बुधवार, नवंबर 12, 2008

चर्चा ऑन डिमाण्ड

ऑन डिमाण्ड चिट्ठा चर्चा में स्वागत आप सभी का ।
कुछ ना कुछ तो होता ही है तथ्य आज ही सीखा ।।

बच्चों को क्या पढा रहे आलोक पुराणिक देखा ?
पकडे कुछ राष्ट्रीय निकम्मे पढ लें पूरा लेखा ।।

ताऊ की भैंस का आप सब देखें इश्क अनौखा ।
टल्ल पढें अतिसुन्दर छोडें न ये सुनहरा मौका ॥

आया हाऊ याद इन्हें तो भला मुझे क्या लेना ।
पत्र आपके नाम एक है जरा ध्यान तो देना ॥

निर्णय उनका अपना है फि हम क्या कह सकते हैं ।
बोलेंगे तो लोग कहेंगे क्यों ज्यादा बकते हैं ?

साध्वी प्रज्ञा बेकसूर हैं यह विसाल कहते हैं ।
पूजा जी की असहमति की लहरों में बहते हैं ॥

लिखें धूल को चंदन कभी न अमर ज्योति यूँ गाये ।
फिर भी, मेरा साया बनकर मुझे याद तुम आए

शादी की थकान से अब तक कैसे थके हुए हैं ।
अमर ज्योति ने तमाम चिट्ठे माँ पर लिखे हुए हैं ॥

छैला बाबू लुभा रहे रंजना सिंह को कैसे ।
ओ पहाड मेरे पहाड तुम दूर खडे क्यों ऐसे ॥

मसिजीवी को भीष्म साहनी जी ने झाड चढाया
रोचक लगा संस्मरण हमको पढकर मन को भाया ॥

नाम कवि योगेन्द्र मौद्गिल पर लघु कथा सुनाएं ।
झाड फूँक की कथा सँभलकर पढें कहीं डर जाएँ ॥

फ्यूचर प्लानिंग के बारे कुछ कहें सुप्रतिम बनर्जी ।
बस यूँ ही लिख दिया पढें मत पढें आपकी मर्जी ॥

ब्लॉगिंग की शोले में अब ताँगा पल्लवी चलाएं ।
मेला देखन ना जइयो तोइ नोंच नोंच खा जाएँ ॥

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14 टिप्‍पणियां:

  1. देखो भाई विवेक्सिंघ्जी हमको मालुम था आप आन डिमांड चर्चा जरुर करेंगे ! इसीलिए हम अभी तक जग रहे थे आपके इंतजार में ! अब आपकी शानदार चर्चा पढ़ ली है तो अब आराम से सोने जा रहे हैं ! बहुत धन्यवाद इस सुरीली चर्चा का !

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  2. वाह!! क्या काव्यात्मक चर्चा छेड़ी है भई!! बधाई.

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  3. चर्चा करते कमाल अपने भाई विवेक
    दिन व दिन निखरते वाह भई वाह विवेक

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  4. सम्बंधित ब्लाग पर चिटठा चर्चा का लिंक छोड़ने से लेखक को सम्मान मिलता है, कि आपने उसे चिटठा चर्चा में शामिल किया है ! आशा है ध्यान देंगें !
    शुभकामनायें !

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  5. बहुत सही काव्यात्मक चर्चा

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  6. वाह, ऐसी डिमाण्ड सतत होती रहे।

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  7. ये डिमांड तो पूरी हुई... देखिएगा आगे कोई और मुश्किल डिमांड नही आ जाए.. चलिए हम सरका जाते है अपनी.. 'टिप्पणी ऑन डिमांड'

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  8. बहु खूब रही ,शायद हॉल में देखे सेट-अप में सर्वोत्तम ,सर्वश्रेष्ठ,
    केवल एक ही शब्द मेरे ज्ञान में इसकी प्रशंसा हेत शब्द कोष में है
    "गागर में सागर " ? जी नही " गागर में क्षीर-सागर "!!!
    वैसे इस विषय में सर्वाधिकार अजीत वडनेरकर के पास शब्दों के सफर
    में सुरक्षित हैं | anyonasti-kabeeraa ,chitthaवाला chaupaal से

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  9. लाजवाब काव्यात्मक चर्चा है........बहुत ही सुंदर......

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