बुधवार, नवंबर 05, 2008

मेरी नज़र में कुछ ब्लोगर.. और उनकी पोस्ट की चर्चा

कल की चर्चा में आप सभी का प्यार मिला जन्म दिवस की बधाई, शुभकामनाओ और आशीर्वाद के साथ.. मुझे जो खुशी हुई उसे शब्दो में बयान करना संभव नही..

अमर कुमार जी की टिपण्णी से मिलता जुलता कुछ लिखा भी है अपनी ब्लॉग पर.. शायद अमर कुमार जी पढ़े तो उन्हे अच्छा लगे..

खैर व्यक्तिगत बातो के लिए मेरा अपना ब्लॉग है.. आज की चर्चा को आगे बढाते है.. वैसे तो मैं आज की चर्चा एक लाइव कॉन्सर्ट के रूप में करना चाहता था.. पर ये काम फिर कभी करेंगे..

चर्चा में चिट्ठा चर्चा तो हर बार हो जाती है.. पर इस बार मैने सोचा की चिट्ठा लिखने वाले की भी चर्चा की जाए... तो कल जिन ब्लॉगरो ने पोस्ट लिखी थी.. उनमे से कुछ ब्लॉगरो और उनकी लिखी कुछ पोस्ट की चर्चा लेकर आए है हम इस बार... सारे ब्लॉगरो को एक ही पोस्ट में समाना ज़रा मुश्किल था.. इसलिए जिनके नाम नही आ पाए है उनसे अग्रिम क्षमा.. परंतु अगली बार ज़रूर लिखूंगा इस वादे के साथ... शुरू करते है आज की चिट्ठाकार और उनके चिट्ठे की चर्चा...

समीर
लाल जी
(काफ़ी विद कुश में इनका इंटरव्यू देखने के लिए यहाँ क्लिक करे )

पहली बार डा. अनुराग जी से सुना था ये नाम.. उनका कहना था की उड़न तश्तरी ब्लॉग बहुत पॉपुलेर है.. काफ़ी सारे लोग पढ़ते है.. पर मैने वहा जाकर देखने की जहमत नही उठाई.. फिर एक दिन एक टिप्पणी मेरी ब्लॉग पर आई जी हा समीर लाल जी की.. कहने वाले इसे कॉपी पेस्ट कहते होंगे या फिर रस्म अदायगी कहते होंगे.. लेकिन मेरे लिए एक प्रेरणा रही.. मुझे ब्लॉग्गिंग में आए कुछ ही दिन हुए है और समीर लाल जी की टिप्पणी.. मुझे ये बहुत गर्व की बात लगी.. (हालाँकि बाद में पता चला उनकी टिप्पणी तो हर ब्लॉग पे है) मगर फिर भी उनकी टिप्पणी मिलने से एक नयी उर्जा का संचार हुआ.. और मैने ब्लॉग लेखन में रूचि ली.. नतीज़ा आपके सामने है...

उनकी खासियत उनकी सहजता में है.. अपनी बात वे जिस सादगी से कहते है की सामने वाला उनकी लेखनी का कायल हो जाए.. जैसे उनकी कल की ये पोस्ट देखिए.. बीवी साथ में होने के क्या परिणाम रहे समीर जी के साथ..

आज शाम भर सोचता रहा कि किस रस में रचना लिखूँ. विचार कई उठे और खारिज होते गये. अधिकतर क्या लगभग सभी का कारण था कि बीबी साथ में है.



राज भाटिया जी


मेरी
किसी पोस्ट पर भाटिया जी की टिप्पणी देखी पलट के उनके ब्लॉग पर गया तो बस मज़ा आ गया.. वाकई एक दिलचस्प ब्लॉग था उनका 'पराया देश'.. बच्चो के लिए प्रेरक कथाए और बढ़िया जानकारिया.. उसके बाद उनकी पोस्ट का इंतेज़ार रहने लगा.. बाद में समीर जी के कहने से उन्होने एक और ब्लॉग मुझे शिकायत है भी बनाया.. पर अब मुझे उनसे एक शिकायत है की अब उनकी पोस्ट एक दिन में कई कई बार आती है.. पूरी पढ़ी भी नही जाती है.. मैं उनसे आग्रह करूँगा फिर से एक बार वो पराया देश वाले अंदाज़ में लिखे..

हालाँकि कल की उनकी ताऊ वाली पोस्ट बड़ी मज़ेदार रही.. आप भी पढ़िए.

ताऊ तो बडा खुश हुआ ओर सीधा थाने दार के पास पहुच गया, ओर थाने दार के सर पर हाथ फ़ेर कर बोला , ओये मेरा गधे का बच्चा अब तो तु थाने दार बन गया, बस फ़िर क्या था, थाने दार उठा ओर ताऊ के दो तांगे मारी, तो ताऊ बोलेया रे गधे के बच्चे तु आदमी तो बन गया लेकिन लाट मारने की आदत नही छुटी.....


तरुण

हमारे तरुण जी से आप सभी परिचित है.. एक ज़िम्मेदार चर्चाकर और एक उम्दा ब्लॉगर.. तकनीकी जानकारी भी बहुत है इनके पास.. पहली बार इनसे परिचय हुआ मेरा जब मैने इनकी टिप्पणी अपने ब्लॉग 'कॉफी विद कुश' पर देखी.. वहा इन्होने भी अपने ब्लॉग पर लिए गये इंटरव्यू का ज़िक्र किया था.. फिर चर्चाकर मंडली में आने के बाद उनसे नियमित मिलना हुआ.. गीत संगीत का उनका शौक कमाल है.. जिसकी वजह से हमे भी बढ़िया से बढ़िया गाने सुनने को मिलते है..

आइए देखते है इस बार वो क्या सुनवा रहे है..


दिनेश राय द्विवेदी

दिनेश जी से परिचय हुआ तीसरा खंबा ब्लॉग से जिसमे उन्होने कांट्रॅक्ट के बारे में लिखा था.. बढ़िया जानकारी मिली.. फिर उनके ब्लॉग अनवरत से परिचय हुआ और उनकी आश्रम श्रंखला चटखारे लेकर पढ़ी.. बाद में जब पता चला की वो भी हमारे राजस्थान से है.. तो बहुत अच्छा लगा.. इस बार जन्मदिवस पर उनकी मेल देखकर भी बहुत खुशी हुई...

आइए देखे इस बार वो अपने ब्लॉग पर क्या नयी जानकारी दे रहे है..

बेजी

जितना जानता हू एक डॉक्टर, बढ़िया ब्लॉगर और अनुराग जी की दोस्त.. समीर जी के इंटरव्यू में पता चला था वो भी कोटा से है.. उनकी सादगी उनकी पोस्ट में सॉफ झलकती है.. उनकी कठपुतलियो से परिचय भी अनुराग जी के ब्लॉग से ही हुआ.. आइए देखते है इस बार क्या कहती है उनकी कठपुतलिया

स्ट्राइकर से चलती हर पारी
किसी षड़यंत्र का हिस्सा है
कॉइन से कॉइन को हार
जीतने वाला सिर्फ
दो में से एक
खिलाड़ी है



रंजना भाटिया
(काफ़ी विद कुश में इनका इंटरव्यू देखने के लिए यहाँ क्लिक करे )

रंजना (रंजू)भाटिया जी के ब्लॉग पर मीना कुमारी की कुछ नज़्मे उन्होने पोस्ट की थी.. बस तभी उनकी ब्लॉग से परिचय हुआ था.. बाद में कॉफी विद कुश के लिए, लिए गये उनके इंटरव्यू में उनके बारे में काफ़ी कुछ जानने को मिला.. एक जिंदादिल महिला होने के साथ साथ एक उम्दा कवियत्री भी है.. अमृता प्रीतम के लिए उनकी दीवानगी पूरा ब्लॉग जगत जानता है..

आइए देखे इस बार वे क्या बता रही है अमृता जी के बारे मे..

सच में वह कोई एक एक हो होता है जो इस तपते मरुथल में पानी का सपना देख लेता है ,सबके बस में कहाँ है प्रेम की इस ऊंचाई को पाना ...तभी तो हम आज दैहिक प्रेम से आगे कुछ सोच ही नही पाते हैं ....दिल्ली रेडियो से देविंदर ने एक बार अमृता के इंटरव्यू लिया था ,जो बाद में एक लम्बी मुलाकात की शक्ल में उन्होंने अपनी किताब "कलम के भेद" में शामिल किया ।यह किताब १९६६ में पब्लिश हुई थी ..उसी इंटरव्यू के कुछ अंश यहाँ दे रही हूँ ..यह अंश अमृता के और करीब ले जाते हैं ...



डा. अनुराग
(काफ़ी विद कुश में इनका इंटरव्यू देखने के लिए यहाँ क्लिक करे )

कुछ कहने की शायद ज़रूरत नही है.. अब तक मैं जिन चुनिंदा अद्भुत व्यक्तित्व को जानता हू उनमे से एक नाम.. हम दोनो ने चिट्ठा जगत में अपना ब्लॉग जोड़ने के लिए बहुत परिश्रम किया था.. खीँचो, पतको, स्तरारंभ करो, जैसे शब्दो से बचते बचाते किसी तरह से इसमे घुसे.. मैं अगर उन्हे नज़मो का जादूगर कहु तो कोई अतिशयोक्ति नही होंगी.. उनकी शालीन टिप्पणिया और हर बार एक उम्दा अनुभव वाली पोस्ट से पूरा ब्लॉग जगत वाकिफ़ है.. उनकी लोकप्रियता का आप इस बात से अंदाज़ा लगा सकते है की पिछले छ् महीने में उनकी पेज रैंक तीन हो गयी है और करीब छ् हज़ार से भी ज़्यादा जगह उनका ब्लॉग लिंक किया जा चुका है.. शायद यही वजह है की समीर लाल जी के बाद अनुराग जी के ब्लॉग पर सर्वाधिक टिप्पणिया होती है.. और उनकी हर नयी पोस्ट का ब्लॉगर बेसब्री से इंतेज़ार करते है..

आइए देखते है इस बार उनके दिल से निकली हुई बात..

एक साहब गाड़ी बीच सड़क मे खड़ी करके अपने दोस्त से बतिया रहे है ओर हॉर्न देने पर ऐसे घूरते है जैसे मैग्राथ चोका पड़ने पर बेट्समेन को घूरता है. .....आगे बढ़ता हूँ ....पेट्रोल पम्प जाने के लिए एक गली से मूडना पड़ेगा तो पूरी गली मे तंबू तना हुआ है की आज जागरण है.उनकी भक्ति महान है.



पल्लवी त्रिवेदी
(काफ़ी विद कुश में इनका इंटरव्यू देखने के लिए यहाँ क्लिक करे )

कम समय में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है इन्होने.. पुलिस विभाग में होने के बावजूद इनका दिल इनकी ब्लॉग पर महकते हुए फूलो के समान कोमल है.. जितनी संवेदनाए इनकी पोस्ट में होती है वो वाकई काबिले तारीफ़ है.. इनके व्यंग्य लेखो पर मैं पेट पकड़ कर हंसा हू.. इनसे परिचय एक दिलचस्प घटना से हुआ था.. उसका ज़िक्र फिर कभी.. फिलहाल देखते है बड़े दिनों बाद आई इनकी एक पोस्ट..

गर्व से माँ बाप का मस्तक उठाया था
जब क्लर्क के एक्जाम में मैं फर्स्ट आया था

करके गुनाह मैंने आहें खरीद लीं
बेटे ने कल नशे में मुझपे हाथ उठाया था


रवि रतलामी

एक और नाम जिसका ज़िक्र अनुराग जी ने मुझसे किया था... हालाँकि उनकी ब्लॉग से मुलाकात बहुत बाद में हुई.. हिन्दी ब्लॉग जगत के एक समर्पित ब्लॉगर.. हिन्दी ब्लॉगिंग में इनका एक अभूतपूर्व योगदान है.. तकनीक के मामले में जबरदस्त.. नये नये लेखको से निरंतर परिचय करवाते है.. ऑनलाइन वर्ग पहेली वाला इनका ब्लॉग बहुत लोकप्रिय हुआ है..

आइए देखे इस बार ये किसकी रचना लेकर आए है..


विवेक सिंह

हिन्दी ब्लॉग जगत के नये चेहरो में एक और नाम.... इन से परिचय तो चर्चा के माध्यम से ही हुआ.. इनकी काव्य रूपी चर्चा पिछले दिनों बहुत सराही गयी.. और यही इनको दूसरो से अलग करती है... आइए देखे इस बार ये अपनी ब्लॉग पर क्या गुल खिला रहे है...

जब कोई कुँआरी लडकी नीचे खडी हो जाती है ।
तो बेमतलब का झमेला हो जाता है ।
आदमी असल को भूल जाता है ।
ब्याज के लिए सिर खपाता है ।
करना कुछ और होता है । कर कुछ और देता है ।


कीर्तिश भट्ट

एक बेहद ही शानदार प्रतिभा के धनी.. इनके नैनो कार के लिए बनाए गये कार्टून से सभी भली भाँति परिचित है.. आप इनके ब्लॉग 'बामुलाहिजा' पर एक से बढ़कर एक कार्टून पा सकते है.. आइए देखे इस बार क्या नया लाए है..

लवली कुमारी

पहली बार इनका ब्लॉग देखा जब ये एच टी एम एल सीखा रही थी अपने ब्लॉग पर.. बाद में निरंतर इनकी ब्लॉग पर जाना हुआ.. कम उम्र में ही एक परिपक्व सोच का उम्दा उदारहण है लवली.. इन दिनों भारतीय भुजंगो से आपका परिचय करवा रही है.. आइए देखे

शिव कुमार मिश्रा
(काफ़ी विद कुश में इनका इंटरव्यू देखने के लिए यहाँ क्लिक करे )

राजेश रोशन जी के ब्लॉग पर लिखा मैं तुझे मीर कहु तू मुझे ग़ालिब वाले प्रकरण से मैं मुखातिब हुआ शिव कुमार मिश्रा जी से.. हालाँकि तब नियमित इनकी ब्लॉग पर जाना नही होता था.. फिर समीर जी ने अपने इंटरव्यू में कहा की शिव कुमार जी एक उच्च कोटि के व्यंगकार है.. बस उसके बाद हमने इन्हे पढ़ना शुरू किया.. यदि आप सहज हास्य में रूचि रखते है तो ज़रूर जाइए इनके ब्लॉग पर.. इनकी दुर्योधन की डायरी ब्लॉग जगत में बहुत लोकप्रिय हुई है... फिलहाल देखिए इन्होने क्या लिखा है अपनी ताज़ा पोस्ट पर..

"तो तुम्ही बताओ, तुम्हें क्या चाहिए?"; बादशाह ने बीरबल से पूछा.

"आप देना ही चाहते हैं तो मुझे चावल और दाल दे दें. आजकल यही सबसे कीमती चीज है"; बीरबल ने कीमती सामान का नाम बता दिया.


नीरज भदावर

नीरज भाई की ब्लॉग पर आप हिन्दी ब्लॉग जगत के सबसे बढ़िया व्यंग्य का लुत्फ़ उठा सकते है.. एक ऐसा ब्लॉग जहा मैं पेट पकड़ के हंस सकता हू.. इन दिनों निरंतर लिखना होता नही है इनका.. पर व्यंग्य पर इनकी जो पकड़ है वो काबिले तारीफ़ है.. आप सभी को एक बार तो इनके ब्लॉग पर ज़रूर जाना चाहिए..

आइए देखे इस बार क्या नया लाए है ये...

हम भारतीयों से कुछ भी करवाना बड़ी टेढ़ी खीर है, जब तक कोई मुनाफा न हो तो कुछ नहीं करेंगे, भले ही वो सेवा ही क्यों न हो ? तमाम मां-बाप बच्चों को कहते हैं बेटे दादा जी के पांव दबा दो...पुण्य मिलेगा। पुण्य की दलील बच्चे को मना नहीं पाती और आख़िर में उसे पांच रूपये का लालच दे पांव दबवाने पड़ते हैं। बच्चे को पांच रूपये मिलते हैं और तो वो दुकान से कुरकुरे का पैकट खरीद लेता है।



पारूल
(काफ़ी विद कुश में इनका इंटरव्यू देखने के लिए यहाँ क्लिक करे )

लेडी गुलज़ार के नाम से जानी जाती है.. हालाँकि ये नाम इन्हे अनुराग जी का दिया हुआ है.. पर मैं अक्सर कन्फ्यूजिया जाता हू की ये हिन्दी में अच्छा लिखी है या उर्दू में.. कमाल का व्यक्तित्व.. सुरीली आवाज़.. और एक शानदार ब्लॉग की स्वामिनी.. जब ये परिवार के साथ जयपुर में छुट्टिया बिताने आई थी.. तब चिट्ठा जगत में पंजीकर्ण के लिए इनसे टिप्स ली थी मैने.. इनके ब्लॉग पर गीत संगीत के चाहने वालो को बहुत सुकून मिल सकता है.. आइए देखे इस बार क्या लाई है वो अपनी पोस्ट में..


लावन्या शाह
(काफ़ी विद कुश में इनका इंटरव्यू देखने के लिए यहाँ क्लिक करे )

पहली बार इनसे परिचय हुआ तब इन्होने अपने ब्लॉग पर जयपुर की महारानी गायत्री देवी के बारे में लिखा था.. बाद में इन्होने एक पोस्ट लिखी जिसमे इन्होने कुछ अच्छी ब्लॉग्स के बारे में लिखा था.. मैने अपना नाम बहुत ढूँढा पर नही मिला.. खैर उसके बाद कॉफी विद कुश के सिलसिले में इनके बारे में बहुत कुछ जानने को मिला.. एक और बात.. इनके ब्लॉग पर तस्वीरे बहुत सुंदर होती है.. आइए देखे इस बार क्या मिलेगा हमे इनके ब्लॉग पर..


मीनाक्षी जी

चिट्ठा जगत में उपर लिखा आता था.. धुरंधर लिखाड़ उन्ही में इनकी तस्वीर देखी थी.. मेरी मम्मी से बहुत मिलती है इनकी वो फोटो.. ये बात बाद में मैने उनसे कही भी थी.. हालाँकि फोटो में वो बहुत गुस्से वाली लगती है.. पर है बहुत प्यारी इंसान.. उनसे बात करते है तो मन बहुत प्रस्सन हो जाता है.. हालाँकि इन दिनों उनका लिखना बहुत कम हो पाता है.. हम आशा करते है की वो नियमित रूप से लिखती रहे.. जैसे उनकी इस बार ये नयी पोस्ट आई है...


कुन्नू और अंकित

दोनो के ब्लॉग पर तकनीक से संबंधित जानकारी मिल सकती है आपको.. कम उम्र में ही बहुत जानकारी रखते है दोनो तकनीक की.. अंकित तो अपने ब्लॉग के साथ निरंतर प्रयोग करते रहते है.. आइए देखे इस बार दोनो क्या ला रहे है अपनी पोस्ट में..कुन्नु
अंकित



अजीत वडनेरकर

इनसे परिचय हुआ था मेरा बकलमखुद से.. तब मैने उसमे लावण्या जी के बारे में पढ़ा था.. बड़ा दिलचस्प ब्लॉग लगा था मुझे.. बाद में जब शब्दो के सफ़र वाली उनकी पोस्ट पढ़ी तो मन आनंदित हो गया.. इतनी बढ़िया जानकारी एक ही जगह मिल जाती है.. मैं तो उनके ब्लॉग को कक्षा कहता हू.. क्योंकि वहा बहुत कुछ सीखने को मिलता है.. आइए देखे इस बार गांठ के बारे में सीखा रहे है अजीत जी..

गांठ शब्द बना है संस्कृत की ग्रथ् धातु से जिसमें एक जगह जमा होने, एकत्र होने, समेटने अथवा समुच्चय के भाव हैं। इससे ही बना है ग्रन्थः जिसमें यही सारे भाव समाए हैं जो पुस्तक में साकार हो रहे हैं इसीलिए पुस्तक को ग्रन्थ कहते है क्योंकि वह विभिन्न पृष्ठों का समुच्चय होती है। ज्ञान का आगार-भंडार होती है। जाहिर है भंडार-आगार में ही चीज़े एकत्र होती हैं। ग्रन्थिः भी इसी मूल का शब्द है जिसमें बन्धन, जोड़ , जमाव आदि का भाव है ।


कविता वाचक्नवी

कविता जी से तो परिचय चिट्ठा चर्चा के ज़रिए ही हुआ.. उनकी चर्चा का तो क्या कहना.. उन्होने चर्चा करके चिट्ठा चर्चा को एक नया आयाम दिया है.. उनकी परिपक्व सोच और अनुभव दोनो का ही फायदा निश्चित रूप से चर्चा को मिलेगा.. आइए देखे इस बार वो अपने ब्लॉग पर नयी पोस्ट के रूप में क्या लेकर आई है..

डा. अमर कुमार

टिप्पणी किंग कहूँगा मैं इन्हे.. जितनी मेहनत अमर कुमार जी टिप्पणी देने में करते है वो वाकई काबिले तारीफ़ है.. इनका लेखन स्टाइल कमाल का है.. और इनके ब्लॉग का तकनीकी पक्ष भी कमाल है.. अपनी ब्लॉग को बहुत बढ़िया रूप दे रखा है इन्होने.. आपने यदि गौर नही किया है तो दोबारा देखिए आपके ब्लॉग पर अमर कुमार जी की टिप्पणी.. ये वाकई आपको उत्साहित कर देगी.. सीधे शब्दो में सपाट बात कहने वाले एक मात्र ब्लॉगर.. हालाँकि इनका बार बार मुझे आइडिया किंग कहना डरा जाता है.. मुझे हर बार मेहनत करनी पड़ती है.. वैसे इस बार इन्होने चिट्ठा चर्चा पर की गयी अपनी ही एक टिप्पणी को लेकर पोस्ट लिखी है.. आइए नज़र डालते है..

इस पोस्ट पर डा. अनुराग की टिपण्णी कुछ यु है-
गुरुवर दो तीन बार की उछलकूद के बाद मुझे इस डब्बे में घुसने का रास्ता मिल गया ....कही से एक द्वार खुला.....दरअसल मै उकता जाता हूँ की भाई अमिताभ बच्चन देश के जरुरी मुद्दों पर क्यों खामोश हो जाते है ?क्या वे अखबार नही पढ़ते ?टी.वी नही देखते जब उन्हें एक माध्यम मिला है ओर वे ऐसी जगह है जहाँ ढेरो लोग उन्हें पढ़ते है तो क्यों नही वे कुछ सार्थक बात करे .क्यूंकि जब आप एक सेलेब्रिटी हो जाते है साथ साथ उम्रदराज भी तो आप पर जिम्मेदारी भी आ जाती है ....आप कोई साधाहरण इन्सान नही हो ..कोई चलते फिरते ब्लोगर नही हो.....कम से कम मनोज वाजपयी कुछ तो सार्थक लिखते है.....फ़िर इतनी चिल्ल पू क्यों ...प्रसून वाजपयी से भले ही मै वैचारिक तौर पर असहमत रहूँ पर फ़िर भी वे विचारो को जगाते तो है....कुछ सार्थक बहस तो करते है.....इसलिए तल्ख़ हूँ गुरुदेव....


ज्ञानदत्त पाण्डेय

पांडे जी के बारे में अक्सर में सोचता हू की ये कैसे हर रोज़ एक पोस्ट लिख देते है.. एक समय था जब मैं सुबह उठते ही इनका ब्लॉग पढ़ता था.. हालाँकि इन दिनों सुबह कंप्यूटर पर नही जा पाने के कारण थोड़ी अनियमितता है पर ये कुछ समय के लिए ही है... किसी ब्लॉग पर की गयी इनकी टिप्पणी में भागता इंजन देखकर कौतहूलवश मैने इनका ब्लॉग देखा था.. और आज उसका नियमित पाठक हू... आइए देखे आज क्या कह रहे है ये अपने ब्लॉग पर...

नीतिश राज

पिछले कुछ दिनों से राज ठाकरे से बहुत खफा है... और होना भी चाहिए.. खैर इनसे परिचय कुछ समय पूर्व ही ब्लॉगवानी के ज़रिए हुआ था.. कविताओ के साथ साथ इनके लेख भी बड़े दमदार होते है.. क्रिकेट के लिए इनके प्रेम से हम भली भाँति परिचित है.. और देखिये इनकी ताज़ा पोस्ट भी क्रिकेट को ही समर्पित है.


समीर यादव

कुछ समय पूर्व ही इनकी ब्लॉग से मुलाकात हुई है.. टिप्पणिया इनकी निरंतर मिलती रहती है.. पल्लवी जी के बाद एक और ब्लॉगर पुलिस विभाग से.. चलो पुलिस विभाग को भी ब्लॉगारी रास आ रही है..इन्कि संजीदगी इनकी सोच में सॉफ झलकती है.. और अक्षरो के रूप में इनकी पोस्ट में नज़र आती है.. आइए देखे ताज़ा पोस्ट में क्या कह रहे है समीर जी


जितेन्द्र भगत

यदि आप अच्छा लिखेंगे तो लोग ज़रूर पढेंगे.. इस बात को सच साबित करते है जितेंद्र जी.. कम समय में ही इनकी लोकप्रियता ये बताती है की अच्छा लेखन सभी को प्रिय है.. इनकी टिप्पणियो में आप एक परिपक्वता पाएँगे.. जो मुझे बेहद पसंद है.. इनका सहज लेखन बरबस ही आपको अपनी और खींचता है.. आइए देखे क्या कहते है ये अपनी अगली पोस्ट मे..

इस तरह की घटना 21वीं सदी के महानगर की एक नई पीढ़ी की दि‍शाहीनता को दर्शाता है। यह भी तय है कि‍ आने वाले समय में यह घटना महानगरों के लि‍ए एक आम शक्‍ल अख्‍ति‍यार कर लेगी। हम ऐसे समाज में ही जीने के लि‍ए अभि‍शप्‍त हैं और इसके समाधान की संभावनाओं का गुम होना दुखद है।



अल्पना वर्मा

अमर कुमार जी के बाद इनकी टिप्पणिया वाकई बहुत उत्साहित करने वाली होती है.. एक एक टिप्पणी के लिए इनकी मेहनत इनके शब्दो में सॉफ झलकती है.. सिर्फ़ आपके ब्लॉग पर ही इनकी टिप्पणिया नही मिलती.. यदि आप इनके ब्लॉग पर टिप्पणी करे तो भी ये प्रति टिप्पणी कर आपको आभार प्रकट करेंगी... अपनी आवाज़ में इन्होने कई मधुर गीत हमे सुनवाए है.. हालाँकि पिछले कुछ दिनों से ये नियमित रूप से नही लिख पा रही थी.. पर अब इनके आने से इनके ब्लॉग पर रौनक लौट रही है.. आइये पढ़े उनकी कलम से निकली एक रूमानी कविता

रुसवा न हो चाहत ये ख्याल रहे...
रूह में उनकी मेरी रूह
यूँ समा जाए...

सोचती हूँ आज कहीं दूर चलें..



चोखेर बाली

डा. अनुराग ने मुझे इस ब्लॉग के बारे में बताया था.. मैने देखा और मुझे ये विचार बहुत पसंद आया.. हमने सोचा की इस से जुड़ेंगे.. किंतु बाद में इस विचार को त्याग दिया.. कारण यहा नही बताऊंगा.. हालाँकि साथ में ना होने का मतलब विरोध में होना कदापि नही होता.. इसलिए मेरी शुभकामनाए हमेशा 'चोखेर बाली' के साथ है.. फिलहाल देखिए इस बार सुजाता जी क्या लाई है अपनी नयी पोस्ट में..


और अंत में...

नारी ब्लॉग की कुछ ब्लॉगरो ने दिल्ली में एक स्नेह मिलन का आयोजन किया है.. ये एक अच्छा प्रयास है.. इस प्रकार के आयोजन होते रहने चाहिए... मीनाक्षी जी ने अपने शब्दों में इस स्नेह मिलन के लिए कुछ यु लिखा है

मन हर्षाया
निमंत्रण जो पाया
छाया उल्लास

उर्जा पाऊँगी
हर एक स्त्रोत से
नए भाव की


अधिक जानकारी के लिए यहा क्लिक करे..

तो दोस्तो ये थी आज की चिट्ठा चर्चा... ब्लॉगरो की चर्चा के साथ.. अगले बुधवार फिर मिलेंगे हम तब तक के लिए 'दसविदानिया'

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30 टिप्‍पणियां:

  1. नई शैली में की गई चर्चा। बधाई!
    आयु के नववर्ष में पदार्पण पर शुभकामनाएँ।

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  2. इस चर्चा ने मुझे याद दि‍ला दी कि‍ ब्‍लॉग जगत में टि‍प्‍पणी के माध्‍यम से अन्‍य ब्‍लॉगरों से मेरी पहली मुलाकात कैसी रही थी। उनके बारे में बनी राय को आपकी राय से काफी करीब पाया। आज की अनूठी चर्चा ने ऐसे लोगों से भी परि‍चि‍त कराया जि‍नके बारे में मुझे नहीं पता था। इस तरह की चर्चा इस लि‍हाज से महत्‍वपूर्ण है और आपकी तरह अन्‍य लोगों को भी ऐसे अनुभव यहॉं बॉंटने चाहि‍ए।

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  3. सार्थक चर्चा। सच है कि‍ टिप्‍पढि़यों से ब्‍लागर्स के बीच वैचारिक मिलन के द्वार खुलते हैं। राज भाटिया का पराया देश और अनुराग का दिल ...मुझे भी बहुत पसंद हैं।

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  4. Anurag jee kee post se ptta chla kul aap ka birthday tha.... " belated happy birthday to you" good luck..

    Regards

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  5. कुश, आपके पास में इतना आईडिया है कि क्या कहें! आप चकित कर देते हैं. हमेशा की तरह बहुत बढ़िया चर्चा रही आज की भी. चिट्ठे पर सजी पोस्ट के अलावा चिट्ठाकारों के बारे में जानना सचमुच बहुत बढ़िया रहा.

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  6. लगता है लिस्ट नीचे से बनाई है आपने ...शायद इसी लिए मेरा नाम नहीं है...

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  7. बहुत शानदार लगी चिठ्ठा चर्चा ! आपने इस नई शैली में सब ब्लागर्स से रूबरू करवाया उसके लिए धन्यवाद ! आप वाकई आईडिया किंग हो ! शुभकामनाएं !

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  8. वाह!! कल आपने हैप्पी वाला जन्मदिन मनाया तभी आज सबको इतना अच्छा रिटर्न गिफ्ट दिया ...:) मानना पड़ेगा कुश बहुत ही उम्दा आइडिया भरे हैं आपके दिलो दिमाग में ...एक से बढ़ कर एक ....बेहतरीन चर्चा के साथ साथ चिट्ठो की जानकारी भी ..बोनस है यह ...शुक्रिया कुश जी ..

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  9. मिहिरभोज जी से सहमत, और इसीलिये मेरा भी नाम नहीं है :) :)

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  10. कुश भाई !
    नया अंदाज़ बहुत अच्छा लगा , यह बहुत लोकप्रिय होना चाहिए ! जन्मदिन की शुभकामनायें !

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  11. एक से एक नायाब तरीके निकालते हो चर्चा करने के. बहुत खूब!! बधाई. जन्म दिन की भी!!

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  12. आपने हिन्दी ब्लॉगजगत को रच-बस कर देखा है।
    बहुत सुन्दर चर्चा।

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  13. कुश भाई,
    आप ने,
    साल गिरह पर क्या किया ?
    हमारी ओरसे बहुत शुभकामनाएँ -
    आपका अँतमेँ ,
    "दस्वीदानिया " कहना
    बहुत अच्छा लगा ! :-)
    अन्य साथी ब्लोगरोँ से भी परिचय करवायेँ -
    सभी की शैली विलक्षण है -
    कई बार कोई नाम छूट जाता है :)
    पर सभी महत्त्वपूर्ण हैँ
    अच्छी चर्चा रही -
    - लावण्या

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  14. कुश, अपनी नित नई लेखन शैली से करते सबको खुश...इसके लिए बधाई और शुभकामनाएँ ..
    जन्मदिन पर आशीर्वाद

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  15. कुश जी ,आपको जन्मदिन की असीम शुभकामनायें.....!! चिटठा चर्चा पर एक नये ढंग से चर्चा कर आपने हमारे जैसे नये ब्लागर्स को पहचान दी, इसके लिए आपको धन्यवाद...!.आज की चर्चा से अन्य ब्लागर्स से भी सहज परिचय का द्वार खुल गया. सभी ने अपने कृतित्व से एक अलग पहचान बनाई है.आप लोगों के साथ संगत कर सीखने का सतत अवसर मिल रहा है.... उम्मीद है यह निरंतर रहेगा.

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  16. कुश बंधु,
    आपके नित नवीन आइडियाज़ देख कर खुशी होती है। अब आपने हमारे ब्लाग को कक्षा माना है इसीलिए कक्षा में हमें रोज़ कुछ न कुछ नया लाना पड़ता है। अब हाजिरी तो हम नहीं लेते हैं किसी की पर ....आप सबके स्नेह-सद्भाव की उपस्थिति पहले दिन से दिल के रजिस्टर पर दर्ज कर ली है। बाकी राजी खुशी...
    आपका काम बाकी है....हमें करना है ...याद है।
    चुनाव की व्यस्तता से निपटते ही करेंगे।
    शुभकामनाएं...

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  17. Kush..ye itne naye naye ideas kahan se laatey ho???
    sabh mein bahut hi creative ho..

    vivdhta se ruchi bani rahti hai..aur blogging ko creative aur interesting bananey mein tumhara koi muqabla nahin..

    Hats Off to you for such dedication.
    itni mehnat aur samay lagaya hai..aur kayee naye bloggers se milwaya bhi..aaps ka prem aur sohard aisey hi bana rahey....bahut achcha laga..shubhkamnayen

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  18. शानदार च जानदार चर्चा करी।

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  19. ये ऊपर वाला कमेंट हमारा था। कल एक मराठी दोस्त का ब्लाग बनवाया। लाग इन उसी का बना रहा! मराठी लोग बहुत परेशान कर रहे हैं आजकल!

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  20. नई शैली में तो चर्चा और भी शानदार रही |

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  21. बोलो आइडिया किंग की..............जय !

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  22. चिट्ठा-चर्चा के तमाम चर्चाकारों को उनके धैर्य और लेखन-शैली के लिये एक कड़क फौजी सैल्युट.
    और कुश जी को जन्म-दिन की बधाई{विलंब से}

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  23. काफी अच्छी लगी ये चर्चा और साथ ही इस नई तरीके से की गई चर्चा पसंद भी आई। साथ ही उन लोगों से परिचित भी हुआ जिन्हें मैं थोड़ा ही जानता था। धन्यवाद और बेहतरीन। सुना आपका जन्मदिन था, बिलेटिड हैप्पी बर्थ डे।

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  24. सबसे पहले आपको जन्मदिन की शुभकामनाएं। इस बार की चर्चा भी काफी अच्छी लगी। एक नए अंदाज में ये चर्चा रही। बढ़िया।

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  25. @ अनूप शुक्ल जी -
    "मराठी लोग बहुत परेशान कर रहे हैं आजकल", अब क्या करें, आप जैसे महान ब्लॉगर तो हैं नहीं हम, जो रो्जाना चिठ्ठा चर्चा में दर्शन दें, सो परेशान ही कर लेते हैं, अब ब्लॉग जगत में हम आ ही गये हैं तो झेलना ही पड़ेगा आपको, भले ही आप परेशान होते रहें… वैसे इस सम्बन्ध में वडनेरकर जी और कविता वाचकन्वी जी के विचार भी जान लें तो ठीक रहेगा… मराठियों से परेशानी तो बढ़ती ही जाने वाली है "कुछ खास लोगों को"।

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  26. कुश जी बहुत ही सार्थक चर्चा रही। हमें तो आप के चिठ्ठे पर छ्पे सब कॉफ़ी विद कुश भी अच्छे लगते हैं, ये अलग बात है कि हमें पता नहीं चलता कि हमारी टिप्पणी देखी गयी की नहीं। आप की अगली चर्चा का इंतजार रहेगा।

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  27. इसे कहते है अपने जन्मदिन की पार्टी का खर्चा बचाकर मीठी गोली देना ......खैर फ़िर भी बधाईया ......

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  28. Kya andajen-bayan hai, humari post aur hume dono ko jegah dene ke liye shukriya Kush bhai.

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