कुछ ना कुछ तो होता ही है तथ्य आज ही सीखा ।।
बच्चों को क्या पढा रहे आलोक पुराणिक देखा ?
पकडे कुछ राष्ट्रीय निकम्मे पढ लें पूरा लेखा ।।
ताऊ की भैंस का आप सब देखें इश्क अनौखा ।
टल्ल पढें अतिसुन्दर छोडें न ये सुनहरा मौका ॥
आया हाऊ याद इन्हें तो भला मुझे क्या लेना ।
पत्र आपके नाम एक है जरा ध्यान तो देना ॥
निर्णय उनका अपना है फि हम क्या कह सकते हैं ।
बोलेंगे तो लोग कहेंगे क्यों ज्यादा बकते हैं ?
साध्वी प्रज्ञा बेकसूर हैं यह विसाल कहते हैं ।
पूजा जी की असहमति की लहरों में बहते हैं ॥
लिखें धूल को चंदन कभी न अमर ज्योति यूँ गाये ।
फिर भी, मेरा साया बनकर मुझे याद तुम आए ॥
शादी की थकान से अब तक कैसे थके हुए हैं ।
अमर ज्योति ने तमाम चिट्ठे माँ पर लिखे हुए हैं ॥
छैला बाबू लुभा रहे रंजना सिंह को कैसे ।
ओ पहाड मेरे पहाड तुम दूर खडे क्यों ऐसे ॥
मसिजीवी को भीष्म साहनी जी ने झाड चढाया ।
रोचक लगा संस्मरण हमको पढकर मन को भाया ॥
नाम कवि योगेन्द्र मौद्गिल पर लघु कथा सुनाएं ।
झाड फूँक की कथा सँभलकर पढें कहीं डर जाएँ ॥
फ्यूचर प्लानिंग के बारे कुछ कहें सुप्रतिम बनर्जी ।
बस यूँ ही लिख दिया पढें मत पढें आपकी मर्जी ॥
ब्लॉगिंग की शोले में अब ताँगा पल्लवी चलाएं ।
मेला देखन ना जइयो तोइ नोंच नोंच खा जाएँ ॥
देखो भाई विवेक्सिंघ्जी हमको मालुम था आप आन डिमांड चर्चा जरुर करेंगे ! इसीलिए हम अभी तक जग रहे थे आपके इंतजार में ! अब आपकी शानदार चर्चा पढ़ ली है तो अब आराम से सोने जा रहे हैं ! बहुत धन्यवाद इस सुरीली चर्चा का !
जवाब देंहटाएंवाह!! क्या काव्यात्मक चर्चा छेड़ी है भई!! बधाई.
जवाब देंहटाएंचर्चा करते कमाल अपने भाई विवेक
जवाब देंहटाएंदिन व दिन निखरते वाह भई वाह विवेक
सम्बंधित ब्लाग पर चिटठा चर्चा का लिंक छोड़ने से लेखक को सम्मान मिलता है, कि आपने उसे चिटठा चर्चा में शामिल किया है ! आशा है ध्यान देंगें !
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !
बहुत सही काव्यात्मक चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया है जी
जवाब देंहटाएंवाह, ऐसी डिमाण्ड सतत होती रहे।
जवाब देंहटाएंये डिमांड तो पूरी हुई... देखिएगा आगे कोई और मुश्किल डिमांड नही आ जाए.. चलिए हम सरका जाते है अपनी.. 'टिप्पणी ऑन डिमांड'
जवाब देंहटाएंखूब रही ये चर्चा भी..
जवाब देंहटाएंबहु खूब रही ,शायद हॉल में देखे सेट-अप में सर्वोत्तम ,सर्वश्रेष्ठ,
जवाब देंहटाएंकेवल एक ही शब्द मेरे ज्ञान में इसकी प्रशंसा हेत शब्द कोष में है
"गागर में सागर " ? जी नही " गागर में क्षीर-सागर "!!!
वैसे इस विषय में सर्वाधिकार अजीत वडनेरकर के पास शब्दों के सफर
में सुरक्षित हैं | anyonasti-kabeeraa ,chitthaवाला chaupaal से
लाजवाब काव्यात्मक चर्चा है........बहुत ही सुंदर......
जवाब देंहटाएंमजेदार।
जवाब देंहटाएंबढिया !बहुत बढिया !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया। गागर में सागर।
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