बुधवार, नवंबर 19, 2008

जो अच्छा लिखेगा हम पढेगे...बाकी सब अपने खेमे संभाले

नमस्कार चिट्ठा चर्चा मैं आपका स्वागत है..

आज के मुख्य समाचार इस प्रकार है.. आल इंडिया गिरगिट समुदाय ने दिल्ली में अपनी एक मीटिंग का आयोजन किया.. इस आयोजन में उन्होने इंसानो द्वारा गिरगिटो पर होने वाले अत्याचारो के खिलाफ आवाज़ उठाई.. हमारे एक संवाददाता ने इस पूरे प्रकरण को बड़ी फ़ुर्सत से रिकॉर्ड किया है..

दिल्ली ब्लू लाइन में पिछले चार साल से बिना टिकट यात्रा करने वाले ताऊ को आख़िरकार पुलिस ने पकड़ ही लिया.. अंतिम जानकारी तक उनकी प्राइवेट प्रॉपर्टी पर विभिन्न प्रकार की कलाकृतिया बनाई जा चुकी थी..

एक और खबर के अनुसार कल रात आसमान में एक उड़नतश्तरी देखी गयी.. बताया जाता है की इसमे दुनिया की सबसे बड़ी आफ़त यमराज के मुंह से वापस लौट के आ गयी है..

कल शाम रचना जी ब्लॉग जगत को खेमो में बाँटे जाने के कारण कुछ परेशान दिखी..

परिवार कि बात सबसे ज्यादा करते है जो

ब्लोगिंग को खेमो मे बाँटते हैं वो

पहले भाषा से बांटा फिर लिंग से बांटा

अब खेमो मे बांटा और कब तक चलेगा ये सब - रचना जी


इस पर अनुराग जी ने कुछ यू टिप्पणी की..

जो अच्छा लिखेगा हम पढेगे ....बाकी सब अपने खेमे संभाले - अनुराग जी



अनिल पुसदकर जी बता रहे है की उनका ब्लॉग लेखन सफल हो गया...

दफ्तर में मैं कल दोपहर एक महिला मिलने आई। मैं उन्‍हें पहचानता नहीं था। वो एक एनजीओ चलाती है। मैंने उन्‍ासे दफ्तर आने का कारण पूछा और उसके बाद जो कुछ हुआ उससे ऐसा लगा कि मेरा ब्‍लॉग लिखना सफल हो गया।


ऐसा ही कुछ उदाहरण लवली कुमारी के पास भी है...


माले गाँव अथवा ए टी एस संबंधित पोस्ट इन दिनों ब्लॉग जगत में काफ़ी संख्या में नज़र आ रही है.. संबंधित खबरो के लिए इन ब्लॉग्स को देखे..

मालेगांव मामले में एटीएस का रवैया ढिला!
एटीएस - एक कदम आगे दो कदम पीछे .......?
एटीएस के निशाने पर फिल्मकार और पत्रकार भी
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर तथा कर्नल पुरोहित के मामलों की सूक्ष्म जांच होना चाहिए.
हिन्दू या मुस्लिम नहीं सिर्फ आतंकवादी



कल रानी लक्ष्मी बाई का जन्म दिवस था.. धीरू सिंह जी ने अपनी ब्लॉग पर उन्हे याद किया..

आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाली रानी लक्ष्मी बाई को शत शत नमन ।








वही ब्लॉग साहित्य शिल्पी में आकांक्षा यादव जी ने रानी लक्ष्मी बाई के बारे में काफ़ी जानकारी दी..

sush12 ब्लॉग पर कुछ लिखा गया




संगीत के प्रेमियो के लिए कुछ ब्लॉग्स..

संगीत प्रेमियो को राधिका जी का वाणी ब्लॉग ख़ासा पसंद आता है.. देखिए क्या बताती है वे अपनी नयी पोस्ट में...

क़ुर्बानी फिल्म का लोक प्रिय गीत. आप जैसा कोई मेरी ज़िंदगी में आए..

सागर नाहर जी राजस्थानी लोक गीत सुना रहे है..

रश्मि जी सुना रही है राज फिल्म का ये गीत का ये गीत


यदि आप काव्य पाठ करना चाहते है. तो इन ब्लॉग्स पर नज़र डालिए..

काश ज़िन्दगी भी एक स्लेट होती
सफर के सजदे में
दिनकर की कुछ प्रेरक पंक्तियां
मैं और तुम
तुम्हारे बिखराए हुए शब्द.....!!
बाकि...गंगा मैया पर छोङ दो।
आज फिर ढलने लगी है शाम, प्रिय देखो जरा !
खोज...
कभी यूँ ही
एक अजूबा हमने देखा
"तुम्हारी बाट मे"
नम आँखेँ
अब बहुत थोड़े से दिन बचे हैं
मौन हम
इस सवाल का उत्तर कहाँ से पा लूँ ??




यदि आप भी मेरी तरह अकेले रहते है.. और रोज़ नये पकवान बनाने के रेसीपी ढूँढते रहते है.. तो ये ब्लॉग आपके लिए है.. "दाल रोटी चावल"

रेखा जी इस बार बता रही है.. की नारियल के लड्डू कैसे बनाए जाए?




ग़ज़ल प्रेमी ज़रा यहाँ तशरीफ़ लाये..

नहीं उसके सिवा तेरा कोई, ये याद कर ले
वतन की सरजमीं को माँ का दर्जा देते आये हैं.
पीकर मरना ही बेहतर हॆ यूं प्यासा जीते जाने से
मुझको अक्सर लगता है
प्रकाश बादल जी की ग़ज़ल

मिहिर भोज जी पढ़वा रहे है एक एस एम् एस

वाह इंडिया
अफजल को माफी
साध्वी को फांसी

संघ पर प्रतिबंध...
.सिमी से अनुबंध
अमरनाथ यात्रा पर लगान
हज पर अनुदान
वाकई मेरा भारत महान
बधाई हो
चांद पर उङान


तकनिकी चिट्ठो की हलचल

क्या चिट्ठाजगत बेईमान है?

मेरा नया वेबसाईट Entertainment पर, बढते कदम


ज़रा यहाँ भी नज़र डालिए

कला...और उसका अनोखा जहाँ


हिंदी ब्लागरों परिवारवाद का विरोध करो

बेटियों के लिए....

हंगामा है क्यों बरपा- बस थोड़ी सी जो पी ली है


शाम की दावत और भांवरें

क्या आवाज में भी नमी होती है

अखबार का असली मजा लेना हो तो “बिटवीन द लाईन्स” पढ़ना सीखिये…

झाड़ू-पोंछे से लेखिका बनने का सफ़र




और अंत में..

अगले बुधवार से मैं आपको नही मिलूँगा.... चर्चा का अब तक का सफ़र बढ़िया रहा.. आकर जाना की कितनी मेहनत करते है चर्चाकार.. कुछ समय तक मैने चर्चा से विराम लेने का मानस बनाया है.. फिर जब कभी मूड हुआ तो लौट आएँगे.. मगर कब और कितने दिन बाद ये कह नही सकता.. आप सभी ने जो मुझे प्यार दिया उसके लिए आप सभी का हार्दिक आभार.. यदि मेरी चर्चा से कभी कोई आहत हुआ हो तो उसके लिए मैं क्षमा माँगता हू...


फिर मिलेंगे.... तब तक के लिए..... दसविदानिया..

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22 टिप्‍पणियां:

  1. यह क्या हुआ कि छुट्टी ले कर चल पड़े आप ..चर्चा बहुत बढ़िया है मेहनत तो बहुत दिखती है चर्चा में ..इसके लिए आप सब बधाई के पात्र है ..लिखते रहे

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  2. और अंत में....तेरा आना भी धोखा था, तेरा जाना भी दोखा है.......बहुत मेहनत की आपने..ठीक है, आराम कीजिए, फिर लौटने के लिए ..द्सविदानिया..दा..दा

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  3. वाह! हर बार चिट्ठाचर्चा में नए आईडिया देखकर प्रसन्नता होती है. बहुत खूब रही ये चर्चा. हमेशा की तरह बढ़िया शैली.

    लेकिन बुधवार से चिट्ठाचर्चा नहीं करोगे, ये जानकर अच्छा नहीं लगा....लौटकर आओगे, ये जानकर थोडी तसल्ली हुई. लौटना ज़रूर, कुश. हमें इंतजार रहेगा.

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  4. बहुत सुन्दर चर्चा, बहुत विविधता के साथ।
    जल्दी वापसी का इन्तजार रहेगा।

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  5. सुन्दर चर्चा,विविधता के साथ।

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  6. अआपने चिठ्ठा चर्चा में अपनी स्टाईल और आईडियाज की शानदार छाप छोडी है ! यूँ तो पुरी चिठ्ठा चर्चा ही अच्छी खासी मेहनत का काम है ! फ़िर चर्चा को हर बार नया रंग देना और भी मेहनत मांगता है ! और चर्चाकार को समय भी कम मिलता है इतने सारे चिठ्ठो को समेटने के लिए ! आप लोगो का सार्थक प्रयास है ! जल्दी लौटिये ! इंतजार रहेगा ! शुभकामनाएं !

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  7. आपकी कुल दो प्रस्‍तुतियां ही देख पाया हूं और समझ पाया हूं आपको कितनी मेहनत करनी पडती होगी । आपकी प्रस्‍तुति का आनन्‍द लेने वाले को वह सब पढना होता है जिसका जिक्र आप करते हैं । मुझ जैसे 'थके-हारे' के लिए तो यह असम्‍भव ही रहा । वैसे भी मुझे 'इस दुनिया' की जानकारी 'अत्‍यल्‍प' का हजारवां हिस्‍सा भी नहीं है । फिर भी, आपको जब भी पढा, अच्‍छा लगा । आप जैसे लोग ब्‍लाग जगत को जीवन्‍त और स्‍वस्‍थ बनाए रखते हैं, यह मेरी अनुभूति है । आप विश्राम कीजिए । लेकिन आप ज्‍यादा रुक नहीं पएंगे । आपकी आदतें आपको वापस यहां ले आएंगी । वैसे भी, आप गुजरा वक्‍त तो नहीं जो लौट के न आ सके ।
    शुभ-कामनाएं ।

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  8. चर्चा अच्छी लगी, बधाई, कुश!

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  9. उम्मीद है एक नई उर्जा ओर नये आईडिया के साथ लौटेगे .......

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  10. फिर तो हम अपना पत्‍ता कटा ही समझें क्‍योंकि अनुराग जी कह रहे हें कि जो अच्‍छा लिखेंगे पढेंगे बाकी अपना खेमा संभालें चिंता का विषय है बहुत चिंता हो गई हे अब तो

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  11. चिट्ठे से ज्यादा चिट्ठाचर्चा भारी

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  12. भाई कुश, यदि आप अकेले हैं, तो भूलसुधार कर लें ।
    यदि आप सत्य की खोज में जा रहे हैं, तो आपका अंतिम सत्य हम प्रेमियों के बीच ही है ।
    यदि आप अपने खेमे की तलाश में निकलने को हैं,
    तो मेरे खेमे में आइये, यह बिना खेमे वालों का एक्मात्र खेमा है .. खूब गुज़रेगी जब मिल कर बैठेंगे दो दीवाने .. अनुराग मोडरेटर रहेंगे ।
    किन्तु .. 'यूँ जाने की जिद न करो ' क्योंकि 'अभी यह दिल भरा नहीं ..'

    कुच दिनों तक अपनी कमी महसूस करवाने का आपका यह आईडिया बहुत स्वागत-योग्य तो नहीं है,
    बाकी आपतो आईडिया सम्राट ठहरे, हमारी क्यों मानेंगे ! खुश रहिये ..

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  13. मेहनत से की गई कैटगराइजेशन।

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  14. एक हफ्ते से ज्यादा की छुट्टी मंजूर नहीं की जायेगी।
    :)

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  15. ACHHA HAI JI,hamari shubhkamnaayein hain lage rahiye.
    ALOK SINGH "SAHIL"

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  16. आपकी चर्चा को अच्छी क्या कहें . फॉर्मैलिटी लगेगी . यह तो सर्वविदित है . लेकिन भाई आप पहले यह बताएंगे कि आप कैसे अकेले रहते हैं तभी तो दूसरे लोग बता पाएंगे कि वे आपकी तरह अकेले रहते हैं या किसी और तरह . दूसरे यह बताएं कि आपकी छुट्टी पास हो गई है या कैजुअल लीव पर जारहे हैं या टंकी पर चढ रहे हैं सस्पेंस बनाने का आइडिया तो मैंने नहीं दिया था ये कहां से उठा लाए ? अगर आप दूर रह कर अपने महत्व का अहसास कराना चाहते है तो हम पहले ही घोषणा करते हैं कि बहुत महत्वपूर्ण हैं हमारे लिए . या तो किलियर कर देना अन्यथा हमें टेंशन रहेगा कि आखिर बात क्या हुई . ज्यादा नहीं इतना ही कहो कि भाई कुछ जरूरी काम है . जबाब जरूर देना .

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  17. दसविदानिया...????ये क्या ??? माना की ये फ़िल्म बहुत अच्छी है लेकिन आप इस से इतने प्रभावित हो जायेंगे की इसे अपना ही लेंगे ये नहीं सोचा था...लगता है जयपुर आ कर एक गरमा गरम काफी पिला कर आप को मनाना पड़ेगा...
    नीरज

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  18. अच्छे से चर्चा करी। वर्गीकरण अच्छा हुआ। कुश के जुड़ने के बाद से चिट्ठाचर्चा में विविधता के कई आयाम जुड़े। हर बार नया अंदाज। लौट के आने का इंतजार रहेगा। मस्त रहो।

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  19. " very interesting detailed analysis with hard word.. nice to read"

    regards

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  20. ्चिट्ठाजगत का कंप्लीट अख़बार पढ कर आणंद आ गया।इसे कहते है गागर मे सागर्।बहुत ही बढिया चर्चा पढने के साथ आपके अवकाश पर जाने की सूचना ने मज़ा किरकिरा कर दिया।ज़ल्द लौटियेगा,आपकी कमी खलेगी। आपका इंतज़ार रहेगा।

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