शुक्रवार, सितंबर 26, 2008

एक चोखेर चर्चा..

कहने को आप कह सकते हैं कि इस मंच का इस्तेमाल किया जा रहा है , सो ठीक ही कहेंगे आप सुधिजन ! पर हम भी आदत से मजबूर ठहरे । इस मुश्किल वक़्त में जब कि कोसी विनाश लीला कर चुकी है,विस्फोटों की चिंगारी रह रह एंकाउंटरों मे सुलघ रही है ,जम्मू कश्मीर कर्नाटक अभी शांत से लग रहे हैं..और बाटला हाउस का सच जानने की कवायदें चल रही हैं हमें स्त्री की पड़ी है ,विमर्श की पड़ी है। ठीक ही कहेंगे आप सुधिजन !

पर इस सब के बीच भी एक शाश्वत सवाल की तरह मुँह बाए खड़ी हैं महिला उत्पीड़न की खबरें जो पता नही कब खत्म होंगी ।टिप्पणियाँ परेशान हैं कि भई पुरुष उत्पीड़न पर भी कुछ बोलो आखिर तुम भी पुरुष हो ,कम से कम तुम्हें तो पुरुष के लिए बोलना चाहिये।

प्रभा खेतान की हार्ट अटैक से मृत्यु एक दुखद समाचार रही ।वे 66 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता,साहसी दबंग महिला , लेखिका थीं ।चोखेर बाली पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी-



जाने किस इंतज़ार मे स्त्री अपना समस्त जीवन ऐसे ही देह की दिया -बाती बनाते
बनाते खप जाती है।नयनतारा बनने की कवायद भी उतनी ही आत्म पीड़क है जितनी कि चोखेर बाली कही जाकर अपने जीवन के शोध और प्रयोग की प्रक्रिया,पहचान की तलाश ।ऐसे मे आज तक स्त्री का कुल जमा हासिल क्या है?देह और देह के पार एक इंसान होने की चाहत को लिए एक विकल जीवन जीते जाना शायद डॉ
प्रभा खेतान की आत्मकथा"अन्या से अनन्या" पढकर इन्हीं प्रश्नों के गिर्द मन चक्कर
काटने लगता है कि वाकई स्त्री की देह के अलावा उसकी कोई और पूंजी नही
है?अंतर्राष्ट्रीय आंकड़ो से पता लगता है कि दुनिया की 98% पूंजी पर पुरुषों का
कब्ज़ा है। और अगर औरत की देह भी उसके लिए पूंजी है तो सोचिये कि स्थिति कितनी भयावह है।
शायद इसलिए अपनी सम्पत्ति यानि स्त्री देह की चौकीदारी पुरुष के लिए ज़रूरी हो उठती है और विनय जोशी एक कटाक्ष को कविता मे ढाल कलम चला देते हैं -->
तुम्हारा भाई मुक्त उन्मुक्त
पर तुम्हे खिड़की से झांकना भी मना
तुम्हारे कपडों का जाँच और बहस के बाद
तय किया जाना
मैं बाजार से आता तुम सहमी पढ़ती होती
भाई कम्प्यूटर पर मोबाईल दोस्त
अंतरजाल तुम्हें वार्जित,
वर्जित तुम्हारा ऊँचा बोलना
तेज आवाज मे गाना
आरोपों का उत्तर देना---
मैं रो नही रहा .....
...रोऊंगा तो तब जब तुम
ससुराल चली
जाओगी क्योंकि तब मैं तुम्हारी चौकसी किसी और का सौंप
बेरोजगार हो जाऊंगा

समाज पुरुष-प्रधान है, अतः पुरुष की दुर्बलताओं का दंड उन्हें मिलता है, जिन्हें देखकर वह दुर्बल हो उठता है।“ इस तरह स्त्रियों को दोहरा दंड मिलता है। महादेवी वर्मा के चिंतन पर आधारित पोस्ट - विवाह सार्वजनिक जीवन से निर्वासन न बने तो स्त्री इतनी दयनीय न रहेगी ”आधुनिक समय मे स्त्री की विडम्बना पर विचार करती है।
ऐसे में शबाना का यह बयान देना कि उसे मंज़ूर नही है गुड़िया बनना और अब वह डॉ अबरार हो चुकी है जिसका अपना हंसता खेलता परिवार है।मानविन्दर कहती है-


‘शबाना अपने परिवार में ही रहेगी डा अबरार के साथ। तो क्या यह मुस्लिम महिलाओं की ये नई आवाज है, मुसलिम समाज में एक
नया बदलाव है, क्या मानते हैं आप? धार्मिक उलेमाओं को क्या करना चाहिए, औरत
की निजता भी कोई मायने रखती है या नहीं?




एक नज़र में -
{1}प्रेम मे कैलेंडरों का योगदान-और चप्पलों का ?
{2}-सर{दार} आपकी क्लास है-अरे बिरादर सरदार जी तो अमेरिका मे 1 2 3 करने गये
{3}गोली मार दो हिन्द के तमाम मुसलमानों को- क्यों भाई !
{4}सिंगुर माने उर में सींग -ह्म्म ! दाढी मे तिनका भी है
{5}जीना सिखाती हैं ये तस्वीरें - खूब हैं !
{6}पुस्तक मेले में ब्लॉगर्स की धूम - वाह ! बधाई !हम सबको !
{7}चुपाय रहव दुलहिन मारा जाई कउवा- चुपाय रहौ फ़ुरसतिया मारा जाई चिठेरा

बहुत लिखे हैं ब्लॉगर लोग ,आधे दिन मे बस इतना ही चर्चा....

Post Comment

Post Comment

10 टिप्‍पणियां:

  1. शबाना ने अपना निर्णय साफ़ साफ़ सुना दिया है ,बस अब यही उम्मीद है मीडिया उसकी निजता का उलंघन ना करे ओर धर्म के ठेकेदार उसे फुटबाल न बनाये!

    जवाब देंहटाएं
  2. चुपाय रहव दुलहिन मारा जाई कउवा- चुपाय रहौ फ़ुरसतिया मारा जाई चिठेरा
    ..सबसे अच्छी एक लाइना.

    जवाब देंहटाएं
  3. sujata ji charcha achchai rahi.....

    anurag ji.....shabana ki nujta ko koi khatra nahi hai hoga kyoki shabana khud saamne aa gai hai or apne liye soch rahi hai

    जवाब देंहटाएं
  4. अच्छी रही ये चिटठा चरचा भी ।

    जवाब देंहटाएं
  5. प्रभा खेतान का जाना साहित्‍य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति‍ है। इस चर्चा में पुन: उनकी चर्चा के लि‍ए शुक्रगुजार। चि‍ट्ठा चर्चा सटीक लगी।

    जवाब देंहटाएं
  6. दोनों चोख खोल कर तो की है चर्चा , फिर 'एक चोखेर' क्यों कहती हैं ?

    जवाब देंहटाएं
  7. इस मंच का इस्तेमाल किया जा रहा है
    जी हाँ बिल्कुल यही कहना चाहते है हम की इस मंच का इस्तेमाल किया जा रहा है
    इस्तेमाल किया जा रहा है इस मंच का हिन्दी को आगे बढ़ने के लिए
    इस्तेमाल किया जा रहा है इस मंच का नव आगंतुकों को सहारा देने के लिए और भी अच्छे कामों में इस मंच का इस्तेमाल हो रहा है जो प्रशंशा के योग्य है

    वीनस केसरी

    जवाब देंहटाएं
  8. अच्छा है। इस्तेमाल और किया जाये। जरा धांस के।

    जवाब देंहटाएं
  9. हमारा वन लाईनर
    आपका क्या कहना है? - अजी हम तो कह कह कर थक गये हैं..

    जवाब देंहटाएं

चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें। असभ्य भाषा व व्यक्तिगत आक्षेप करने वाली टिप्पणियाँ हटा दी जायेंगी।

नोट- चर्चा में अक्सर स्पैम टिप्पणियों की अधिकता से मोडरेशन लगाया जा सकता है और टिपण्णी प्रकशित होने में विलम्ब भी हो सकता है।

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

Google Analytics Alternative