शुक्रवार, फ़रवरी 27, 2009

चिट्ठाचर्चा टाईम्‍स - चर्चा अंक 800

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chitthacharch inkblog

chitthacharch inkblog pag2

 

इतनी मेहनत के बाद अब देखा तो पाया कि हाट स्पाट लिंक काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए मजबूरी में पूरा टेक्‍स्ट लिंकों के साथ नीचे दे रहे हैं। हम रहे न मगलू के मगलू :)

 

चिट्ठाचर्चा ने छुआ 800 का आंकड़ा

हिन्‍दी के इस अदने चर्चाब्‍लॉग ने आज आठ सौ पोस्‍ट का ऑंकड़ा छू लिया। हमें एक चर्चा में औसतन तीन घंटे तक लगते हैं इस‍ लिहाज से देखें तो 2400 घंटे तक चर्चाकारों के कीबोर्ड से जूझने के बाद इस संख्‍या को पाया जा सका है।

बाकी चर्चाकार सोते जागते रहे हैं सिवाय अनूपजी के जो जागते जगाते रहे हैं। तो आप चाहें तो उन्‍हें बधाई दे सकते हैं। इस अवसर पर हमने ये अखबार निकालने की सोची है ताकि इस अंक को यादगार बनाया जा सके । बताया जाए कि चिट्ठाचर्चा टाईम्‍स चर्चा समूह का पुराना अखबार है जो इंक ब्‍लॉगिंग पद्धति से निकलता रहा है। इस बार हम माइक्रोसॉफ्ट पब्लिशर का प्रयोग कर रहे हैं। चर्चा एक तस्‍वीर के रूप में है लेकिन जाहिर है इसमें लिंक भी हैं अत: लिंक पर प्‍वाइंटर ले जाएं और बेझिझक क्लिक करें। मसलन पुराने चिट्ठाचर्चा टाईम्‍स के लिए यहॉं क्लिक करें।

कार्टून काजलकुमार से --->

जाट छोरे ने लड़की छेड़ी

आज की सबसे बड़ी खबर ये है कि जाट छोरे नीरजजी ने लड़की छेड़ी...छेड़ी क न छेड़ी ये त मन्‍नै बेरा नी पर रवीश कै रिआ ऐ तो छेड़ी ई होग्‍गी। इतने बड़ा पत्रकार झूठ थोड़े ही बोल्‍लेगा-

बस, फिर क्या था। पूरे गाँव में "हाई अलर्ट" घोषित कर दिया कि फ़लाने के छोरे ने अखबार में लिखा है कि उसने लड़की छेडी थी। गाँव वालों ने सोचा कि ये नीरज ने ही लिखा है, ना कि रवीश ने। जैसे न्यूज़ चैनलों में छोटी सी खबर भी ब्रेकिंग न्यूज़ बन जाती है, वैसा ही हाल गाँव वालों का हो गया

रांची मीट की रपट जारी हैं...

रांची की मीट की खबरे अभी सिमटी नहीं हैं मनीष भाई ने अपने हिस्‍से की खबरे दी हैं वे खुद को सकारात्मक, नकारात्मक के बीच पाते हैं।

वैसे हमें लगा तो था कि सभी को सकारात्मक लगी होगी मीट... पर हमें क्‍यों लगा.. लगा तो बस लग गया या कर लोगे।

पर सही में इन लगने वालों से भारी परेशान हैं! दुनिया में हर बीमारी का इलाज हो सकता है पर ये लगने की बीमारी का कोई इलाज नहीं है!

भई हमें तो इस तसवीर के बूते पर लगा कि मीट जबरदस्‍त रही होगी देखें कैसे पतीले दर पतीले मीट रखा है और लाइन से टाई लगाए ब्‍लॉगर खड़े हैं। काश किसी लिंक से द्रव्‍य का आवागमन संभव होता तो कसम से मजा आ जाता वैसे भी बताया गया कि खाना खूब बच गया था। :)

अभिषेक निर्ममता से से कुछ सुझाव दे रहे हैं कि क्‍या हो इन कार्यक्रमों में

फिल्‍म ब्‍लॉगर अजय ब्रह्मात्‍मज का फोटोअप

हे हे हे

कीआ ईश्‍टाइल है ये जो घड़ी थामे हैं वो चवन्‍नी चैप हैं और बाकी के बारे में हम जानते हैं कि वे ब्‍लॉगर नहीं हैं हिन्‍दी के तो नहीं ही हैं दिल्‍ली 6 हिन्‍दी में नहीं है. है .... नही है... पता नहीं

" इंग्लैंड की, इंग्लिश फिल्म में करीब आधी बातचीत, गाली आदि हिंदी-मुंबइया हिंदी में है "

-आर अनुराधा

चलते चलते

हिन्‍दी अनुवादकों के लिए नए समूह की शुरूआत हुई है.. सदस्‍य बनें

सीपीएम में मिंयाबीबी क्‍यों- गजब 'प्रचारक' चिंता

एक नमकीन पोस्‍ट- 'कट्ट' की आवाज के साथ पढ़ी

कोई बताएगा अजीत डी कैसे गलत हैं- सच बोलोगे तो गलत ही तो हुआ न।

गूगल फ्रेंड कनेक्‍ट क्‍या बला है- बता तो दिया बला है

युनुस ममता माता पिता बने..बधाई बजाओ

भावी ब्यूरोक्रेट्स के दिमाग में घुसा गोबर - इससे तो वर्तमान ब्‍यूरोक्रेट्स के दिमाग में गोबराभाव हो सकता है।

जेएनयू हम तो समझे थे- समझे समझे हम समझे पर कितना कम समझे

बिस्‍तर पर सुखी नींद का तरीका- सुखराम से पूछो

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28 टिप्‍पणियां:

  1. चिट्ठाचर्चा ने छुआ 800 का आंकड़ाः- ढेरों बधाई व शुभकामनाएं स्वीकारें।

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  2. अपनी कडी मेहनत व कठोर अनुशासन द्वार चिट्ठाचर्चा को 800वें अंक तक पहुंचाने के लिये सारे सक्रिय (व निष्क्रिय) चर्चाकारों को दिली आभार!!

    मेरा अनुमान है कि मसिजीवी ने जो 800x3=2400 का आंकडा बताया है वह वास्तव में 800x5=4000 के अधिक निकट है. चर्चा एक श्रमसाध्य कार्य है, एवं अनुमान से कहीं अधिक समय चर्चाकार इस कार्य के लिये देते हैं.

    अब आज की चर्चा ही ले लीजिये -- मुझे नहीं लगता कि यह कार्य 3 घंटे में हो गया होगा.

    सस्नेह -- शास्त्री

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  3. चिट्ठाचर्चा 800 का आंकड़ा ढेरों बधाई व शुभकामनाएं
    Regards

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  4. excellent presentation mr masjeevi

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  5. बहुत अभिनव प्रस्तुति है चर्चा की. आपकी इस प्रस्तुति के लिये धन्यवाद कहना अच्छा लग नहीं रहा. हम सबके लिये इसी रुचि की जरूरत है इस चिट्ठाजगत में.

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  6. चर्चा टाईम्स.. इन दिनों हर रोज नये नये प्रयोग देखने ्मिल रहे है.. बहुत सुन्दर..

    आदि को जगह देने के लिये आभार...

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  7. बिल्कुल इसी फ़ॉर्मेट में अगली चर्चा करने का मान बनाया था.. समझ सकता हूँ आपने बहुत मेहनत की होगी.. किसी भी प्रकर की प्रसंशा से ऊपर है आपकी ये मेहनत.. बहुत ही जबरदस्त.. बहुत ही इनोवेटिव.. शानदार..

    नोट : शायद एक गड़बड़ हो गयी है.. चर्चा के अभी तक 736 अंक ही प्रकाशित हुए है.. आपने जो 800 देखे है उसमे ड्राफ़्टस को भी गिन लिया है शायद.. मगर इसे प्री चर्चा भी कह सकते है..

    बधाई इस अनूठी चर्चा के लिए.. जिसके हक़दार सिर्फ़ और सिर्फ़ आप है..

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  8. पुरानी चर्चा का लिंक देखकर मज़ा आ गया.. आपकी हेंड राइटिंग भी कमाल है..

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  9. ढेरों बधाई व शुभकामनाएं..८०० वाँ अंक ... बाप रे...क्या मेहनत करतें हैं आप ..hats off

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  10. प्रणाम
    चिट्ठा-चर्चा टाईम्स का ये अंक देख के बहुत ख़ुशी हुई . कुश जी ने बताया की 736 अंक ही प्रकाशित हुए है पर जो नहीं हुए वो भी लिखे ही गए होगे और किसी कारणवश प्रकाशित नहीं हो पाए . तो मेरी तरफ से ८०० चर्चा लेख की हार्दिक बधाईया .

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  11. बधाई दे देते है .अंको की गिनती अगर गड़बड़ हो तो इसे भी प्री बधाई मान सकते है .....इस्टाइल अच्छा लगा जी आपका

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  12. सुरुचिकर चिट्ठा चर्चा के लिए आपको साधुवाद।

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  13. अद्वित्तीय !
    शानदार चर्चा और प्रस्तुतीकरण
    ८०० वीं चर्चा के लिए बधाई

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  14. 800 का आंकडा छोने पर बधाई व शुभकामनाएं
    आपने तो पूरा अखबार ही बना दिया है.
    बड़ी मेहनत लगी होगी. लिंक काम नहीं कर पाए पर आप प्रशंसा के हकदार हैं

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  15. ८०० वीं चर्चा इंक ब्लॉगिंग के साथ कर इसे यादगार बना दिया, आप साधुवाद
    एवं बधाई के पात्र है. अनूप जी को विशेष एक्स्ट्रा बधाई एवं समस्त
    चर्चाकारों के साथ साथ सभी पाठकों को भी इसे सफल बनाने की हार्दिक बधाई.

    ममता जी एवं युनुस जी को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.

    जय हो!!

    समीरलाल

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  16. 800 का आंकडा छोने पर बहुत ख़ुशी हुई.
    बधाई व शुभकामनाएं

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  17. चिटठा चर्चा दल को बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाये......एक पोस्ट लिखना और अनेकों पोस्ट पढ़कर उनकी समीक्षा लिखना,दोनों में बड़ा ही अंतर है.....चर्चा करना सरल नहीं,बड़ा ही श्रंमसाध्य कार्य है यह.
    आपलोगों की lagan और धैर्य को नमन.

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  18. आठ बार सो कर
    792 बार जगकर
    लिखी है टिप्‍पणी।

    तभी तो है कहाई
    800 पोस्‍ट भाई
    बड़ी नहीं थी कड़ाही।

    यह भी है सकता हो
    आठ ने लिखी पोस्‍टें
    सो कर हो, जय हो।

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  19. भाई हम तो सेंटियाने की अनुमति चाहते हैं। बहुत अच्छा लगा ई चर्चा देखकर। बताओ मजाक-मजाक में आठ सौ के करीब पोस्ट हो गये। पहली इंक-चर्चा वाली पोस्ट देखकर पुन: प्रसन्न हुये। मास्टर मसिजीवी का हस्तलेख वाकई उनकी तरह सुन्दर है।(इसे मजाक में न लिया जाये)

    वास्तव में यह सुखद अनुभूति है कि सबके सामूहिक प्रयास से चर्चा की विविधता और निरंतरता बनी हुयी। सबसे अच्छी बात है कि सभी चर्चाकार एक से बढ़कर एक हैं। जिसका मन-मौका-समय मिल गया वो धांसू चर्चा करके डाल देता है।

    ई जो नया उपयोग सीखे उसके लिये बधाई। लिंक न लगे कोई बात नहीं! जगर-मगर चकाचक है जी!

    ममता-युनुस को एक बार फ़िर से बधाई।

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  20. बड़ा खूबसूरत लगा चर्चा का ये नया रूप..बधाई

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  21. चिट्ठाचर्चाकारों को खूब खूब बधाई..
    अनूप जी का विशेष अभिनंदन...

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  22. चिट्ठाचर्चा मस्त बनावा, तब मसिजीवी नाम कहावा
    भये प्र,सन्न पढी जब चर्चा, कुश ने किया लीक क्यों पर्चा
    मसिजीवी मास्साब हमारे, मान लेहु जो भी कहि डारे
    स्याही सरिता कलम बहाई, हस्त-लेख कछु कहा न जाई
    जय हो जय हो होती जाए, लोग आँकडों में उलझाए
    डॉक्टर अमरकुमार कहाँ अब, बिना सूचना कैसे गायब ?

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  23. bahut sundar laga ye roop, mehnat chalak chalak par rahi hai. Sabhi parne likhne vaalon ko bahut bahut badhai, comment dene walon ko vishesh badhai kyonki yehi woh indhan hain jo charcha ko chalwaye ja reha hai....

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  24. भाई कुश, हम तो खुश हुए कि आठ सौ का आंकडा लग गया- अब ये ड्राफ्ट हो या फेयर, हमें तो इससे मतबल नहीं। [मतबल का मतलब समझ्ते हो या समझाएं:)] जब गलत हो जाता है तो उसे निभाना तो पडेगा ही!

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