाल जी के गीतों को अभी तक आप पढ़ते रहे हैं। आज उनके दो गीत उनकी ही आवाज में सुने।
उधर ताऊ को एक गंजे मास्टर ने मुर्गा बना दिया कोई कुछ बोलता नहीं।
ज्ञानजी की ट्य़ूब कल खाली होने की बात चल रही थी। आज उस पर रीता भाभी ने फ़िर मसाला भर दिया। अनूप शुक्ल तो खुराफ़ाती हैं। वे कहते पाये गये कि ज्ञानजी अपनी सारी अच्छी पोस्टें उन्हीं से लिखवाते हैं। बस वे खाली पोस्ट कर देते हैं। इसलिये उनको लिखने का कभी टोटा नहीं होगा। :)
ज्ञानजी देखो इनाम भी पा गये तस्लीम के यहां।
पा्रुल ने आज अपने ब्लाग का एक साल पूरा किया। उनको हमारी हार्दिक बधाई।
एक तरफ़ समीरलाल जी अपनी दुकान स्थगित करने की बात करते हैं दूसरी तरफ़ उनके प्रशंसक उनकी बात आगे बढ़ाते हैं।
रवि रतलामी के सौजन्य से चार्ली चैपलिन की पूरी आत्मकथा बांचिये।
एक जरूरी और उपयोगी पोस्ट: मानसिक अवसाद और “NWS “ का होम्योपैथी प्रिसक्रांबिग मे महत्वपूर्ण कार्य
- खबरनवीस: सबकी खबर दे, सबकी खबर ले
- : मधुकलश शंकर बख्शी का
- मैं जल्द ही वापस आऊंगा:हम इंतजार करेंगे
- रविवार: हर दिन होगा
- सरकारी ठेका : ब्लागिंग में भी
- प्यारे भारत की आर्त पुकार:अंग्रेजी में।
- Being a Human : बड़ा मुश्किल है।
- ओरहन:भोजपुरियन के बतकुचन करे खातिर खुलल मंच।
- वास्तविक सहज धन : आता है तो मजा देता है।
- नोयडा प्रेस क्लब: ये तो हिंदी में करें
- निशब्द यात्रा:जारी है!
- कृति :अरविन्द चतुर्वेदी की।
- अपने अपने हिस्से का सच : फ़िल्टर करके उठा लो
- नज्मों की सौगात...: पानी के थपेडों से जूझती मिलेगी
- पर सुलगती ये अगन, फिर भी धधक कर जल न पाई : आजकल ईंधन भी मिलावटी आ रहा है
- कैसे भूल जायें : क्या जरूरत है भूलने की
- थू थू हर जगह थू थू
- हमारे लायक कोई सेवा:न भैया हमें बख्स दो
एक लाइना
और अंत में
आज बहुत कुछ छूट गया। खासकर तमाम एक लाईना। जीतेंन्द्र चौधरी को निपटाते-निपटाते रात के दो बज गये। सबेरे उठे तो सोचा कुछ पोस्ट कर ही दिया जाये सो इत्ता कर दिया।
चौधरी के बारे मैंने लोगों से विचार मांगे थे। जो कल मिल गये वो वहां लगा दिये। आज सुबह ई-स्वामी की मेल मिली। वे कहते हैं:
ब्लागमंडल के एग्रीगेटर्स में सबसे पहले चिट्ठाविश्व आया फ़िर उसके बाद नारद आया और नारद के बाद ब्लागवाणी, हिंदीब्लाग्स, चिट्ठाजगत आदी.
शायद ही एग्रीगेटर्स पर काम करने वाली कोई टीम या व्यक्ति हो जिसे किसी ना किसी वजह से गरिआया ना गया हो! कहते हैं की यदी कोई काम सफ़लतापूर्वक करवाना हो तो सबसे व्यस्त व्यक्ति को दे दो. हिंदी ब्लागमंडल ऐसे लोगों से भरा पडा है जो हर हाल में उपलब्ध होते हैं - चाहे निजी जीवन में कैसे ही दौर से गुज़र रहे हों - ये सचमुच नए ब्लागर्स की खुशकिस्मती है.
हंसमुख स्वाभाव जीतेन्द्र भाई की मौज लेने वाले और नारद प्रोजेक्ट को गरियाने वाले ये भूल जाते हैं की ऐसे "नेकी कर जूते खा" किस्म के प्रोजेक्ट में तन-मन-धन से खुद को झोंकने वालों में अग्रणी जीतू भाई अपनी व्यवसायिक और व्यक्तिगत जीवन की तमाम आपाधापियों के बावजूद कितनी मुस्तैदी और प्रेम से नये ब्लागर्स के किसी भी काम के लिये हर वक्त हाजिर रहे है!
कुछ दिन पहले मुझ से कह रहे थे की यार तुम भी अपने ब्लाग पर विज्ञापन लगाओ - इसलिये नहीं की पैसा कमाना है बल्की जो कमाई हो उसे हिंदी की भलाई के काम में लगाओ - व्यवसायिक साईट्स का ध्येय भी तो जनहित का हो सकता है ये हम नहीं कर के बताएंगे तो कौन बताएगा. इस तरह की सुलझी हुई सोच वाले हैं अपने प्रिय जीतू भाई! जन्मदिन पर ढेरों शुभकामनाएं!
तमाम साथी हमारे लिखने की तारीफ़ करते हैं कि कैसे इत्ता कर लेते हैं। मुझे खुद नहीं पता लेकिन यह लगता है कि मेरा लिखा तो सब पढ़ लेते हैं लेकिन ये तकनीकी धुरंधर जो दिन रात लगे रहे गालियां खाने के बावजूद उनके सामने क्या मोटीवेशन रहा?
समीरलाल अभी तक टंकी पर चढ़े हैं। मनौना करवा रहे हैं। मुझे तो उनके तमाम प्रशंसकों की मान-मनौव्वल देखकर न जाने कैसा लग रहा है। मैं समीरलाल का प्रशंसक हूं। उनकी तारीफ़ में लेख भी लिखे हैं लेकिन हास्य व्यंग्य के किंग की इस पोस्ट से मुझे उनसे बहुत निराशा हुई। उनका भीतर का बबुआ उनसे मनौना करवा रहा है। इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं लिखना ही बेहतर है। पता नहीं कौन बात लग जाये लाड़-प्यार के आदी ब्लागर को।
बहरहाल फ़िलहाल इतना ही। कल की चर्चा का दिन कुश का है। परसों की शमा समीरलाल के आगे धरी जायेगी।
लगे रहिये, आप बहुत लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं.
जवाब देंहटाएंनये चिट्ठाकारों के प्रति आपका अनुग्रह बहुत फल लायगा!!
-- शास्त्री जे सी फिलिप
-- बूंद बूंद से घट भरे. आज आपकी एक छोटी सी टिप्पणी, एक छोटा सा प्रोत्साहन, कल हिन्दीजगत को एक बडा सागर बना सकता है. आईये, आज कम से कम दस चिट्ठों पर टिप्पणी देकर उनको प्रोत्साहित करें!!
बढिया,
जवाब देंहटाएंहमारी भी शुभकामनाएँ जीतू जी को, समीर जी को शमा के सम्मुख आने के लिए,
नए ब्लोगर्स को, ईस्वामी को, राकेश जी को और शेष सभी सहित आप को भी.
आज उस पर रीता भाभी ने फ़िर मसाला भर दिया।
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जरा मसाला का हाइपर लिंक सही कर दें। हाइपर लिंक ताऊजी के पास जा रहा है!
बुज़र्गी मुबारक जीतू भाई। आप हामारे ग्रु सदा ख़ुश रहो ये तमन्ना हमारी
जवाब देंहटाएंकल कुश भाई यह तो ठीक है पर समीर जी ?? वो तो महभिनिक्रमण की राह पर थे..
जवाब देंहटाएंसमस्त जानकारियों से भरपूर करते जा रहे हैं आप इसको !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद और शुभकामनाएं !
अभी थोडी देर पहले ही ब्लॉग पढने शुरू किए और आपकी चिट्ठा चर्चा से पता चला कि पारुल के ब्लॉग के एक साल हो गए है।
जवाब देंहटाएंयही चिट्ठा चर्चा का फायदा है।
जीतेन्द्र जी आप को जन्म दिन की शुभकांमनाये.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
आप ने सही फ़र्माया कि टेकनीक पर लिखने वालों का भी मोटिवेशन गजब का होता होगा। वन लाइनर हमेशा की तरह बड़िया रहे। परसों समीर जी लिखेगें तो आप उनको टंकी से नीचे उतार ही लाए। बधाई
जवाब देंहटाएंएक लाइना कुछ कम लगे जो विशेष आकर्षण होते है
जवाब देंहटाएंबाकी तो आपसे हमेशा अच्छी जानकारी मिलती है इसके लिए धन्यवाद
ताऊ के जन्म दिन पर भतीजे की शुभकामनाएँ।
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