रविवार, जनवरी 04, 2009

चिट्ठाजगत के बारे में एक सर्वे

ताऊ जी पर ब्लॉगरों के विचार
ये आर्यपुत्र जो न करायें वो कम है। सुबह एक वड़ा और दो पकौड़े खाए हैं, और एक गिलास चाय पीकर की गयी चर्चा को भूखे पेट की गयी चर्चाबता डाला। लोगों ने भी मान लिया। कविताजी ने तो दंडात्मक कार्यवाही मान लिया इसे तो और साथियों ने खा-पीकर दुबारा चर्चा करने के लिये कहा। लेकिन आदि-चिट्ठाकार कोहरे के मौसम में स्टेशन से चली रेलगाड़ियों की तरह गुम हो गये। कुछ अता-पता ही न चला।

रेलगाड़ियों की बात चली तो ज्ञानजी की बात कर लें। अभी ज्ञानजी की उपयोगिता बढ़ गयी है। वे एक अदद ब्लागर ही नहीं रह गये हैं। रेलवे के विश्वनीय सूचना केन्द्र हो लिये हैं। हमने अभी-अभी एक गाड़ी के बारे में उनसे अन्दर की जानकारी ली। इसके अलावा और भी साथी ब्लागर सूचना के लिये उनका मोबाइल गरम कर रहे हैं।

इसके पहले कि फ़ुरसतिया बातें करें कुछ काम की बात कल्लें। रविरतलामीजी ने अपनी पोस्ट में सामयिकी पर किये जा रहे सर्वेक्षण की जानकारी देते हुये बताया कि आप चिट्ठाजगत के बारे में कुछ सवालों के जबाब देकर हिंदी ब्लाग जगत के बारे में अपनी पसंदीदा पोस्ट और चिट्ठाकार और अन्य बातों के बारे में जानकारी दें। सवाल वस्तुनिष्ठ टाइप के बोले तो आब्जेक्टिव टाइप हैं। कोई निगेटिव मार्किंग नहीं है। फ़िर काहे के लिये जबाब देने में संकोच कर रहे हैं जी! देखिये न कित्ते सरल-सरल सवाल हैं:

  1. आपका पूरा नाम*

  2. ईमेल पता (प्रकाशित नहीं किया जायेगा)*

  3. आपके ब्लॉग/website का पता

  4. आपने किस वर्ष ब्लॉगिंग प्रारंभ किया?

  5. हिन्दी ब्लॉग आप किस तरह पढ़ते हैं? *
    * गूगल रीडर या ब्लॉगलाइंस जैसे न्यूज़रीडर द्वारा
    * ईमेल सब्सक्रिप्शन द्वारा
    * नारद-ब्लॉगवाणी-चिट्ठाजगत जैसे चिट्ठासंकलकों पर
    * सीधे पसंदीदा ब्लॉग पर जाकर


  6. हिन्दी ब्लॉग आप किस तरह लिखते हैं? *

  7. कृपया तकनीक व औजार का नाम लिखें। मसलन कॉपी पेस्ट, IME , विंडोज़ लाईव राईटर आदि


  8. हिन्दी लिखने के लिये आप किस कुंजीपटल या कीबोर्ड स्कीम का प्रयोग करते हैं? *
    मसलन रेमिंगटन, फोनेटिक, इंस्क्रिप्ट वगैरह

  9. हिन्दी लिखने के लिये आप किस कुंजीपटल या कीबोर्ड स्कीम का प्रयोग करते हैं? * मसलन रेमिंगटन, फोनेटिक, इंस्क्रिप्ट वगैरह


  10. हिन्दी ब्लॉगजगत की २००८ में कौन सी तीन प्रमुख उपलब्धियाँ रहीं?


  11. २००८ में हिन्दी ब्लॉगजगत में मुख्यतः किन विषयों पर आवश्यक्ता व अपेक्षा से अधिक लिखा गया?

  12. २००८ में हिन्दी ब्लॉगजगत में मुख्यतः किन विषयों पर पर आवश्यक्ता व अपेक्षा से कम लिखा गया?

  13. २००८ में हिन्दी ब्लॉगजगत में कौन से विवादास्पद मुद्दे रहे?

  14. २००८ में हिन्दी ब्लॉगजगत से आपकी सबसे पसंदीदा तीन पोस्ट शीर्षक व कड़ी

  15. २००८ में हिन्दी ब्लॉगजगत से आपकी सबसे पसंदीदा तीन पोस्ट में से दूसरी पोस्ट का शीर्षक व कड़ी

  16. २००८ में हिन्दी ब्लॉगजगत से आपकी सबसे पसंदीदा तीन पोस्ट में से तीसरी पोस्ट का शीर्षक व कड़ी

  17. हिन्दी ब्लॉगजगत से आपके सबसे पसंदीदा तीन ब्लॉगरों में से पहला ब्लॉगर?

  18. हिन्दी ब्लॉगजगत से आपके सबसे पसंदीदा तीन ब्लॉगरों में से दूसरा ब्लॉगर?

  19. हिन्दी ब्लॉगजगत से आपके सबसे पसंदीदा तीन ब्लॉगरों में से तीसरा ब्लॉगर?

  20. हिन्दी ब्लॉगजगत से आपके सबसे पसंदीदा तीन ब्लॉगरों में से तीसरा ब्लॉगर?

  21. हिन्दी ब्लॉगजगत से आपके सबसे पसंदीदा सेलिब्रिटी (रवीश कुमार, पुण्य प्रसून व मनोज बाजपेयी जैसे नाम) ब्लॉगर?

  22. अंग्रेज़ी या अन्य भाषाई चिट्ठामंडलों की तुलना हिन्दी चिट्ठाजगत से कैसे करना चाहेंगें?

  23. हिन्दी ब्लॉगजगत की दशा व दिशा के बारे में आपके विचार क्या हैं?

  24. आपको किन विषयों पर लिखे हिन्दी चिट्ठे पसंद हैं?

  25. हिन्दी में प्रोफ़ेशनल ब्लॉगिंग यानि कमाई की क्या कोई संभावनाएँ दिखाई देती हैं?

  26. हिन्दी ब्लॉगिंग की राह में क्या प्रमुख कठिनाईयाँ हैं?

  27. आप कुछ और कहना चाहें तो.


अब बताइये इत्ते सरल से सवाल के जबाब भी न मिलेंगे तो कैसे सर्वे होगा जी?
अच्छा देखिये हम आपको सवाल हल के भी बता देते हैं कुछ एक। देखिये शुरुआत के सवाल के जबाब हैं

  1. अनूप कुमार शुक्ल

  2. anupkidak@gmail.com

  3. http://hindini.com/fursatiya

  4. 2004 में शुरु किये ब्लागिंग जबरिया! बोलिये क्या कल्लेंगे!!

  5. नारद-ब्लॉगवाणी-चिट्ठाजगत जैसे चिट्ठासंकलकों पर

  6. बरहा की सहायता से

  7. फ़ोनेटिक

  8. तीन प्रमुख उपलब्धियों में से एक रही चिट्ठाचर्चा का नियमित प्रकाशन बाकी दो सोच के बताते हैं। वैसे लिख सकते हैं ताऊ का उदय, नारी/चोखेरबाली ब्लाग का धमाल, तमाम तरह के बवाल और कोई हाल-चाल

  9. गालीगलौज पर आवश्यक्ता से अधिक लिखा गया

  10. समकालीन सामाजिक समस्याओं सामाजिक असमानता के कारण, शिक्षा आदि पर जरूरत से कम लिखा गया।

  11. खिचड़ी पुराण, छपाई पुराण, गालीपुराण तथा ......

  12. एक कड़ी तो इसी पोस्ट की दे देंगे। दूसरी आपकी पोस्ट की दे देंगे। तीसरी फ़िर बतायेंगे।

  13. पसंदीदा ब्लागर बतायेंगे अभी नहीं

  14. सेलेब्रिटी ब्लागर अगर हमको न माना गया तो हम रवीश कुमार को ही बतायेंगे।

जबाब हम नमूने के लिये बताये हैं। पलट भी सकते हैं। नाम, पते के अलावा। आप अपना बताइयेगा। वैसे सच में अब लिख ही डालिये जबाब। जो होगा देखा जायेगा। कड़ी है ये सामयिकी। लिख के जमा कर दीजिये इसके बाद आगे पढ़ना शुरू कीजियेगा। कोई हम मिटा थोड़ी देंगे आगे की पोस्ट!

हां तो फ़ार्म भर दिये आप? कित्ता अच्छा लग है न! अच्छा किये जो भर दिये। हम भी भर देते हैं अब।

हां तो अब कुछ और ब्लागजगत की गुफ़्तगू कर ली जाये।

ये बगल में जो आपको कार्टून दिखता है न वो चिट्ठाजगत में छपता है। वहां से सीधे यहां आ जाता है। कोई बिचौलिया नहीं है जी। नो बिचौलिया नो कमीशन। सबसे नये कार्टून में दिखाया गया है कि जून २००७ में ६०० ब्लाग थे और अब दिसम्बर २००८ में ब्लाग संख्या दस गुनी बढ़कर ६००० हो गयी है। इसके पहले वाला कार्टून नीचे देख लीजिये:
ताऊ जी पर ब्लॉगरों के विचार

अब ताऊ के बारे में क्या कहा जाये? वैसे अभी ताऊ कौन है इस बात पर बबाल चल रहा है ? कोई कहता है समीरलाल ताऊ हैं कोई कहता है ज्ञानजी ताऊ हैं। लेकिन जब हम अभी जबलपुर गये तो समीरलाल जी में ताऊ के कोई लक्षण न दिखे। वे तो बेचारे शरीफ़ से लगे (वैसे हमें पता है कि वे और चाहे जो हों लेकिन शरीफ़ कत्तई नहीं हैं लेकिन जबलपुर में शराफ़त की एक्टिंग घणी जोरदार कर ले गये। )

वैसे ताऊ के जलवे भी गजब के रहे। केवल सात महीनें दो सौ पोस्ट ठेलने वाले ताऊ ने पूरे दिसम्बर भर लगातार पोस्ट लिखीं। मेरे ख्याल से दिसम्बर माह में ब्लागजगत की सबसे ज्यादा टिप्पणियां पाने वाले ब्लागर होंगे। अब तो ताऊ जी कवितागिरी भी करने लगे हैं। क्या हाल बना रखा है ताऊ ने। बहरहाल ताऊ की उपस्थिति एक ब्लागजगत की एक जीवन्त उपस्थिति है। हमें लगती है। आपको भी लगती है क्या? :)

एक सौ पोस्ट तो अपने धीरूभाई की भी हो गयीं। अब उनको बधाई देने का फ़र्ज बनता है। धीरू भाई को दो सौ पोस्ट पूरी होने की बधाई। वे आशा है हजार पोस्ट भी जल्दी ही करेंगे।

वैसे चर्चा करने के विचार से हम नहीं शुरू हुये हैं लेकिन फ़िर भी अनुरोध करते हैं कि आप चंदूजी की यह पोस्ट बांच लें तो आपको अमेरिकी लफ़ड़े की शायद कुछ झलक मिल सके। वे कहते हैं:
मानव इतिहास की प्रेरणा, उसकी चालक शक्ति, उसकी नियति जैसी कोई चीज होती भी है या नहीं? और अगर ऐसा कुछ होता है तो उसका सड़क पर चलते एक आम आदमी की जिंदगी से, उसके सुख-दुख, रिश्तों-नातों से, उसकी सोच-समझ से क्या रिश्ता बनता है? यह सवाल फासीवाद, नाजीवाद, स्तालिनवाद, बुशवाद और ओसामावाद जैसी बंद गलियों से गुजर कर इक्कीसवीं सदी में नए सिरे से खुल गया है। फुकुयामा और हंटिंगटन का रोल इसमें इतना जरूर रेखांकित किया जाना चाहिए कि उन्होंने अपने दो फुग्गे उछाल कर लंबे अर्से तक उबासियों का सबब समझे जाने वाले इस सवाल में कुछ रोमांच पैदा किया।


बहरहाल अब और क्या कहें? कल सुबह आपको कविताजी की शानदार चर्चा देखने को मिलेगी। तब तक इसे बांच लें। लें क्या अब तो बांच ही लिये। लेकिन आप सामयिकी के सर्वे पर अपने विचार जरूर प्रकट कर दीजिये। कल का दिन आखिरी दिन है सर्वे के लिये।

अब भारत के हिसाब से हम आपको शुभ रात्रि कहे देते हैं।

Post Comment

Post Comment

11 टिप्‍पणियां:

  1. ताऊ जी हैं कौन आपको भी पता चल जाए तो हमें भी ज़रूर बताएं। नव वर्ष की भाई अनूप शुक्ल सहित सभी चिट्ठा चर्चा परिवार को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  2. फ़ार्म भरके भेज दिया है, समीक्षा के परिणाम के लिए इंतिज़ार कर रहा हूँ

    जवाब देंहटाएं
  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  4. सर्वेफार्म अभी तक पूरा इसलिए नही हो पाया कि उसका प्रत्येक खाना भरा होना चाहिए -कोई जबरदस्ती है क्या ? इसलिए वह सबमिट ही नही हो पा रहा !
    नये वर्ष की मंगलमय कामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  5. फार्म भर दिया है जनाब. सारा डाटा आपके फार्म से टीप दिया है, वही करना था न? अरे कहीं कुछ ग़लत तो नहीं किया?

    जवाब देंहटाएं
  6. ये चिट्ठावार्षिकी सर्वेक्षण सही दिशा में एक बचकाना सा प्रयास लगा, बोले तो बेहद अमेचरिश. ढेर सारी खामियाँ हैं इसमें. और उतने ही उथलेपन से आपने इसका जिक्र भी किया. कौन संस्था ये सर्वे करवा रही है? उसके बारे में कुछ बताना चाहिये या नहीं? डेढ़ वर्ष में चिट्ठों की संख्या ६०० से बढ़कर ६००० हो गयी है. क्या आप मानकर चलते हैं कि सभी नये ब्लॉगर हिन्दी चिट्ठालोक के पुराने दिग्गजों के बारे में सबकुछ जानते ही हैं. किस खामख्याली में डूबे हैं जनाब?

    सर्वेक्षण में सेलिब्रिटी ब्लॉगर जैसे बिन्दुओं का क्या अर्थ है? और चलिये बिन्दु रखना भी है तो भी वहाँ उदाहरण के तौर पर कुछ नाम दिया जाना सरासर बेहूदापन है. ये तो मौलिकताविहीन हिन्दी ब्लॉगर समुदाय को रेवड़ की तरह एक दिशा में हांकने का प्रयास लगा.

    रवीश कुमार किस हिसाब से सेलेब्रिटी ब्लॉगर हुए? एक घटिया कम्युनिस्ट प्रोपेगेन्डावादी पाकिस्तान परस्त हिन्दी न्यूज़ चैनल पर अपना उबाऊ चेहरा और झिलाऊ खयालात परोसते हैं, इसीलिये? बकवास.

    जवाब देंहटाएं
  7. सर्वेफार्म अभी तक पूरा नही हो पाया कि उसका प्रत्येक खाना भरा होना चाहिए - क्या जबरदस्ती है ?
    इसलिए वह सबमिट ही नही हो पा रहा !
    नये वर्ष की मंगलमय कामनाएं!

    फार्म भर दिया है जनाब. सारा डाटा आपके फार्म से टीप दिया है,

    जवाब देंहटाएं
  8. फॉर्म भरते भरते तो ज़िंदगी बीत गयी पर देखो यहा भी चैन नहीं.

    जवाब देंहटाएं
  9. घोस्ट बस्टर जी,
    बेहद बचकाने प्रयास पर आपकी बहुत संतुलित प्रतिक्रिया बहुत अच्छी लगी।

    वैसे आप जिन चीजों के बारे में जानना चाहते हैं वे सब उन कड़ियों में हैं जिनका जिक्र ऊपर किया गया है।

    रवीश कुमार को आप सेलिब्रिटी ब्लागर न मानते हों तो न माने। आप अपने हिसाब से कोई जबाब दें।

    बाकी सामयिकी के आखिरी कालम में आप अपने विचार भर कर दे सकते थे।

    मैं जैसा उल्लेख कर पाया अपनी समझ से कर दिया। आपसे अनुरोध है कि इसी बात को अपने ब्लाग पर उल्लेख करके ज्ञान प्रदान करें कि इस बात की चर्चा किस तरह करनी चाहिये। ताकि आगे से इस तरह के बचकाने अंदाज में चर्चा से बच सकें।

    और हां फ़ार्म भरिये न। इत्ता भी मुश्किल नहीं है जी!

    जवाब देंहटाएं
  10. हमने तो भर दिया जी फॉर्म . इसको पूरा भरने वाली बाध्यता अच्छी न लगी .
    @ घोस्टबस्टर जी
    बचकाना ही सही प्रयास तो है :)

    जवाब देंहटाएं
  11. चिटठा चर्चा ही तो है जो उद्धेलित करती है लिखने को . मेरे अल्पकाल चिटठा लेखन मे मेरे चिट्ठे की गाहे वगाहे चर्चा करके चिट्ठाजगत के चर्चित चितेरो ने जो मेरा मनोबल बढाया है उसका मैं अहसानमंद हूँ

    जवाब देंहटाएं

चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें। असभ्य भाषा व व्यक्तिगत आक्षेप करने वाली टिप्पणियाँ हटा दी जायेंगी।

नोट- चर्चा में अक्सर स्पैम टिप्पणियों की अधिकता से मोडरेशन लगाया जा सकता है और टिपण्णी प्रकशित होने में विलम्ब भी हो सकता है।

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

Google Analytics Alternative