संध्याकालीन चिट्ठा चर्चा में आपका स्वागत है.. वैसे तो आजकल कोई भी दिन विस्फोट हो जाता है परंतु कल का दिन बड़ा विस्फोटक रहा.. और हम हमेशा की भाँति विस्फोट होने के बाद हाथ झटक कर बस में चढ़ गये दरअसल घर पर पकोडे बने थे और साथ में चाय भी भी.. बस घर बैठकर टी वी में समाचार चैनलो पर विस्फोट की चर्चा देखी.. ओह तेरी! चर्चा से याद आया.. हमने तो आपका स्वागत चर्चा के लिए किया था.. और ले बैठे अपना दुखड़ा.. तो दोस्तो फिर से एक बार स्वागत है आपका चिटठा चर्चा में..
कल शाम शहर भर में कुछ उड़नतश्तरिया देखी गयी.. दिन भर महॉल में रोमांच रहा.. शाम होने तक पता चला की ये किसी शरारती तत्व का काम था.. जिसने उड़नतश्तरियो जैसे दिखने वाले फुग्गों में गैस भरकर आसमान में उड़ा दी..
वही असली उड़नतश्तरी ने ब्लॉग जगत की पावन भूमि पर लुंठित होते हुए सबको लुंठित कर डाला.. हालाँकि इस पूरे प्रकरण में उन्होने एक लड़की से माफी भी माँगी है.. वही कुछ लोगो ने उनकी इस टिप्पणी के विरोध में फ़ुर्सत से विरोध भी किया है.. की आख़िर ये लिंगभेद वाली माफी क्यो माँगी गयी.. ब्लॉग जगत ने इसके लिए एक जाँच कमेटी का गठन भी किया है..
एक और खबर के अनुसार टिपेरतंत्र के समस्त संविधानो को खारिज करते हुए एक ब्लॉगर पिछली पोस्ट पर आई हुई टिप्पणियो पर ही एक पोस्ट लिखते हुए पाए गये.. अंतिम समाचार मिलने तक उनकी ब्लॉग पर किसी ने 'सच' नही बोला...
अभी अभी दिली से मिली एक खबर के अनुसार.. तमाम रंजो गम से मुक्त रंजना जी ब्लॉग जगत के कुछ बढ़िया ब्लॉगरो के ब्लॉग की समीक्षा करती हुई पाई गयी.. हालाँकि उनसे जब पूछा गया की उनकी ब्लॉग की समीक्षा वो कैसे करेंगी.. तो वो 'नो कमेंट्स' कह कर मोबाइल पर बात करते हुए चली गयी..
वही एक ख़बर के अनुसार जहा एक और लोग अनाम टिप्पणिया कर रहे है.. एक ब्लॉगर नाम की महत्ता पर बात करते हुए पाए गये..
मौसम के हाल को उसके अपने हाल पर छोड़ते हुए हम चलते है सवाल जवाब राउंड की ओर
प्र: लोग टिप्पणी नही करे तो आप भगवान से क्या कहेंगे?
उ: ओ ऊपर वाले, ये दर्द ना दीजो, मुझको क्या मेरे दुश्मन को भी ना दीजो
प्र: खराब भाषा में टिप्पणी करने वालो से क्या कहेंगे आप?
उ : जरा! बच्चों को अपनी भाषा भी सिखाइये
प्र: जुकाम के इलाज में क्या ले रहे है आप?
उ: काव्य संध्या...पहली खुराक
प्र: ब्लॉग पर अनाम टिप्पणी कौन करता है?
उ : बहुत से लोग जानते होंगे
प्र: स्टाफ रूम में शांति कब होती है?
उ : जब स्टाफ रूम मे कोई महिला शिक्षक न हो ..
प्र:ब्लॉगिंग का मौजूदा हाल देखकर क्या गाने की इच्छा होती है?
उ: प्रार्थना गीत
प्र: ब्लॉग पढ़ा पर टिपण्णी नही की, क्या एक ही बात है ?
उ : नही दो बात हैं , अलग अलग
आज की चर्चा में बस इतना ही फ़िर मिलेंगे.. शुभम्
अजी, ये सारे गीत भारत के प्रति प्रार्थनाओँ
जवाब देंहटाएंके स्वर हैँ -
ब्लोगीँग तो महज इसका जरीया है जी :)
शुक्रिया "प्रार्थ गीत " को
स्थान देने के लिये आज की चिठ्ठा चर्चा मेँ ~~~
- लावण्या
अनूप भाई को
जवाब देंहटाएं१६ सितम्बर के सुहाने दिन की
जन्म दिवस के उपलक्श्य मेँ
बहुत बहुत शुभकामनाएँ ~~
- लावण्या
मेरे ब्लॉग की समीक्षा कौन करेगा :) अहम् मुद्दा है :) पर नो कॉमेंट्स ...:)
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चिटठा चर्चा .दिल्ली की तेज बारिश और साथ में सवाल जवाब राउंड खूब ..लिखते रहे शुक्रिया
मेरी तरफ़ से भी अनूप जी को हैप्पी वाले जन्मदिन की बधाई ..देर हो गई देने में :)
सब से पहले तो अनूप जी को जन्म दिन की पहली बधाई। आज तक उन का जन्म दिन ही याद नहीं था। फिर लावण्या दीदी को कि उन्हों ने याद दिलाया। तीसरी कुश को कि उस ने इतनी बढ़िया चर्चा लिखी। चौथी अपने आप को कि मैं टिपिया रहा हूँ। पांचवी ...... अगली चर्चा पर।
जवाब देंहटाएंकुश जी, प्रश्नोत्तरी की शैली लाजवाब लगी।
जवाब देंहटाएंआज की सांध्यकालीन चिट्ठाचर्चा कुछ छोटी रही , प्रश्नोत्तरी की शैली बहुत ही अच्छी।
जवाब देंहटाएंअरे, बोल्ड फॉण्ट साइज 72 में फुरसतिया सुकुल को बधाई जन्मदिन की! हमें तो याद ही न था!
जवाब देंहटाएंaaj ki chitha charcha achchi lagi...Anup ji ko meri belated SHUBHKAMANYEIN......
जवाब देंहटाएंलगता है शाम में भी पकोड़ों को खाने का प्रोग्राम था तभी चर्चा जल्दी निपटा ली।
जवाब देंहटाएं@ तरुण भाई , शायद कुश भाई तो पकौडे के चक्कर में जल्दी
जवाब देंहटाएंनिपटा गए ! पर सवाल जवाब में उलझा गए ! एक एक सवाल का
जवाब ढुन्ढते २ बहुत टाइम लग गया ! बहुत शुभकामनाएं !
मजा आया !
हम तो शुकुल जी कल ही बधाई दे दिया हूँ. आज सब फिर से दे रहे हैं, तो एक और बार.
जवाब देंहटाएंकुश चर्चा में महारत हासिल किए हैं, बहुत अच्छी चर्चा करते हैं..इसलिए इस टिप्पणी के माध्यम से बधाई दे रहा हूँ.
नमस्ते.
बहुत बढ़िया भाई...ये बताओ की पहली खुराक का कुछ असर हुआ या नहीं...नहीं ही हुआ होगा...अभी तीन खुराक और लेनी होंगी...जुकाम काफी गहरा बैठ गया है...निकालना पड़ेगा...लेते रहो और ध्यान रहे किसी खुराक में नागा न हो.
जवाब देंहटाएंनीरज
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जवाब देंहटाएंअमाँ भाई कुश, किस तरह के भाई हो ... भाई ?
कैसी सहम सहम के चर्चा करी है, दो पकौड़ी ज़्यादा खा लेते ..
भाई का नाम कहीं पर भी सुन कर आँख फड़कने लगती है,
दिल धाड़ धाड़ करने लगता है...
कोई लफ़ड़ा होय तो बोल, अब्भी तेरा बिग ब्रदर इधर बैठेला है, बाप..
टेंसन नईं लेने का, कसम माँ भवानी की .. भाई कुश से किसी का भाईगिरी नईं माँगता अपुन को ..
झक्कास बिंदास चर्चा मारने का, बोले तो ईश्टाइल से..
वाह संध्या चर्चा! काफी पठनीय सामग्री की ओर इशारा कर दिया है आप ने!!
जवाब देंहटाएं-- शास्त्री
-- ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसने अपने विकास के लिये अन्य लोगों की मदद न पाई हो, अत: कृपया रोज कम से कम 10 हिन्दी चिट्ठों पर टिप्पणी कर अन्य चिट्ठाकारों को जरूर प्रोत्साहित करें!! (सारथी: http://www.Sarathi.info)
सुन्दर चर्चा! जनमदिन की बधाई के लिये धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंचिट्ठा जगत से मेरा नया परिचय हुआ है.हिन्दी भाषा मे ब्लाग का यह अभिनव प्रयास है. इसके प्रणेता को बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंएस.पी.श्रीवास्तव (http://sp-srivastava.blogspot.com)