नोट : सभी ब्लॉग्स के नाम पोस्ट के शीर्षक के साथ दिए गये है.. पुरी पोस्ट पढ़ने के लिए ब्लॉग की फोटो पर क्लिक करे..
फोटोजेनिक चर्चा में आपका स्वागत है.. हिन्दी में जिसे कहते है मोस्ट वेलकम.. कहते है फोटो लाइफ में बड़ा योगदान है.. अगर आप भारत में रहते है तो अपना फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र बनवाना ज़रूरी है.. राशन कार्ड में भी फोटो चाहिए.. कोई भी फॉर्म भरना हो तो फोटो चाहिए.. शादी के रिश्ते के लिए ज़रूरी है फोटो का आदान प्रदान.. शादी में फोटो खिचवाने के लिए तो लोग खूब तैयार होकर जाते है.. वैसे बच्चे के जन्म लेते ही फोटो ली जाती है.. यहाँ तक की मरने के बाद भी फोटो अख़बार में छापी जाती है.. अच्छी फोटो देखकर ही कई लोग टिप्पणी कर जाते है..
कहने का तात्पर्य ये है की जब आप कुछ विशेष विषय पर चर्चा कर रहे हो तो माहौल बनाना पड़ता है.. उपरोक्त पंक्तियो को भी आप वही समझ ले... अब चलते है आज की चर्चा की तरफ...
ब्लॉग : निर्मल आनंद
पोस्ट : एक गुस्ताख सवाल के बहाने
टिप्पणिया : 18
अब पिछले दिनों पिंक अन्डीज़ को लेकर ब्लॉग पर जो बहस चलीं उसमें सारथी के संचालक शास्त्री फिलिप- जो ईसा के चरण सेवक हैं और ब्लॉग जगत में बेहद सम्मानित हैं- एक बेहद शर्मनाक कमेंट कर बैंठे।
यह कमेन्ट उन्होने कुछ महिलाओं द्वारा प्रमोद मुतालिक नाम के राक्षस -सही अर्थों में राक्षस; उसके अनुसार महिलाओं पर किया गया हमला, भारतीय संस्कृति की रक्षा में था- को पिंक अन्डीज़ भेजकर की जाने वाली अभद्रता का विरोध करते हुए किया। अनैतिकता और अभद्रता के विरोध का ऐसा जज़्बा कि स्वयं अभद्र हो गए!
ब्लॉग : हम और आप
पोस्ट : मैं शर्मिंदा हूँ, कि मैं .......
टिप्पणिया : 9
बात इस वैलेंटाइन डे की है , पार्कों में खुद को हिंदुत्व और धर्म के ठेकेदार बताने वाले पहुंचे तो खबर बना लेने के लिए लालायित पत्रकार लगे उनका मार्गदर्शन करने, लड़के मिले तो इससे पहले की हिंदुत्व के ठेकेदार कुछ करे, फुटेज बनाने और तस्वीरे उतारने के लिए कैमरामेन ही लगे उठक बैठक कराने . पार्क में ही कुछ लड़कियां बैठी थी, हांथो में फॉर्म था, पत्रकार उनकी तरफ दौड़ पड़े , पीछे से कार्यकर्ता भी दौडे, कार्यकर्ताओ से उनकी बेईजयती करवाई गई, लड़कियां रोने लगी कैमरे के हर एंगल से तस्वीरे बनाई गई, और पत्रकारों के लिए बन गई एक सनसनीखेज़ खबर . लड़कियां रो रही थी तो कुछ पत्रकार ऐसे भी थे जो पास ही बैठकर लड़कियों को टीज़ कर रहे थे, जरा सोचिये उन लड़कियों की नजरो में मीडिया या चैनलों के लोगो की क्या छवि बनी होगी ।
ब्लॉग : हिन्दी ब्लॉगिंग की देंन
पोस्ट : देश भक्त की पहचान
टिप्पणिया : 10
देश भक्त कौन होता हैं और इनको वर्तमान समय मे कैसे पहचाना जा सकता हैं ? कुछ लक्षण बताये ब्लॉगर दोस्तों । कुछ जानकारी मिले आप से । कोई पहचान कोई निशानी ??
ब्लॉग : अक्षत विचार
पोस्ट : टिप्पणी दीजिये‚ वरना आप करेंगे अपना नुकसान.
टिप्पणिया : 26
कई लोग ब्लागर को उत्साहित करने के लिये उनके लिखे पर कुछ न कुछ टिप्पणी देते रहते हैं। परंतु कुछ लोग केवल ब्लाग पर अपना लेख लिखते हैं बस। न किसी को कोई टिप्पणी और न किसी को कोई रिस्पांस। परंतु ऐसा करके जानते हैं आप अपना नुकसान कर रहे हैं।
ब्लॉग : नटखट बच्चा
पोस्ट : हिन्दी ब्लॉगिंग के बुद्धिजीवी
टिप्पणिया : 32
कुल जमा कितने लोगो ने स्लम डोग देखी -चार लोगो ने
ओर निबंध कितने लोगो ने लिखा -साठ से ज्यादा लोगो ने
इस्माइल पिंकी कितने लोगो ने देखी - किसी ने नही
निबंध कितने लोगो ने लिखा -दस ने अब तक लिख दिया है
ब्लॉग : शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग
पोस्ट : रांची ब्लॉगर मीट.....आगे का हाल
टिप्पणिया : 26
किसने कब ब्लागिंग शुरू की? ब्लॉग को क्यों ब्लॉग ही कहा जाता है? कितने ब्लॉग हैं? एशिया में कितने ब्लॉग हैं? किस महाद्वीप के ब्लॉगर सबसे ज्यादा कमाऊ हैं? साल के शुरू में हिंदी के कितने ब्लॉग थे? साल के अंत में कितने हैं? अगले साल तक कितने हो जायेंगे?
ब्लॉग : मेरी छोटी सी दुनिया
पोस्ट : एक लड़की के डायरी के पन्ने(पहली मुलाकात - भाग तीन)
टिप्पणिया : 14
इसका अगला भाग ही अंतिम भाग है उसे पढ़ना ना भूलें.. वैसे यह एकता कपूर के धारावाहिक का भी रूप ले सकता है, मतलब जितना चाहो उतना ही बढ़ता चला जाये.. कुछ गाने नहीं ना सही, मगर कुछ कवितायें तो डाल ही सकता हूं.. अगर आप लोग कहें तो थोड़ा और रोमांटिक बना सकता हूं.. या फिर "एक लड़के की डायरी के पन्ने(पहली मुलाकात)" नामक कहानी आपको एक लड़के के नजरीये से भी दिखा सकता हूं.. अरे दोस्तों फागुन का महीना चल रहा है, सो थोड़ा रोमांटिक होना मेरा भी फर्ज बनता है.. ;)
ब्लॉग : जोगलिखी
पोस्ट : सुवास्तु से कुवास्तु तक, कब तक बचेगा सभ्य विश्व
टिप्पणिया : 12
आज इस स्वर्ग समान रहने योग्य क्षेत्र यानी सुवास्तु को स्वात कहा जाता है. जो अब नरक-तुल्य बन गया है. यहाँ इस्लामी कट्टरपंथियों का कब्ज़ा है. महिलाओं को बाहर निकले व पढ़ने की मनाई है. बुर्का पहनना अनिवार्य है. पुरूषों को ऊँची पतलून पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. विद्यालयों को बमों से उड़ा दिया गया है और हजारों लोगों को कत्ल कर दिया गया है. पाँच सौ शरीयत अदालतें स्थापित कर शरीयत का आदिम-युगीन कानून लागू कर दिया गया.
ब्लॉग : इंद्रधनुष
पोस्ट : एक पहेली- बूझो तो जाने!
टिप्पणिया : 8
डॉक्टर ने उस महिला को बताया कि यह बिना साइड-इफेक्ट वाला, सुरक्षित, सस्ता और प्रभावी इलाज है। और उसकी सारी बातें सच भी थीं। उस महिला का अगले दिन से ही इलाज शुरू हो गया, उसी नयी दवा से। लेकिन पूरे इलाज के बावजूद कुछ समय बाद उस महिला की कैंसर से मौत हो गई।
ब्लॉग : कुछ एहसास
पोस्ट : बस हमें लग गया सो लग गया....क्या कर लोगे हमारा
टिप्पणिया : १५
दुनिया में हर बीमारी का इलाज हो सकता है पर ये लगने की बीमारी का कोई इलाज नहीं है! ऑफिस में बाबू से पूछो.." जानकारी तैयार हो गयी?" जवाब मिला .." नहीं क्योकी उन्हें लगा की शायद दो दिन बाद देनी है" अब आप तर्क ढूंढते फिरो की भाई साब जब तारीक आज की डाली है की आज ही तैयार करके देना है तो आपको कैसे लग गया?" उन्हें तो बस लग गया सो लग गया!
ब्लॉग : हास्य व्यंग्य
पोस्ट : कुछ सवाल और जवाब
टिप्पणिया : 4
१. घडी बनाने की कंपनी में तुम्हारा काम कैसा चल रहा है?
- यह तो समय ही बतायेगा.
२. केले की कंपनी में तुम्हारा काम कैसा चल रहा है?
- काम करते हुए अक्सर फिसल जाता हूँ.
ब्लॉग : अनुराग हर्ष
पोस्ट : पधारो म्हारे सैर बीकानेर
टिप्पणिया : 3
यहां हिन्दू भी है और मुसलमान भी। दोनों बडी संख्या में है फिर भी कभी साम्प्रदायिकता ने इस शहर को अपनी जद में नहीं लिया। ऐसे मुसलमान भी है जो ब्राह़मणों की तरह प्याज तक नहीं खाते तो ऐसे हिन्दू भी है जो मुसलमानों के घर को अपना परिवार समझते हैं। होली हो या दीवाली मुस्लिम मोहल्ले भी कम रोमांच में नहीं होते। घर पर दीपक भले ही न जले लेकिन पटाखों की धूम और नए कपडे पहनकर शहरभर में घूमने में वो भी पीछे नहीं। रोजे के वक्त हिन्दूओं के घर खाना बनता है और मुस्लिम के घर जाकर रोजा खुलवाया जाता है।
ब्लॉग : आदित्य
पोस्ट : एक नमकीन पोस्ट
टिप्पणिया : 12
मम्मी शाम को ऑफिस के आकर चाय के साथ भुजिया खाना पंसद करती है.. मोटी वाली भुजिया.. नमकीन विशेष रुप से जोधपुर से आता है.. बहुत स्वादिष्ट होता है ये.. मुझे कैसे पता.. अरे मैं भी तो खाता हूँ इसे मम्मी के साथ.. ये भुजिया आसानी से पकड़ में आ जाती है और अब मेरे तीन दांत है इसे तोड़ने के लिये.. दाँतो से तोड़्ते हुए "कट" की आवाज सुन खुश होता हूँ और मजे से खाता हूँ..
ब्लॉग : लविजा
पोस्ट : बुढ़िया के बाल
टिप्पणिया : टिप्पणी मोड़रेशन में है अभी
कल पापा ऑफिस आते वक़्त "बुढ़िया के बाल" ले आये. जानते है आप ये क्या होता है ? विडियो/फोटो में देखिये आपको भी अपना बचपन याद आ जायेगा. पापा कहते है ये उनको बहुत पसंद है बचपन से ही. आज उनको दिख गया तो ले आये. मुझे भी खाने में ये बहुत मजेदार लगा. कुछ अलग सा स्वाद था. मीठे मीठे गुलाबी रेशे. बस मुंह में रखो और गायब. और देखिये तो मेरे होंठ भी इससे रंग गए.
ब्लॉग : Mutual Fund & Insurance Advisor
पोस्ट : सही पेंशन प्लान देता है सुखमय जिंदगी
टिप्पणिया : 1
जीवन भर मिलने वाली पेंशन
इसमें प्लान खरीदने वाले को पहले से तय अंतराल पर जीवन भर एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है। व्यक्ति की मृत्यु के साथ ही पेंशन बंद हो जाती है। इस योजना में पेंशन की राशि सबसे अधिक होती है। इसे 'लाइफ एन्युटी' भी कहा जाता है और यह ऐसे लोगों के लिए ठीक रहती है जिन्हें अपनी मृत्यु के बाद कोई पारिवारिक जिम्मेदारी पूरी नहीं करनी होती।
ब्लॉग : युगांतर
पोस्ट : ये तो स्टाफ है
टिप्पणिया : 2
२६ नवंबर के बाद भी हम कितने लापरवाह है ये आज सुबह फिर से देखने को मिला.. मुंबई एयरर्पोर्ट के गेट नं १B से प्रवेश करते हुऐ मैने देखा कि CSIF के १०-१२ जवानों को बिना किसी जाँच के एयरपोर्ट में दाखिला मिल रहा है..
ये जवान सुरक्षा कर्मी के पीछे से आराम से प्रवेश कर रहे थे.. मन में शंका हुई.. प्रश्न उठे.. एसा क्यों.. ये सुरक्षाकर्मी इतना विश्वास से कैसे ढील दे रहा है....रहा नहीं गया..और पुछ लिया.. जबाब मिला "ये तो स्टाफ है..." मैने कहा पर कम से कम आई कार्ड तो देख सकते हैं.. क्या पता कोई नापा्क इंसान हो.. कुछ जबाब नहीं मिला...
ब्लॉग : ममता
पोस्ट : गोवा के वीवा कारनिवल की कुछ तस्वीरें
टिप्पणिया : 10
२१ फरवरी से गोवा मे ४ दिन के कार्निवाल का जश्न शुरू हुआ था जो २४ फरवरी तक चला । पंजिम ,मडगांव,वास्को और कैलंगूत मे कार्निवल खूब मौज-मस्ती के साथ मनाया जाता है । खैर हम सभी जगह तो नही जाते है क्योंकि floats करीब-करीब वही होते है और एक जगह का देखने के बाद दूसरी जगह का देखने उतना जोश भी नही रहता है । हालाँकि इस बार का कार्निवाल उतना ज्यादा पसंद नही आया ।क्योंकि इस बार सभी कुछ बहुत ठंडा-ठंडा यानी कम जोशीला था ।
ब्लॉग : हिमालय रहस्य रोमांच का संगम
पोस्ट : कैलाश मानसरोवर यात्रा जोशीमठ- मलारी मार्ग से शुरू करने को लेकर बहस शुरू
टिप्पणिया : टिप्पणी मोड़रेशन में है अभी
कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग को मोक्ष का रास्ता भी कहा जाता रहा है। स्कंध पुराण में भी इस यात्रा का वर्णन मिलता है। धारचूला से कैलाश मानसरोवर तथा मलारी से कैलाश मानसरोवर मार्ग का प्रयोग आजादी के 15 सालों तक हुआ करता था। 1962 में चीन द्वारा भारत पर आक्रमण के बाद ये दोनों मार्ग बंद कर दिये गये थे । जिन पर पुन: 1981 में चीन की रजामंदी के बाद यात्रा शुरू हो पायी। जबकि मलारी से तिŽबत के तुंन जेन ला तक इस उत्तरपथ से भी व्यापार होता रहा था, और यह मार्ग भी कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सबसे सुगम बताया गया है।
ब्लॉग : एकोऽहम्
पोस्ट : दावा छूट और पुनर्चलित पालिसियाँ
टिप्पणिया : 2
''पालिसी लेप्स होने पर उसे चालू कराने के साथ ही ग्राहक को बीमा सुरक्षा फिर से मिलने लगती है। किन्तु लेप्स पालिसी चालू करा लेने के बाद भी, (पालिसी के लेप्स होने के कारण उपजा खतरा और उससे होने वाली हानि के कारण) ग्राहक ने अपना कितना बड़ा नुकसान कर लिया है, यह ग्राहक को मालूम नहीं हो पाता।''
ब्लॉग : ज़िंदगी के मेले
पोस्ट : चाचा का रूआंसापन, पिता जी की मुस्कुराहट देखकर मेरी प्रसन्नता …
टिप्पणिया : 11
ना में सिर हिलता देख चाचा ने कहा 'चल, अरनाला खुर्द देख वहाँ से तो बस एक-डेढ़ मील का ही फासला है।' हमने फिर हाजिरी लगाई, गूगल दरबार में। जवाब मिला कि बच्चा, Arnala तो मुंबई में विरार-वसई के पास एक जगह है जहाँ एक किला है। पाकिस्तान रेलवे की वेबसाईट भी देख डाली गयी, नतीजा शून्य।
क्लाइमेक्स से ठीक पहले
वैसे तो हमारी चर्चा का दिन कल का था.. पर हमने सोचा की अगर रोज हम ही चर्चा करेंगे.. तो नये लोगो को ब्रेक कैसे मिलेगा.. इसलिए कल की चर्चा करने का मौका हमने अनूप शुक्ल जी को दे दिया.. सुना है अच्छी चर्चा करते है.. कुछ एक आध एक लाइना वग़ैरह भी लिख लेते है.. जल्द ही एक्सपर्ट हो जाएँगे...
अब आते है क्लाइमेक्स पर..
ब्लॉग कॉफी विद कुश एक बार फिर से हाज़िर है आपके बीच.. अधिक जानकारी के फोटो पर क्लिक करिए
वाह भाई ये तो गजब आईडिया है.
जवाब देंहटाएंरामराम.
kya baat hai ji.
जवाब देंहटाएंकमाल का आईडिया है बहुत बढ़िया चर्चा शुक्रिया कुश जी
जवाब देंहटाएंबाप रे बाप........इतना उर्वरक दिमाग...... रोचक युक्तियों की भरमार है आपके पास...
जवाब देंहटाएंस्टाईली चर्चा...... लाजवाब !!!
प्रणाम
जवाब देंहटाएंछवि के साथ चर्चा पढ़ के आनंद आ गया , बहुत बढ़िया लिखा .
प्रयोग बहुत उत्तम है कृपया इसे जरी रक्खे .
धन्यवाद
भाई कुश, तुम हर रोज कुछ नया अंदाज लेकर आते हो... चर्चा भी कितनी रोचक और ्कितने तरीके से की जा सकती है... अच्छा प्रयोग..
जवाब देंहटाएंकाबिलेतारीफ है जी
जवाब देंहटाएंबहुत अनूठा ....
जवाब देंहटाएंकुश भाई...आप खुराफातों में सबसे आगे रहते हो...कभी कुछ तो कभी कुछ, शांत मन बैठना आपको सोहाता नहीं...अब बताइए इतना मेहनत करने की क्या जरूरत थी...अब इसके बाद तो आप सच्ची लोगो की ब्लॉग में टाइप करते हुए फोटो खींच लीजियेगा बस...हम भी बस करते हैं...टांग खिचाई ख़त्म :D
जवाब देंहटाएंतारीफ शुरू...चिटठा चर्चा का ये नया रूप मनभावन है वो कहते हैं न a picture says a thousand words :) बधाई इस नए रूप के लिए.
नये अन्दाज से भरपूर। वाह, कॉफी विद कुश कहें!
जवाब देंहटाएंhmm...naya idea. achcha laga ji.
जवाब देंहटाएंखुद कॉफी लेली गेस्ट को नहीं दी ! कैसे इंतजार कर रहे हैं बेचारे आदरणीय डॉक्टर साब :)
जवाब देंहटाएंआदरणीय कुश जी, फोटो वाली चर्चा जम गई , अगर फोटो बिलागर की होती तो शायद और भी मजा आ जाता !
बहुत खूब, नया नवेला आइडिया, इस तरह की चर्चा में अलग से मेहनत और लगती है, बहुत अच्छे कुश बाकि सभी खुश
जवाब देंहटाएंवाह कुश जोरदार ले आउट -परिश्रम से की गयी चर्चा ! साधुवाद !
जवाब देंहटाएंअद्भुत्।
जवाब देंहटाएंऐसी बेमिसाल चिट्ठा चर्चा करने पर बधाई ।
जवाब देंहटाएंइसका नया रंग -रूप मन मोहक लगा ।
चोखी चर्चा है।
जवाब देंहटाएं" are waah ye to new experiment ho gya....or kaamyab bhi...bhut sunder or mjedaar..."
जवाब देंहटाएंRegards
चर्चा का यह तरीका भी अच्छा लगा. धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंbahut badhiya kush i ma late on commenting so sorry but ur work management skills are above excellence .lot of inspiration to improve my own presentation skills bravo
जवाब देंहटाएंलाजवाब.
जवाब देंहटाएंक्या खूब है चर्चा की रंगत।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर! क्या अंदाज है! क्या खुराफ़ात है! लाजबाब!
जवाब देंहटाएं